जन्म प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे लोग बच्चों का एडमिशन रूका
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खजनी गोरखपुर।दिनोंदिन आॅनलाइन होते सिस्टम ने आमजन की परेशानियों को बढ़ा दिया है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग जिन्हें समय पर आवश्यक दस्तावेजों को जुटाने की जानकारी नहीं है। सरकार के आॅनलाइन सिस्टम के दावे केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गए हैं। कोरोना काल बीतने के बाद से ही आॅनलाइन व्यवस्थाओं में तेजी आ गई, सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के लिए आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। पहले अभिभावकों द्वारा एडमिशन के लिए दिए जाने वाले दस्तावेजों को ही मान्य कर लिया जाता था, लेकिन समय के साथ बदलते परिवेश और आॅनलाइन होते डाटा के कारण सभी दस्तावेज एक साथ और एक जैसे होना अनिवार्य कर दिया गया है।
जिससे हर बच्चे की अलग प्रोफाइल तैयार की जा रही है,जो कि स्कूलों में एडमिशन के लिए जरूरी है। लेकिन ज्यादातर बच्चों के दस्तावेजों में कमी होने के कारण उनकी प्रोफाइल नहीं बन नहीं पा रही है, जिसका मुख्य कारण बच्चों की जन्म दिनांक, जाति प्रमाण-पत्र या आधार कार्ड हैं। जन्म प्रमाणपत्र के बिना बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं,जन्म प्रमाणपत्र या जाति प्रमाण-पत्र यदि पुराने बने हुए हैं और उनमें दर्ज जन्म दिनांक गलत दर्ज है या फिर दर्ज ही नहीं हैं तो स्कूल रिकार्ड में जन्म दिनांक का सुधार कराना जरूरी है। उसके लिए बच्चे का जन्म प्रमाण-पत्र होना आवश्यक है। इसके न होने पर आॅनलाइन आवेदन देकर जन्म प्रमाण-पत्र बनावाए जा रहे हैं, लेकिन जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए बच्चों के स्वजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र सीआरएफ पोर्टल से ग्रामसभा में आशाओं, खण्ड विकास कार्यालय में ग्रामसभा सचिव और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बनाने की व्यवस्था की गई है। जिन बच्चों का जन्म सामान्य प्रसव में उनके घरों में हुआ है उन्हें प्रमाणित करने में नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं।
सरकारी दस्तावेजों में जन्म प्रमाण-पत्र के लिए हाईस्कूल (10वीं) की अंक सूची मान्य की गई है। जो कि ग्रामीण क्षेत्र के कम और अशिक्षित लोगों के पास नहीं है तथा उन छोटे बच्चों के पास भी नहीं जो अभी 10 वीं तक पहुंचे ही नहीं है।
जन्म प्रमाण-पत्र के लिए तथा आम जनता की समस्याओं को उठाने वाले जनप्रतिनिधि भी क्षेत्र से गायब हैं।
वर्षों पुराने जन्म प्रमाण-पत्र नहीं बन पाने के कारण बड़ी जनसमस्या खड़ी हो गई है।
जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए लोग ब्लॉक मुख्यालय, तहसील, जनसेवा केन्द्रों और ग्रामप्रधानों के पास चक्कर लगा रहे हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष राजेश पांडेय ने बताया कि जन्मप्रमाण न होने से बच्चो का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है, जिससे नई कक्षाओं में उनका एडमिशन रूका हुआ है। जन सेवा केन्द्र चलाने वाले श्रवण शेखर तिवारी और अयोध्या शुक्ला ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में आॅनलाइन आवेदन करने के बाद लोग जन्म प्रमाणपत्र के लिए भटक रहे हैं, बच्चे के जन्म के 21 दिन के भीतर आॅनलाइन आवेदन करने के बाद प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। 21 दिन बाद ब्लॉक और तहसील मुख्यालय से प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।
क्षेत्र के जवाहिर साहनी,मोनू, विरेंद्र, रामबुझावन, हंसमुख, सुदर्शन, रामचरन, लवकुश,
महेश, राजवीर, कुंदन सिंह, बलवीर आदि दर्जनों लोगों ने बताया कि जन्मप्रमाण बनाने के लिए चक्कर लगा कर परेशान हो चुके हैं। जन्म प्रमाणपत्र न होने से बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, जिससे स्कूल में दाखिला नहीं हो रहा है।
Apr 08 2025, 17:21