हजारीबाग और रामगढ़ के आयुष्मान कार्डधारियों को इलाज में बढ़ सकती है परेशानी, प्राइवेट अस्पतालों का 50 करोड़ बकाया
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हजारीबाग और रामगढ़ जिले के लगभग 10 लाख आयुष्मान भारत योजना के कार्डधारियों को आने वाले समय में इलाज कराने में परेशानी हो सकती है। इसका कारण है कि जुलाई 2024 से इन दोनों जिलों के प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत भुगतान नहीं मिला है।
इस मुद्दे को लेकर हजारीबाग आरोग्यम नर्सिंग कॉलेज के सभागार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इसमें एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स इंडिया, झारखंड चैप्टर के जॉइंट सेक्रेटरी हर्ष अजमेरा की अध्यक्षता में रामगढ़ और हजारीबाग के प्राइवेट अस्पतालों के संचालक मौजूद थे।
हर्ष अजमेरा ने बताया कि हजारीबाग में 7 लाख और रामगढ़ में 3 लाख 25 हजार आयुष्मान कार्डधारी हैं। दोनों जिलों में कुल 26 प्राइवेट अस्पताल इस योजना से पंजीकृत हैं, जो अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है, जिसमें 40 करोड़ रुपये हजारीबाग और 10 करोड़ से अधिक रामगढ़ के अस्पतालों का है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों और अस्पतालकर्मियों का तीन-तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, और दवाई व अन्य जरूरी सेवाओं के खर्च भी अटके हुए हैं। अस्पतालों को अब कर्ज लेकर संचालन करना पड़ रहा है।
हर्ष अजमेरा ने सवाल उठाया कि ईडी जांच के चलते जिन अस्पतालों पर कोई आरोप नहीं हैं, उनका भुगतान क्यों रोका गया है। उन्होंने बताया कि जिला उपायुक्त की कमेटी ने जिन 12 अस्पतालों की जांच की थी, वे सभी आरोप मुक्त पाए गए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हजारीबाग और रामगढ़ के 15 से अधिक प्रमुख अस्पतालों के संचालक व चिकित्सक शामिल हुए, जिनमें डॉ अमर कुमार, जया सिंह, डॉ मेराज, डॉ बीएन प्रसाद और डॉ सत्यवीर सिंह समेत कई लोग शामिल रहे।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि आयुष्मान योजना का लाभ निरंतर जारी रखने के लिए लंबित भुगतान जल्द किया जाए, ताकि डायलिसिस जैसे जरूरी इलाज कराने वाले मरीजों को परेशानी न हो।
Apr 24 2025, 15:57