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सुशासन तिहार : आवेदनों के निराकरण में रायपुर अव्वल, शिविर में आए 3583 आवेदनों, 3420 मांगों और 163 शिकायतों का शत-प्रतिशत हुआ समाधान

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रदेशभर में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है. नगर निगम रायपुर के जोन 2 में शहीद स्मारक भवन में सुशासन तिहार के अंतर्गत समाधान शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में आमजनों से प्राप्त सभी 3583 आवेदनों, 3420 मांगों, 163 शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण किया गया. कलेक्टर ने बताया कि रायपुर जिला आवेदनों के निराकरण के मामले में राज्य में प्रथम स्थान पर है.

समाधान शिविर में रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड, कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह, नगर निगम आयुक्त विश्वदीप समेत अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. सुशासन तिहार के प्रथम चरण में जोन 2 के 7 वार्डों में लगे शिविर में आमजनों से प्राप्त सभी 3583 आवेदनों, 3420 मांगों, 163 शिकायतों का शत-प्रतिशत निराकरण किया गया.

भाजपा नेताओं ने कहा – सुशासन तिहार में लोगों को मिल रहा लाभ


शिविर में रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार प्रदेशभर में सुशासन तिहार का आयोजन किया जा रहा है. सुशासन तिहार का उद्देश्य आमजनों को राहत पहुंचाना है. महापौर मीनल चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आमजनों को राहत देने सुशासन तिहार 2025 का आयोजन किया है. सुशासन तिहार में आमजनों की समस्याओं का समाधान हो रहा है. नगर निगम सभापति सूर्यकांत राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर आयोजित सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत समाधान शिविर में आमजनों को लाभ मिल रहा है.


आम जनता की समस्याओं का किया जा रहा समाधान : कलेक्टर

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने कहा कि सुशासन तिहार मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का जीवंत उदाहरण है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश और मार्गदर्शन में 08 अप्रैल से सुशासन तिहार 2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आमजन तक पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनना और उनका त्वरित निराकरण करना है. उन्होंने बताया कि हर वार्ड और क्षेत्रों में लगे शिविर में लगभग जिले से 3 लाख आवेदन प्राप्त किए गए. अब इन आवेदनों का निराकरण कर हितग्राहियों को जानकारी दी जा रही है. रायपुर जिला आवेदनों के निराकरण के मामले में राज्य में प्रथम स्थान पर है.

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : मैटरनिटी लीव है मौलिक अधिकार, गोद लेने वाली मां को भी मिलेगी 180 दिन की छुट्टी

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश (Maternity leave) को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि मां बनना किसी भी महिला के जीवन का खूबसूरत पल होता है, ऐसे में मातृत्व अवकाश छूट नहीं, बल्कि यह मौलिक अधिकार है. लीव अप्रूव करते समय जैविक, सरोगेसी और गोद लेने वाली मां में भेदभाव नहीं किया जा सकता. अवकाश से वंचित करना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने अपने फैसले में 2 दिन की नवजात बच्ची को गोद लेने वाली महिला अधिकारी को 180 दिन की चाइल्ड एडॉप्शन लीव देने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें सिर्फ 84 दिन की छुट्टी दी गई थी. मामले की सुनवाई जस्टिस विभू दत्त गुरु की सिंगल बेंच में हुई.

याचिकाकर्ता की वर्ष 2013 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), रायपुर में नियुक्ति हुई है. वर्तमान में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. उनका 2006 में विवाह हुआ है. विवाह के बाद 20 नवंबर 2023 को उन्होंने दो दिन की एक नवजात बच्ची को गोद लिया. इसके बाद, याचिकाकर्ता ने 180 दिनों के लिए बाल दत्तक ग्रहण अवकाश के लिए आवेदन किया. संस्थान ने उनके छुट्टी को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि संस्थान की मानव संसाधन नीति में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि परिवर्तित अवकाश के लिए संस्थान की नीति अधिकतम 60 दिन का प्रावधान करती है. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर नियम को चुनौती दी. याचिका में जस्टिस बीडी गुरु की कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि महिला के लिए मां बनना जीवन की सबसे स्वाभाविक घटना है.

महिला के लिए बच्चे के जन्म को सुविधाजनक बनाने हेतु जो कुछ भी आवश्यक है, जो सेवा में है, नियोक्ता को विचारशील और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए. उसके प्रति और शारीरिक कठिनाइयों का एहसास होना चाहिए जो एक कामकाजी महिला को होती हैं. कार्यस्थल पर अपने कर्तव्यों का पालन करते समय महिलाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. याचिकाकर्ता दो दिन की एक नवजात बच्ची को गोद लिया है. कोर्ट ने कहा, दत्तक ग्रहण, संतान पालन अवकाश केवल लाभ नहीं है, बल्कि एक ऐसा अधिकार है जो किसी महिला को उसके परिवार की देखभाल करने की मूलभूत आवश्यकता को पूर्ण करता है. हाईकोर्ट ने मातृत्व अवकाश अस्वीकार करने के आदेश को निरस्त कर संस्थान को याचिकाकर्ता को 180 दिन का अवकाश देने कहा है.

छत्तीसगढ़ में भी अर्धसैनिक बलों की छुट्टियां रद्द, जवानों को तत्काल मुख्यालय लौटने का आदेश

दुर्ग- छत्तीसगढ़ में तैनात सभी अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा बलों के जवानों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर सीआईएसएफ, एसएसबी, बीएसएफ और सीएएफ के जवानों को अपने-अपने रीजनल हेडक्वार्टर में तत्काल रिपोर्ट करने को कहा गया है.

बताया जा रहा है कि सभी बलों के आईजी स्तर के अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लेटर जारी किया गया है. जिसके तहत छुट्टी पर गए जवानों को तुरंत ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है. इस आदेश का पालन करते हुए भिलाई स्थित एसएसबी, सीआईएसएफ और बीएसएफ के जवान छुट्टियों के बीच से लौटना शुरू कर चुके हैं.

संकल्प जशपुर के नमन खुटियाँ 10वीं बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर

रायपुर- जशपुर जिले के 14 विद्यार्थियों ने कक्षा दसवीं बोर्ड परीक्षा और कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा में एक विद्यार्थी ने प्रवीण्य सूची में स्थान बनाकर जिले को गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले के विद्यार्थियों के शानदार परीक्षा परिणाम पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्हें बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के पालकों, संकल्प संस्थान और जशपुर के सभी शिक्षकों को भी बधाई दी है। प्रदेश में 10 वीं प्रावीण्य सूची मे स्थान बनाने वाले जिलों में लगातार तीसरे वर्ष जशपुर जिला अव्वल रहा है। राज्य की प्रावीण्य सूची में सम्मिलित विद्यार्थियों मे 11 संकल्प जशपुर, 01 संकल्प पत्थलगांव, 01 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम जशपुर, 01 प्रयास आवासीय विद्यालय जशपुर से हैं।

कक्षा 10 वीं में 99.17 प्रतिशत् के साथ संकल्प जशपुर के नमन खुंटिया ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पत्थलगांव शहर के रहने वाले नमन के पिता अर्जुन यादव दुकान चलाते हैं। उनके पिता और माता हरावती यादव ने बेटे की इस उपलब्धि पर बहुत प्रसन्न है।

इस वर्ष कक्षा 10 वीं बोर्ड परीक्षा में इन विद्यार्थियों ने प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया है- संकल्प जशपुर से 99.17 प्रतिशत के साथ नमन खुंटिया ने प्रथम स्थान, टीपेश प्रसाद यादव 98.83 प्रतिशत के साथ तृतीय स्थान, युवराज पैंकरा 98.50 प्रतिशत के साथ पांचवा स्थान, 98.17 प्रतिशत के साथ पुर्णिमा पैंकरा सातवां स्थान, 98 प्रतिशत के साथ संयुक्त रूप से अंकित कुमार यादव, हर्षिता सिंह, जितेंद्र बंजारे, पूजा चौहान ने आठवां स्थान, 97.83 प्रतिशत के साथ संयुक्त रूप से करिना टोप्पो, रितु कुर्रे ने सातवां स्थान, 97.67 प्रतिशत के साथ माही डनसेना ने दसवां स्थान, संकल्प पत्थलगांव से संजना पैकरा ने 98 प्रतिशत के साथ आठवां स्थान, सेजेस अंग्रेजी माध्यम जशपुर से 98.17 प्रतिशत के साथ सेजेज अंग्रेजी माध्यम जशपुर से अनुष्का सिंह ने सातवां स्थान, प्रयास आवासीय विद्यालय जशपुर से स्तुति पांडेय ने 98 प्रतिशत के साथ आठवां संजना पर स्थान प्राप्त किया हैं।

कक्षा 12 वीं में डीपीएस जशपुर से 98.70 प्रतिशत के साथ पूरे प्रदेश में पांचवा स्थान प्राप्त किया हैं। पहाडी कोरवा समुदाय से आने वाले संकल्प जशपुर के छात्र अंबीराज पहाड़िया ने 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। विद्यार्थियों की इस सफलता पर संकल्प जशपुर के प्राचार्य विनोद कुमार गुप्ता, यशस्वी जशपुर के संजीव शर्मा सहित सभी शिक्षकों ने बच्चों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।

जशपुर की बेटियों ने क्रिकेट में लहराया परचम, अंडर-15 स्टेट टीम में इचकेला छात्रावास की 9 बालिकाएं सलेक्ट

रायपुर-  छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा स्टेट टीम के चयन के लिए आयोजित ट्रायल स्पर्धा में जशपुर जिले के शासकीय प्री-मैट्रिक बालिका छात्रावास इचकेला की 9 बालिकाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-15 टीम में अपनी जगह बनाई है। जशपुर के इचकेला छात्रावास की ही 6 छात्राएं अंडर-19 की ट्रायल स्पर्धा के अगले दौर में पहुंची हैं। इचकेला छात्रावास की कुल 15 छात्राओं ने अपनी क्रिकेट प्रतिभा की बदौलत जशपुर जिले का नाम रौशन किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर जिले की बेटियों की क्रिकेट प्रतिभा की सराहना की है और उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह गौरवशाली उपलब्धि न केवल जशपुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खेलों के विकास और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव मदद दे रही है।

स्टेट अंडर-15 टीम के लिए इंजील लकड़ा, जिज्ञासा कुजूर, अमीषा लकड़ा, रितु भगत, पूर्वांशी साहू, साक्षी यादव, गायत्री बाई, अभिलाषी बड़ा और संतोषी बाई चयनित हुईं हैं। इसी तरह अंडर-19 टीम के लिए आकांक्षा रानी, वर्षा बाई, नितिका बाई, झूमूर तिर्की, तुलसीका भगत और अलका रानी कुजूर ट्रायल के अगले दौर में पहुंच गई हैं, यह ट्रायल 08 मई को प्रातः 7 बजे से आरडीसीए ग्राउंड रायपुर में होगा।

गौरतलब है कि इचकेला छात्रावास की अधीक्षिका पंडरी बाई केे समर्पण से छात्रावास में न केवल खेल को बढ़ावा मिला, बल्कि वहां की आदिवासी बेटियां क्रिकेट के खेल में जशपुर जिले को गौरान्वित करने लगी है। यहां यह उल्लेखनीय है कि अधीक्षिका पंडरी बाई की बेटी आकांक्षा रानी, जो पहाड़ी कोरवा समुदाय से हैं और अंडर-19 बीसीसीआई टी-20 ट्रॉफी में छत्तीसगढ़ टीम की प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। आकांक्षा रानी के शानदार प्रदर्शन ने छात्रावास में रहने वाली अन्य बालिकाओं को क्रिकेट के खेल के प्रति आकर्षित किया, जिसके चलते इचकेला छात्रावास क्रिकेट खेल को लेकर प्रसिद्ध हो गया है। यहां अध्ययनरत बालिकाओं के क्रिकेट कोच संतोष कुमार, मेंटोर शंकर सोनी और छात्रावास वार्डन श्रीमती पंडरी बाई की अहम भूमिका रही है।

यह उल्लेखनीय है कि यह छात्रावास मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले में स्थित है। उनके नेतृत्व में आदिवासी अंचलों में शिक्षा और खेल के समन्वित विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा और राज्य सरकार की योजनाओं का ही परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ की बेटियाँ क्रिकेट के मैदान में राज्य और देश का नाम रौेशन कर रही हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने 20.22 करोड़ के कार्यों का किया लोकार्पण-शिलान्यास

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज मुंगेली जिले के विकासखण्ड लोरमी के राम्हेपुर (एन) में आयोजित समाधान शिविर में 20 करोड़ 22 लाख रुपए के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न गांवों में नौ करोड़ 84 लाख रुपए से अधिक के निर्माण कार्यों का शिलान्यास और दस करोड़ 38 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 164.37 लाख रुपए की लागत से राम्हेपुर (एन.), तेलीखम्ही, मनोहरपुर, चेचानडीह और खैरवारखुर्द में 2.40 किलोमीटर लम्बे मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ निर्माण कार्य, जल संसाधन विभाग अंतर्गत 298.27 लाख रुपए की लागत से मनियारी जलाशय अंतर्गत डी-3 शाखा नहर की सूरजपुरा माइनर नहर में पुराने पक्के कार्यों का नवीनीकरण व नए पक्के कार्य तथा नहर में सी.सी. लाइनिंग कार्य, 294.83 लाख रुपए की लागत से डी-2 शाखा नहर की बघमार माइनर नहर में पुराने पक्के कार्यों का नवीनीकरण व नए पक्के कार्य एवं नहर में सी.सी. लाइनिंग कार्य और 227.12 लाख रूपए की लागत से मनकी माइनर नहर में पुराने पक्के कार्यों का जीर्णाद्धार, नए पक्के कार्यों एवं नहर में सी.सी. लाइनिंग कार्य का शिलान्यास किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने 232.78 लाख रुपए की लागत से गबदा जलाशय योजना के शीर्ष कार्य का जीर्णोद्धार, मुख्य नहर एवं शाखा नहर में सी.सी लाइनिंग कार्य, 232.67 लाख रुपए की लागत से कन्हैया नाला जलाशय योजना के शीर्ष कार्य का जीर्णोद्धार, मुख्य नहर एवं शाखा नहर में सी.सी लाइनिंग कार्य, 541.86 लाख रुपए की लागत से मनियारी जलाशय योजना के डी-03 शाखा नहर की रतियापारा माइनर नहर के 6.50 किलोमीटर अंतिम छोर तक सी.सी लाइनिंग एवं पुराने पक्के कार्यों का पुनरूद्धार तथा नवीन पक्के कार्यों का निर्माण कार्य, जनपद पंचायत अंतर्गत पांच लाख रुपए की लागत से उप स्वास्थ्य केन्द्र, राम्हेपुर में बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य, पांच लाख रुपए की लागत से सी.सी. रोड निर्माण कार्य, 6.50 लाख रुपए की लागत से ग्राम भस्करा में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य, पांच लाख रुपए की लागत से ग्राम सेनगुड़ा में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य और दस लाख रुपए की लागत से ग्राम खपरीखुर्द में आर.सी.सी. नाली निर्माण कार्य का लोकार्पण शामिल है। कलेक्टर कुन्दन कुमार, पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार, जिला पंचायत के सीईओ प्रभाकर पाण्डेय, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय और जनपद पंचायत लोरमी की अध्यक्ष वर्षा विक्रम सिंह भी लोकार्पण-शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद थीं।

सायरन बजते ही दुर्ग में ब्लैकआउट : भिलाई इस्पात संयंत्र भी अंधेरे में डूबा, आपातकालीन स्थिति से निपटने लोगों को किया गया जागरूक

दुर्ग- भारत-पाक युद्ध के दौरान आपातकालीन स्थिति से निपटने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल किया गया. शाम को 7.30 बजते सायरन बजी और पूरा शहर अंधेरे में डूब गया. शहर के कई इलाकों को ब्लैक आउट किया गया. घरों, दुकानों, आफिसों की लाइटों और सड़क पर चलने वाले वाहनों को रोककर हेडलाइट बंद कर मॉक ड्रिल किया गया.

दुर्ग के सिविक सेंटर चौक, सेक्टर 9 चौक, ग्लोब चौक, 25 मिलियन चौक, इक्यूपमेंट चौक पर मॉक ड्रिल किया गया. वहीं भिलाई इस्पात सयंत्र की सुरक्षा के लिए टाउनशिप में भी ब्लैक आउट किया गया है. शहर में 7.45 बजे तक यानि 15 मिनट तक ब्लैक आउट रहा, इस दौरान आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया गया. लोगों को भी जागरूक किया गया. लोगों, कर्मचारियों, स्टूडेंट्स को आपात स्थिति में बचाव और लोगों को निकालने के तरीके समझाए गए।

सेल के भिलाई इस्पात संयंत्र में आज जिला प्रशासन के निर्देश पर नेशनल डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ, सीआईएसएफ एवं बीएसपी ने संयुक्त रूप से आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने संयंत्र के तीन स्थानों मानव संसाधन विकास विभाग, रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल व ब्लास्ट फर्नेस-7 के सामने वेलफेयर बिल्डिंग में मॉक ड्रिल का आयोजन किया. युद्ध/हवाई हमले व दुर्घटना के दौरान बचाव कार्य से लेकर दुर्घटना पर काबू पाने जैसे कार्यों को मॉक ड्रिल के माध्यम से बखूबी अंजाम देते हुए योजनाबद्ध अभ्यास किया गया.

इस डिजास्टर मैनेजमेंट के अभ्यास के दौरान मॉक ड्रिल प्रारंभ होते ही आपात स्थिति निर्मित हुई और इंसीडेंट कंट्रोलर के रूप में विभाग के महाप्रबंधक ने कार्यस्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घटना की जानकारी तत्काल संबंधित एजेंसियों को दी. आपात स्थिति और लोगों के घायल होने की जानकारी मिलते ही खतरे की घंटी बजी और एनडीआरएफ के साथ शामिल बीएसपी की विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो गई. इस अभ्यास के दौरान बीएसपी के फायर ब्रिगेड, सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, ऊर्जा प्रबंधन विभाग, सीआईएसएफ, आक्यूपेशनल हेल्थ सर्विसेस विभाग, सिविल डिफेन्स तथा विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई. इस मॉक ड्रिल में संयंत्र के कार्मिक विभाग के मार्गदर्शन में आईआर विभाग, मानव संसाधन विकास विभाग, संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क विभाग सहित अन्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारी सक्रिय रूप से संलग्न रहे. इस मॉक ड्रिल कार्यक्रम पर संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी निरंतर नजर रखे रहे.

एनडीआरएफ टीम व फायर ब्रिगेड टीम ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और समुचित प्राथमिक उपचार कर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से तत्काल अस्पताल भेजा. इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकॉल के अनुरूप अंजाम दिया गया. इस आपदा अभ्यास में उन सभी गतिविधियों की क्लोज मॉनिटरिंग की गई और इस दौरान विभिन्न खामियों को भी नोट किया गया. इस मॉक ड्रिल अभ्यास को संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी देखरेख में संपादित करवाया.

पुलिस प्रशासन ने जिला प्रशासन के सहयोग से सेक्टर-10 स्थित रेल चौक व सूर्या मॉल में भी मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट की रिहर्सल की. इस आयोजन के माध्यम से जनता को जागरूक किया गया. आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए नागरिकों को तैयार करने और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के उद्देश्य से आज शाम 4 बजे आपातकालीन स्थितियां निर्मित की गई, जो ऑल क्लियर सिग्नल बजने तक जारी रही. ‘रेड अलर्ट’ सायरन बजने के साथ ही मॉक ड्रिल अभ्यास प्रारंभ हुई और ‘ऑल क्लियर’ सायरन बजने के साथ समाप्त की गई. मॉकड्रिल के दौरान नागरिकों को अपने घरों में कोनों में खड़े होने या जमीन पर लेटने व लेटते समय अपने दांतों के बीच कपड़े या रुमाल दबाकर रखने एवं दोनों कानों को हाथ से ढककर रखने की अपील की गई थी.

संयंत्र परिसर में भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल का उद्देश्य संयंत्र की आपातकालीन प्रतिक्रिया तैयारियों का आकलन करने, त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने और कर्मचारियों को विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना था. भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और यह मॉक ड्रिल संयंत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले उपायों का एक हिस्सा है. इस राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र में आयोजित अभ्यास में संबंधित विभागों के सभी कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. यह हमें किसी भी आपात स्थिति के लिए बेहतर ढंग से निपटने तैयार रहने में मदद करेगा.

मॉक ड्रिल के अंतर्गत जिला कलेक्टर, दुर्ग के निर्देशानुसार आज संध्या 7ः30 से 7ः45 बजे तक पूरे शहर (सेक्टर-1 व सेक्टर-9 हॉस्पिटल को छोड़कर) में ब्लैक आउट के दौरान विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बंद रही. इस दौरान जनसामान्य को जनरेटर, इन्वर्टर, इमरजेंसी लाइट या मोबाइल टॉर्च इत्यादि अन्य उपकरणों का प्रयोग नहीं करने, सड़कों पर चलने वाले वाहनों को यथास्थान रोककर वाहन की लाइटें भी बंद करने, अलर्ट सायरन को समझने संयंत्र द्वारा सोशल मीडिया, वाट्सएप ग्रुप तथा माइक के माध्यम से प्रचार कर जागरूक किया गया था. साथ ही इन सावधानियों का सख्ती से पालन का अनुरोध किया गया था.

सुरक्षा को सर्वश्रेष्ठ प्राथमिकता देते हुए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने प्रोटोकॉल बनाए गए. इस प्रोटोकॉल की जांच के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है. साथ ही इस मॉक ड्रिल की गोपनीयता रखी जाती है, जिससे कि घटना की गंभीरता व प्रोटोकॉल के अनुरूप की जाने वाली कार्यवाही को सही रूप में परखा जा सके..

जनता के बीच जाकर जनता की समस्याओं का समाधान करना ही रामराज्य - उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-  उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज मुंगेली जिले के लोरमी विकासखण्ड के राम्हेपुर (एन) में सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने समाधान शिविर में स्टॉलों का अवलोकन कर योजनाओं की जमीनी पहुंच एवं लाभान्वित हितग्राहियों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों को अन्नप्राशन कराकर सुपोषण टोकरी वितरित किया। उन्होंने 21 हितग्राहियों को नोनी सुरक्षा योजना का बॉन्ड पेपर भी प्रदान किया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने समाधान शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि जनता के बीच जाकर जनता की समस्याओं का समाधान करना ही रामराज्य है, यही विष्णु का सुशासन है। हमारी सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है। समाधान शिविर में सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित हैं, लोगों को अलग-अलग भटकने की जरूरत नहीं है। क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अकेले लोरमी जनपद पंचायत में 400 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। अभी आवास के लिए सर्वे चल रहा है। सभी पात्र हितग्राहियों को आवास मिलेगा।

श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभी गांरटियों को विष्णु देव साय सरकार पूरा कर रही है। प्रदेश में महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 15 किश्तों की राशि दी जा चुकी है। पीएम आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हो रहा है। क्षेत्र में विकास का कार्य सांय-सांय हो रहा है।

मुंगेली के कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बताया कि सुशासन तिहार में जिले में एक लाख 29 हजार 587 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से एक लाख 23 हजार आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुरूप आवेदनों के निराकरण में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल, जिला पंचायत के सीईओ प्रभाकर पाण्डेय, वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय और लोरमी जनपद पंचायत की अध्यक्ष वर्षा विक्रम सिंह सहित जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में समाधान शिविर में मौजूद थे।

वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हेतु वर्चुअल समीक्षा बैठक : परिवहन अधिकारियों एवं अनुबंधित कंपनियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश

रायपुर-  आज सचिव परिवहन सह परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश एवं अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर द्वारा राज्य में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत समस्त श्रेणी के वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने हेतु समस्त क्षेत्रीय / जिला परिवहन अधिकारियों एवं अनुबंधित कम्पनियों मेसर्स रोजमार्टा एवं रियल मेजॉन के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक ली गयी। बैठक में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के संबंध में पूर्व समीक्षा बैठक दिनांक 02/05/2025 में दिये गये निर्देशों के अनुपालन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई।

वर्चुअल बैठक में अनुबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों को कार्य में तेजी लाने हेतु मैनपॉवर बढ़ाने, फिटमेंट सेंटरों की संख्या में वृद्धि करने के साथ प्रत्येक जिले के आरटीओ/डीटीओ को कंपनियों के साथ कैम्प टीम / शिविर लगाने और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट निर्माण सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिये गये। अनुबंधित कंपनियों के अधिकृत टीम लीडर / स्टॉफ आवेदकों से उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क कर अथवा एसएमएस के माध्यम से नंबर प्लेट फिटिंग की जानकारी दे, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये। नंबर प्लेट फिटिंग सेंटर में आवेदकों के बैठने, पानी की पर्याप्त व्यवस्था भी किये जाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में निर्देशित किया गया कि अनुबंधित कम्पनियां इस बात का विशेष ध्यान रखें की आवेदकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। आवेदकों को बहुत ही सरल, सुलभ तरीके से उनके पंजीकृत वाहन में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की व्यवस्था की जाए। किसी प्रकार के अनावश्यक विलंब होने की स्थिति में आवेदकों को पहले ही सूचित कर दिया जाए।

बैठक में जानकारी दी गयी कि आम नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा होने पर अनुबंधित कम्पनी रियल मेजोन के सम्पर्क नम्बर +911206457502, +911206457503 एवं रोजमाटा कम्पनी के सम्पर्क नम्बर 9818188721 या ई-मेल आई डी में सम्पर्क किया जा सकता है।

वर्चुअल समीक्षा बैठक में जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे अपने-अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत नंबर प्लेट फिटिंग सेंटर का अवलोकन करें तथा साथ ही इस कार्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों को भी जोड़कर कार्य में तेजी लाएं। परिवहन कार्यालयों में नंबर प्लेट हेतु स्थाई कैम्प लगायें तथा मोबाईल टीम जिला परिवहन अधिकारियों के निर्देशानुसार महत्वपूर्ण स्थानों/लोकेशन में नंबर प्लेट लगाने के कार्य संपादित करें।

उपरोक्त मीटिंग में परिवहन विभाग की ओर से यू.बी.एस. चौहान संयुक्त परिवहन आयुक्त, मनोज ध्रुव उप परिवहन आयुक्त, युगेश्वरी वर्मा सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी तथा राज्य के सभी वरिष्ठ क्षेत्रीय / जिला परिवहन अधिकारी भी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हेतु अनुबंधित कम्पनी रियल मेजोन की ओर से आशीष मिश्रा तथा रोजमाटा की ओर से अशोक शर्मा शामिल हुए।

समाधान के संकल्प संग आगे बढ़ रहा सुशासन तिहार: आवेदनों के निराकरण में धमतरी जिला प्रदेश में नंबर वन, CM साय खुद कर रहे फील्ड विजिट

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में आम जनता की शिकायतों एवं मांगों के त्वरित समाधान के लिए ‘सुशासन तिहार’ का आयोजन पूरे उत्साह के साथ जारी है. तीसरे चरण में प्रदेशभर के गांवों और कस्बों में शासन-प्रशासन पूरी तत्परता और तन्मयता के साथ आमजन की बाते सुन रहा है और उनका का समाधान कर रहा है. मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं. वे हेलीकाप्टर से गांवों के आकस्मिक दौरे कर रहे हैं. शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं. जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं और समाधान शिविरों में पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका मौके पर निराकरण करवा रहे हैं. यह जनता-जनार्दन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

राज्य में अब तक 40 लाख 95 हजार आवेदन

सुशासन तिहार के तहत अब तक 40 लाख 95 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है. इसमें धमतरी जिला ने लगभग 2 लाख 28 हजार आवेदनों में से 99.38 प्रतिशत का निराकरण कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. प्रदेश के 14 जिले धमतरी, महासमुंद, सक्ति, बालोद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुंगेली, रायपुर, सरगुजा, दक्षिण बस्तर दंतेवाडा, दुर्ग, जांजगीर-चाम्पा, नारायणपुर, बीजापुर ने 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण कर लिया है, जबकि गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदा बाज़ार-भाटापारा, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम, बेमेतरा, जशपुर, कोरिया, उत्तर बस्तर कांकेर, सूरजपुर जिले ने 80 से 90 प्रतिशत आवेदनों का समाधान किया है. बस्तर जिले में 78.48 प्रतिशत, कोण्डागांव में 70.97 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलें में 60.59 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ने 59.09. प्रतिशत, कोरबा जिले ने 41.61 प्रतिशत तथा सुकमा जिले ने 30 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में त्वरित एवं प्रभावी समाधान की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं.

रायपुर को मिले सर्वाधिक आवेदन

रायपुर जिले को 3 लाख 764 आवेदन प्राप्त हुए, जो राज्य में सर्वाधिक है. इसके बाद दूसरे क्रम पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है. धमतरी, बिलासपुर और बस्तर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर हैं. निराकरण के मामले में धमतरी पहले, महासमुंद दूसरे और सक्ति जिला तीसरे स्थान पर हैं. बालोद और रायगढ़ चौथे और पांचवें क्रम पर हैं.

सुशासन तिहार के दौरान सर्वाधिक 10 लाख से अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित प्राप्त हुए, जिनमें से 94.70 प्रतिशत का निराकरण हो चुका है. उज्ज्वला योजना से जुड़े 1.47 लाख और राशन कार्ड हेतु 1.12 लाख आवेदनों में से अधिकांश का समाधान कर दिया गया है. शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और स्वच्छता से संबंधित मांगें भी प्रमुख रहीं.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 25 लाख 77 हजार 747 आवेदन प्राप्त हुए. राजस्व विभाग को 3 लाख 74 हजार 429, खाद्य विभाग को 2 लाख 18 हजार 113, महिला एवं बाल विकास विभाग को 1 लाख 57 हजार और नगरीय प्रशासन विभाग को 1 लाख 42 हजार 475 आवेदन प्राप्त हुए. निराकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग प्रथम, श्रम विभाग दूसरे, तथा उद्योग, पशुपालन और खाद्य विभाग क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य को, जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की दिशा में आगे बढ़ा रही है. गांवों में शिविरों में पहुंचकर आम लोगों से संवाद करना, शिकायतों की तत्काल सुनवाई करना और शासकीय तंत्र को अधिक उत्तरदायी बनाना, यही सुशासन तिहार की मूल भावना है.

‘सुशासन तिहार’ छत्तीसगढ़ शासन की एक अभिनव पहल है, जिसने प्रशासन को जनता के और निकट लाकर विश्वास, समाधान और सेवा की एक मजबूत परंपरा को जन्म दिया है. यह अभियान मुख्यमंत्री की सोच को साकार करता है, जहां सरकार सिर्फ कार्यालयों में नहीं, बल्कि गांव-गांव जाकर आमजन की आवाज सुनती है और हर समस्या का समाधान करती है.