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भाजपा नेता की गाड़ी की टक्कर से कांग्रेस नेता की मौत, पुलिस ने अब तक नहीं लिखी FIR, कांग्रेसियों ने हाईवे पर शव रख किया चक्काजाम

कोंडागांव- भाजपा नेता की कार की टक्कर से गुरुवार रात को कांग्रेस नेता हेमेंद्र की मौत हो गई. इस घटना के बाद इलाके में बवाल मच गया है. इस हादसे में सरपंच चंपी भोयर की हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना डोंगरी गुडा के पास की है. कांग्रेसियों ने आज कांग्रेस नेता हेमंत भोयर के शव को एनएच 30 पर रखकर चक्काजाम किया और दोषी भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

बता दें कि हेमंत भोयर पंच और युवा कांग्रेस का विधानसभा उपाध्य्क्ष था. वहीं भाभी ग्राम मुलमला की सरपंच है. इस घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने में बवाल मचाया. इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने राजनैतिक दबाव के कारण पुलिस पर अब तक एफआईआर नहीं लिखने का आरोप लगाया है. परिजनों ने शव को लेकर जाने से इंकार कर दिया है. कांग्रेसी एवं परिजनों ने पुलिस से एफआईआर दर्ज कर दोषी भाजपा नेता पूर्णेंदु कौशिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे.

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सेवा समाप्ति का आदेश किया निरस्त

बिलासपुर- न्यायधानी बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में कथित कर्मचारी भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने साल 2014 में कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का फैसला सुनाया था. आज लगभग 10 साल बाद हाईकोर्ट ने अपने पुराने आदेश को निरस्त कर कर्मचारियों की सेवा बहाली के निर्देश दिए. आदेश के बाद कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. 

दरअसल, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने 14 जून 2014 को विभिन्न पद हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। याचिकाकर्ता पंकज कुमार तिवारी और अन्य ने समिति प्रबंधक के पद पर आवेदन प्रस्तुत किया गया था. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पंकज कुमार तिवारी और अन्य की नियुक्ति संस्था प्रबंधक के पद पर 14 फरवरी 2015 को हुई. जिसके आधार पर 13 मार्च 2015 को अपना कार्यभार ग्रहण किया. सहकारी बैंक की सभी भर्ती प्रक्रिया में शिकायत होने पर जांच समिति की गठन हुई थी. जांच प्रतिवेदन के आधार पर पंकज और 29 अन्य की सेवा समाप्ति का आदेश 23 नवंबर 2015 को जारी कर दिया गया, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. 

कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पंकज कुमार तिवारी, मोहम्मद इमरान खान, चंदन प्रताप सिंह, सीमा देवांगन, चंचल कुमार दुबे, चंद्रशेखर कुर्रे, लेखा कश्यप, भूपेंद्र राठौर, नरेंद्र कुमार मिश्रा, अमित पटेल और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिकाएं स्वीकार कीं. साथ ही, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर की कार्रवाई को निरस्त कर सभी को सेवा में बहाल करने का निर्देश दिया.

नान घोटाले पर टुटेजा, शुक्ला और वर्मा के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया मामला, जांच को प्रभावित करने पर मारा छापा, बरामद किए आपत्तिजनक दस्तावेज…

रायपुर- पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के घर छापेमारी की वजह का सीबीआई ने खुलासा कर दिया है. एजेंसी ने बताया कि नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने पर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के साथ पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है, जिसके बाद अनिल टुटेजा के साथ आलोक शुक्ला के भी घरों पर छापेमारी की गई, जिसमें कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

आरोप है कि लोक सेवकों (अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला) ने अपने पद का दुरुपयोग कर आर्थिक अपराध शाखा/एसीबी, रायपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर संख्या 9/2015 तथा एनएएन मामले के आधार पर दर्ज प्रवर्तन निदेशालय के मामले में चल रही कार्रवाई को प्रभावित किया. आयकर विभाग द्वारा जब्त डिजिटल साक्ष्यों के अनुसार, आरोपी लोक सेवकों ने एनएएन मामलों में कार्रवाई को विफल करने के कई प्रयास किए.

इसके अलावा आरोपी लोक सेवकों ने कथित तौर पर आरोपी तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा को अनुचित तरीके से सार्वजनिक कर्तव्य निभाने के लिए प्रेरित करने तथा ईडी और ईओडब्ल्यू/एसीबी, छत्तीसगढ़ द्वारा जांच के तहत उपरोक्त मामलों में खुद के लिए अग्रिम जमानत हासिल करने के लिए अनुचित लाभ प्रदान किए.

यही नहीं आरोप है कि अग्रिम जमानत लेने के लिए आरोपी लोक सेवकों ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों के प्रक्रियात्मक एवं विभागीय कार्य से संबंधित दस्तावेजों तथा नान प्रकरण में उच्च न्यायालय में दाखिल किए जाने वाले जवाब में फेरबदल करवा लिया. मामले की जांच जारी है.

जानिए क्या है नान घोटाला

छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन होता है. ACB ने 12 फरवरी 2015 को नान के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था. छापे में करोड़ों रुपए कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले.

आरोप था कि राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई. चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया.

शुरुआत में शिव शंकर भट्ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला. बाद में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष और एमडी का भी नाम आरोपियों की सूची में शामिल किया गया. इस मामले में दो IAS अफसर अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला भी आरोपी थे. मामला अदालत में चल रहा है.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने सुप्रीम कोर्ट पर की अभद्र टिप्पणी ! फेसबुक पोस्ट वायरल होते ही दी सफाई…

रायपुर-  सुप्रीम कोर्ट पर अभद्र टिप्पणी करके भाजपा विधायक ईश्वर विवादों में आ गए हैं. एक के बाद कई पोस्ट ईश्वर साहू के फेसबुक पेज से हुआ है, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोट के लिए आपत्तिजनक शब्द का कोठा का इस्तेमाल किया है. उनके इस पोस्ट के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल भी मच गया. कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए कहा कि विधायक को शर्म आनी चाहिए. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

भाजपा विधायक ईश्वर साहू ने दी सफाई

वहीं पोस्ट वायरल होने के बाद मचे बवाल के बीच विधायक साहू की सफाई भी आ गई है. उन्होंने इंस्टाग्राम में स्टोरी लगाकर कहा कि मेरे नाम से अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम में फर्जी आईडी बनाकर अनर्गल बयानबाजी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सभी से ऐसे आईडी को रिपोर्ट कर अनफॉलो करने की अपील की है.

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने BJP पर साधा निशाना:

साजा विधायक के फेसबुक पर हुए इस विवादित पोस्ट को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उनके fb अकाउंट से पोस्ट जारी हुआ है. न्यायालय के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है. बीजेपी की मानसिकता इस पोस्ट से देखी जा सकती है. अपने अकाउंट से पोस्ट कर ऐसी टिप्पणी करना सही नहीं है. ईश्वर साहू को माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक के फेसबुक पर किए गए एक के बाद एक विवादित पोस्ट:

विवादित पोस्ट के वायरल होने के बाद विधायक ने दी सफाई:

वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

दरअसल यह पूरा मामला वक़्फ संसोशन बिल से जुड़ा है. जिसे लेकर देशभर में सियासत गरमाई हुई है. एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. वक्फ संशोधन बिल पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. SC ने 17 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नई नियुक्ति नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं.

बता दें केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से अनुरोध किया कि कुछ आवश्यक दस्तावेजों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए. SC ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुए केंद्र को 7 दिन का समय दिया और स्पष्ट किया कि बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं में से केवल 5 पर ही सुनवाई की जाएगी, क्योंकि सभी याचिकाओं पर सुनवाई करना संभव नहीं है.

इंस्टा की रील ने बुझाए दो घरों के चिराग, सड़क हादसे में दो नाबालिगों की मौके पर हुई मौत…

दुर्ग- इंस्टाग्राम के लिए रील बनाते समय नाबालिगों की बाइक दूसरे बाइक से टकराते हुए खड़े पिकअप से जा भिड़ी. हादसे इतना भयानक था कि बाइक सवार दो नाबालिगों की मौके पर मौत हो गई, वहीं तीसरा नाबालिग घायल हो गया. 

यह हादसा शुक्रवार को देर रात नेशनल हाइवे 53 पर भिलाई-खुर्सीपार के बीच हुआ. तीन नाबालिग दोस्त बाइक में सवार होकर पार्टी के लिए जाते समय इंस्टाग्राम के लिए रील बना रहे थे. इस दौरान उनकी बाइक का संतुलन बिगड़ा और दूसरे बाइक से टकराते हुए खड़ी पिकअप से जा भिड़ी.

हादसा इतना भयानक था कि सिर पर चोट लगने से दो नाबालिगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें गौतम नगर निवासी जय बंसोड़ (17) और हर्ष मेश्राम (16) शामिल है. वहीं तीसरा सवार सुपेला खटाल बस्ती निवासी आदित्य चौहान (16) घायल हो गया. जिसे अस्पताल में उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.

आमनेर नदी में बारातियों से भरी पिकअप गिरी, दुर्घटना में दो गंभीर रूप से घायल, परिजनों ने घायलों को गूगल मैप की मदद से पहुंचाया अस्पताल

खैरागढ़-  धमधा ब्लॉक के टेमरी गांव से बारातियों को लेकर आ रही एक पिकअप वाहन शनिवार देर शाम अनियंत्रित होकर आमनेर नदी में जा गिरी. हादसे के वक्त वाहन में 20 से अधिक बाराती सवार थे, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे. गनीमत रही कि इस दुर्घटना में किसी की जान नहीं गई, हालांकि दो लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वाहन चालक काफी लापरवाही से गाड़ी चला रहा था. अमलीपारा से धरमपुरा स्थित शनिदेव मंदिर दर्शन के लिए निकले बारातियों की पिकअप को चालक ने रिवर्स करने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण खो बैठा और वाहन सीधे नदी में जा गिरी. दुर्घटना के बाद चालक मौके से फरार हो गया.

हादसे के तुरंत बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई. राहगीरों और आसपास मौजूद लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए पुल से कूदकर नदी में गिरे लोगों को बाहर निकाला और पुलिस, डायल 112 को सूचना दी.

डॉक्टर इंतजार करते रहे, परिजन ले गए निजी अस्पताल

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सिविल अस्पताल प्रबंधन को दुर्घटना की जानकारी दी. अस्पताल में डॉक्टरों की टीम घायलों के इंतजार में तैयार खड़ी रही, लेकिन घायलों के परिजन उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाने की बजाय गूगल पर सर्च कर दाऊचौरा स्थित एक निजी अस्पताल ले गए, जहां सिर्फ एक चिकित्सक मौजूद था.

पुलिस ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसे के लिए चालक की लापरवाही जिम्मेदार मानी जा रही है. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था, लेकिन स्थानीय लोगों की तत्परता से बड़ी जनहानि टल गई.

मातम में बदली खुशियां : शादी में शामिल होने जा रहे दंपति को तेज रफ्तार ट्रक ने मारी टक्कर, पत्नी के सामने पति ने तोड़ा दम

बालोद-  बालोद-दुर्ग मुख्य मार्ग पर शनिवार सुबह भीषण सड़क हादसा हुआ है. ट्रक ने बाइक सवार दंपति को टक्कर मार दी. हादसे में बाइक चालक ट्रक में फंसकर 1 किमी तक घसीटाया और उसकी मौत हो गई. वहीं महिला गंभीर रूप से घायल है, जिसका जिला अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. पति-पत्नी बाइक से शादी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे. 

शादी कार्यक्रम में जाने के दौरान हुए हादसे का शिकार

जानकारी के अनुसार, फूलसिंह साहू उम्र 36 वर्ष ग्राम रवेलीदीही थाना नंदनी का रहने वाला है. आज वह अपनी पत्नी टिकेश्वरी साहू के साथ ग्राम भेंगरी शादी कार्यक्रम में जा रहा था. इसी दौरान उनकी बाइक ट्रक की चपेट में आ गई. ट्रक में फंसकर बाइक चालक सड़क पर काफी दूर तक घसीटाता रहा, जिससे उसके शरीर के चिथड़े उड़ गए. घटना के बाद घायल महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

छत्तीसगढ़ में नियमों के खिलाफ प्रैक्टिस कर रहे बाहरी डॉक्टर, निजी अस्पतालों से मांगी गई जानकारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों के डॉक्टरों के बिना पंजीयन चिकित्सा प्रैक्टिस किए जाने का मामला सामने आया है. इसे लेकर रायपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी निजी अस्पतालों को पत्र जारी किया है. पत्र में तीन दिन के भीतर ऐसे डॉक्टरों की जानकारी मांगी गई है, जो बिना छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद में पंजीयन के कार्यरत हैं.

जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राज्य में किसी भी बाहरी डॉक्टर को तब तक प्रैक्टिस की अनुमति नहीं है, जब तक वह छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद में विधिवत पंजीकृत न हो. इसके बावजूद कुछ डॉक्टर अन्य राज्यों से आकर न सिर्फ निजी अस्पतालों में बल्कि होटलों और ओपीडी के माध्यम से भी इलाज कर रहे हैं, जो कि नर्सिंग होम एक्ट और परिषद के नियमों का उल्लंघन है.

निर्देशों के अनुसार, जिन अस्पतालों में ऐसे डॉक्टर कार्यरत हैं, उन्हें तुरंत जानकारी साझा करनी होगी. साथ ही, भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है.

राजधानी में कारोबारी के अपहरण की अफवाह से मचा हड़कंप, निकला धोखाधड़ी का फरार आरोपी

रायपुर- ओडिशा के झारसुगुड़ा में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में फरार चल रहे आरोपी गोविंद सिंघानिया को झारसुगुड़ा पुलिस ने रायपुर से गिरफ्तार किया है. रायपुर के पंडरी इलाके में हुई इस गिरफ्तारी के दौरान अपहरण की अफवाह फैल गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा. हालांकि बाद में दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकी.

जानकारी के अनुसार, झारसुगुड़ा के 420 के आरोपी गोविंद सिंघानिया को ओडिशा पुलिस ने सिविल लाइन थाना क्षेत्र के पंडरी स्थित श्री शिवम् शोरूम के पास से गिरफ्तार किया. इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए झारसुगुड़ा पुलिस की 7 सदस्यीय टीम रायपुर पहुंची थी. हालांकि गिरफ्तारी के दौरान उस समय हड़कंप मच गया, जब मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने इसे कारोबारी के अपहरण की घटना समझ लिया और पुलिस को सूचना दे दी. अफवाह फैलते ही रायपुर की सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद जब दोनों राज्यों की पुलिस के बीच समन्वय स्थापित हुआ, तब जाकर स्थिति स्पष्ट हो सकी. इसके बाद आरोपी गोविंद सिंघानिया को झारसुगुड़ा पुलिस अपने साथ ले गई.

बताया जा रहा है कि झारसुगुड़ा पुलिस ने रायपुर में गिरफ्तारी से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी थी, जिसके चलते भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई.

छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्लास्टिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उज्जवल भविष्य की दिशा में नया अवसर, सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने उठाया महत्वपूर्ण कदम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के युवाओं को प्लास्टिक प्रौद्योगिकी, प्रोसेसिंग, मोल्ड डिजाइन, परीक्षण और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में उज्ज्वल भविष्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने हेतु रायपुर लोकसभा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होंने राज्य के सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र लिखकर सिपेट रायपुर (CIPET Raipur) में संचालित डिप्लोमा एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की जानकारी अधिकाधिक छात्रों तक पहुंचाने का आग्रह किया है।

अपने पत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने लिखा है कि, सिपेट रायपुर, जो कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन केंद्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान है, वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ शासन एवं केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से रायपुर के भनपुरी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया गया था। यह संस्थान युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान कर उन्हें प्लास्टिक उद्योग के क्षेत्र में शत-प्रतिशत रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है।

सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है

जिसमें डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। इन पाठ्यक्रमों को पूर्ण करने के उपरांत विद्यार्थियों को देश-विदेश की प्रतिष्ठित मल्टीनेशनल कंपनियों में प्लेसमेंट भी प्राप्त होता है। इसके बावजूद जानकारी के अभाव में छत्तीसगढ़ के अनेक युवा इस संभावनाओं से परिपूर्ण क्षेत्र में अपना भविष्य नहीं बना पा रहे हैं।

श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में जिलाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे अपने जिले के समस्त स्कूलों और कॉलेजों में सिपेट रायपुर के पाठ्यक्रमों की जानकारी पहुँचाने हेतु आवश्यक कदम उठाएं। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया है कि सिपेट रायपुर के अधिकारियों को भी आमंत्रित कर विद्यार्थियों को विस्तृत जानकारी दी जा सकती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का यह प्रयास छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर देश की प्रमुख औद्योगिक इकाइयों में अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।