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एक इनामी समेत 3 सक्रिय नक्सली गिरफ्तार, ग्रामीणों की हत्या में थे शामिल

सुकमा- जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र से पुलिस ने एक इनामी समेत तीन सक्रिय नक्सजिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र से पुलिस ने एक इनामी समेत तीन सक्रिलियों को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार नक्सली इलाके में लंबे समय से सक्रिय थे. ये सभी गिरफ्तार नक्सली दो ग्रामीणों के अपहरण कर हत्या जैसे गंभीर मामले में शामिल थे. इनमें से एक नक्सली पर 2 लाख रुपये का इनाम घोषित था. तीनों से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.

सुशासन तिहार में शामिल सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने स्थानीय नागरिकों से किया संवाद, अधिकारियों को समस्याओं के समाधान के दिए निर्देश

रायपुर- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के "जनसेवा और सुशासन" के संकल्प को साकार करने की दिशा में चलाए जा रहे "सुशासन तिहार" अभियान के अंतर्गत गुरुवार को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने खूबचंद बघेल वार्ड एवं भक्त माता कर्मा वार्ड में आयोजित समाधान शिविरों में भाग लिया।

बृजमोहन अग्रवाल ने इन शिविरों में स्थानीय नागरिकों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना गया और बिजली, पानी, सड़क, मकान, साफ-सफाई, राशन कार्ड जैसी अन्य मूलभूत जनसुविधाओं से संबंधित शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।

श्री अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को जनता के और निकट लाने का सशक्त माध्यम बन रहा है। “अब जनता को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, सरकार स्वयं उनके द्वार पर आ रही है।” सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार जनसमस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे शिविरों के माध्यम से सुशासन को हर नागरिक तक पहुँचाया जा रहा है।

इस अवसर पर महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर, जोन अध्यक्ष अम्बर अग्रवाल, पार्षद दुर्गा यादराम साहू एवं ममता सोनू तिवारी, निगम आयुक्त विश्वदीप साहू सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

विधायक के पर्सनल असिस्टेंट के घर में घुसा तेंदुआ, इलाके में दहशत का माहौल, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी वन विभाग की टीम

कांकेर- जिले के भानुप्रतापपुर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब क्षेत्रीय विधायक सावित्री मंडावी के निज सहायक मोहन मंडावी के घर में एक तेंदुआ घुस गया. यह घटना ग्राम बागडोंगरी की है, जहां तेंदुए के घर के अंदर घुसते ही पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया. वहीं मौके पर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई है.

जानकारी के अनुसार, तेंदुआ आज दोपहर करीब एक बजे मोहन मंडावी के निवास में घुस गया. इसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गई. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो दो घंटे से भी अधिक समय से जारी है.

वन विभाग की टीम ने आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया है और घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी है. तेंदुए को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं, लेकिन वह अब भी घर के भीतर ही छिपा हुआ है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अपडेट मिली है कि विधायक के सहायक के घर में घुसा तेंदुआ आखिरकार बाहर निकलकर जंगल की ओर भाग गया. वन विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही थी.

बता दें कि कांकेर जिले में पिछले कई दिनों से जंगली जानवरों की आमद बढ़ी है. ऐसी कई खबरें सामने आई हैं, जहां तेंदुए और भालुओं के रिहायशी इलाकों में पहुंचने की घटनाएं हुई हैं, जिससे ग्रामीणों में डर बना हुआ है.

बोर्ड के रिजल्ट का तनाव बना साइबर अपराधियों का नया हथियार, पास कराने का झांसा देकर कर रहे ठगी, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

रायपुर- बोर्ड परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं और बच्चे रिजल्ट का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन इसी वक्त साइबर ठग भी एक्टिव हो गए हैं और इस बार उनका निशाना हैं बच्चे, पालक और शिक्षक। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ पुलिस ने बच्चों और पालकों को ठगी से बचाने के लिए सतर्कता बरतने की अपील की है।

बता दें कि साइबर ठग खुद को शिक्षा विभाग का अधिकारी बताकर फोन करते हैं और कहते हैं कि वे आपके बच्चे के नंबर बढ़ा सकते हैं, फेल को पास करा सकते हैं या कंप्यूटर सिस्टम में डेटा बदल सकते हैं। सुनने में भले ही ये सब लुभावना लगे, लेकिन असलियत में यह एक ठगी है। ये लोग फीस या चार्ज के नाम पर बैंक अकाउंट, UPI डिटेल्स या OTP मांगते हैं और फिर खाते से पैसे गायब कर देते हैं।

हालांकि, राहत वाली बात यह है कि छत्तीसगढ़ की साइबर पुलिस इन पर कड़ी निगरानी रख रही है, लेकिन इसके बावजूद सावधानी भी ज़रूरी है। अगर आपको या आपके बच्चे को ऐसा कोई कॉल, मैसेज या लिंक मिले तो सबसे पहले उसे नजरअंदाज करें। ऐसे किसी कॉल का जवाब न दें, किसी लिंक पर क्लिक न करें और अपनी बैंकिंग जानकारी जैसे OTP या UPI किसी के साथ साझा न करें। कोई संदेह हो तो सीधे अपने स्कूल या परीक्षा केंद्र से बात करें।


साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कर सकते है शिकायत

छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपील की है कि अगर आपने गलती से इन ठगों का कॉल उठा लिया हो या उनकी ओर से भेजे हुए लिंक को खोल लिया हो, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप फौरन साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और नजदीकी पुलिस थाने में इसकी सूचना दें। आपकी सतर्कता ही आपके पैसे और बच्चों की सुरक्षा का सबसे बड़ा हथियार है।

प्रमोशन परीक्षा में गलत प्रश्न मामले पर सुनवाई : हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को दी राहत

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी की विभागीय प्रमोशन परीक्षा में गलत प्रश्न मामले में सुनवाई के दौरान कर्मचारियों को राहत दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को बोनस नंबर देने और तीन महीने के भीतर जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्ति करने के निर्देश कंपनी को दिए हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी ने जूनियर इंजीनियर के पद पर पदोन्नति देने के लिए विभागीय परीक्षा का आयोजन किया था। इसमें कुछ गलत सवाल पूछे गए थे। गलत सवालों के उत्तर ना देने के कारण याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति परीक्षा में फेल कर दिया गया। इसे लेकर दिनेश कुमार चंद्रा व कुछ अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें बताया गया कि परीक्षा के दौरान जो प्रश्न पत्र होल्डिंग कंपनी ने परीक्षा हाल में बांटे थे उसमें 10 सवाल ऐसे थे, जिनका उत्तर देने के लिए दिए गए आप्शन में गड़बड़ी थी।

वैकल्पिक प्रश्न पूछने के बाद विकल्प के रूप में पांच सवाल दिए थे, लेकिन उत्तर लिखने के लिए पांच की जगह चार विकल्प छोड़े थे। परीक्षार्थियों को लगा कि विकल्प के लिए जो जगह तय की गई वह गलत है। गलत आंसर लिखने पर माइनस मार्किंग का भी डर था। लिहाजा याचिकाकर्ता और अन्य अभ्यर्थियों ने भी सवाल को गलत मानते हुए उत्तर नहीं दिया और सभी 10 सवालों को छोड़ दिया।

उपमहाप्रबंधक ने खारिज किया था अभ्यर्थियों का आवेदन

कंपनी ने जब रिजल्ट जारी किया तब दिनेश कुमार सहित कई को पदोन्नति के लिए अपात्र घोषित कर दिया। तब दिनेश ने त्रुटिपूर्ण प्रश्नों के लिए बोनस अंक अथवा उक्त प्रश्नों को विलोपित मानते पुनर्गणना की मांग करते हुए उप महाप्रबंधक छत्तीसगढ़ स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी रायपुर के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया, लेकिन उप महाप्रबंधक ने अभ्यावेदन को खारिज कर दिया। इस पर अभ्यर्थियों ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है।

सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बनेगा नवजात शिशुओं का आधार कार्ड, स्वास्थ्य सचिव कटारिया ने ऑपरेटरों को दिया टैबलेट और फिंगरप्रिंट स्कैनर

रायपुर-   भारत सरकार की ओर से संचालित जन्म लिंक आधार पंजीकरण योजना के अंतर्गत देश के प्रत्येक नागरिक को आधार कार्ड से जोड़ने की पहल को और सुदृढ़ बनाने अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं का आधार कार्ड बनाया जाएगा. यह कदम नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे और पारदर्शी ढंग से प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा. आधार कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने में यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थ ऑपरेटर्स को LMS (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) और NSEIT (नेशनल स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स टेस्ट) परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना अनिवार्य है. इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है. अब तक 6 स्वास्थ्य संस्थानों के ऑपरेटर्स ने इन मानकों को पूरा कर लिया है. स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के हाथों सफल उम्मीदवारों को टैबलेट और फिंगरप्रिंट स्कैनर उपकरण दिया गया.

प्रत्येक संस्थान में CELC (चाइल्ड एनरोलमेंट लाइट क्लाइंट) किट ;(एंड्रॉइड टैबलेट और फिंगरप्रिंट डिवाइस) की व्यवस्था की गई है, जो आधार पंजीकरण को तीव्र और सुगम बनाएगी. आयुक्त एवं संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं प्रियंका शुक्ला योजना की प्रगति की नियमित समीक्षा कर रही है. संस्थानों से प्राप्त डेटा का UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जा रहा है। शीघ्र ही यह योजना राज्य के सभी जिलों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में लागू की जाएगी.

प्रदेश के 8 जिलों में ऑरेंज और 12 में येलो अलर्ट जारी, आंधी-बारिश के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी

रायपुर- भीषण गरमी के बीच छत्तीसगढ़ में बुधवार को मौसम ने करवट ली, जिसके बाद राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई. वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) रायपुर ने प्रदेश के कई जिलों में आंधी, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है. इसके लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

इन जिलों में तेज बारिश और आंधी की चेतावनी

IMD के अनुसार, बलरामपुर, जशपुर, सुरजपुर और सरगुजा जिलों में अगले 3 घंटे के भीतर मध्यम दर्जे की गरज-चमक और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है. येलो अलर्ट दोपहर 2 बजे जारी की गई, जो शाम 5 बजे तक प्रभावी रहेगी.

इन जिलों में होगी हल्की बारिश

वहीं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों में हल्की गरज-चमक और बारिश हो सकती है. इस क्षेत्र के लिए येलो अलर्ट दोपहर 3 बजे जारी किया गया है, जो शाम 6 बजे तक मान्य रहेगा.

इन जिलों में भी बिजली गिरने और बारिश की चेतावनी

इसके अलावा, बस्तर, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर और कोंडागांव जिलों में भी गरज-चमक के साथ बिजली गिरने और बारिश की संभावना जताई गई है. यह येलो अलर्ट दोपहर 4 बजे जारी हुई है और शाम 7 बजे तक प्रभावी रहेगी.

इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट

बलरामपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जशपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सुरजपुर और सरगुजा जिले में अगले 3 घंटे में मध्यम गर्जन के साथ ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवा (40-50 किमी/घंटा) चलने की चेतावनी दी गई है. यह चेतावनी शाम 4:30 बजे जारी की गई है और शाम 7:30 बजे तक प्रभावी रहेगी.

आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष ने की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पर अपमानजनक टिप्पणी, बताया ‘बीजेपी की रबर स्टाम्प’

रायपुर- देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर द्रोपदी मुर्मू की नियुक्ति ने कांग्रेस नेताओं को गहराई तक चोट पहुंचाई है, जिसका दर्द समय-समय पर सामने आते रहता है. ताजा विवाद आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने खड़ा है, जिन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को भाजपा का रबर स्टाम्प बताया है. 

आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया आज से पांच दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. प्रदेश में आगमन पर मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने बीजेपी में आदिवासी नेताओं की स्थिति को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी का रबर स्टाम्प बता दिया. उन्होंने कहा बीजेपी का जो रबर स्टाम्प होता है, उसी को पार्टी आदिवासी चेहरा बनाते हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू मणिपुर में आदिवासियों के नरसंहार पर एक शब्द नहीं बोलतीं. छत्तीसगढ़ में एट्रोसिटीज़ होने पर कुछ नहीं बोलतीं.

इसके साथ विक्रांत भूरिया ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को निशाने में लेकर कहा कि जैसे ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री आए, सबसे पहले हसदेव जंगल काटा गया. अब तक एक लाख पेड़ कट चुके हैं, दो लाख और काटेंगे. इससे साफ होता है कि जो बीजेपी के पीछे-पीछे बोलते हैं, उनके सुर में सुर मिलाते हैं, उन्हीं को ये आगे बढ़ाते हैं. संघर्ष करने वाले आदिवासियों की बीजेपी में कोई जगह नहीं है.

बता दें कि कांग्रेस के अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से पीसीसी चीफ दीपक बैज के साथ आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया पांच दिवसीय शिविर के लिए छत्तीसगढ़ पहुँचे हैं.

संघ के पूर्व प्रचारक नंदकिशोर शुक्ल राज्य सरकार से नाराज, कहा- छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी के साथ हो रहा छल, नई शिक्षा नीति के विपरीत काम

रायपुर- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कई दशकों तक प्रचारक रहे नंदकिशोर शुक्ल भयंकर गुस्से में हैं. शुक्ल राज्य में नई शिक्षा नीति के विपरीत काम होने से सरकार से नाराज हो गए हैं. शुक्ल ने अपनी नाराजगी खुले तौर पर सोशल मीडिया में जाहिर कर दी है. वहीं उन्होंने सरकार की ओर से उचित कदम नहीं उठाए जाने पर आगामी दिनों में सड़क पर उतरकर बड़े आंदोलन करने की चेतावनी भी दे दी है.

दरअसल शुक्ल की नाराजगी छत्तीसगढ़ में दूभाषी फार्मूले में मातृभाषा की पढ़ाई कराए जाने पर है. उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा है पढ़िए-

“बुनियादी सिक्छा मँ जउन परयोग देस मँ अउ कहूँ नइ होवय वो परयोग छत्तीसगढ़ मँ करे जात हे ! १ली-२री कक्छा के भासा-बिसय ला दूभासी–‘५०% छत्तीसगढ़ी अउ ५०% हिन्दी’– मिंझराभासा बिसय के रूप मँ पढ़ाय के परयोग करे गे हे ! अइसनहा घातक परयोग छत्तीसगढ़ मँ काबर ? काबरके ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया नइ, सबसे घटिया’ हे, जउन ह अपन महतारी-भासा ला माधियम भासा के रूप मँ पढ़ना तो जाय देवा; ओला एक ठी अलगा भासा-बिसय के रूप मँ भी पढ़ना नइ चाहय, मिंझरेच्च-भासा के रूप मँ पढ़ना बरदास्त करत हे तेखरसेती ? एके ठी पोथी मँ भासा-बिसय के एके ठी पीरियड मँ दू-दू ठी भासा पढ़ाना छत्तीसगढ़िया पिलवा- बच्चामन के साथ मानसिक बरबरता नोहय त अउ काय ए ? देस मँ अउ कोनो राज्य के का, दुनियाभर के अउ कोनो देस के लइकामन अइसनहा दू-भासी माध्यम मँ अपन महतारीभासा ला पढ़त होहीं का ?”

शुक्ल का कहना है कि छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी के साथ साजिश के तहत काम हो रहा है. छत्तीसगढ़ीभाषियों के प्रभाव को कम करने, उन पर राज करते रहने की दृष्टि से छलपूर्वक काम हो रहा है. गैर छत्तीसगढ़ीभाषी सरकारी अधिकारी राज्य की मातृभाषाओं को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. राज्य में इस छल-कपट की नीति से एक बड़े विद्रोह जन्म ले सकता है.

मुख्मंत्री को गुमराह करने की कोशिश कर रहे अधिकारी

उन्होंने यह भी कहा कि मातृभाषा को माध्यम भाषा बनाकर पहलीं से पांचवीं तक अनिवार्य रूप शिक्षा देने का निर्णय मोदी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत किया है. इस नीति को राज्य में मोदी की गारंटी भी कहा गया है. बावजूद इसके छत्तीसगढ़ में सरकार इस गारंटी को पूर्णरूपेण पालन करा पाने में अब तक नाकाम रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एक भोले-भाले आदिवासी मुख्यमंत्री को गुमराह करने की कोशिश राज्य के अधिकारी और सरकारी सिस्टम की ओर से किया जा रहा है. यही वजह कि छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति के मूल उद्देश्यों को अभी तक लागू नहीं किया गया है.

30 वर्षों से छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई-लिखाई के लिए संघर्ष कर रहे शुक्ल

शुक्ल ने यह भी कहा कि उन्होंने मातृभाषा के साथ हो रहे छल, नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत तक अपनी बात विभिन्न माध्यमों से पहुँचाने का उपक्रम किया है. गौरतलब है कि नंदकिशोर शुक्ल छत्तीसगढ़ में बीते 30 वर्षों से छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार-प्रसार और पढ़ाई-लिखाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वे छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के संरक्षक हैं. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर 2007 में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा दिलाने और छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग बनवाने में अहम भूमिका निभाई है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अगुवाई में बेहतर हो रहीं है स्वास्थ्य सुविधाएं

रायपुर-  हर्ष, 8 वर्षीय एक बालक, बचपन से ही एक जुझारू योद्धा रहा है। उसकी चिकित्सकीय यात्रा महज दो वर्ष की आयु में शुरू हुई, जब उसे हिर्शस्प्रंग डिजीज के संदेह में डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल, रायपुर में भर्ती किया गया। हालांकि, बायोप्सी रिपोर्ट में यह बीमारी नहीं पाई गई। मेगाकोलन के कारण उसकी कोलोस्टॉमी की गई और फिर उसे छुट्टी दे दी गई।

समय बीतता गया और हर्ष को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वह एक बार फिर अस्पताल लौटा, इस बार पैरालिसिस (पैरापेरेसिस) और न्यूरोजेनिक ब्लैडर की समस्या के साथ, जिससे उसका दैनिक जीवन अत्यंत कठिन हो गया था। पीडियाट्रिक और न्यूरोसर्जरी टीमों ने मिलकर कार्य किया और एमआरआई जांच में उसकी रीढ़ में एक एपिडमॉइड सिस्ट का पता चला। सर्जरी टीम ने सफलतापूर्वक इस सिस्ट को निकाल दिया और उसे नया जीवनदान मिला लेकिन उसकी सबसे कठिन परीक्षा अभी बाकी थी। हर्ष को एक बार फिर, इस बार गंभीर स्थिति में, पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती कराया गया। वह तीव्र मेटाबॉलिक एसिडोसिस और श्वसन विफलता के साथ आया। जिसके चलते तुरंत इंटुबेशन करना पड़ा। अनुभवी पीडियाट्रिशियन और इंटेंसिविस्ट्स के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने उसे स्थिर करने के लिए दिन-रात मेहनत की। गहन जांच के बाद, उसके पुराने यूरीन इंफेक्शन्स (जो कि न्यूरोजेनिक ब्लैडर के कारण हुए) से उत्पन्न क्रॉनिक किडनी डिजीज की पुष्टि हुई।

लगातार निगरानी, गहन उपचार और अद्वितीय समर्पण के साथ, अस्पताल के स्टाफ ने हर्ष को मृत्यु के कगार से वापस खींच लिया। जैसे-जैसे वह धीरे-धीरे ठीक होने लगा और अंततः वेंटिलेटर से हटाया गया, वह क्षण हर्ष और पूरी टीम के लिए एक बड़ी जीत थी।

एक लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा के बाद, हर्ष को छुट्टी दी गई एक नए उत्साह और ताकत के साथ जीवन को आगे बढ़ाने के लिए। उसकी यह रिकवरी डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल, रायपुर में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा, टीमवर्क और अथक प्रयासों का सजीव प्रमाण है। जब हर दिशा में अंधकार था, तब डॉक्टरों ने आशा की रौशनी दी। डॉ. ओंकार खंडवाल, डॉ. पी. बेक, डॉ. माधवी साओ, डॉ. आकाश लालवानी, डॉ. समरीन यूसुफ, डॉ. ओनम तुरकाने, डॉ. नव्या बंसल, डॉ. राजा जैन, डॉ. आकांक्षा, डॉ. नंदिनी और डॉ. ऐश्वर्या के अथक प्रयासों, सेवा भावना, समर्पण और टीमवर्क ने असंभव को संभव किया।

यह सफलता केवल हर्ष की नहीं है यह उन जूनियर और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों, कंसल्टेंट्स और मेडिकल स्टाफ की कहानी है, जिनके समर्पण ने एक बच्चे की संघर्षगाथा को आशा और विजय की कहानी में बदल दिया। समर्पित डॉक्टरों और स्टाफ की बदौलत हर्ष ने मौत को मात दी और जीवन की नई शुरुआत की। यह सिर्फ एक इलाज नहीं, एक चमत्कार है।