अस्पताल का संचालक ही निकला कातिल हैवान,काम करने वाले कर्मचारी कैसे रहेंगे सुरक्षित
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संत कबीर नगर - खलीलाबाद क्षेत्र के टेमा रहमत में स्थित संस हाॅस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर ने निदेशक ने ही नर्स की गला दबाकर हत्या की थी। मामले का खुलासा करते हुए बुधवार को एसपी सत्यजीत गुप्ता ने मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। एसपी ने पूरा घटना का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी ने घटना के संबंध में जो जानकारी दी, उसके मुताबिक, उसके हॉस्पिटल पर ममता चौधरी पुत्री रामभवन चौधरी ग्राम पहुरा थाना पुरानी बस्ती रिसेप्सन पर काम करती थी। उससे मेरा प्रेम प्रंसग था। पिछले कुछ दिनों से ममता हास्पिटल में काम करने वाले एक अन्य कर्मचारी अभिषेक से लगातार फोन पर बात करने लगी थी।
7 अप्रैल को रात के समय मैने ममता को अस्पताल के छत पर बुलाया और उससे अभिषेक से मिलने व बात न करने के लिए मना किया तो मानने को तैयार नही हुई। मैंने गुस्से में ममता को दो- चार थप्पड मारा व गला दबाने लगा कि इसी बीच हॉस्पिटल की एक कर्मचारी शाजिया खातून छत पर आ गई और अस्पताल में भर्ती एक मरीज को देखने के लिए नीचे बुलाकर लेती चली गई। मैं, ममता को वहीं छत पर छोड़ कर नीचे आ गया था। लेकिन, मुझे इस बात का बहुत गुस्सा था। अगले दिन सुबह करीब 7 बजे में मौका पाकर उसके कमरे में गया। उस समय लाईट भी कटी थी। सीसीटीवी कैमरा बंद था। मैंने ममता की गला दबाकर हत्या कर दी तथा कमरे के दरवाजे को ऊपर हाथ डालकर अंदर से सिटकिनी से बन्द कर दिया। इसके बाद अपने कमरे में आकर सो गया।
कुछ देर बाद साजिया खातुन व हॉस्पिटल के अन्य कर्मचारियों द्वारा ममता के कमरे मे सोये रहने की बात मुझे बताई तो मैने जाकर ममता के मृत्यु को सामान्य रुप देने के लिए ऊपर से ही दरवाजे की सिटकिनी खुलवाकर ममता को इलाज के लिए बेड पर लिटाया और इसकी सूचना उसके घर वालों को दी। और खुद मौके से फरार हो गया। मामले का खुलासा होने के बाद जिले में काम करने वाली महिला कर्मचारियों और उनके परिजनों में डर और भय व्याप्त हो गया है जब संस्था का मालिक ही कातिल बन जाये तो फिर रास्तों में सुरक्षा का भय का क्या, जब अपने बन कर ही कोई रखे ऐसी घटिया सोच तो बहन बेटियाँ कहाँ और कैसे रहेंगी महफूज, ऐसे दरिंदों की दरिंदगी से कबतक जलता रहेगा समाज ! कब तक बलि चढ़ती रहेंगी बहन बेटियाँ ?
पुलिस कहाँ - कहाँ ढूंढे कातिलों को बाहर या उस जगह पर जहाँ एक भरोसे और विश्वास से लोग अपना घर समझ कर,अभिभावक समझकर 24 घंटे काम कर रही हैं !
Apr 11 2025, 14:29