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टीम इंडिया की तरह काम करें केन्द्र और राज्य, नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को हुई। नई दिल्ली के भारत मंडपम में गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक का विषय 'विकसित राज्य के लिए विकसित था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों पर काम करना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों से मिलकर काम करने और एक विकसित भारत के निर्माण का आह्वान किया। बैठक में एक राज्य, एक वैश्विक पर्यटन स्थल के विकास पर भी चर्चा हुई।

हर राज्य में कम से कम एक ऐसी जगह हो जो दुनिया भर में मशहूर हो-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में कहा कि विकसित भारत हर भारतीय का सपना है। जब हर राज्य विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा। यह 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा है। पीएम मोदी ने कहा कि हर राज्य को कम से कम एक पर्यटन स्थल को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करना चाहिए, जहां सभी सुविधाएं और आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हों। एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य यह दृष्टिकोण न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आस-पास के शहरों के विकास का माध्यम भी बनेगा। भारत तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ग्रोथ, इनोवेशन और सस्टेनबिलिटी हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए। शहरों को ऐसा बनाना है कि वे आगे आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें।

केंद्र-राज्य टीम इंडिया की तरह काम करें

पीएम मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में एक खास बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें। ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ यह पहली बड़ी बैठक है। आम तौर पर, पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है और पिछले साल यह 27 जुलाई को हुई थी।

तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया

इस मीटिंग में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।वहीं, एनडीए शासित पुडुचेरी सहित तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों एन. चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन और ए. रेवंत रेड्डी ने बैठक में शिरकत की। कांग्रेस शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्य में पूर्व व्यस्तताओं में व्यस्त थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी ओर से अपने कैबिनेट सहयोगी के एन. बालगोपाल को भेजा। इसी तरह पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि यह बैठक केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक मंच प्रदान करती है, जिससे देश के समक्ष मौजूद विकासात्मक चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जा सके और इस बात पर सहमति बन सके कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राज्य किस प्रकार आधारशिला बन सकते हैं। इसमें उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास और टिकाऊ रोजगार सृजन जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।

समय से पहले मॉनसून ने दी दस्तक, 8 दिन पहले पहुंचा केरल

#monsoontoarriveinkerala

केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। यह अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले चल रहा है। केरल में मॉनसून के आने की सामान्य तिथि एक जून है, लेकिन इस बार केरल में मॉनसून सामान्य तिथि से पहले आ गया है। साल 2009 के बाद ये मॉनसून भारतीय भूमि पर सबसे जल्दी दस्तक देने वाला मॉनसून बन गया है। इस तरह इस साल केरल में मानसून का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी हुआ है।

मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले 27 मई के आसपास मानसून के केरल में पहुंचने का अनुमान लगाया था, लेकिन मानसून 3 दिन और पहले आ गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से 8 दिन पहले केरल में प्रवेश कर चुका है। आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू हो जाता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।

पिछले साल 30 मई को केरल पहुंचा था मॉनसून

पिछले साल मॉनसून केरल में 30 मई को पहुंचा था। साल 2023 में यह आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मॉनसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था। इसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश से जुड़ी है।

2016 सबसे देरी से मानसून का आगमन

आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून को दस्तक देता है। हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी। देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

#indiaexposespakistanliesatunitednation

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

कोरोना ने बढ़ा दी टेंशन, हफ्तेभर में तेजी से बढ़े वायरस, जानें राज्य में कितने मामले?

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साल 2020 से 2022 तक देश के साथ ही पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला घातक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस नई लहर का प्रकोप एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। कोरोना की ये लहर अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 273 नए मामले

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दक्षिण-पूर्व एशिया में मामलों में वृद्धि के बाद दक्षिणी राज्य के सभी जिलों से कोविड-19 निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिएय़ उन्होंने यहां जिला चिकित्सा और निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा कि मई में केरल में कोविड-19 के 273 मामले सामने आए। सबसे ज्‍यादा मामले कोट्टायम में 82 थे, उसके बाद तिरुवनंतपुरम में 73, एर्नाकुलम में 49, पठानमथिट्टा में 30 और त्रिशूर में 26 मामले थे। जॉर्ज ने समय रहते रिपोर्ट करने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि वायरस को नियंत्रित करने के लिए स्व-देखभाल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खांसी, गले में खराश या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

दिल्‍ली में कोरोना के 23 नए मामले

दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी।

हरियाणा में कोविड के चार नए मामले

हरियाणा में चार नए कोविड मामले सामने आने के बाद, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हरियाणा में वर्तमान में चार सक्रिय कोविड-19 मामले हैं – दो गुरुग्राम में और दो फरीदाबाद में – जिनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले – दो पुरुष और दो महिला मरीज – हल्के हैं और वर्तमान में नियमित चिकित्सा देखरेख में घर पर ही क्वारंटीन हैं। बयान में कहा गया है कि सभी चार व्यक्तियों को पहले कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, जिससे लक्षणों को कम रखने में मदद मिली।

गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले

गुजरात में लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है, क्योंकि मौजूदा वैरिएंट कम गंभीर है।उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि गुजरात में वर्तमान में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के 15 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार से आता है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। पटेल ने गांधीनगर में कहा, ‘गुजरात में सक्रिय मामलों में से 13 अहमदाबाद शहर में हैं और एक-एक राजकोट शहर और अहमदाबाद ग्रामीण में है। ये मामले ओमिक्रॉन जेएन.1 वैरिएंट के हैं, जो कम गंभीर है। यह गुजरात या भारत के लिए इस समय बहुत चिंता का विषय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में हजारों मामले सामने आए हैं और यह स्वाभाविक है कि संक्रमण भारत में फैल गया है, क्योंकि लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते हैं। पटेल ने बताया कि गुजरात में कोविड के एक मरीज ने सिंगापुर की यात्रा की थी।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार कर रहा भारत, 4 और सर्वदलीय टीम विदेश रवाना

#indiafightagainst_terrorism

ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों में भेजा रहा है। पाकिस्तान के झूठ को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए भारत ने 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इनमें से तीन ग्रुप पहले ही अलग-अलग देशों में जाकर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं, तो वहीं बाकी के 4 ग्रुप आज से रवाना हो गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना हो चुका है।

कौन ग्रुप कहां जा रहा है?

ग्रुप 1: बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित 8 सदस्यीय टीम सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और अल्जीरिया का दौरा करेगी।

ग्रुप 2: वरिष्ठ बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद की अगुवाई में 8 सदस्यीय टीम यूके, फ्रांस, इटली, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन का दौरा कर रही है।

ग्रुप 5: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्राज़ील, गुयाना, पनामा और कोलंबिया में भारत की आवाज़ बुलंद करेगा।

ग्रुप 7: सुप्रिया सुले के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिस्र, इथियोपिया, कतर और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा।

भारत पिछले कई वर्षों से पीड़ित- थरूर

अमेरिका समेत पांच साझेदार देशों के लिए रवाना होने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को साझा करेगा और दुनिया को बताएगा कि भारत पिछले कई वर्षों से किस तरह से पीड़ित है। मीडिया से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में 9/11 स्मारक का दौरा करेगा। गुयाना में प्रतिनिधिमंडल स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेगा और अधिकारियों से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा, 'हम वहां लोगों को अपने अनुभव के बारे में बताने जा रहे हैं, हमने जो किया, वह क्यों किया और भविष्य में भारत का रवैया क्या होगा। हम लोगों से मिलेंगे और पिछले कई सालों से जो झेल रहे हैं, उसे साझा करेंगे।

पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा-ओवैसी

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं ग्रुप 1 का हिस्सा हूं जिसका नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। सबसे पहले हम बहरीन जाएंगे। फिर हम कुवैत जाएंगे, फिर सऊदी अरब और अंत में अल्जीरिया जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, पहलगाम की दर्दनाक घटना, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा है और उनका समर्थन कर रहा है। ये आतंकवादी भारत में आते हैं और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैंय़ हम इन चारों देशों से इन चीजों के बारे में बात करेंगे।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

#indiadeclarespakistanhighcommissionofficialpersonanongrata_orders 

भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

#chinameditatespakistanortaliban

चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

अब खुलेगी पाकिस्तान की पोलःएशियाई देशों के लिए पहला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रवाना

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ऑपरेशन सिंदूर का मकसद और पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने के लिए देश के 59 सांसदों को 33 देश भेजा जा रहा है। 59 सांसद 7 सर्वदलीय टीमों (डेलिगेशन) में बंटे हैं। आज दो डेलिगेशन रवाना होंगे, जिनमें कुल 17 सांसद हैं। जेडीयू सांसद संजय झा की अगुआई वाला पहला डेलिगेशन विदेश रवाना हो गया है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाला दूसरा डेलिगेशन रात 9 बजे पाकिस्तन की पोल खोलने निकलेगा।

इन देशों का करेंगे दौरा

जदयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई वाला सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलयेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेंगे। इन देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले संजय कुमार झा ने कहा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल इन देशों में जाकर दुनिया को यह बताना चाहता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के सहारे जिंदा है और भारत इसके खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति का अहम हिस्सा है।

पाक का आतंकवाद कोई अलग समूह नहीं, उसकी राज्य नीति- संजय झा

यात्रा पर रवाना होने से पहले संजय झा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवाद कोई अलग समूह नहीं, बल्कि उसकी राज्य नीति है और हमारा काम है कि हम ये सच्चाई पूरी दुनिया को बताएं। जदयू सांसद ने कहा कि अब पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लफ से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ये स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि अब बहुत हो गया, भारत अब आतंकवाद सहन नहीं करेगा।

पहले डेलिगेशन में कौन-कौन से नेता हैं शामिल?

संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं, जिनमें भाजपा सांसद प्रदन बरूआ, बृज लाल, डॉ. हेमांग जोशी और अपराजिता सारंगी, तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार हैं।

सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस में की 142 करोड़ की अवैध कमाई, ईडी ने कोर्ट को और क्या-क्या बताया

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है ।ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष मामले का संज्ञान लेने के संबंध में प्रारंभिक दलीलें पेश कीं।नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट केस में चल रही है।

कोर्ट में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और प्रस्तावित आरोपियों की ओर से अभिषेक सिंघवी दलील रखने पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आज ईडी अपनी दलील रख लें। ईडी ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से प्राप्त धन को अर्जित करके धन शोधन किया, बल्कि उस पेसे को अपने पास भी रखा। ईडी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड के संबंध में सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला सामने आया है। इस बीच, न्यायाधीश ने संघीय एजेंसी को शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को एक प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू करने के बाद हाल ही में अपना आरोपपत्र दाखिल किया।

142 करोड़ का फायदा लेने का आरोप

एएसजी राजू ने अदालत में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य पर केस बनता है। ईडी ने अदालत में कहा, संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की गई थी, तब तक आरोपी अपराध की कमाई का फायदा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने 142 करोड़ का फायदा लिया। ईडी ने कहा, जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस एक अखबार से जुड़ा मामला है। साल 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी। अखबार का नाम नेशनल हेराल्ड था। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था। AJL दो और अखबार छापती थी। ये अखबार हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' थे। कंपनी घाटे में चली गई और 2008 में इसे बंद करना पड़ा। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज था। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ।

दरअसल, 1956 में AJL को गैर-व्यावसायिक कंपनी बनाया गया था। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स में छूट मिली थी। लेकिन कंपनी को नुकसान होने लगा। धीरे-धीरे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। आखिरकार वित्तीय संकट के चलते इसे बंद करना पड़ा।

कैसे सामने आया विवाद?

साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी की स्थापना की गई । जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया।

इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।

मुर्शिदाबाद हिंसा पर आई हाईकोर्ट समिति रिपोर्ट, सच सामने आने के बाद बीजेपी हमलावर

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बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी। मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुआ था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस हिंसा की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले महीने मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में के दौरान हुए हमले हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए थे।हिंसा के समय राज्य की पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जांच समिति के मुताबिक हिंसा में तृणमूल नेता शामिल रहे। विधायक के सामने ही घरों में आग लगाई गई। अब भाजपा ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर तथ्य खोज समिति की रिपोर्ट को लेकर टीएमसी सरकार और सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बुधवार को कहा कि तथ्य-खोजी एसआईटी की रिपोर्ट से हिंदुओं के प्रति सरकार की क्रूरता का पता चला है। हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने उन पर टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मुर्शिदाबाद हिंसा पर एसआईटी की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा की गई थी और इसमें टीएमसी नेता शामिल थे और पुलिस का रवैया हिंसा को रोकने के बजाय टीएमसी नेताओं की कार्रवाई की अनदेखी करने वाला प्रतीत होता है।

सेक्युलरिज्म का नकाब उतर गया- सुधांशु त्रिवेदी

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल हिंसा के मुद्दे पर न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की हिंदुओं के प्रति निर्ममता साफ दिखाई दे रही है। इससे सो कॉल्ड सेक्युलरिज्म का नक़ाब ओढ़े लोगों का नकाब उतर गया है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट की रिपोर्ट आने के बाद तृणमूल कांग्रेस की हिंदू विरोधी निर्ममता अपने पूरे विद्रवता के रूप में सामने है

मुर्शिदाबाद हिंसा को पहलगाम की तरह बताया

सुधांशु त्रिवेदी ने मुर्शिदाबाद हिंसा को पहलगाम की तरह बताया। उन्होंने कहा, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक हिंदुओं को निशाना बनाकर उनके खिलाफ हिंसा का सिलसिला साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। मुर्शिदाबाद हिंसा में जिस तरह से तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे ममता बनर्जी सरकार की हिंदुओं के प्रति क्रूरता और कट्टरपंथियों के प्रति असीम लगाव का पता चलता है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?

बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य हमला 11 अप्रैल को हुआ था। उस समय स्थानीय पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय और अनुपस्थित थी। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि धुलियान शहर में हमलों को भड़काने में एक स्थानीय पार्षद ने अहम भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि हिंसा के दौरान बेतबोना गांव में 113 घर बुरी तरह प्रभावित हुए। इसमें कहा गया कि अधिकांश लोगों ने मालदा में शरण ली थी, लेकिन बेतबोना गांव में पुलिस प्रशासन ने सभी को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, एक आदमी गांव में वापस आया और उसने देखा कि किन घरों पर हमला नहीं हुआ है और फिर बदमाशों ने आकर उन घरों में आग लगा दी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बदमाशों ने पानी का कनेक्शन काट दिया ताकि आग को पानी से न बुझाया जा सके। इसमें कहा गया है, बदमाशों ने घर के सभी कपड़ों को मिट्टी के तेल से जला दिया और घर की महिला के पास तन ढकने के लिए कपड़े नहीं थे। रिपोर्ट में हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या का जिक्र करते हुए कहा गया है, उन्होंने घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया और उसके बेटे और उसके पति को ले गए और उनकी पीठ पर कुल्हाड़ी से वार किया। एक आदमी तब तक वहां इंतजार कर रहा था जब तक वे मर नहीं गए।