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*पेड़ सहेजने पर मिलेंगे 500 रुपए* *कार्बन अवशोषण की क्षमता के आधार पर मिलेंगे किसानों को पैसे*

भदोही। जिले में हरियाली का ग्राफ बढ़ाने के लिए अब किसानों को प्रति पेड़ 400 से 450 रुपये दिए जाएंगे। कार्बन क्रेडिट योजना के तहत किसानों को जोड़कर रोपित पौधों का संरक्षण किया जाएगा। योजना के तहत किसान एक पौधे रोपित कर उसे पांच सालों तक सहेजना होगा। इसके बाद पौधों का सत्यापन होगा। पांच साल बाद हर साल किसानों को पांच डॉलर यानी लगभग 400 से 450 रुपये मिलेंगे। जिले में हर साल 10 से 12 लाख पौधों का रोपण किया जाता है, लेकिन देखरेख के अभाव में हर साल केवल 10 से 12 फीसदी पौधे ही बच पाते हैं। इससे पौधरोपण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है। बढ़ते कांक्रीट के जंगलों के कारण पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। वहीं गर्मी का असर भी बढ़ने लगा है। ऐसे पौधों को सहेजने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। किसान पांच साल तक पौधों को सहेज कर प्रति पेड़ 400 से 450 रुपये कमा सकते हैं। कार्बन क्रेडिट योजना के तहत किसानों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद किसानों के रोपित किए पौधों की संख्या समेत अन्य आंकड़े वन विभाग रख लेगा। पांच साल बाद विभाग पेड़ों का सत्यापन करेगा। यदि पेड़ जीवित अवस्था में मिले तो उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाएगा। सत्यापन के दौरान टीम यह भी देखेगी कि कौन सा पेड़ किसान कार्बन अवशोषित कर रहा है। उसी के अनुसार किसानों को प्रति पेड़ चार से पांच डॉलर हर साल दिए जाएंगे। किसानों ने अगर 50 पेड़ रोपित कर उसे पांच साल तक सहेज लिया तो उसे 20 से 25 हजार रुपये महीना मिल सकेगा। किसानों को सागौन, यूकेलिप्टस, शीशम, नीम के पेड़ लगाने होंगे। वैज्ञानिक फार्मूले से पेड़ों के कार्बन अवशोषित करने की जांच होगी।



कार्बन क्रेडिट योजना से जुड़कर किसान पेड़ों को न सिर्फ सहेजेंगे, बल्कि उससे मुनाफा भी कमा सकेंगे। पांच सालों तक पेड़ सहेजने के बाद किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रति पेड़ उन्हें चार से पांच डॉलर दिए जाएंगे। -नीरज आर्य, डीएफओ भदोही
*15 करोड़ से हाईटेक होगा डाॅयट, मिलेगी सुविधा* *केंद्र सरकार से मिली मंजूरी,लैब, लाइब्रेरी संग अन्य सुविधाएं बढ़ेगी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाॅयट) ज्ञानपुर की तस्वीर बदल जाएगी। करीब 15 करोड़ की लागत से यहां आधुनिक लैब, हाॅस्टल, लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसे भारत सरकार के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। इससे यहां प्रशिक्षुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। जोरईं में स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाॅयट) की स्थापना करीब तीन दशक पूर्व में हुई थी। यह प्रशिक्षण संस्थान करीब पांच हजार वर्ग मीटर में है। हर वर्ष 300 से 400 डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। अब डाॅयट का कायाकल्प कर उन्हें उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में तब्दील किया जाएगा। भारत सरकार की योजना है कि शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को आधुनिक तकनीक के अनुरूप विकसित किया जाए। इसके तहत 15 करोड़ रुपये से यहां भी आधुनिकीकरण के कार्य होने हैं। पुराने प्रशासनिक भवन, कक्ष की मरम्मत के साथ ही नया प्रशासनिक भवन, 12 क्लास रूम, लैब, आधुनिक लाइब्रेरी, कंप्यूटर कक्ष, ऑडिटोरियम, सेमिनार हाॅल, स्टाफ क्वार्टर और विशेष रूप से छात्राओं के लिए हॉस्टल का भी निर्माण किया जाएगा। प्रभारी प्राचार्य विकास चौधरी ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार को इस परियोजना का प्रस्ताव पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। जिसको अब स्वीकृति मिल गई है। आवश्यक ले-आउट एससीईआरटी को भेजा गया है।



जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में हास्टल बनने से छात्राओं को अधिक लाभ मिलेगा। प्रशिक्षण लेने वाली छात्राएं किराये के कमरे में रहती हैं, लेकिन छात्रावास होने पर वह परिसर के अंदर ही रह सकेंगी। इसके अलावा सुविधाएं बढ़ने से पठन-पाठन की व्यवस्था भी बेहतर होगी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केंद्र) के रूप में डायट को विकसित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है। करीब 15 करोड़ की लागत से सुविधाएं बढेंगी।- विकास चौधरी, प्रभारी प्राचार्य डायट
*साइबर थाने का हाईटेक भवन चार करोड़ से बनेगा* *एसपी कार्यालय के समीप जमीन चिह्नित, संस्था चयनित*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के साइबर थाने को जल्द ही अपना भवन मिलेगा। 2023 में न‌ए भवन को स्वीकृति मिली। जमीन न मिलने से उसका निर्माण शुरू नहीं हो सका।‌ अब पुलिस कार्यालय सरपतहां में जमीन मिल गई है। चार करोड़ सात लाख की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा। साइबर थाने को हाईटेक सुविधाओं वाला भवन बनने से अपराधियों पर निगरानी में सहूलियत मिलेगी। वर्ष 2023 में साइबर क्राइम थाने की स्थापना करने के बाद पुलिस लाइन के एक भवन में इसका संचालन शुरू किया गया। जगह की कमी के चलते कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साइबर अपराध के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में आधुनिक सुविधा से लैस भवन के निर्माण का प्रयास हुआ था। पुलिस विभाग से स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया, जहां से स्वीकृत मिल गई, लेकिन जमीन की कमी से निर्माण शुरू नहीं हो पाया। अब सरपतहां में एसपी कार्यालय के समीप इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई। जिससे साइबर थाने के न‌ए भवन के निर्माण की उम्मीद जग गई है।
*खटारा मिले 42 ई-रिक्शा सीज 1900 का किया गया सत्यापन* *सत्यापन में रजिस्ट्रेशन के साथ चालकों का अपराधिक इतिहास भी खंगाला*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अप्रैल में चले ई-रिक्शा सत्यापन अभियान के दौरान 42 ई-रिक्शा को सीज कर दिया गया है। पुलिस व यातायात विभाग की संयुक्त टीम ने एक माह में 1900 ई-रिक्शा का सत्यापन कर न सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन चेक किया, बल्कि उनके अपराधिक इतिहास को भी खंगाला। एक माह में 231 ई-रिक्शा का चालान हुआ। विभाग का सख्त आदेश है कि सत्यापन के बाद भी अगर मानकों की अनदेखी मिली तो आगे भी कार्रवाई होगी। जिले में ई-रिक्शा को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहते हैं। कभी नाबालिगों के हाथ में ई-रिक्शा की कमान दुर्घटना के कारण बनते हैं तो कभी आड़े तिरछे खड़े वाहन जाम का सबब बन जाते हैं। अप्रैल में यातायात व पुलिस विभाग की टीम ने संयुक्त अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान टीम ने 1900 ई-रिक्शा का सत्यापन किया। इसमें उनका रजिस्ट्रेशन चेक करने के साथ-साथ चालकों का अपराधिक इतिहास भी खंगाला। हालांकि, इस दौरान किसी भी चालक का अपराधिक इतिहास नहीं मिला। यातायात व पुलिस की संयुक्त टीम के अभियान का असर है कि अब सड़कों पर नाबालिग ई-रिक्शा चालक न के बराबर हैं। यातायात प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि एक महीने तक चले अभियान में सख्ती बरती गई है। जिसका असर अब सड़कों पर दिख रहा है।
*1.54 करोड़ रुपये से 15 गांवों के मार्गों की होगी इंटरलाॅकिंग*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले की ज्ञानपुर विधानसभा में बदहाल ग्रामीण मार्गों पर इंटरलाकिंग कराई जाएगी। इसके लिए शासन ने एक करोड़ 54 लाख रुपये जारी कर दिया है। पूर्वांचल विकास निधि राज्यांश योजना में 15 ग्राम पंचायतों में इंटरलाकिंग होगी। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने निविदा जारी कर दिया है। सभी कार्य को तीन माह के अंदर पूर्ण करने का समय ठेकेदारों को दिया गया है। इंटरलाकिंग बनने से कीचड़युक्त मार्ग से लोगों को राहत मिल जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों की कई सड़कें बदहाल है। जिसपर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। बारिश में सड़कों पर पानी व कीचड़ होने से समस्या और बढ़ जाती है। ग्रामीणों को सुविधा मिले इसको लेकर ज्ञानपुर विधायक विपुल दूबे ने पूर्व में प्रस्ताव अधिकारियों को दिया था, जिसकी अब स्वीकृति मिल गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के 15 कच्ची सड़कों पर पूर्वांचल विकास निधि राज्यांश योजना के तहत इंटरलाकिंग की जाएगी। जिसमें कुल एक करोड़ 54 लाख 50 हजार खर्च किए जाएंगे। ये सड़कें 500 मीटर से लेकर एक किमी तक लंबी है। उसी के हिसाब से उन पर बजट खर्च किया जाएगा। इस कार्य के लिए कार्यदायी संस्था ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को नामित किया गया है। विभाग ने निविदा जारी कर ठेकेदारों को तीन महीने में काम पूर्ण करने का निर्देश दिया है।
*भदोही में फर्जी पट्टे का मामला:अनेकपुर के ग्रामीणों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, पूर्व प्रधान और लेखपाल पर लगाए आरोप*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही तहसील के अनेकपुर गांव में फर्जी पट्टे का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का आरोप है कि 1984-85 में उन्हें कृषि भूमि का पट्टा मिला था। पूर्व प्रधान केशव लाल और लेखपाल ने मिलकर इस पट्टे को रद्द कर दिया। उन्होंने फर्जी तरीके से यह जमीन अपने चहेते के नाम कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि जिस व्यक्ति के नाम जमीन की गई है, वह आर्थिक रूप से सक्षम है और पट्टे के लिए अपात्र है। ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले में पूर्व प्रधान और लेखपाल से पूछताछ की, तो वे टालमटोल करते रहे। अब ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से फर्जी पट्टे की जांच करने और उसे निरस्त करने की मांग की है। इस मौके पर कर्मराज, राजाराम, राजनाथ, दिलीप कुमार और मनीष समेत कई ग्रामीण मौजूद थे।
*एक लाख यूनिट की नहीं हुई ई-केवाईसी, रुकेगा राशन* *ई- केवाईसी न होने पर राशन कार्ड से कटेगा नाम, नहीं मिलेगा राशन*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में ई केवाईसी नहीं कराने से एक लाख यूनिट का राशन मई माह में नहीं मिलेगा। करीब आठ महीने बाद भी शत प्रतिशत कार्डधारकों की ईकेवाईसी नहीं हो पाई है। 30 अप्रैल तक शासन ने अंतिम तिथि तय की गई है। ऐसे में दो दिनों के अंदर सभी की ईकेवाईसी करना मुश्किल है। ऐसे में लोगों का नाम राशन कार्ड से कट सकता है। जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था के तहत दो नगर पालिका और पांच नगर पंचायत सहित सात नगरीय क्षेत्र व 546 ग्राम पंचायतों में दो लाख 98 हजार उपभोक्ताओं के राशन कार्ड बनाए गए हैं। इसमें 12 लाख नौ हजार 500 लोगों (यूनिट) को पांच-पांच किलो खाद्यान्न प्रति माह प्राप्त होता है। इनमें तमाम राशन कार्ड धारक ऐसे हैं, जो अपने परिवार के मृत सदस्यों तो विवाहित बेटियों तक के हिस्से का राशन ले रहे हैं। ऐसे लोगों का नाम व अपात्र लाभार्थियों का नाम राशन कार्ड से हटाने को शुरू कराए गए सत्यापन कार्य के तहत राशन कार्ड में जितने नाम हैं, सभी का ई-केवाईसी कराने का कार्य शुरू किया गया था। करीब आठ माह पहले शुरू हुए ई-केवाईसी के कार्य में 12,09500 लाभार्थियों में से करीब एक लाख से अधिक यूनिट का ई-केवाईसी नहीं हो सका है। हालांकि शासन स्तर से ई-केवाईसी कराने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया है। ऐसे में जिन्होंने ई-केवाइसी नहीं कराया है, उनके लिए महज दो दिन का समय शेष रह गया है। जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि ई-केवाईसी का कार्य चल रहा है। जिनकी केवाईसी नहीं हुई है। उनकी सूची भी कोटेदारों के पास उपलब्ध है। ऐसे लोग अपने कोटे की दुकान पर पहुंचकर ई-केवाईसी करा सकते हैं।
*समय सीमा खत्म, इसके बाद भी 100 परियोजनाएं अधूरी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत चलने वाली परियोजनाएं कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों की लापरवाही की वजह से तय समय से डेढ़ साल बाद भी पूरी नहीं हो पाई हैं। इससे गर्मी में लोगों की शुद्ध पानी मिलने की आस भी टूट गई। करोड़ो रुपये खर्च होने के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हैंडपंप आदि भी लगाए गए हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में आर्सेनिक, आयरन और फ्लोराइड की मात्रा पानी में बढ़ने से लोगों को तमाम तरह की बीमारियां भी होने लगी हैं। ऐसे में लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरुआत की। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों में आबादी के हिसाब से पेयजल टंकियां स्थापित कर घर-घर पानी पहुंचाना है। पहले चरण में साल 2021 में 82 परियोजनाएं स्वीकृत हुईं। तीन चरण में अब तक 988 गांवों का चयन हुआ। कार्यदायी संस्था वेलस्पन और जी इंफ्रा की उदासीनता और ठेकेदारों की लापरवाही से परियोजनाओं की हालत ठीक नहीं है। कहीं पाइपलाइन बिछाई गई तो टंकी नहीं बनी। कहीं टंकी बनी तो पाइप नहीं पहुंच सकी। इससे 100 से अधिक परियोजनाएं पूरी नहीं हो सकी। ये परियोजनाएं जनवरी 2024 में ही पूरी होनी थीं, लेकिन करीब 15 महीने बाद भी ये अधूरी हैं। जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की माॅनीटरिंग की जा रही है।



कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस भी जारी किया गया है। सभी परियोजनाओं को पूर्ण करने का समय दिया गया है। डॉ शिवाकांत द्विवेदी सीडीओ
*सौ शय्या अस्पताल में 12 लाख रुपये से लगेगा सोलर पैनल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मुख्यालय मार्ग सरपतहां स्थित सौ शय्या अस्पताल में 64 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। शासन से इसकी स्वीकृति मिल गई है। इसकी अनुमानित लागत करीब 10-12 लाख रुपये हैं। सौ शय्या अस्पताल में धीरे-धीरे सुविधाओं का विस्तार होने लगा है। लैब, सीटी स्कैन के संचालन के बाद यहां मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई। अस्पताल में पहले जहां 150 की ओपीडी थी। अब ओपीडी की संख्या 200 के पार पहुंच गई है। मरीज की जांच पड़ताल कर खून जांच के बाद चिकित्सक मरीज को दवा देते हैं। यहां बिजली गुल होते ही अंधेरा छा जाता है, लेकिन सोलर पैनल लगने के बाद अंधेरा नहीं होगा। 24 घंटे अस्पताल रोशन रहेगा। पैनल से एक्सरे, लैब भी संचालित होगा।सीएमएस डॉ. एसके पासवान, ने बताया कि शासन स्तर से ही कार्यदायी संस्था को पैनल लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। 64 किलोवाट का पैनल लगेगा। संवाद
*भदोह में लाॅन्ग टर्म वीजा पर रह रहीं दो पाकिस्तानी महिलाएं*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश के बाद से ही देश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों में खलबली मची है। भदोही जनपद में भी दो पाकिस्तानी महिलाएं लाॅन्ग टर्म वीजा पर रह रही हैं। हालांकि अब तक उन्हें भारतीय नागरिका नहीं मिल सकी है। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि भदोही नगर के घमहापुर में 2009 में साजिय पत्नी जाहिद हुसैन व 1990 में खालिदा बानो पत्नी मोहम्मद इलियास खां निवासी मोहल्ला पश्चिम तरफ चकदीवानगान शादी के बाद से अपने पतियों साथ रह रही हैं। दोनों महिलाओं को भारत सरकार की ओर से लाॅग टर्म वीजा मिला है। हालांकि अभी उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिली है। एसपी ने यह भी बताया कि दोनों काफी समय से दोनों लाॅन्ग टर्म वीजा के तहत देश में रह रही हैं। ऐसे में देश छोड़ने के आदेश के दायरे में वे नहीं शामिल हैं।