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धान खरीदी केंद्र में 1.57 करोड़ का घोटाला, सहायक समिति प्रबंधक समेत 6 पर FIR दर्ज

सारंगढ़- सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सेवा सहकारी समिति बोहराबहाल धान उपार्जन केंद्र में करोड़ों रुपये के घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है. जांच में खुलासा हुआ है कि केंद्र में 1 करोड़ 57 लाख 21 हजार 960 रुपये का गबन किया गया है. इस मामले में समिति से जुड़े छह कर्मचारियों के खिलाफ कनकबीरा पुलिस ने गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है.

आरोपियों में सहायक समिति प्रबंधक निराकर पटेल, फड़ प्रभारी निलाम्बर पटेल, बारदाना प्रभारी दिलेश्वर पटेल, धान आवक-जावक प्रभारी दिलेश विश्वकर्मा, कंप्यूटर ऑपरेटर शिवकुमार पटेल और प्राधिकृत अधिकारी टीकाराम पटेल शामिल हैं. सभी के खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3, 5, 306(5), 318(4) के तहत मामला दर्ज किया है.

जांच में पाया गया कि धान खरीदी पंजी और विभागीय वेबसाइट की जानकारी में भारी अंतर है. 85 किसानों के नाम पर 4633.60 क्विंटल फर्जी धान खरीदी दर्शाई गई. इसके अलावा 5071.60 क्विंटल धान की कमी भी सामने आई, जिसका मूल्य 1.57 करोड़ रुपये आंका गया है. संपूर्ण मामले में स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा किया. बोहराबहाल उपार्जन केन्द्र में धान आवक पंजी में बोगस प्रविष्टियां कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. फिलहाल पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है और आगे की कार्रवाई जारी है.

छत्तीसगढ़ के 5 विकासखंड भू-जल संकट की चपेट में, 21 अर्धसंकटकालीन श्रेणी में शामिल, जल संसाधन विभाग ने कलेक्टरों को जारी किया पत्र

रायपुर- प्रदेश में भू-जल सर्वेक्षण एवं दोहन पर सतत निगरानी रखते हुए भू-जल संवर्धन के लिए आवश्यक संरचनाओं का निर्माण मनरेगा, जिला खनिज न्यास मद एवं आपदा प्रबंधन कोष आदि के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. जारी आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र जारी किया गया है.

पत्र में क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भारत सरकार, जल शक्ति मंत्रालय, द्वारा तैयार की गई भू-जल सर्वेक्षण रिपोर्ट को संदर्भित कर कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में 146 विकासखंड हैं, जिसमें से 5 विकासखंड जिनमें बालोद जिले के गुरूर, बेमेतरा जिले के नवागढ़, बेमेतरा, बेरला और रायपुर जिले के धरसींवा भू-जल सर्वेक्षण एवं दोहन रिपोर्ट के हिसाब से संकटकालीन (क्रिटिकल) स्थिति में हैं.

रिपोर्ट के अनुसार 21 विकासखंड, जिनमें बालोद जिले के बालोद, गुंडरदेही; बेमेतरा जिले के साजा; बिलासपुर जिले के तखतपुर, बेल्हा; धमतरी जिले के धमतरी और कुरूद; तथा दुर्ग जिले के दुर्ग और धमधा; गरियाबंद जिले के राजिम व फिंगेश्वर; कबीरधाम जिले के पंडरिया; कांकेर जिले के चारामा; खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के खैरागढ़; महासमुंद जिले के बसना व पिथौरा; रायगढ़ जिले के पुसौर; राजनांदगांव जिले के राजनांदगांव, डोंगरगांव, डोंगरगढ़; और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला तथा सुरजपुर जिले के सुरजपुर विकासखंड अर्धसंकटकालीन (सेमी क्रिटिकल) स्थिति में हैं. शेष 120 विकासखंड को रिपोर्ट में सुरक्षित माना गया है.

कॉलेज प्रबंधन की बड़ी लापरवाही : BCA सेकेंड ईयर के छात्रों को बांट दिया आउट ऑफ सिलेबस पेपर, 3 की जगह 5 घंटे में पूरी कराई गई परीक्षा

जांजगीर चांपा- छत्तीसगढ़ के एक कॉलेज में परीक्षा के दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, ठाकुर छेदी लाल बैरिष्टर महाविद्यालय में आज बीएससी द्वितीय वर्ष के अंग्रेजी विषय की परीक्षा ली गई, लेकिन इसे तीन घंटे के बजाए 5 घंटे में पूरा कराया गया.

कॉलेज में सुबह 7 से 10 बजे तक बीएससी द्वितीय वर्ष के अंग्रेजी विषय की परीक्षा होनी थी. निर्धारित समय पर परीक्षार्थी परीक्षा हॉल पहुंच गए और समय पर प्रश्न पत्र बांटे भी गए. लेकिन प्रश्न पत्र देखते ही बीएससी के 197 छात्र-छात्राओं में हड़कंप मच गया. 

छात्रों ने परीक्षा केंद्र प्रबंधन को बताया कि जो प्रश्न पत्र उन्हें मिला है, वह ओल्ड सिलेबस का है और पूरी तरह आउट ऑफ सिलेबस है. छात्रों की आपत्ति के बाद जब प्रश्न पत्रों की जांच की गई, तो त्रुटि की पुष्टि हुई. कॉलेज प्रबंधन ने इस गलती की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी और फोटो कॉपी के ज़रिए सही प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए गए।

हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो घंटे का विलंब हुआ. जिसके चलते परीक्षा का समय 7 बजे से बढ़ाकर 12 बजे तक कर दिया गया. परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं को लगातार पांच घंटे तक परीक्षा कक्ष में बैठना पड़ा, जिससे विद्यार्थियों में नाराज़गी देखी गई. इस घटना ने परीक्षा संचालन की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. 

मुख्यमंत्री कांकेर जिले के मरका पंडुम में हुए शामिल, गोंडवाना सामाजिक भवन के जीर्णाेद्धार, बाउंड्री वॉल के लिए 80.48 लाख रूपए की घोषणा

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज कांकेर के ग्राम भिरावाही में गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित मरका पंडुम (चैतरई महापर्व) के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने गोंडवाना समाज के आराध्य बूढ़ादेव और आंगा देव की पूजा-अर्चना कर तेंदू, चार, चिरौंजी, महुआ और आम फल अर्पित किया और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भिरावाही के गोंडवाना भवन परिसर में आयोजित मरका पंडुम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना समाज का समृद्धशाली इतिहास रहा है। मरका पण्डुम पर्व में नए फलों, फसलों का अर्पण अराध्य देवी-देवताओं को किए जाने की परंपरा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा आगे बढ़ाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज को शिक्षित होने पर जोर देते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए सबको आगे आने तथा जागरूक होने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का तेजी से विकास हुआ है। पीएम जनमन योजना से विशेष पिछड़ी जनजाति का तेजी से विकास हुआ है, वहीं प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रतिभाशाली बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ में आईआईएम, आईआईटी, ट्रिपल आईटी जैसी उच्च संस्थाएं स्थापित हुई हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा बस्तर से नक्सलवाद जड़ से खत्म करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक साल में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संकल्प अवश्य पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि अब नियद नेल्लानार योजना के दायरे को विस्तारित किया जा रहा है, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अधिक से अधिक ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोंडवाना समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर 80 लाख 48 हजार रूपए के विभिन्न विकास एवं निर्माण कार्यों की घोषणा की, जिसमें गोंडवाना समाज के भवन के जीर्णाेद्धार हेतु 45 लाख रुपए, बाउंड्री वॉल निर्माण के लिए 23 लाख 47 हजार रूपए और देवगुड़ी के सांदर्यीकरण एवं विभिन्न कार्यों के लिए 12 लाख 01 हजार रूपए की स्वीकृति शामिल है।

समापन समारोह को कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के हितचिंतक मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का नेतृत्व कर रहे, यह गर्व की बात है। उन्होंने आगे कहा कि आदिवासियों को अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत को विस्मृत नहीं करना चाहिए, क्योंकि यही हमारी जड़ और वास्तविक पहचान है।

इस दौरान बस्तर गोंडवाना समाज के संभागीय अध्यक्ष सुमेर सिंह नाग ने सामाजिक गतिविधियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। कार्यक्रम में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक विक्रम उसेंडी, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी, नगर पालिका कांकेर के अध्यक्ष अरूण कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण नरेटी, पूर्व सांसद मोहन मंडावी, पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी, सुमित्रा मारकोले, कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, एसएसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

बर्खास्त शिक्षकों के समर्थन में उतरे सांसद बृजमोहन अग्रवाल – मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, समकक्ष पदों पर समायोजन की रखी मांग

रायपुर-  रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के 2621 बर्खास्त बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की पीड़ा को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर इन शिक्षकों को ONE TIME EXEMPTION (एक बार छुट) प्रदान करते हुए प्रयोगशाला सहायक/ व्यायाम शिक्षक जैसे समकक्ष पदों पर समायोजित करने की मांग की है।

श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा जारी की गई भर्ती प्रक्रिया में तकनीकी कारणों से नियुक्त सहायक शिक्षकों को 16 माह की सेवा के उपरांत बर्खास्त कर दिया गया। यह निर्णय इन शिक्षकों और उनके परिवारों पर आर्थिक और मानसिक संकट बनकर टूटा है। अधिकतर शिक्षक मध्यम वर्गीय व बीपीएल परिवारों से आते हैं और अब बेरोजगारी के चलते उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि ये युवा राज्य की शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बन चुके थे और आज वे मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राज्य सरकार संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए इन शिक्षकों को समकक्ष पदों पर एक बार की विशेष छूट (ONE TIME EXEMPTION) के माध्यम से समायोजित करे।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के मिडिल और हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक जैसे कई समकक्ष पद रिक्त हैं, जिन पर इन योग्यताधारी बर्खास्त शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सांसद ने यह मांग की है कि राज्य सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुरूप जीवन रक्षा के अपने कर्तव्यों का पालन करे और इन शिक्षकों के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाए।

बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि, “सत्ता में होने का अर्थ केवल शासन करना नहीं, पीड़ितों के आँसू पोंछना भी है। ये शिक्षक सिर्फ रोजगार नहीं, प्रदेश की भविष्य की नींव को संवारने वाले थे। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूँ कि इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर जल्द निर्णय लें।” श्री अग्रवाल के इस हस्तक्षेप से बर्खास्त शिक्षकों में आशा की नई किरण जगी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के 63 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की दी सौगात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले को 63 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने जिला मुख्यालय जशपुर में आयोजित कार्यक्रम में 59.75 करोड़ रुपये के 22 कार्यों का भूमिपूजन और 3.64 करोड़ रुपये के 5 कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें जय स्तंभ चौक के सौंदर्यीकरण, छात्रावासों के निर्माण, सामुदायिक भवन, कम्पोस्ट सेंटर और आरआर सेंटर जैसी जनोपयोगी परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा भूमिपूजन किए गए कार्यों में नगर पालिका परिषद, पुलिस विभाग, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल और पंचायत एवं ग्रामीण सड़क विकास विभाग से जुड़े 22 महत्वपूर्ण विकास कार्य सम्मिलित हैं। इनमें बीटी रोड, सीसी रोड, नालियों और स्टॉर्म वॉटर ड्रेन, सामुदायिक भवन, सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, स्ट्रीट लाइट विस्तार, तालाब और पार्क उन्नयन, छात्रावास भवन और सड़क निर्माण कार्य प्रमुख हैं।

जय स्तंभ चौक सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर के जय स्तंभ चौक में 23 लाख 86 हजार की लागत से कराये गए सौन्दर्यीकरण और उन्नयन कार्य का लोकार्पण किया। भारत के स्वतंत्रता दिवस कीे यादगार के रूप में स्थापित जय स्तंभ चौक का उन्नयन कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जय स्तंभ चौक वर्षों तक आने वाली पीढ़ियों को हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग बलिदान और राष्ट्र भक्ति की प्रेरणा देता रहेगा, राष्ट्रसेवा हेतु सभी को प्रेरित करता रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह परियोजनाएं जशपुर जिले के समग्र विकास और नागरिकों की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। उन्होंने सभी कार्यों को गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।

कार्यक्रम में सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं विधायक गोमती साय, जशपुर विधायक रायमुनि भगत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक उपस्थित थे।

सराफा दुकान में चोरी करने वाला शातिर चोर गिरोह गिरफ्त में… पूरा परिवार मिलकर करता था चोरी, 26 लाख की ज्वेलरी बरामद

बिलासपुर- सराफा दुकान में खरीदारी के बहाने लगातार चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह पर बिलासपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में थाना बिल्हा और एसीसीयू की संयुक्त टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 26 लाख रुपये से अधिक कीमती माल बरामद किया है. इस कार्रवाई में थाना प्रभारी बिल्हा निरीक्षक उमेश कुमार साहू, एसीसीयू निरीक्षक अजहर, और उनकी टीम के बलराम विश्वकर्मा, संतोष मरकाम, सुमन कश्यप, अविनाश कश्यप, बोधू कुम्हार, महिला आरक्षक जिवंती भगत और सुनीता पाटले ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई.

ऐसे हुआ खुलासा

बिल्हा स्थित शिवशंकर ज्वेलर्स के संचालक मनोहर जायसवाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी दुकान से लगातार कीमती आभूषण गायब हो रहे हैं. संदेह के आधार पर जब CCTV फुटेज खंगाले गए, तो पता चला कि कुछ महिलाएं, जो पिछले 2-3 वर्षों से दुकान में खरीदारी के बहाने आती थीं, चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रही थीं.

पुलिस की घेराबंदी में फंसे चोर

मुखबिर की सूचना पर जब यह गिरोह दोबारा चोरी की नीयत से दुकान के पास आया, तो पुलिस ने घेराबंदी कर चारों आरोपियों को धर दबोचा. पूछताछ में उन्होंने चोरी की बात कबूल की.

बरामद सामग्री


सोने के आभूषण – करीब 23 तोला

चांदी के आभूषण – करीब 1.6 किलो

नकद राशि – ₹4,47,000

कुल जब्ती – ₹26,83,230

प्रयुक्त वाहन – 2 कारें

ये है गिरफ्तार आरोपी

  • संजना साहू उर्फ रेखा तिवारी (36 वर्ष), पति संजू तिवारी
  • सीमा साहू (30 वर्ष), पति गोलू साहू
  • अनिता साहू (25 वर्ष), पति कोमल साहू
  • कोमल साहू (26 वर्ष), पिता सुखराम साहू


"धरोहर" में सजी जनजातीय विरासत – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया प्रथम संस्करण का विमोचन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में जशपुर जिले की समृद्ध जनजातीय विरासत को समर्पित "धरोहर" पत्रिका के प्रथम संस्करण का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पत्रिका न केवल जनजातीय अस्मिता को सहेजने का कार्य कर रही है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विविधता को भी उजागर कर रही है। यह एक प्रेरणादायक प्रयास है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखेगा। जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित "धरोहर" पत्रिका का उद्देश्य जिले की विविध जनजातियों की पारंपरिक पहचान, संस्कृति, रीति-रिवाज, तीज-त्योहार, परंपरागत वेशभूषा, आभूषणों और पीढ़ियों से चली आ रही सामाजिक विरासत को संजोना और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इस विशेष अवसर पर विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुख एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

अदाणी फाउंडेशन ने रायगढ़ में नव-निर्मित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का किया लोकार्पण, 50 बालिकाएं ले रही अनुभवी कोच से कबड्डी ट्रेनिंग

रायगढ़- जिले के पुसौर ब्लॉक के ग्राम बड़े भंडार में अदाणी फाउंडेशन ने शनिवार को नव-निर्मित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सह कबड्डी प्रशिक्षण शेड का उद्घाटन किया. अदाणी पॉवर लिमिटेड (एपीएल), रायगढ़ के सामाजिक सरोकारों के तहत निर्मित इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के जरिए स्पोर्ट्स प्रशिक्षण को बल मिलेगा.

यह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स क्षेत्र की ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को संवारने और बालिकाओं को खेल के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. वहीं, इनकी व्यायाम सम्बन्धि जरूरतों के लिए इस प्रशिक्षण शेड को आधुनिक जिम उपकरणों से लैस किया गया है.

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच रहीं ग्रामीण बेटियां

अदाणी पॉवर, रायगढ़ ने क्षेत्र की बालिकाओं को कबड्डी प्रतिस्पर्धा के लिए जरूरी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत अक्टूबर 2022 में की गई थी. वर्ष 2024-25 में इस प्रशिक्षण केंद्र की 8 बालिकाओं का चयन छत्तीसगढ़ राज्य जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए हुआ. इनमें से कु. सानिया यादव का चयन 34वीं सब जूनियर राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता (गया, बिहार) में हुआ, जहां उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व कर जिले का गौरव बढ़ाया.

वर्तमान में अदाणी पॉवर, रायगढ़ के आसपास के 17 गांवों से 50 बालिकाएं तीन अनुभवी कोच के द्वारा कबड्डी प्रशिक्षण ले रही हैं, जो अब इस कबड्डी शेड में नियमित रूप से आधुनिक उपकरणों के साथ तकनीकी कौशल और मानसिक दृढ़ता का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. इससे उनकी खेल क्षमता में निरंतर निखार आएगा, साथ ही ग्रामीण खेलों के विकास का एक प्रेरणास्रोत भी बनेगा.

ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने की दिशा में सराहनीय पहल

स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने अदाणी फाउंडेशन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस कबड्डी शेड को क्षेत्र की बेटियों के लिए खेल और आत्मनिर्भरता का केंद्र बनने वाला है. यह प्रयास निश्चित ही ग्रामीण क्षेत्रों की छुपी हुई प्रतिभाओं को पहचान दिलाने में बड़ी उपलब्धि साबित होगी.

अदाणी समूह, अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से रायगढ़ जिले के पुसौर और तमनार प्रखण्ड में सीएसआर की विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर रहा है, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, आजीविका उन्नयन और ढांचागत विकास इत्यादि जैसे कार्यक्रम शामिल हैं. वहीं अंचल के खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करने तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए भी खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहा है.

शेड के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि एपीएल समूह के संचालन और रखरखाव सलाहकार जयदेब नंदा थे. इस अवसर पर ग्राम सरपंच ओम प्रकाश गुप्ता, उपसरपंच प्रतिनिधि घनश्याम यादव और पंचानंद गुप्ता मौजूद थे. वहीं, एपीएल रायगढ़ के चीफ बिजनेस ऑफिसर सुधाकर टंडन, एचआर हेड घनश्याम दास गर्ग, सुरक्षा प्रमुख नटवरसिंह, संयंत्र संचार प्रमुख धनंजय सिंह, सिविल हेड धर्मेंद्र सिंह, अदाणी फाउंडेशन के समस्त कर्मचारी तथा महिला कबड्डी की टीम उपस्थित थी.

इस अवसर मुख्य अतिथि जयदेब नंदा ने खुशी जाहीर करते हुए कहा कि “एपीएल, रायगढ़ द्वारा कबड्डी जैसे प्राचीन खेल के प्रोत्साहन की पहल काफी प्रसंसनीय है. इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिए उपस्थित सुविधाएं निश्चित ही इन सभी को न सिर्फ राष्ट्रीय अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने में उपयोगी साबित होगी. मैं आज इस मंच से इन सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं और बधाई देता हूं.

छत्तीसगढ़ के विकास के लिए खरसिया - परमलकसा रेल परियोजना एक ऐतिहासिक कदम- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूर खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल प्रोजेक्ट के बारे में रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को रेल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को बदलने वाला है । इस प्रोजेक्ट पर 8741 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे पूरे छत्तीसगढ़ को एक छोर से दूसरे छोर तक कवरेज मिलेगा । रेल मंत्री ने कहा कि खरसिया-परमलकसा 5वीं-6वीं रेल लाइन छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क की नई धमनी की तरह है। यह ओडिशा की सीमा से महाराष्ट्र की सीमा तक रेल नेटवर्क की सुविधा प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यह भारत के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में से एक है । इससे छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जांजगीर चाँपा, बिलासपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे जिले जुड़ेंगे । इसके तहत 21 स्टेशन बनेंगे, 48 बड़े ब्रिज और साथ ही 349 माइनर ब्रिज, 14 फ्लाईओवर और 184 अंडर पास का निर्माण होगा । स्थानीय स्तर पर निवासियों को दिक्कत ना हो इसके लिए 5 रेल फ्लाईओवर भी निर्मित किए जाएंगे ।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 278 किलोमीटर रूट में 615 किलोमीटर लंबी पटरियां बिछाई जाएंगी। इस रूट के निर्माण के बाद 8 से ज्यादा मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जाएगा । इस रेल नेटवर्क के निर्माण से करीब 22 करोड़ लीटर डीजल बचेगा और रेलवे को लगभग 2500 करोड़ रुपये के डीजल की बचत होगी । रेल मंत्री ने कहा कि भगवान राम के वनवास के दौरान माता शबरी के प्रसंग से जुड़े लक्ष्मी नारायण मंदिर का भी इस रेल नेटवर्क से संपर्क स्थापित होगा। बलौदा बाजार और खरसिया जैसे सीमेंट उत्पादन के बड़े इंडस्ट्रियल हब भी इस नेटवर्क से जुड़ेंगे ।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए रेलवे अब बायपास पद्धति को अपना रही है । इसके तहत मालगाड़ी को शहर के बाहर से निकालने पर जोर दिया जा रहा है । वहीं यात्री गाड़ियों को शहर के अंदर एंट्री दी जाएगी । इस रेल लाइन के निर्माण के दौरान भी इस पर फोकस रहेगा । साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत कोसा सिल्क के उत्पादन वाले इलाके भी रेल लाइन के जरिए जुड़ेंगे । इसके चलते 2 करोड़ मानव दिवस रोजगार उत्पन्न होगा ।

रेल मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का रेलवे बजट अब 22 गुना बढ़कर लगभग 6900 करोड़ से ज्यादा हो गया है । साथ ही 2014 के बाद छत्तीसगढ़ में रेलवे के काम में अभूतपूर्व तेजी आई है । इसके तहत 1,125 किमी नए ट्रैक बने हैं, जोकि दुबई के पूरे रेलवे नेटवर्क से ज्यादा है ।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे का कुल निवेश 47 हजार करोड़ से अधिक है । इसके तहत 32 स्टेशनों का पुनर्निर्माण हो रहा है, और इन्हें पूरी तरह नया बनाया जा रहा है । इनमें से कई स्टेशनों के विकास का कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।

राज्य के महत्वपूर्ण रेल प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि दल्लीराजहरा से रावघाट नई लाइन पूरी होने वाली है। अब इसके आगे रावघाट से जगदलपुर रेल लाइन के डीपीआर बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। वैसे ही गेवरा-पेन्ड्रा रोड नई लाइन पर भी तेजी से काम चल रहा है। साथ ही राजनांदगांव से नागपुर तीसरी लाइन, झारसुगड़ा से बिलासपुर चौथी लाइन, रायपुर-केन्द्री-धमतरी से अभनपुर-राजिम लाइन का गेज कन्वर्जन करके ब्रॉड गेज बनाया जा रहा है । राजनांदगांव से डोंगरगढ़ चौथी लाइन, जगदलपुर से कोरापुट की डबलिंग, धरमजयगढ़ से कोरबा नई लाइन, अनूपपुर से अंबिकापुर के दोहरीकरण के लिए पर्याप्त फंड दिए गए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने जिन उम्मीदों के साथ डबल इंजन की सरकार बनाई है, उसे पूरा करने का काम भारतीय रेल कर रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आई है, छत्तीसगढ़ में रेलवे से जुड़ा हजारों करोड़ का काम हो रहा है। नई परियोजना से छत्तीसगढ़ के अनेक जिले जुड़ते हैं, यह राज्य के लिए सौभाग्य की बात है । स्टेशनों के विकास के लिए सरकार ने करोड़ों का फंड दिया है, इससे रेलवे और छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को धन्यवाद देते हुए कहा कि खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना जैसी महत्त्वपूर्ण सौगात से छत्तीसगढ़ के विकास को एक नई गति मिलेगी। यह रेल परियोजना जांजगीर-चांपा, सक्ती, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे प्रमुख जिलों को जोड़ेगी। इससे इन जिलों के नए अवसर मिलेंगे। लोगों को रोजगार मिलेगा। बलौदाबाजार और जांजगीर अब उद्योगों के लिए नया हब बनकर उभरेंगे। यह क्षेत्र लाइमस्टोन (चूना पत्थर) से समृद्ध है। रेल संपर्क बेहतर होने से यहां सीमेंट उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि नया रायपुर तक सीधी रेल लाइन से राजधानी का संपर्क मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से और बेहतर होगा। परियोजना से माल परिवहन तेज होगा, जिससे उद्योगों की लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। इससे कृषि उत्पादों, खनिजों और निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्ट को भी बल मिलेगा। इससे नया रायपुर के विकास को नई दिशा और रफ्तार मिलेगी।

केन्द्रीय आवासन एवं शहरी राज्यमंत्री तोखन साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए मंजूर किए गए इस परियोजना के लिए खुशी जाहिर करते हुए समस्त छत्तीसगढ़ के निवासियों की तरफ से माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।