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शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक


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शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद बनाने के मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के अतिरिक्त पद बनाने के राज्य सरकार के 2022 के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।

 

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया। दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था। कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट शिक्षक भर्ती को रद्द कर चुका है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था।

सोमवार को इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उनके लिए अन्याय है जो काबिल हैं। सीएम ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं है। मुझे ऐसा कहने के लिए वे जेल में भी डाल सकते हैं। वहीं इस मामले में शिक्षकों ने कहा कि घोटाल में सीएम, उनका मंत्रिमंडल और आयोग भी शामिल हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है। सीएम ने आज हमें लॉलीपॉप दिया है। वहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ जल्द ही समीक्षा याचिका दायर कर सकती है।

64 साल बाद गुजरात में अधिवेशन कर रही कांग्रेस, क्या निकालेगा जीत का रास्ता?


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कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से अहमदाबाद में शुरू हो रहा है। यह दो दिन (8 और 9 अप्रैल) चलेगा। गुजरात में 64 साल बाद पार्टी यह कार्यक्रम कर रही है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था।ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस ने गुजरात में अधिवेशन आयोजित करने का फ़ैसला क्यों किया? क्या इससे पार्टी को कोई बड़ा फ़ायदा होगा? 

2014 के बाद से लोकसभा के तीन चुनावों और अधिकांश राज्यों के विधानसभा चुनावों में एक के बाद एक हार ने कांग्रेस के आत्मविश्वास को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में कांग्रेस का दो-दिवसीय अहमदाबाद अधिवेशन पार्टी के भविष्य की रणनीति तय करेगा। हालिया चुनावी हार के बाद कांग्रेस संगठनात्मक सुधारों और आगामी चुनावों के लिए एक नए राजनीतिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करेगी। अगले दो दिन तक कांग्रेस के दिग्गज नेता राष्ट्रीय राजनीति की चुनौतियों पर चिंतन और मंथन करेंगे। इसके साथ ही कई प्रमुख मुद्दों पर पार्टी का रुख तय कर भविष्य का रोड मैप तैयार किया जाएगा।

गुजरात में पिछले छह दशकों में कांग्रेस पूरी तरह से बदल गई है और बेहद कमज़ोर हो गई है। ऐसे में अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना है। इस अधिवेशन से कार्यकर्ताओं में यह संदेश जाएगा कि अब पार्टी गुजरात में सक्रिय हो गई है और पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व गुजरात में दिलचस्पी रखता है। 

कांग्रेस का अहमदाबाद अधिवेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि 2027 के गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसका लक्ष्य भाजपा को चुनौती देना और कांग्रेस की स्थिति मजबूत करना है। छह दशक के बाद दोबारा फिर से गुजरात के अहमदाबाद से जीत का मंत्र तलाशने की कवायद की जाएगी। अहमदाबाद पूर्ण अधिवेशन से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दोनों पार्टी की कमियों पर बहुत साफगोई से बात कर चुके हैं और कहा है कि साल 2025 संगठन का साल होगा।

गुजरात में साल का यह पूर्ण अधिवेशन हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस को संगठन के नए लोगों के साथ जाना चाहिए था, लेकिन ज्यादातर पदाधिकारी पुराने हैं। बिहार में ही बदलाव हुआ है और यूपी के जिलाध्यक्ष बदले गए हैं। हालांकि, कांग्रेस बिहार से एक नई शुरुआत कर दी है और अपना संगठन जमीन से मजबूत करने की कवायद में है। कांग्रेस नेतृत्व ने अपने सभी जिला अध्यक्ष के साथ बैठक कर उनके मन की बात को जानना चाही है। पार्टी नेतृत्व अधिवेशन में आए कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाना होगा कि संगठन में बड़े बदलाव का वह इस बार सिर्फ वादा नहीं कर रहा है बल्कि इस पर अमल किया जाना है।

कांग्रेस ने जिस तरह से बिहार में कुछ ही महीनों में अपना संगठन चुस्त दुरुस्त कर दिया है वैसा ही संकल्प उसने देश भर में अपने संगठन के लिए लिया है। सूत्रों ने कहा कि पार्टी अपने संगठनात्मक कायाकल्प के बारे में कई घोषणाएं कर सकती है, जिसमें जिला कांग्रेस अध्यक्षों को अधिक अधिकार देना और जवाबदेही सुनिश्चित करना शामिल है। माना जा रहा है कि कांग्रेस चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में जिला अध्यक्ष की भूमिका को भी शामिल करने का फैसला कर सकती है। कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की कवायद के लिए कई अहम प्रस्ताव लाए जा सकते हैं। इस तरह से कांग्रेस का जोर संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने का रह सकता है।

पंजाब में बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर ग्रेनेड अटैक, थाने से 100 मीटर की दूरी पर वारदात

#blast_outside_residence_of_bjp_leader_manoranjan_kalia

पंजाब के जालंधर में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर के बाहर विस्फोट हुआ है। घटना के वक्त पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया अपने घर के अंदर सो रहे थे। उनके अन्य पारिवारिक सदस्य भी घर के अंदर ही थे।धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद से ही इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। 

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, जालंधर में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर के बाहर धमाका हुआ है। यह घटना जालंधर में शास्त्री मार्केट चौक की है। सोमवार रात करीब 12:30 से 1:00 के बीच भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर पर धमाका हुआ। मनोरंजन कालिया का घर थाना नंबर 3 से 100 मीटर की दूरी पर ही स्थित है, जहां पर वारदात को अंजाम दिया गया।

धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। सीसीटीवी की जांच की गई तो सामने आया कि एक आरोपी ने ई-रिक्शा से उतर कर हैंड-ग्रेनेड का लीवर निकालकर पूर्व मंत्री के घर के अंदर फेंका। जिसके बाद जोरदार ब्लास्ट हो गया।

भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने बताया कि रात करीब एक बजे धमाका हुआ। मैं सो रहा था, और मुझे लगा कि यह गड़गड़ाहट की आवाज है, बाद में मुझे बताया गया कि विस्फोट हुआ है, इसके बाद मैंने अपने गनमैन को पुलिस स्टेशन भेजा। सीसीटीवी की जांच की गई। सीसीटीवी की जांच में पता चला कि एक शख्स ई-रिक्शा से आया, उसने हैंड-ग्रेनेड का लीवर निकाला और पूर्व मंत्री के घर में फेंक दिया। जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ।

पूर्व मंत्री के घर पर हुए हमले के बाद सरकार और प्रशासन पर भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया के घर पर विस्फोटक फेंके जाने के मामले को लेकर पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और सुखबीर बादल ने एक्स पोस्ट के माध्यम से इस घटना को गंभीर बताया है और बतौर मुख्यमंत्री और गृह विभाग संभाल रहे भगवंत मान को असफल बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर” टैफिक को लेकर भड़के चीन ने चेताया, ट्रेड वॉर की बढ़ी आशंका


#americaisblackmailingchinathreatens

दुनिया की दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी है। मंगलवार को चीन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका में आयातित सभी चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 34% टैरिफ की घोषणा की। मौजूदा टैरिफ लागू होने पर अमेरिका में सभी चीनी आयातों पर शुल्क 54% से अधिक हो जाएगा। जवाब में शुक्रवार को बीजिंग ने सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ का एलान कर दिया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अमेरिका का चीन पर तथाकथित पारस्परिक टैरिफ लगाना पूरी तरह से गलत है। यह एकतरफा दादागीरी है। चीन ने पहले भी जवाबी टैरिफ लगाए हैं। मंत्रालय ने संकेत दिया कि और भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं।

“अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर”

मंत्रालय के मुताबिक, चीन के प्रतिक्रियात्मक उपाय उसकी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने के लिए हैं। यह सामान्य अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य उठाए गए पूरी तरह से वैध उपाय हैं। इसके अलावा चीन पर टैरिफ बढ़ाने की अमेरिकी धमकी एक गलती के ऊपर की गई एक और गलती है। इससे एक बार फिर अमेरिका का ब्लैकमेलिंग वाला व्यवहार उजागर हो गया है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने तरीके पर अड़ा रहा, तो चीन अंत तक लड़ेगा।

ट्रेड वॉर गहराने की आशंका की चिंता

चीन ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब ट्रंप द्वारा चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की सोमवार को धमकी दिए जाने के बाद से यह चिंता बढ़ गई है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्संतुलित करने का उनका प्रयास आर्थिक रूप से विनाशकारी व्यापार युद्ध के खतरे को और बढ़ा सकता है।

ट्रंप ने दी धमकी

इससे पहले, ट्रंप ने सोमवार को चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। ट्रंप की धमकी तब आई जब चीन ने कहा कि वह अमेरिका द्वारा पिछले सप्ताह घोषित टैरिफ का जवाब देगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘अगर चीन आठ अप्रैल 2025 तक अपने पहले से ही दीर्घकालिक व्यापार दुरुपयोगों से ऊपर 34 प्रतिशत की वृद्धि को वापस नहीं लेता है तो हम चीन पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाएंगे जो नौ अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा।

तबाही के बाद शेयर मार्केट में लौटी रौनक, सेंसेक्स 1100 अंक चढ़ा, निफ्टी भी उछला


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शेयर मार्केट में रौनक लौट आई है। सेंसेक्स 1100 अंक बढ़ा है तो निफ्टी 22 हजार 500 अंक पर खुला है।आज मंगलवार को मार्केट में आई बढ़त ने निवेशकों को मुस्कुराने का मौका दे दिया। शेयर मार्केट में यह तेजी एशियाई बाजार में बढ़त के कारण आई है।इससे पहले सोमवार को मार्केट बुरी तरह से धड़ाम हुआ था।

शेयर बाजार में सोमवार के दिन भयंकर बिकवाली के बाद आज यानी मंगलवार को मार्केट में उछाल देखने को मिला। दलाल स्ट्रीट पर सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 29 में तेजी दिखी।मंगलवार को सेंसेक्स 1175.90 की बढ़त के साथ 74,313.80 अंक पर खुला। वहीं निफ्टी में भी तेजी आई। यह 390 अंक से ज्यादा के साथ 22,446.75 पर खुला। इससे पहले सोमवार को मार्केट में सेंसेक्स 2226.79 अंकों की गिरावट के साथ 73137.90 पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में भी 900 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई थी। लेकिन मंगलवार को आई तेजी ने निवेशकों के डर को काफी हद तक दूर किया।

इससे पहले वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंता और अमेरिका में मंदी की बढ़ती आशंकाओं के बीच सोमवार को पूरी दुनिया के शेयर बाजार में भारी बिकवाली दिखी थी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा था और सेंसेक्स व निफ्टी जैसे प्रमुख सूचकांक बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे। इस दौरान 30 शेयरों के बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स में बीते10 महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी।

इस दौरान एशियाई बाजारों में बढ़ोतरी देखी गई। जापान का निक्केई 225 शेयर सूचकांक एक दिन पहले 8 प्रतिशत गिरा, लेकिन मंगलवार को इसमें 5.5 प्रतिशत की तेजी देखी गई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में भी 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी तेजी देखी गई।

शेयर बाजार में मचा कोहराम, तो कांग्रेस ने साधा पीएम पर निशाना

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जवाबी टैरिफ के बाद शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। दुनियाभर के मार्केट के साथ भारत के भी शेयर मार्केट में गिरावट देखने को मिली है। शेयर बाजार में आई गिरावट को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने में माहिर हैं।

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ट्रंप का नाम लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने ने सोमवार को एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, ट्रंप ने भ्रम का पर्दाफाश कर दिया है। अब सच्चाई सामने आ रही है। पीएम मोदी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। भारत को सच्चाई स्वीकार करनी होगी। हमारे पास एक मजबूत, उत्पादन-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जो सभी भारतीयों के लिए काम करे।

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद सत्र के दौरान बीते गुरुवार को टैरिफ का मुद्दा उठाया था। उन्होंने अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ को लेकर सरकार से सवाल किया था कि वह इस मुद्दे पर क्या करने जा रही है। उन्होंने कहा था कि हमारे साझेदार देश अमेरिका ने 26 फीसदी टैरिफ लगा दिया है जो हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा, हमारा ऑटो उद्योग, दवा उद्योग और कृषि सभी कतार में हैं। सरकार को बताना चाहिए कि वह क्या करने जा रही है।

जयराम रमेश ने भी बोला हमला

इधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद को अच्छे दोस्त बताते हैं। दोनों ही अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खुद ही नुकसान पहुंचाने में माहिर हैं। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी। 2 अप्रैल 2025 को विचित्र जवाबी टैरिफ लगाए हैं। बाजार टैरिफ लगाने के तरीके पर पूर्वानुमानित प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

शेयर बाजार में भारी गिरावट

डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ से उपजी आशंकाओं और अमेरिकी बाजार की रिकॉर्ड गिरावट के बाद घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट हुई। सेंसेक्स और निफ्टी में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 3,939.68 अंक यानी 5.22 फीसदी गिरकर 71,425.01 अंक पर खुला, जबकि निफ्टी 1,160.8 अंक यानी 5.06 फीसदी गिरकर 21,743.65 अंक पर आ गया।

सेंसेक्स की सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। टाटा स्टील में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, उसके बाद टाटा मोटर्स में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और रिलायंस इंडस्ट्रीज अन्य बड़ी गिरावट वाले शेयर रहे।

भारत में वक्फ संशोधन कानून पर मचा बवाल, जानें पाकिस्तान की क्या है राय

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हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया। जिसके बाद केन्द्र की मोदी सरकार ने इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। इस बिल पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसके बाद यह कानून बन चुका है। संसद से पास होने के पहले और बाद में इस विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। वक्फ बिल को लेकर बहस सिर्फ भारत में ही नहीं चली, बल्कि पड़ोसी पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है।

पाकिस्तान मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में भारत के वक्फ बिल को लकेर खूब चर्चा है। पाकिस्तान के अखबार द डॉन ने एक लेख में लिखा कि मोदी सरकार ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए नया विधेयक पास किया है।इस बार सरकार की नजरें मुस्लिम वक्फ बोर्ड्स के पारंपरिक स्वामित्व और प्रबंध वाली जमीन पर है। वैसे इस विधेयक को पास किए जाने का मकसद वक्फ की संपत्तियों में प्रशासन और प्रबंधन की दक्षता को बढ़ाना बताया गया है। जबकि, विपक्ष का कहना है कि यह जमीन हड़पने का तरीका है। लेख के अनुसार, मोदी सरकार शुरुआत से ही भारत में अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है।. इनमें सबसे बड़ा समुदाय मुस्लिम है। अखबार ने लिखा है कि सिख, ईसाई और दलितों के मामले में ये पक्षपात एक जैसा लगता है, लेकिन मुसलमानों को निशाना बनाने के मामले में यह ज़्यादा रणनीतिक नजर आ रहा है। ऐसा लगता है कि सरकार खुद सीधे तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाने में शामिल हो गई है।

वहीं, दूसरी ओर आमतौर पर भारतीय नीतियों की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक और सुरक्षा मामलों के जानकार कमर चीमा ने इस कानून की सार्वजनिक रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर भारत का फैसला सही है। कमर चीमा ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर दरगाह पर लोग अवैध कब्जा करके रखते हैं, इसलिए इस तरह की चीजों पर कंट्रोल करना जरूरी है। ऐसी स्थिति पाकिस्तान में भी है, जहां लोग मस्जिदों पर कब्जा कर लेते हैं। मुझे लगता है कि दरगाह वाले सोचते हैं कि हम अपने मन-मुताबिक काम करें। दरगाह के लोग पाकिस्तान में रहकर करप्शन करते हैं।

मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं-कमर चीमा

कमर चीमा ने कहा कि मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण एक आवश्यक और सकारात्मक कदम है। अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए जो प्रावधान लाए गए हैं, वो जरूरी हैं। मस्जिदों और दरगाहों के संचालन में पारदर्शिता जरूरी है ताकि उनका गलत इस्तेमाल रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय को खुद आगे आकर इन सुधारों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह समाज के दीर्घकालिक हित में है। उन्होंने कहा कि सभी को रिफॉर्म पर ध्यान देना चाहिए। मेरा सवाल है अगर वक्फ वाले इतने दिन से सुधार नहीं कर पाए तो गलती किसकी है। इसलिए रिफॉर्म जरूरी है।

अपने देश पाकिस्तान का दिया उदाहरण

चीमा ने पाकिस्तान का उदाहरण दिया और बताया कि बहुत सारे मुस्लिम धार्मिक संस्थान सरकार के अंदर जाने से बचाने के लिए सारी जुगत लगाते हैं। इससे यहां आने वाले पैसे पर उनका कंट्रोल बना रहता है और लूट चलती रहती है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या मुसलमानों को धार्मिक संस्थाओं में भ्रष्टाचार करना सही बात है? वक्फ के नाम पर बहुत सारे फर्जी दावे कर दिए जाते हैं। ये कहां तक सही है? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पास बहुमत है और वे जो करना चाहेंगे, करेंगे। ये हर सरकार का हक है। आप कुछ नहीं कर सकते।

घरेलू रसोई गैस हुई महंगी, उज्ज्वला योजना वाले सिलेंडर के भी दाम बढ़े, जानें नई कीमत

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घरेलू गैस सिलेंडर 50 रुपए महंगा हो गया है। केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 50 की बढ़ोतरी का ऐलान किया। आज यानी, सोमवार 7 अप्रैल को पेट्रोल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि उज्ज्वला और सामान्य श्रेणी के ग्राहकों दोनों के लिए गैस की कीमत में इजाफा किया गया है। नई कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी। दाम बढ़ने के बाद कीमत 853 रुपए हो जाएगी। वहीं उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के गैस सिलेंडर की कीमत 500 से बढ़कर 550 रुपए हो जाएगी।

आपको बता दें कि घेरलू गैस की कीमतों में अगस्त 2024 के बाद यह पहला बदलाव है। इससे पहले 1 अप्रैल को ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी की कीमतों को 41 रुपये घटा दिया था। दिल्ली में अभी कर्मशियल एलपीजी की कीमत 1762 रुपये है।

पुरी ने कहा, आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी की बात करें तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी

केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर दिया है। वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। नए बदलाव 8 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे। हालांकि, इससे आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा। पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को खुदरा पेट्रोल-डीजल का रेट नहीं बढ़ाने की हिदायत दे दी गई है।

महानगरों में एलपीजी की कीमत

दिल्ली में अभी तक गैस सिलेंडर 803 रुपये का था जो अब बढ़कर 853 रुपये का हो जाएगा। कोलकाता में घरेलू एलपीजी की कीमत 829 रुपये से बढ़कर 879 रुपये हो जाएगी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में घरेलू कुकिंग गैस की कीमत 802.50 रुपये बढ़कर 852.50 रुपये हो जाएगी। वहीं, चेन्नई में जो गैस अभी तक 818.50 रुपये की थी अब वब 868.50 रुपये की हो जाएगी।

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का भारत विरोधी एजेंडा, चीन को दिया बड़ा ऑफर, कोलकाता के बगल में...

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बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए जिसमें भारत का विरोध झलका। सत्ता संभालने के बाद यूनुस के फैसले बांग्लादेश को चीन और पाकिस्तान के करीब लाते हैं, जबकि भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती है। पहले पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान यूनुस ने भारत के खिलाफ चीन को “चारा” देने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया जारी है। बिमस्टेक समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी यूनुस सरकार ने चीन और पाकिस्तान को रणनीतिक जगहों पर अहम प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं। इनमें एक पोर्ट और एक एयरबेस शामिल है। अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन को बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने का न्योता दे डाला।

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक दस्तावेजों में तो इस एयरबेस का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस ने जब पिछले दिनों बीजिंग की यात्रा की थी तो उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ इस एयरबेस को लेकर बात की थी।

कोलकाता से सिर्फ 200 किमी पोर्ट की जिम्मेदारी चीन को

बांग्लादेश में शेख हसीना (सरकार के सत्ता से बाहर होने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव देखने को मिला है। इस बीच नई सरकार ने चीन से घनिष्ठ संबंध बनाने के संकेत दिए हैं। हाल ही में बिजिंग के दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरान बांग्लादेश ने भारत के कोलकाता से सिर्फ 200 किमी दूर मोंगला पोर्ट के विस्तार की जिम्मेदारी चीन को दी है। यूनुस की हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान इस डील पर मुहर लगी थी। चीन ने इस पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपए) देने का वादा किया है।

चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया

वहीं, बांग्लादेशी सरकार लालमोनिरहाट जिले में एक सैन्य एयरबेस बना रही है, जो भारत के 'चिकन नेक' यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 120 किमी दूर है। मोहम्मद यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया। सूत्रों के मुताबिक इसी साल अक्टूबर तक एयरबेस का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। वहीं एक पाकिस्तानी कंपनी एयरबेस निर्माण में सहयोग करेगी। बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहउद्दीन शोएब चौधरी ने एक वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में यह दावा किया।

चिकन नेक को लेकर यूनुस का बयान भी अहम

मोहम्मद यूनुस ने चीन जाकर 'चिकन नेक' को लेकर जो बयान दिया था, जिसे भारत की ओर से भड़काऊ बताया गया था यूनुस ने कहा था, 'भारत के सात, राज्य भारत के पूर्वी हिस्से...जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ये भारत के लैंडलॉक्ड इलाके हैं। समुद्र तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं। इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं। यह चीनी इकनॉमी के लिए मौका हो सकता है।

चिकन नेक क्या है?

चिकन नेक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। चिकन नेक, पश्चिम बंगाल में भारत का वह 22 से 25 किलोमीटर चौड़ा गलियारा है जो पूरे पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल और भूटान तथा बांग्लादेश से घिरा हुआ है। यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में नेपाल और उत्तर में भूटान के समीप स्थित है। सिक्किम और भूटान के बीच चुम्बी घाटी तिब्बती क्षेत्र स्थित है। डोलम पठार या डोकलाम ट्राइबाउंड्री क्षेत्र का दक्षिणी छोर गलियारे में ढलान पर है। सबसे संकरी जगह पर, गलियारा आम तौर पर पूर्व में मेची नदी द्वारा निर्मित होता है; नेपाल का भद्रपुर नदी के तट पर स्थित है। आगे उत्तर में मेची ब्रिज मेचीनगर को जोड़ता है। इसकी सबसे पतली चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है।

चिकन नेक पर चीन की नजर?

इस रूट की कोई भी नाकाबंदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से काट सकती है। इसे काटना मतलब 7 राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना है। लिहाजा बांग्लादेश को चीन को एयरबेस बनाने का न्योता देना भारत के खिलाफ न सिर्फ भौगोलिक, बल्कि सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक लड़ाई की शुरूआत है। ऐसे में अगर इस कॉरिडोर से कुछ किलोमीटर दूर चीन को एयरबेस बनाने की छूट मिल जाती है, तो क्या वह इस जगह की सेंसेटिविटी का फायदा नहीं उठाएगा? यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने खुले तौर पर चीन को ‘बांग्लादेश में निवेश’ का न्योता दिया है और यह भी कहा कि वह सैन्य उपयोग की संभावनाओं से इनकार नहीं करते।

सरकार ने दिया महंगाई का झटका, पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाया टैक्स, जानें कितने बढ़े दाम

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पेट्रोल-डीजल पर सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है।सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दी है। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम 2 रुपए बढ़ जाएंगे। नए दाम आज रात 12 बजे से ही लागू होंगे।

अभी सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल पर 21.90 रुपए लीटर और डीजल पर 17.80 रुपए लीटर ड्यूटी लगेगी।

दरअसल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम कम हुए हैं, जिसको देखते हुए सरकार ने पेट्रोलियम कंपनी जैसे भारत पेट्रोलियम, रिलायंस और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को प्रति लीटर 2 रुपए बढ़ा दिया है। अब देखना होगा कि देश की ऑयल कंपनी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ा दी है या फिर वर्तमान में जो रेट हैं, उसी कीमत पर लोगों को पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति करती रहती हैं।