*दानिश बने नाजिया के लिए फरिश्ता, रेयर ब्लड ग्रुप A- देकर बचाई जान*
सुल्तानपुर,इंसानियत और परोपकार की मिसाल पेश करते हुए मोहम्मद दानिश ने समय पर रक्तदान कर एक महिला की जान बचाई। मामला इंडो गल्फ हॉस्पिटल का है, जहां अमेठी के भिटवा, जगदीशपुर निवासी 27 वर्षीय नाजिया पत्नी जुहैब गंभीर हालत में भर्ती थीं। डॉक्टरों के अनुसार, नाजिया का ब्लड ग्रुप A निगेटिव है, जो बेहद दुर्लभ होता है। ब्लड की अत्यधिक कमी के कारण उनका ऑपरेशन टल रहा था और परिजन कई दिनों से ब्लड की तलाश में परेशान थे। A निगेटिव ब्लड की अनुपलब्धता के चलते परिवार की चिंता लगातार बढ़ती जा रही थी। इसी बीच किसी ने उन्हें राष्ट्रीय सामाजिक सेवा संघ से जुड़े समाजसेवी निजाम खान से संपर्क करने की सलाह दी। जब परिजनों ने निजाम खान से फोन पर बात की, तो उन्होंने तुरंत संगठन के एक अन्य सदस्य, चांदा निवासी मोहम्मद दानिश पुत्र लल्लन से संपर्क किया और स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया। दानिश ने मानवता का परिचय देते हुए बिना किसी देरी के ब्लड बैंक पहुंचकर रक्तदान किया। उनका यह कदम न केवल नाजिया के लिए जीवनदान साबित हुआ, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया। दानिश की इस दरियादिली से पीड़ित परिवार को बड़ी राहत मिली और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई। रक्तदान के बाद शहर काज़ी मौलाना अब्दुल लतीफ साहब स्वयं ब्लड बैंक पहुंचे और दानिश के इस नेक कार्य के लिए उन्हें दुआएं दीं और कहा कि ऐसे युवाओं के चलते ही समाज में उम्मीदें ज़िंदा रहती हैं। समाजसेवी निजाम खान ने भी दानिश सहित सभी रक्तदाताओं के जज़्बे को सलाम करते हुए कहा, "आपका रक्तदान केवल रक्त नहीं, बल्कि किसी के जीवन को नया अवसर देने का पवित्र कार्य है। आपने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उस महिला को जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई में एक नया सहारा दिया है। आप जैसे रक्तवीर समाज के वास्तविक नायक हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के लिए अपना 'रक्त' इस तरह समर्पित करते हैं, मानो जीवन का सबसे कीमती उपहार दे रहे हों।" इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब समाज के जिम्मेदार नागरिक आगे आते हैं, तो किसी की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान महादान है, और मोहम्मद दानिश जैसे रक्तवीर वास्तव में इस धरती के फरिश्ते हैं।
Apr 11 2025, 10:45