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डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने दिल्ली एम्स में नक्सल हमले में घायल जवानों से की मुलाकात, बढ़ाया हौसला, सरकार की ओर से हर संभव मदद का दिया आश्वासन

रायपुर- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती घायल सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री ने जवानों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनका हौंसला बढ़ाया। बता दें कि ये जवान हाल ही में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ (KGH) में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान घायल हुए थे। इस ऑपरेशन में कोबरा बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट सागर गणेश बोराडे, हेड कांस्टेबल मुनेश चंद शर्मा, कांस्टेबल कृष्ण कुमार गुर्जर और कांस्टेबल धनु राम भी शामिल थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हमारे वीर जवानों के चेहरे पर मुस्कान देखकर गर्व होता है। आपकी भुजाओं की ताकत और साहस को पूरा देश देख रहा है। मैं आपके साहस और समर्पण को प्रणाम करता हूं। उन्होंने जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

गलगम पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवानों का हौसला बढ़ाया: नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर दी बधाई

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचे, जहाँ उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर हालिया नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर चर्चा की। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 कुख्यात माओवादी आतंकियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान को नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे के उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। यह न केवल बीजापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गलगम और करेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात के दौरान साय ने उनके साहस की सराहना की और कहा कि आपके शौर्य और निष्ठा से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीत रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमें सरकार में आए डेढ़ साल हुए हैं और इस अवधि में हमने राज्य में सुशासन स्थापित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आप लगातार अनेक कठिन नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। आप 44 डिग्री की गर्मी में भी ऑपरेशन चलाते हैं। ऐसे जवानों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने बताया कि वे सुरक्षा कैम्प को सुविधा कैम्प मानते हैं क्योंकि सुरक्षा कैम्प के माध्यम से अब बस्तर के सुदूर इलाकों में अनेक तरह की सुविधाएं पहुंच रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय के कहा कि जब हमारी सरकार आयी तो इस क्षेत्र में सबसे पहला कैम्प मूलेर में खोला गया। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। राज्य में मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है, निश्चित रूप से फोर्स के जवानों के अदम्य साहस की बदौलत हम इस संकल्प को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना ने स्थानीय लोगों से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई है।

अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीण हितग्राहियों से भी मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का वितरण करते हुए पीएम आवास योजनांतर्गत स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है, और इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गलगम कैंप में जवानों के साथ तस्वीर खिंचाई और भारत माता के जयकारे से उनका जोश बढ़ाया। जवानों ने भी नारे लगाते हुए देशभक्ति का जज़्बा दिखाया। मुख्यमंत्री ने जवानों संग बैठकर भोजन भी किया।

गलगम कैम्प में हुए आयोजन में पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने अपने उद्बोधन में फोर्स के जवानों द्वारा किए जा रहे सिविक एक्शन को सराहा। वहीं कलेक्टर बीजापुर संबित मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बताया कि सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत बीते कल ही गलगम में समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान गलगम कलस्टर में कुल 1590 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकतर आवेदन वन अधिकार पत्र के थे, जिनका परीक्षण कर सार्थक कार्यवाही की जा रही है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के जवान उपस्थित थे।

10वीं-12वीं फेल या ग्रेड सुधारने वाले छात्रों को एक और मौका, 20 मई से शुरू होंगे आवेदन, जानिए सभी जरूरी जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की द्वितीय मुख्य परीक्षा 2025 के लिए आवेदन तिथियों की घोषणा कर दी है। जिन विद्यार्थियों ने मुख्य परीक्षा दी थी और वे श्रेणी सुधार, पूरक या अनुत्तीर्ण (फेल) हैं, वे इस द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत वर्ष में दो बार परीक्षा कराने की व्यवस्था का हिस्सा है।

आवेदन की समय-सीमा इस प्रकार है

सामान्य शुल्क के साथ: 20 मई से 10 जून 2025 तक

विलंब शुल्क के साथ: 11 जून से 20 जून 2025 तक

विशेष विलंब शुल्क के साथ: 21 जून से 30 जून 2025 तक

परीक्षा फॉर्म केवल ऑनलाइन माध्यम से भरे जाएंगे। मंडल ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई छात्र श्रेणी सुधार के लिए परीक्षा देता है और उसके अंक नहीं बढ़ते हैं, तो पहली परीक्षा की मार्कशीट ही मान्य होगी। यह दूसरी बार है जब छत्तीसगढ़ बोर्ड वर्ष में दो बार मुख्य परीक्षा का आयोजन कर रहा है, जिससे छात्रों को सुधार का एक और अवसर मिलता है।

इससे पहले 7 मई को घोषित हुआ था परीक्षा परिणाम

बता दें कि CGBSE ने 7 मई को कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजे जारी किए थे। इस साल 5.6 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इस साल भी लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा है।

10वीं परीक्षा: 3,23,094 छात्र शामिल हुए, पास प्रतिशत 76.53%

लड़कियाँ: 80.70%

लड़के: 71.39%

टॉपर: इशिका बाला और नमन कुमार (99.17%)

12वीं परीक्षा: 2,38,626 छात्र शामिल हुए, पास प्रतिशत 81.87%

लड़कियाँ: 84.67%

लड़के: 78.07%

टॉपर: अखिल सेन (98.20%)

भारतमाला प्रोजेक्ट का विरोध : सड़क पर उतरे 5 गांवों के सैकड़ों किसान, कहा – भूमि का उचित मुआवजा दिया जाए, अफसरों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

दुर्ग-  जिले में भारतमाला प्रोजेक्ट को लेकर विरोध शुरू हो गया है। आज हनोदा सहित 5 गांवों के 200 से अधिक किसानों ने भारतमाला प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को रुकवाकर प्रदर्शन किया और भूमि का उचिव मुआवजा देने की मांग की। साथ ही अधिकारियों पर मुआवजा वितरण में भ्रष्ट्राचार के आरोप भी लगाए. लगभग 3 घंटे के प्रदर्शन के बाद विरोध कर रहे 17 किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल भारतमाला परियोजना के अंतर्गत अधिकृत किए गए भूमि के किसानों की मांग है कि उनकी भूमि का उचित मुआवजा उन्हें दिया जाए। उनका कहना है कि बड़ी जमीनों को हेक्टेयर और छोटी जमीनों को एकड़ के अनुसार मुआवजा दिया गया है. छोटी भूमि को वर्गफीट के अनुसार मुआवजा दिया गया है, जिनसे उन्हें कई गुना नुकसान हो रहा है।

किसानों ने कहा – उनकी भूमि का 10 प्रतिशत मुआवजा ही मिला

किसानों का कहना है कि जब उन्होंने भूमि खरीदी तब उसका बाजार मूल्य कुछ और था, लेकिन आज उन्हें उनकी भूमि का 10 प्रतिशत मुआवजा ही मिल पा रहा है। एक भू-स्वामी ने बताया कि उन्होंने 15 साल पहले जो भूमि खरीदी थी उसका आधा पैसा भी मुआवजे में उन्हें नहीं मिल पा रहा है। भारतमाला परियोजना में किसानों को दिए जा रहे मुआवजे को लेकर कई किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर की है. किसानों ने मांग की है कि उन्हें उनका उचित मुआवजा दिया जाए। मुआवजा वितरण को लेकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी किसानों ने लगाए हैं.

एसीबी ने दुर्ग एसडीएम रहे रावटे के घर मारा था छापा

बता दें कि भारतमाला प्रोजेक्ट में दुर्ग जिले के दुर्ग और पाटन ब्लाक के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। भारतमाला परियोजना में मुआवजा वितरण का निर्धारण करने का अधिकार एसडीएम को था। उस दौरान मुकेश रावटे दुर्ग एसडीएम थे, जिनके यहां भी एसीबी की टीम ने छापा मारकर छानबीन की थी।

अधिकारियों के सामने फूटा लोगों का गुस्सा, 5 दिन के भीतर शराब दुकान नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी

गरियाबंद- देवभोग नगर पंचायत में आयोजित समाधान शिविर उस समय हंगामे में बदल गया जब वर्षों से लंबित शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर नाराज वार्डवासियों ने मंच पर चढ़कर विरोध जताया। सोनामूंदी वार्ड के नागरिकों ने पांच दिन के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर निलंबित बीईओ ने मंच से आत्महत्या की भी चेतावनी दे डाली। लोगों की इस उदासीनता ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

वार्डवासियों की प्रमुख मांग सोनामूंदी में संचालित संचालित अंग्रेजी देशी शराब दुकान को हटाने की थी। उनका कहना है कि वे पिछले तीन वर्षों से प्रशासन को इस संबंध में आवेदन दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वार्ड के गंगाराम पाड़े, भवरसिंह, शुभांगिनी मेहर ने कहा कि भट्ठी होने से पीने वालों और खरीदार के चलते बस्ती में इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। फूटे बोतल, बेन लगे पाउच और प्लास्टिक के चलते खेत-खार भर जा रहा है। शिशु मंदिर स्कूल परिसर, महिला समूह का कार्यशाला भी प्रभावित हैं।

उन्होंने बताया कि कारणों को गिना कर सुशासन तिहार में आवेदन दे चुके थे. आज उन्हें समाधान शिविर में मांग पूरी होने की उम्मीद थी। लेकिन मांग पूरी नहीं होते देख बिफरे वार्डवासियों ने मंच पर मौजूद एसडीएम समेत पालिका अध्यक्ष के समक्ष 5 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी पत्र थमा दिया। वार्डवासियों ने कहा अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता है।

निलंबित बीईओ ने आत्महत्या की दे डाली चेतावनी

सुशासन तिहार में निलंबित बीईओ प्रदीप शर्मा ने भी आवेदन दिया था। मांग थी कि पिछले कई माह से हाईकोर्ट ने बहाली का आदेश प्रशासन को दिया है, लेकिन प्रशासन इस आदेश का पालन नहीं कर रहा है। वेतन में नियमानुसार कटौती के बजाय अधिक अनुपात में कटौती की जा रही है। प्रशासन पर तरह-तरह के मानसिक दबाव और ब्लैकमेलिंग करने का आरोप लगाया गया था। आज समाधान शिविर में ठोस जवाब नहीं मिलने पर प्रदीप शर्मा ने पहले तो माइक पकड़कर अपनी भड़ास निकाली, एसडीएम तुलसीदास ने माइक छीन लिया, जिसके बाद भरी सभा में प्रदीप शर्मा ने कहा कि यदि 31 मई के भीतर मांगें नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

एसडीएम का बयान

एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने कहा है कि शर्मा की मांगों का समाधान शासन स्तर पर होना है, प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर को भेजा गया है। शराब दुकान के लिए भी स्थल चयन किया गया है, जिसे जल्द हटा दिया जाएगा।

औद्योगिक प्रदूषण से क्षेत्रवासी त्रस्त, हवा के साथ घरों में पहुंच रहा उद्योगों की काली राख

धरसीवां- घर-घर औद्योगिक प्रदूषण हर घर औद्योगिक प्रदूषण यह कोई जुमला नहीं बल्कि औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के आसपास के दर्जनों गांवों की हकीकत है. हवा का एक झोंका औद्योगिक इकाइयों की काली राख हवा में उड़ाकर घर-घर पहुंचा देता है, जिससे क्षेत्रवासियों का जीना हराम हो गया है. ऐसा नजारा आज भी देखने को मिला।

गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अचानक मौसम बदला ओर तेज हवा चलने लगी. इस हवा के साथ हमेशा की तरह औद्योगिक इकाइयों की काली डस्ट वायुमंडल में घुलकर न सिर्फ राहगीरों के लिए मुसीबत बनी अपितु दर्जनों गांवों तक घर-घर पहुंची. ढाई बजे जब बारिश शुरू हुई तब थोड़ी औद्योगिक राखड़ से मुक्ति मिली.

औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू का गुरुवार दोपहर करीब दो बजे का ये नजारा देखकर आप समझ सकते हैं कि सरकारें बदल गई. विधायक बदल गए पर धरसीवां क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर नहीं बदल पाई है.

नक्सल प्रभावित मुलेर गांव पहुंचे CM साय: इमली पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर सुनीं ग्रामीणों की समस्याएं, अफसरों को तुरंत कार्रवाई के दिए निर्देश

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के अतिदूरस्थ और आदिवासी बहुल ग्राम मुलेर का दौरा किया। यह गांव दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित अंतिम गांवों में से एक है, जहाँ अब नियद नेल्लानार योजना के तहत समावेशी विकास कार्य तेज़ी से हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय का ग्रामीणों ने महुआ, आमपत्ती से बने पारंपरिक हार और गौर मुकुट पहनाकर आत्मीय स्वागत किया। मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम का भी छिंद पत्तों से बने पारंपरिक गुलदस्तों से अभिनंदन किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इमली के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामवासियों से सीधे संवाद किया। उन्होंने ग्रामीणों की ज़मीनी समस्याएं सुनीं और विकास की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। उन्होंने राशन दुकान का निरीक्षण किया, जहां हितग्राहियों से बातचीत कर राशन वितरण की नियमितता, गुणवत्ता, और उपयोग की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने खाद्यान्न का वजन भी मौके पर करवाया और एक हितग्राही का राशन कार्ड देखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने आंगनबाड़ी में बच्चों से आत्मीय वार्तालाप कर उनके अक्षर ज्ञान, रंग-पहचान आदि की जानकारी ली और बच्चों को चॉकलेट वितरण किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मौके पर ही कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनमें अंदल कोसम माता मंदिर निर्माण के लिए 4 लाख रूपए की स्वीकृति, ग्राम में उप स्वास्थ्य केन्द्र स्थापना, नाहाड़ी तक संपर्क सड़क का निर्माण तथा गांव के सभी पारा को जोड़ने हेतु पुलिया और सीसी सड़क निर्माण के लिए 5 लाख रूपए की स्वीकृति शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही शिविर लगाकर वनाधिकार मान्यता पत्र, आधार कार्ड और आयुष्मान कार्ड बनाने की कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर प्रदेश की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 9वां स्थान प्राप्त करने वाली दंतेवाड़ा की छात्रा रमशिला नाग से भेंट की, उसे पुष्पगुच्छ भेंटकर और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया, और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

ग्राम मुलेर में मुख्यमंत्री श्री साय का यह दौरा न केवल सुशासन की संवेदनशीलता का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी साबित करता है कि राज्य सरकार प्रदेश के हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के लिए कटिबद्धदंतेवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत मुलेर: योजनाओं के क्रियान्वयन से हो रहा सर्वांगीण विकास

उल्लखेनीय है कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की दूरस्थ ग्राम पंचायत मुलेर विकास की नई इबारत लिख रही है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभिन्न सरकारी योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन ने इस गांव को सशक्तिकरण, स्वावलंबन और सेवा की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

बड़े बचेली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मुलेर जिला मुख्यालय से लगभग 90 किमी दूर स्थित है। कुल 112 परिवारों में 474 लोग निवासरत हैं, जिनमें 100 प्रतिशत माड़िया जनजाति के लोग हैं। गांव में दो आंगनबाड़ी केन्द्र (बाल्केपारा व पटेलपारा) संचालित हैं। गांव में 6 महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनमें लक्ष्मी समूह को डीएमएफ मद से ट्रैक्टर प्रदाय किया गया है। इसका उपयोग खेती के साथ-साथ किराए पर भी किया जा रहा है। बीपीएल कार्डधारी परिवारों को राशन की नियमित आपूर्ति की जा रही है। गांव में सौर ऊर्जा से होम लाइटिंग की व्यवस्था है। महतारी वंदन योजना अंतर्गत ग्राम मुलेर में महिलाएँ महतारी वंदन योजना से लाभान्वित हो रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहयोग के साथ आत्मसम्मान का अनुभव हो रहा है। मुलेर ग्राम पंचायत सुदूर आदिवासी क्षेत्र में सरकारी योजनाओं की जमीनी पहुँच और सुचारू क्रियान्वयन का एक अनुकरणीय उदाहरण है। यहां जनभागीदारी और प्रशासनिक तत्परता से विकास की दिशा में सतत और ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

है।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ

रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु जनसंचार विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।

जनसंचार के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र मोहंती ने बताया है कि मीडिया एवं जनसंचार के क्षेत्र में कैरियर की अपार संभावना है जिसके लिए विभाग द्वारा 12वी पास विद्यार्थियों के लिए बैचलर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेशन (BAMC) में स्नातक कोर्स और स्नातक विद्यार्थियों के लिए मास्टर ऑफ आर्ट्स इन मास कम्युनिकेशन (MAMC) में स्नातकोत्तर स्तर पाठ्यक्रम संचालित है।

इन दोनों पाठ्यक्रमों में अध्ययन हेतु इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट www.ktujm.ac.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।प्रवेश से संबंधित विस्तृत जानकारी, पात्रता मानदंड, आवेदन की अंतिम तिथि एवं अन्य दिशा-निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अभ्यर्थियों से अनुरोध है कि वे समय पर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें। विद्यार्थी मार्गदर्शन हेतु विभाग से भी संपर्क कर सकते है।

STF की बड़ी कार्रवाई, दुर्ग में पकड़ाई बांग्लादेशी महिला : फर्जी आधार कार्ड बनाकर 8 साल से भारत में रह रही

दुर्ग- अवैध घुसपैठियों के विरुद्ध एसटीएफ गठन के पहले दिन ही दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. टीम ने सुपेला से बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है. यह महिला पहले दिल्ली में रह रही थी. अभी 2 साल से भिलाई के सुपेला में नाम बदलकर रह रही थी. एसएसपी विजय अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा किया.

एसएसपी अग्रवाल ने बताया, पकड़ाई महिला 8 साल से अवैध रूप से भारत में रह रही है. अंजली सिंह उर्फ काकोली घोष के नाम से फर्जी आधारकार्ड और फर्जी दस्तावेज भी बनाकर रखे थे. दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम ने भिलाई सुपेला क्षेत्र से नाम बदलकर व फर्जी आधार कार्ड बनाकर किराए से रह रही महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उस मकान मालिक सूरज साव को भी गिरफ्तार किया है, जिसने बिना पुलिस वेरीफिकेशन उसे किराए से मकान दिया था.

एसएसपी ने बताया, महिला का असली नाम पन्ना बीवी है और वह ग्राम दौलतपुर पोस्ट बड़ामतला जिला खुलना की रहने वाली है. महिला बांग्लादेश के पेट्रोपोल पोस्ट से भारत आई थी. पासपोर्ट अधिनियम, और विदेशी नागरिक अधिनियम और बीएएनएस के प्रतिरोपण की धाराओं के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी / रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने एवं उन्हें वापस भेजे जाने की कार्यवाही के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है. यह टीम लगातार दुर्ग में अवैध रूप रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई कर रही. बुधवार को सुपेला नेहरू रोड में सूरज साव के मकानसे एक बांग्लादेश की महिला को गिरफ्तार किया गया।


5 साल तक सोनागाछी और एक साल दिल्ली में रही

जांच के दौरान पाया गया कि पन्ना वीवी लगभग 08 वर्ष पूर्व बिना वैध पासपोर्ट एवं वीजा के अवैध रूप से बाग्लादेश से बोन्गांव पेट्रोपोल, जिला उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल स्थित भारत बांग्लादेश अंर्तराष्ट्रीय बॉर्डर से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया. कोलकाता आकर अपना नाम काकोली घोष बताकर सोनागाछी में लगभग 5 वर्ष अवैध रूप से रही. वहां से दिल्ली में लगभग 1 वर्ष रही. दिल्ली में रहने के दौरान भिलाई निवासी पूजा नामक लड़की के साथ परिचय होने पर उसके साथ भिलाई आकर लगभग 02 वर्षों से सुपेला नेहरू रोड स्थित सूरज साव के मकान में स्वयं को काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह निवासी दिल्ली का होना बताकर किराए से रह रही थी.

महिला ने भिलाई से कई बार आना-जाना की है बांग्लादेश

भिलाई में रहने के दौरान भी बांग्लादेशी नागरिक पन्ना बीवी ने जसौर बोन्गांव पेट्रोपोल जिला- उत्तर 24 परगना स्थित भारत बांग्लादेश अंर्तराष्ट्रीय बॉर्डर से कई बार बांग्लादेश स्थित अपने मूल निवास आना-जाना की है. पन्ना बीबी के मोबाइल फोन की जांच किए जाने पर इसके द्वारा अपने मोबाइल फोन से बांग्लादेश के लगभग एक दर्जन से अधिक मोबाइल नम्बरों से (पिता, भाई, बहन एवं अन्य रिश्तेदारों) से लगातार बात करना एवं सम्पर्क में रहना पाया गया. पासपोर्ट अधिनियम, और विदेशी नागरिक अधिनियम और बीएएनएस के प्रतिरोपण की धाराओं के तहत बांग्लादेशी महिला के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में एसटीएफ प्रभारी नगर पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश तिवारी, निरीक्षक विजय यादव थाना प्रभारी सुपेला एवं उनकी टीम व एसटीएफ के सउनि रमेश सिन्हा, पंकज चतुर्वेदी एवं संतोष गुप्ता की उल्लेखनीय भूमिका रही.

अफसरों की लापरवाही से PAT परीक्षा देने से वंचित हुए परीक्षार्थी : एग्जाम सेंटर में नहीं थी मेडिकल किट, चोटिल छात्र को भेजा अस्पताल

कोंडागांव-  पीएटी परीक्षा में इस बार जवाबदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते चार छात्र परीक्षा देने से वंचित हो गए. अगर समय रहते इनको सही मार्गदर्शन प्रवेश द्वार से ही मिल गया होता तो ये छात्र भी परीक्षा दे पाते मगर जिन्हें परीक्षा संचालन का जिम्मा प्रशासन ने दिया था उनकी एक चूक से इनका साल बर्बाद हो गया.

दरअसल कोंडागांव जिले के मालगांव के युवक खेमलाल मौर्य बाइक से परीक्षा देने कोंडागांव आ रहा था, इस दौरान उसकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई और वह घायल हो गया. उन्हें हल्की छोटे भी आई फिर भी वह समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंच चुका था, जहां उसे किसी भी तरह का इलाज नहीं मिला. उन्हें इलाज करवाने अस्पताल भेज दिया गया.

परीक्षा हाल में बैठाने के आधे घंटे बाद निकाल दिया : परीक्षार्थी दीपिका

पीएटी की परीक्षा देने आई दीपिका मरकाम ने बताया कि मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं यह परीक्षा पास कर लूंगी. मुझे सारे कागज चेक कर गेट से अंदर जाने दिया. परीक्षा हाल में बैठा भी दिया. 8:30 बजे मैं पेपर हाल में बैठ गई थी फिर एक अधिकारी अचानक से आया और ओरिजिनल आधार कार्ड लाओ कहकर मुझे निकाल दिया. मुझे उसी वक्त मेन गेट पर अगर बता दिया होता तो मैं ओरिजिनल आधार कार्ड लेकर समय पर पहुंच जाती. यह स्थिति निर्मित नहीं होती. मुझे आधे घंटे तक अंदर बैठाकर रखा गया.

परीक्षा केंद्र के पास घंटों बैठा रहा चोटिल छात्र

इस परीक्षा में जिम्मेदार अफसरों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है, जहां हजारों छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं वहां मेडिकल की टीम तक मौजूद नहीं है, ना ही किसी तरह की उपचार किट रखा गया है, जबकि परीक्षा केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम व प्राथमिक उपचार के लिए उपचार किट रखने के सख्त निर्देश हैं. मेडिकल किट रेडक्रास से खरीदी की जानी होती है. यही नहीं स्टॉफ को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाता है, मगर यहां ऐसा कुछ नहीं मिला. चोटिल हुआ छात्र ऐसे ही घंटों बैठा रहा और उसे अस्पताल भेज दिया गया, जिससे वह परीक्षा से वंचित हो गया.

ओरिजिनल आधार नहीं लाने, समय पर नहीं पहुंचने पर वंचित हुए छात्र : प्रिंसिपल

इस मामले में हायर सेकेंडरी स्कूल कोंडागांव की प्रिंसिपल चंद्रकुमारी कोर्राम ने बताया, कई राउंड में परीक्षार्थियों के दस्तावेज चेक किए जाते हैं, क्योंकि छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक है, इसलिए अकेले देख पाना संभव नहीं है. अलग-अलग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी. इन छात्रों ने ओरिजिनल आधार कार्ड नहीं लाए थे और समय पर नहीं पहुंचने की वजह से इन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. घायल छात्र को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था, क्योंकि यहां पर व्यवस्था नहीं थी.