मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने झारखंड की मतदाता सूची की सराहना क़ी
रांची : भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने आज नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) में झारखंड के बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ), बीएलओ पर्यवेक्षकों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ), जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) एवं बूथ जागरूकता समूह/ बूथ स्तरीय स्वयंसेवकों (बीएलवी) के लिए आयोजित दो-दिवसीय क्षमता-निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने झारखंड में तैयार की गई मतदाता सूची की सराहना करते हुए कहा कि विगत मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रमों के बाद इसके विरुद्ध एक भी अपील दायर नहीं हुई है, जो एक सराहनीय उपलब्धि है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग संविधान और निर्वाचन नियमों में वर्णित दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन करता है। उन्होंने विभिन्न राज्यों के अपने दौरों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें जमीनी स्तर पर कार्यरत कर्मियों की कार्यशैली को करीब से देखने का अवसर मिला, जिससे प्रेरित होकर देश के विभिन्न राज्यों के बीएलओ को दिल्ली बुलाकर प्रशिक्षण देने की पहल की गई है।
झारखंड के अपने हालिया दौरे को याद करते हुए श्री कुमार ने दशम जलप्रपात की बीएलओ दीदियों से अपनी मुलाकात का विशेष उल्लेख किया और उनकी निर्वाचन संबंधी विषयों की गहरी जानकारी को प्रभावशाली बताया। उन्होंने झारखंड में निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े सभी हितधारकों के कार्यों की सराहना की। इस संदर्भ में उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि पिछले मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रमों के उपरांत झारखंड में बनी मतदाता सूची के विरुद्ध एक भी अपील दर्ज नहीं हुई है। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए सभी मतदाताओं को इस बारे में शिक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि यदि वे मतदाता सूची में किसी प्रकार की त्रुटि या विसंगति से असहमत हैं, तो वे जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं और यदि वे उनके निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के स्तर पर भी अपील की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य सभी नागरिकों को जागरूक करते हुए एक ऐसी त्रुटिहीन मतदाता सूची तैयार करना है, जो शत प्रतिशत संतुष्टि प्रदान करे और जिसकी चमक हीरे की तरह बनी रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इस पहल का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य मतदाताओं के बीच मतदान प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के प्रति किसी भी प्रकार की गलत धारणा को दूर करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईवीएम और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का मिलान पांच करोड़ से भी अधिक बार किया जा चुका है और आज तक उनमें एक भी गलती नहीं पाई गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं और वही परिणाम देते हैं जो मतदाता चाहते हैं।
श्री ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयोग की विशालता और कार्यप्रणाली पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय निर्वाचन आयोग अन्य विभागों के कर्मचारियों को डेपुटेशन पर शामिल करते हुए दुनिया की सबसे बड़ी संस्था बन जाती है और देश के 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर एक समान प्रक्रिया के तहत सफलतापूर्वक मतदान संपन्न कराती है। उन्होंने मतदाता सूची तैयार करने में बीएलओ और राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों के बीच समन्वय और सहयोग की भी सराहना की।
दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन प्रतिभागियों ने योगाभ्यास में भाग लिया और एक समूह तस्वीर भी खिंचवाई। इसके बाद चुनाव विशेषज्ञ डॉ. शशि शेखर रेड्डी, श्री देव दास दत्ता, श्री चंद किशोर शर्मा और श्री प्रभास दत्ता ने निर्वाचन प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।
इस अवसर पर आईआईआईडीईएम के महानिदेशक श्री राकेश कुमार वर्मा, वरीय उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग, उप निर्वाचन आयुक्त श्री अजीत कुमार, उप निर्वाचन आयुक्त श्री संजय कुमार और झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार सहित झारखंड के निर्वाचन विभाग के कई प्रमुख अधिकारी और हितधारक उपस्थित थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम झारखंड में निर्वाचन प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ बनाने और मतदाता सूची की सटीकता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
May 20 2025, 13:45