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भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला: EOW ने की जांच शुरू, जल्द होगी FIR दर्ज…

रायपुर-  EOW ने भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाला मामले की जांच शुरू कर दी है. EOW ने प्रशासन से लगभग 500 पन्नों की जांच रिपोर्ट मांगी है. अब जल्द ही मामले में दोषियों पर FIR हो सकती है. यह पहली बार है जब राज्य में किसी भूमि मुआवजा विवाद की जांच EOW कर रही है. विभाग ने इस घोटाले से जुड़े कई अहम दस्तावेज पहले ही जुटा लिए हैं और कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच भी पूरी हो चुकी है. घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी संभव हैं.

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. 

वहीं घोटाले के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने बीते दिन (6 मार्च) को PMO और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भी भेजा है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मामले में CBI जांच की मांग की है. 

बता दें, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद साय कैबिनेट की बैठक में जांच को ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया गया था. अब EOW ने इस घोटाले की जांच तेज कर दी है. 

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

दिल्ली से दबाव के बाद खुला मामला

बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ. मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.

इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

सेंट्रल जेल में पुनर्वास की दिशा में अनूठी पहल : कैदियों में राष्ट्रप्रेम और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने दिखाई गई देशभक्ति फिल्म

रायपुर-  सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के पुनर्वास की दिशा में एक अनूठी पहल की गई है. जेल परिसर में प्रोजेक्टर स्क्रीन और आधुनिक साउंड सिस्टम के साथ सेटअप तैयार कर आज सभी कैदियों को ‘बॉर्डर’ फिल्म दिखाई गई. यह आयोजन निरंतर किया जाएगा, जिसके तहत कैदियों को प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद फिल्में दिखाई जाएंगी.

रायपुर सेंट्रल जेल में रविवार से ‘बॉर्डर’ फिल्म के साथ इस अनूठी पहल की शुरुआत की गई, जिसे देखकर कैदियों में देशभक्ति और आत्मचिंतन की भावना देखी गई. कैदियों को फिल्मों के चयन की जिम्मेदारी जेल अधीक्षक की होगी.

यह पहल कैदियों के पुनर्वास और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे उन्हें जेल में रहते हुए भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिल सकेगा.

जेल मुख्यालय से स्वीकृति मिलने के बाद, सिनेमा हॉल में प्रोजेक्टर लगाने और संचालन के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. इन एक्सपर्ट्स के सहयोग से प्रोजेक्टर, बड़ी स्क्रीन और साउंड सिस्टम जैसी सभी तकनीकी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि कैदी और बंदी अनुशासित रूप से फिल्में और शिक्षाप्रद शॉर्ट फिल्में देख सकें.

रायपुर मास्टर प्लान में गड़बड़ियों की जांच तेज, जोन 8 में भवन निर्माण की दी गई अनुमतियों का नए सिरे से परीक्षण…

रायपुर- राजधानी रायपुर की निवेश क्षेत्र विकास योजना यानी मास्टर प्लान-2031 में सामने आई अनियमितताओं और विसंगतियों की जांच अब तेज़ी से आगे बढ़ रही है. विधानसभा में मामला उठने के बाद नगर निवेश विभाग और नगर निगम के अधिकारियों ने उन सभी बिंदुओं की पड़ताल शुरू कर दी है, जो भवन निर्माण की अनुमतियों से संबंधित हैं.

शिकायतों पर बनी रिपोर्ट पहले ही सौंप दी गई थी

मास्टर प्लान में की गई गड़बड़ियों की जांच रिपोर्ट पहले ही नगर एवं ग्राम निवेश के संचालक को सौंपी जा चुकी है. रिपोर्ट में कई गंभीर खामियों का उल्लेख किया गया है. रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने विधानसभा में इस मसले को प्रमुखता से उठाते हुए विभागीय मंत्री को पत्र लिखकर आपत्तियों का निराकरण होने तक निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की है.

समीक्षा बैठक में तय हो रही आगे की रणनीति

नगर निगम आयुक्त, संबंधित जोन कमिश्नर और नगर निवेश विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी आयोजित की जा चुकी है. अधिकारियों के मुताबिक, विधानसभा में उठाए गए मुद्दों की गहन जांच के बाद शासन को अंतिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इस विषय को शासन स्तर पर भी गंभीरता से लिया जा रहा है.

2023 में लागू हुआ था मास्टर प्लान-2031

गौरतलब है कि रायपुर मास्टर प्लान-2031 को 13 जुलाई 2023 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लागू किया गया था. योजना लागू होने के बाद से ही इसमें तमाम गड़बड़ियों को लेकर शिकायतें मिलने लगी थीं, जिनकी जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई गई थी. इस समिति को कुल 146 शिकायतें और सुझाव प्राप्त हुए थे.

जमीन और सड़क उपयोग में गंभीर विसंगतियाँ उजागर

जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि रायपुर के कई पुराने तालाबों की भूमि को गलत तरीके से आवासीय या कृषि क्षेत्र में बदल दिया गया है. इसके अलावा कुछ प्रमुख सड़कों को नक्शे से हटा दिया गया है या उनकी चौड़ाई कम दर्शाई गई है, जिससे शहरी यातायात और आधारभूत संरचना पर असर पड़ सकता है.

संशोधन से पहले मांगे जाएंगे नागरिकों से सुझाव

अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान में संभावित संशोधनों से पहले जनता से दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी. फिलहाल मौजूदा मास्टर प्लान ही प्रभावी है, लेकिन जांच पूरी होने और रिपोर्ट आने के बाद उसमें आवश्यक सुधार कर उसे दोबारा लागू करने की तैयारी की जा रही है.

कन्याभोज में गई बच्ची की कार में मिली लाश, लोगों ने संदिग्ध के घर में लगाई आग, परिजनों ने लगाया दुष्कर्म का आरोप…

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. मोहन नगर थाना क्षेत्र में कार में मासूम बच्ची का शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश फूटा है. बच्ची सुबह घर से कन्याभोज के लिए निकली थी. शाम तक नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इस दौरान मोहल्ले के ही एक युवक की कार में बच्ची की लाश मिली. परिजनों ने मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का आरोप लगाया है.

दरअसल, नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याभोज के लिए सुबह करीब 9 बजे 6 साल की मासूम बच्ची घर से निकली थी, लेकिन शाम तक वह वापस नहीं लौटी. परेशान परिजनों ने काफी तलाश किया लेकिन कुछ भी पता नहीं चला. खोजबीन करते हुए शाम को घर के पास पार्क में कार की डिक्की से बच्ची की लाश मिली. इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए, और कार मालिक के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण किया. पुलिस ने बच्ची के शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने लोगों को समझाइश देने के बाद संदेही युवक को हिरासत में लिया. हालांकि पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई. वहीं परिजनों ने आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है.

संदेही के घर में लोगों ने लगाई आग

इसके बाद देर रात मोहल्ले के लोगों ने संदेही के घर पर आग लगा दी. इसकी सूचना के बाद बड़ी संख्या में पुलिस मौके पहुंची. आग लगाने के बाद घर में मौजूद लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई. आगजनी में घर के बाहर खड़ी बाइक पूरी तरह से जल गई. हालांकि पुलिस की मौजूदगी में आग पर काबू पाया गया. फिलहाल घटना स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात है.

शरीर में चोट के निशान -प्रत्यक्षदर्शी

प्रत्यक्षदर्शी महिला मीना यादव के मुताबिक बच्ची की लाश कार की सीट के नीचे मिली है. शरीर में चोट के निशान थे. मुंह और नाक से खून भी बह रहा था. पैर भी मुड़ा हुआ था. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.

दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई : मंत्री टंकराम वर्मा

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने घटना की कड़ी निंदा की और बच्ची की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कड़ी कार्रवाई होगी. जो भी दोषी है उसे बक्शा नहीं जाएगा, त्वरित कार्रवाई की जा रही हैं. सबको निष्पक्ष न्याय दिया जा रहा है.

नन्ही बच्ची की चोटी बनाते नजर आए विधायक कुंवर सिंह निषाद, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल

बालोद-  गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुंवर सिंह निषाद का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वह नन्ही बच्ची की चोटी बनाते नजर आ रहे हैं. अब यह वीडियो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.

वीडियो उनके गृह नगर अर्जुन्दा का बताया जा रहा है. नवरात्र के शुभ अवसर पर ज्योति विसर्जन में शामिल होने पहुंचे विधायक ने नन्ही बच्ची के बाल खुद संवारे, जो वहां मौजूद लोगों के दिल को छू गया. इस भावुक क्षण को किसी ने कैमरे में कैद कर लिया और अब यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया.

बताते चलें कि यह पहला मौका नहीं है जब विधायक निसाद का कोई वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में आया हो. इससे पहले भी उनके सादगी भरे कई वीडियो वायरल हो चुके हैं. इन वीडियो में उनकी जमीन से जुड़ी हुई सहज और आत्मीय छवि झलकती है.

कुम्हारी टोल प्लाजा में अवैध वसूली का मामला गरमाया, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने नितिन गडकरी को लिखा पत्र…

रायपुर- पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले स्थित कुम्हारी टोल प्लाजा में हो रही कथित अवैध वसूली की शिकायत की है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस मामले पर चर्चा के लिए समय मांगा है.

उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है कि कुम्हारी टोल प्लाजा की निर्धारित समयावधि समाप्त हो चुकी है, इसके बावजूद इसका संचालन अब भी जारी है, जो नियमों का उल्लंघन है. उन्होंने यह भी कहा कि स्वयं गडकरी ने लोकसभा में कहा था कि 60 किलोमीटर की सीमा में दो टोल प्लाजा नहीं हो सकते, बावजूद इसके इस नियम का पालन नहीं हो रहा.

विकास उपाध्याय ने आगे लिखा कि वर्ष 2021 में संसद में गडकरी ने घोषणा की थी कि एक वर्ष के भीतर देश भर में टोल प्लाजा हटाए जाएंगे, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुम्हारी टोल प्लाजा में अब भी अवैध रूप से वसूली की जा रही है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इस मुद्दे को लेकर उपाध्याय ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि छत्तीसगढ़ के एक प्रतिनिधि मंडल को इस संबंध में चर्चा के लिए समय दिया जाए, ताकि जनहित के इस गंभीर मसले का समाधान निकल सके.

उल्लेखनीय है कि कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर स्थानीय स्तर पर भी लंबे समय से विरोध जारी है और अब यह मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया है.

देखें पत्र की कॉपी:

प्रभु श्रीराम ने रावण के साथ जो किया, वैसा ही अब सरकार नक्सलियों के साथ कर रही है : पूर्व डिप्टी सीएम TS सिंहदेव

अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है. टीएस सिंह देव ने रामनवमी के अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम ने रावण के साथ जो किया, वैसा ही अब सरकार नक्सलियों के साथ कर रही है.

उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम ने रावण को पहले शांति संदेश भेजा था, कि शांति का रास्ता अपनाओ. मुख्य धारा से जुडो. लेकिन रावण ने राम की बात नही सुनी. रावण को शांति प्रस्ताव भेजने के बाद भी जब बात नहीं बनी, तो श्रीराम ने रावण के वध के लिए शस्त्र उठाया. यही अब नक्सलियों के खिलाफ भी हो रहा है.

पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव ने कहा कि सरकार ने पहले नक्सलियों के साथ शान्ति से वार्ता करने का प्रयास किया, मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास किया, लेकिन नक्सली नहीं माने. ऐसे में अब नक्सलियों को हथियार का जवाब हथियार से देना पड़ रहा है.

विश्व स्वास्थ्य दिवस : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की अपील की

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल के अवसर पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों और सेहत से जुड़े अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि सेहत सबसे बड़ी संपत्ति है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाकर स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो सकें। उन्होंने आह्वान किया कि हम सभी मिलकर स्वस्थ जीवन जीने के प्रति जागरूकता फैलाएँ और एक स्वस्थ भारत की ओर अग्रसर हों।

डोंगरगढ़ में नवरात्रि का हुआ भव्य समापन: 8500 से अधिक ज्योति कलश हुए विसर्जित, उमड़ा आस्था का सैलाब…

डोंगरगढ़- छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में रविवार देर रात (नवमीं) 8500 से अधिक ज्योति कलश महावीर तालाब में विसर्जित किए गए. चैत्र नवरात्रि के समापन पर भारी संख्या में श्रद्धालु मां बमलेश्वरी के दरबार पहुंचे थे. इस बार भी देश के अलावा विदेशों से भी भक्तों ने माता के नाम पर ज्योत जलवाई थी. ज्योत कलशों में से 7455 ऊपर मंदिर, 905 नीचे मंदिर, और 69 शीतला माता मंदिर में प्रज्वलित हुए थे. खास बात यह रही कि अमेरिका, दुबई, कनाडा, न्यू जर्सी, कतर जैसे देशों से भी भक्तों ने मां बमलेश्वरी मंदिर में ज्योत जलवाई थी. सभी ज्योत को महावीर तालाब में विसर्जित किया गया.

बता दें, विसर्जन का कार्यक्रम रविवार देर रात तक चला, जो लगभग तीन बजे तक जारी रहा. इस दौरान सैकड़ों महिलाएं सिर पर ज्योत लेकर जब मंदिर से तालाब तक निकलीं, तो ऐसा लगा मानो सितारे जमीन पर उतर आए हों. पूरा शहर भक्ति के प्रकाश से जगमगा उठा. झांकी के रूप में निकली ज्योत यात्रा नीचे बम्लेश्वरी मंदिर से शुरू होकर मुंबई-हावड़ा रेल ट्रैक, शीतला मंदिर होते हुए महावीर तालाब तक पहुंची. शीतला मंदिर में परंपरागत ‘माई ज्योत’ की भेंट भी हुई, जो सालों पुरानी परंपरा है.

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए रेलवे ने मुंबई-हावड़ा मार्ग पर करीब तीन घंटे का ब्लॉक लिया, ताकि श्रद्धा का यह विशाल आयोजन सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो सके. पूरे नवरात्रि में महाराष्ट्र के सालेकसा से आए शहनाई वादकों की टीम ने भक्ति संगीत बजाया. आरती से लेकर ज्योत यात्रा तक हर दिन शहनाई की मधुर धुनों से माहौल भक्तिमय बना रहा. डोंगरगढ़ की नवरात्रि केवल पूजा पाठ का आयोजन नहीं, बल्कि एक माँ बम्लेश्वरी के लिए एक ऐसी आस्था की परंपरा है जो हर साल हजारों लोगों को जोड़ती है.

ऑनलाइन सट्टा रैकेट का हुआ भंडाफोड़, पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार…

बिलासपुर- आईपीएल सीजन के साथ ही शहर में सट्टेबाजी गतिविधियों पर नजर रखने में जुटी सरकंडा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन सट्टा चला रहे गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मौके से पांच युवकों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 6 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और ₹10,390 नकद जब्त किया है.

इस कार्रवाई के पीछे बिलासपुर एसपी राजनेश सिंह के निर्देश थे, जिन्होंने क्रिकेट सीजन में बढ़ती सट्टा गतिविधियों पर सख्ती बरतने के आदेश दिए थे. अतिरिक्त एसपी उदयन बेहार और सीएसपी सिद्धार्थ बघेल के निर्देशन में थाना प्रभारी निलेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई.

पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कपिल नगर (सरकंडा) के एक घर में चोरी-छिपे ऑनलाइन सट्टा चलाया जा रहा है. तुरंत दबिश दी गई और सभी आरोपियों को मौके से हिरासत में ले लिया गया.

गिरफ्तार आरोपी:

1. राजदीप साहू (अमलीडीह, बलौदाबाजार)

2. किशोर कुमार कोयल (मोहतरा, बलौदाबाजार)

3. रथ राम साहू (गेवरा, बिर्रा)

4. विनय कुमार पटेल (सिलादेही, बिर्रा, जांजगीर चांपा)

5. दिकेश्वर साहू (अमलदेही, लोरमी, मुंगेली)

कैसे चल रहा था ऑनलाइन सट्टा:

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी “क्रिकेट ऑनलाइन गुरु” नामक मोबाइल ऐप के जरिए आईपीएल मैचों की लाइव जानकारी लेते थे. इसके बाद वे फोन कॉल और चैट के माध्यम से लोगों से संपर्क कर हर बॉल, ओवर, और विकेट पर सट्टा लगवाते थे.

ग्राहक पहले से आरोपी के अकाउंट में पैसा जमा करते थे और मैच खत्म होने के बाद जीतने वालों को रकम ऑनलाइन ही ट्रांसफर की जाती थी. पुलिस अब आरोपियों और सट्टा खेलने वालों के बैंक डिटेल्स खंगाल रही है, जिससे नेटवर्क का पूरा खुलासा किया जा सके.