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कांग्रेस का मुख्यमंत्री निवास घेराव : सीएम साय ने कसा तंज, कहा- कुछ न कुछ तो करते रहना पड़ेगा कांग्रेस को, नहीं तो …

रायपुर- छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को लेकर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में कांग्रेस ने आज मुख्यमंत्री निवास का घेराव के लिए कूच किया. इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए. कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन पर सीएम विष्णुदेव साय ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कुछ न कुछ तो करते रहना पड़ेगा, नहीं तो थोड़ा बहुत जो बचे हैं, वह भी कहां जुड़े रहेंगे.

मंत्रिमंडल विस्तार पर दिया बयान

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम साय ने कहा कि इंतजार करिए, जैसे निगम मंडल और आयोग के लिए किया था, वैसे ही इसका भी परिणाम आएगा.

दरअसल, देर रात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दिल्ली दौरे से वापस रायपुर लौटे. इस दौरान उन्होंने दौरे समेत अन्य मुद्दों पर बयान दिया. दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की, जिसमें राज्य के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान 1 जुलाई 2024 से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों को लेकर विस्तार से समीक्षा की गई.

सीएम साय ने बताया कि बैठक में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ भारत सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे. दंड संहिता को बदलकर अब न्याय संहिता लागू की गई है. इसपर करीब 1 घंटे तक समीक्षा हुई और प्रदेश की परफॉर्मेंस को लेकर संतोष जताया गया, साथ ही सराहना भी की गई.

छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

रायपुर- छत्तीसगढ़ में सुपरस्पेशलिटी, पीजी और एमबीबीएस डॉक्टरों को बॉन्ड पोस्टिंग, आर्थिक दवाब और प्रशासनिक विलंब जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन मुद्दों के समाधान के लिए छत्तीसगढ़ डॉक्टर्स फेडरेशन ने आयुक्त चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ को ज्ञापन सौंपा है.

ये हैं मुख्य समस्याएं

  1. बॉन्ड पोस्टिंग में विशेषज्ञता का उपयोग नहीं: पीजी डॉक्टरों को PHC/CHC में नियुक्त किया जा रहा है, जहां उनकी विशेषज्ञता का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता. इससे जिला चिकित्सालयों और मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी रहती है.
  2. उच्च बॉन्ड राशि और मॉर्टगेज की बाध्यता: एमबीबीएस और पीजी डॉक्टरों को क्रमशः ₹25 लाख और ₹50 लाख की बॉन्ड राशि जमा करनी होती है, जिसमें प्रॉपर्टी मॉर्टगेज की आवश्यकता होती है. यह निम्न और मध्यम वर्गीय छात्रों के लिए आर्थिक रूप से अत्यधिक बोझिल है.
  3. बॉन्ड पोस्टिंग में विलंब: जनवरी 2025 में पीजी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कई डॉक्टर अभी तक बॉन्ड पोस्टिंग की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिससे उनकी आजीविका और अनुभव दोनों प्रभावित हो रहे हैं.
  4. सुपरस्पेशलिटी कैडर का अभाव: राज्य में सुपरस्पेशलिटी डॉक्टरों की कमी है, जिसका मुख्य कारण कम वेतन और सुपरस्पेशलिटी कैडर का न होना है. अन्य राज्यों जैसे मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की तर्ज पर सुपरस्पेशलिटी कैडर का निर्माण आवश्यक है.

ये हैं प्रमुख मांगें

  • बॉन्ड पोस्टिंग में पीजी डॉक्टरों को उनकी विशेषज्ञता के अनुसार मेडिकल कॉलेजों या जिला चिकित्सालयों में नियुक्त किया जाए.
  • बॉन्ड राशि और मॉर्टगेज की शर्तों में शिथिलता प्रदान की जाए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें.
  • बॉन्ड पोस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए, ताकि डॉक्टरों को समय पर नियुक्ति मिल सके.
  • राज्य में सुपरस्पेशलिटी कैडर का गठन किया जाए, जिससे विशेषज्ञ डॉक्टरों को उचित मान-सम्मान और वेतन मिल सके.


फर्जी ज्वेल लोन केस में EOW की बड़ी कार्रवाई : बैंक मैनेजर समेत दो क्लर्क गिरफ्तार, कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 8 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा

रायुपर-  इंडियन ओवरसीज बैंक फर्जी ज्वेल लोन केस में EOW ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बैंक की राजिम ब्रांच के मैनेजर और बैंक के दो क्लर्क को गिरफ्तार किया है. आरोपी बैंक मैनेजर सुनील कुमार, क्लर्क योगेश पटेल और खेमलाल कंवर को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेशकर 8 दिन यानि 29 अप्रैल तक पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया.

बता दें कि साल 2022-23 में खाताधारकों के बंद खातों के जरिए 01 करोड़ 65 लाख रुपए के फर्जी ज्वेल लोन निकालकर बैंक अधिकारियों ने गबन किया था. इस मामले में EOW ने FIR की है और मामले की जांच कर रही है. EOW ने बैंक की सहायक मैनेजर अकिंता पाणिग्रही को पहले ही गिरफ्तार चुका है.

सहायक प्रबंधक अंकिता पाणिग्रही के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे. वह जोरोधा नामक शेयर ट्रेडिंग प्लेटफार्म का उपयोग कर फ्यूचर्स एवं ऑप्शन नामक ट्रेडिंग स्कीमों में 1.65 करोड़ रुपए लगाकर पूरा पैसा हार गई, जिससे बैंक को आर्थिक हानि हुई. आज बैंक के प्रबंधक सुनील कुमार को बिहार से और लिपिक खेमन लाल कंवर एवं लिपिक योगेश पटेल को विधिवत गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है. मामले में आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.

CGST, कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज विभाग में बड़ा फेरबदल, रायपुर सहित कई शहरों में बदले अधिकारी, आदेश जारी …

रायपुर- CGST, कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज विभाग के भोपाल जोन में कार्यरत अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है. इस संबंध में अतिरिक्त आयुक्त फ़राज़ अहमद कुरैशी ने आदेश जारी किया है.

जारी ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार, CGST, कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज विभाग के डिप्टी कमिश्नर (DC), असिस्टेंट कमिश्नर (AC), अतिरिक्त आयुक्त और संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई है.

मानवता की मिसाल: सड़क पर प्रसव पीड़ा से तड़पती रही महिला, भीड़ बनाती रही वीडियो, एक दंपति ने बचाई मां-बच्चे की जान

रायगढ़- छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान सड़क पर तड़पते देख एक अंजान दंपति ने मानवता की मिसाल पेश की. रात में बिलासपुर से रायगढ़ लौट रही महिला को अचानक तेज प्रसव पीड़ा हुई और वह सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने की स्थिति में पहुंच गई. जहां कई लोग सिर्फ वीडियो बनाने में व्यस्त थे, वहीं एक दंपति की सूझबूझ ने मां और नवजात की जान बचाई.

मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मिलूपारा गांव की 35 वर्षीय कविता राठिया, जो अपने पति मनोज राठिया के साथ किसी काम के सिलसिले में बिलासपुर गई हुई थी, जहां से बीती रात दोनों रायगढ़ रेलवे स्टेशन में उतरने के बाद पति-पत्नी चक्रधर नगर चैक की तरफ जा रहे थे इसी दौरान अचानक महिला की तबियत बिगड़ने लगी जिसके बाद पति-पत्नी दोनों चिल्ला-चिल्लाकर राहगिरों से मदद मांगने लगे. इसी बीच महिला ने सड़क किनारे ही एक बच्चे को जन्म दे दिया. लेकिन इसके बावजूद मौके पर मौजूद लोगों ने उनकी मदद नहीं बल्कि वीडियो बनाने रहे.

बताया जा रहा है कि इस दौरान कोतरा रोड निवासी विजय छाबड़ा अपनी पत्नी के साथ टहलने के लिये निकला हुआ था. उसी ने महिला की हालत को देखते हुए उसने डायल 112 के अलावा संजीवनी 108 को सूचना देकर महिला की मदद की. जिसके बाद महिला और बच्चे को एमसीएच ले जाया गया जहां गर्भनाल को अलग करने के बाद उन्हें मेडिकल कालेज भेजा गया था लेकिन वे लोग वापस अपने गांव लौट गए.

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर: बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) को युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक है यह कहना है सांसद बृजमोहन अग्रवाल का।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सांसद बृजमोहन अग्रवाल को पत्र लिखकर PMIS की जानकारी देते हुए बताया है कि, इस योजना का उद्देश्य युवाओं को देश की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना है, जिससे वे वास्तविक कार्य अनुभव प्राप्त कर अपने कौशल को निखार सकें। योजना के पायलट चरण की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 को की गई थी, और अब तक 1.87 लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। इस योजना के अंतर्गत 21 से 24 वर्ष की आयु के वे युवा पात्र हैं जो इस समय न तो पढ़ाई कर रहे हैं और न ही किसी नौकरी में हैं। उन्हें प्रतिमाह ₹5000 का भत्ता और ₹6000 की एकमुश्त सहायता राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही, सभी इंटर्न को बीमा कवरेज का भी लाभ मिलेगा। पायलट परियोजना का दूसरा चरण अभी जारी है, और 22 अप्रैल 2025 तक आवेदन किए जा सकते हैं। इंटर्नशिप के अवसर 735 जिलों में फैले हुए हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के युवाओं से अपील की है कि वे इस योजना का भरपूर लाभ उठाएं और पोर्टल www.pminternship.mca.gov.in या मोबाइल ऐप के माध्यम से शीघ्र पंजीकरण करें।

उन्होंने कहा, "यह योजना हमारे युवाओं को आत्मनिर्भर बनने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की दिशा में एक सशक्त माध्यम है। मैं छत्तीसगढ़ के सभी युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे इस अवसर का उपयोग कर अपने भविष्य को मजबूत बनाएं।"

यह पहल प्रधानमंत्री जी के “विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है, जिसमें हमारे युवाओं को सशक्त बनाना प्राथमिकता है।

कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे GST अधिकारी ने लगाई याचिका, हाइकोर्ट में हुई सुनवाई

बिलासपुर- दुर्ग के एक कारोबारी से 34 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे जीएसटी अफसर की गिरफ्तारी के बाद हाइकोर्ट में मामला लगाया गया है. इस मामले में सीबीआई ने एक अन्य विनय राय को अभियुक्त के रूप में पकड़ा था।

दरअसल लाल चंद अठवानी, जो दुर्ग के मेसर्स द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी के मालिक हैं, से रिश्वत की मांग की गई थी. इस मामले में एक आरोपी को 5 लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. इस पूरे मामले में राहत के लिए याचिकाकर्ता भरत सिंह के अधिवक्ता प्रगल्भ शर्मा और अन्य के माध्यम से विविध आपराधिक मामला (mcrc petition) याचिका लगाई है. सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की सिंगल बैंच में सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा, जांच एजेंसी ने अवैध संशोधन किया है कि जीएसटी राशि पर समझौता करने की मांग की गई थी, वास्तव में किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सूचित किया गया था, जो फरार हो गया है और उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है. वहीं कोर्ट ने सीबीआई के वकील वैभव ए गोवर्धन के इस मामले में काउंटर जवाब पेश नहीं किया, जिस पर कड़ी फटकार लगाई. वहीं चीफ जस्टिस की सिंगल बैंच ने कहा कि आवेदक के खिलाफ जांच के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों को लागू करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा गया है. अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की गई है.

ये है पूरा मामला

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने 28-29 जनवरी को दुर्ग के स्टेशन रोड स्थित मेसर्स वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी में छापेमारी की थी. तलाशी के दौरान गड़बड़ी पकड़े जाने पर संचालक लालचंद अठवानी से 34 लाख रुपए रिश्वत की मांग की गई थी. इस दौरान एक व्यक्ति ने लेन-देन कर पूरा मामला रफादफा कराने में मध्यस्थता की थी. लेन-देन की सूचना मिलने पर सीबीआई की टीम ने जाल बिछाया और 31 जनवरी की शाम वीआईपी रोड स्थित करेंसी टावर के पास 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ड्राइवर विनय राय को गिरफ्तार किया.

विनय राय के बाद टीम ने अधीक्षक भरत सिंह को गिरफ्तार किया था. इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी के दफ्तर में दबिश दी. पूछताछ में मध्यस्थ और कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आने पर दोनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया था. वहीं इस पूरे मामले में अब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.

नए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा छत्तीसगढ़ – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। श्री शाह की अध्यक्षता आयोजित बैठक में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा की गई। इसके साथ ही नक्सलवाद के उन्मूलन, बस्तर के समग्र विकास और राज्य में सुरक्षा व न्याय तंत्र को और अधिक सशक्त बनाने पर भी चर्चा हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा सहित केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा की गई। इसके साथ ही पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रशासनिक व तकनीकी तैयारियाँ पूरी की जा चुकी हैं। राज्य में 27 प्रकार की एसओपी (Standard Operating Procedures) और दिशा-निर्देश तैयार कर लागू किए गए हैं। इसके साथ ही लगभग 37,385 पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। न्यायालयों, पुलिस थानों और जेलों को ई-साक्ष्य और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम से लैस किया गया है। राज्य में अब तक 53,981 एफआईआर नए कानूनों के तहत दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें से लगभग 50% मामलों में चालान प्रस्तुत हो चुके हैं।

बैठक में नक्सल समस्या के स्थायी समाधान के लिए भी विशेष रणनीति पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल के महीनों में राज्य में चलाए गए ऑपरेशनों में कई वांछित नक्सली मारे गए, गिरफ्तार हुए या आत्मसमर्पण कर चुके हैं। नियद नेलानार योजना, बस्तर ओलंपिक, महिला सुरक्षा केंद्र, और आदिवासी क्षेत्रों में होमस्टे व पर्यटन ढांचे का विकास जैसे प्रयासों से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का सार्थक प्रभाव पड़ा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार वर्ष 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के लिए कटिबद्ध है और बस्तर को भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पूरी निष्ठा से पालन करेगा और देशभर में कानूनी सुधार की इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।

नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अब तक किए गए कार्यों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने शीघ्र नए क़ानूनों को राज्य में शत प्रतिशत लागू करने पर बल दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ से समन्वय और तत्परता की अपेक्षा जताई और कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को सरल, तेज़ और अधिक जनोन्मुखी बनाना है।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिरीक्षक सुशील द्विवेदी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, प्रमुख सचिव विधि रजनीश श्रीवास्तव, सचिव गृह नेहा चंपावत सहित अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

पंजाब केसरी भवन की मनमानी : रात दो बजे तक डीजे बजने से पढ़ाई करने वाले बच्चे और वार्डवासी परेशान, पार्षद ने एसपी से की शिकायत

रायपुर- कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कहे या फिर कानून को अपनी जेब में रखने का धौंस देने वाले इवेंट संचालक या फिर डीजे वाले को बड़ा समझे मामला तब गंभीर हो गया जब वार्ड के लोग एकजुट होकर पंजाब केसरी भवन में देर रात तक झनकने वाले डीजे साउंड से परेशान लोगों ने निजात पाने के लिए पार्षद का दरवाजा खटखटाया। पार्षद रेणु जयंत साहू ने वार्डवासियों के साथ एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और कार्रवाई की मांग की।

पूरे मामले की जानकारी देते हुए पार्षद रेणु जयंत साहू ने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री वार्ड क्रमांक 51 जोरा तेलीबांधा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पंजाब केसरी भवन आता है। भवन के आसपास बस्ती और कॉलोनी है, जहां स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे रहते हैं। उक्त भवन विवाह व अन्य समारोह के लिए किराए पर दिया जाता है। यहां हमेशा देर रात तक डीजे साउंड का उपयोग किया जाता है।इसके ध्वनि प्रदूषण से काफी लोग विचलित हो जाते हैं। विशेषकर पढ़ने वाले बच्चों एवं बीमार व वृद्ध लोगों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।


आदेशों की अवहेलना

स्थानीय निवासियों ने बताया, उक्त भवन के प्रबंधन समिति के अधिकारी को धीमी आवाज का उपयोग करने के लिए निवेदन किया किंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. पंजाब केसरी भवन के प्रबंधकों द्वारा हाईकोर्ट की गाइडलाइन का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा हैl लगातार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पार्षद रेणु जयंत साहू ने कहा कि प्रबंधन समिति द्वारा इस पर रोक नहीं लगाई गई तो प्रबंधन समिति के घर के सामने डीजे बजाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी पंजाब केसरी प्रबंधन समिति की होगी। वहीं इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग भी की है।

कर्ज लेकर घर चलाने मजबूर NHM कर्मचारी :आक्रोशित कर्मचारियों ने कहा – मोदी की गारंटी तो पूरी नहीं हुई, अब वेतन नहीं मिलने से परिवार चलाना मुश्किल

रायपुर- प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव संभालने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी बहुतायत जिलों में वेतन को तरस रहे हैं। त्यौहार और शादियों के सीजन में कर्मचारियों की खाली जेब ने उन्हें न केवल परेशान कर रखा है बल्कि रोजमर्रा के खर्चों को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।

जानकारी के मुताबिक 25 जिलों रायगढ़, कोंडागांव,सारंगढ़-बिलाईगढ़, बालोद, सूरजपुर, कोरिया, कबीरधाम, गरियाबंद, कोरबा, मुंगेली, जशपुर, दुर्ग, कांकेर, मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी, गौरेला पेंड्रा मरवाही, राजनांदगांव समेत अन्य जिलों में एनएचएम कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है और राज्य कार्यालय के स्टाफ को वेतन जारी हो गया है. छग प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने मिशन संचालक को ज्ञापन सौंपकर जल्द वेतन का भुगतान करने की मांग की है।

परेशान कर्मचारियों ने बताया कि, संविदा की नौकरी जिसमें अल्प वेतन में कार्य कर रहे है और बचत इस महंगाई में कर नहीं सकते. आजकल कई कर्मचारियों के लोन होते हैं, घर का किराया, बच्चों की फीस, बड़े बुजुर्गों की दवाई का खर्च भी रहता है. ऐसे में समय पर वेतन न मिलना कर्मचारियों में निराशा पैदा कर रहा है. स्थिति यह हो गई है कि रोजमर्रा के खर्चों को संभालने भी उधार लेने की नौबत आ रही है. इसे लेकर कमर्चारियों में बहुत आक्रोश है. उनका कहना है कि नई बीजेपी सरकार से संविदा से मुक्ति के लिए कुछ प्रयास की आशा थी पर यहां तो समय पर वेतन मिलना मुश्किल हो गया है. मोदी की गारंटी तो पूरी होती नहीं दिखती अलबत्ता दैनिक जीवन जरूर प्रभावित हो रहा है.


मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला से कर्मचारियों को उम्मीद


कर्मचारियों ने कहा, यही हाल रहा तो आंदोलन करने मजबूर होंगे. अभी हाल ही में मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला को बनाया गया है, जो पूर्व में भी इसका दायित्व निभा चुकी हैं और उनके पूर्व कार्यकाल में वेतन के लिए बजट की कमी नहीं होती थी. उनके द्वारा कर्मचारियों के नियमितीकरण, ग्रेड पे के संबंध में भी काम हुआ था, जो बाद में फाइलों में दब गया. ऐसे में एनएचएम कर्मचारियों में उनके आने से आशा बढ़ी है.