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राहुल गांधी के मन में क्या चल रहा है? 4 महीने में तीसरी बार बिहार का दौरा, जानें सियासी वजह

बिहार में कांग्रेस पार्टी में नई ऊर्जा है. पार्टी की तरफ से हर रोज कोई न कोई निर्णय लिया जा रहा है. वे निर्णय सुर्खियां बन रही हैं. इसमें राहुल गांधी की विशेष सक्रियता दिख रही है. ऐसे में बिहार की राजनीति में यह सवाल मौजूं हो गया है कि आखिर राहुल गांधी के मन में क्या चल रहा है? क्या राहुल गांधी बिहार में कुछ अलग करने की सोच रहे हैं?

दरअसल राहुल गांधी आगामी सात अप्रैल को बिहार के दौरे पर आ रहे हैं. पिछले चार माह में यह तीसरा मौका होगा, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आएंगे. इससे पहले वह 18 जनवरी तथा चार फरवरी को पटना में आ चुके हैं. इस बार राहुल गांधी सात अप्रैल को फिर पटना आ रहे हैं. राहुल का इस बार का पटना दौरे को भी पार्टी की तरफ से संविधान सुरक्षा दिवस का नाम दिया गया है.

सभी जिला अध्यक्षों से मुलाकात

राहुल गांधी द्वारा पार्टी स्तर पर किए जाने वाले कार्यों और उठाये गए कदमों में सबसे अहम कदम कांग्रेस पार्टी के बिहार राज्य के सभी जिला अध्यक्षों के साथ राजधानी नयी दिल्ली में हुई मुलाकात है. दरअसल हाल के कुछ सालों में यह पहला मौका है, जब राहुल गांधी ने पार्टी के जिला अध्यक्षों से दिल्ली में मुलाकात करने की योजना बनायी. राहुल गांधी के इस कदम से पार्टी के अंदर काफी जोश भी है. सबसे अहम यह कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से राज्य के सभी जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा चंद रोज पहले ही की गयी थी.

नहीं बनी थी कांग्रेस की कार्यसमिति

दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह के बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में किसी भी प्रकार की समिति का गठन नहीं हो सका था. विधायक राजेश कुमार के नये प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद जिले के अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गयी. इसके अलावा स्क्रीनिंग कमेटी का भी गठन किया गया.

कांग्रेस की दलितों और पिछड़ों पर नजर

राहुल गांधी के आगामी प्रस्तावित बिहार दौरे में जिन बिंदुओं को केंद्र में रखा गया है, उससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की नजर बिहार में दलितों के साथ महादलित और अति पिछडों पर है. कांग्रेस पार्टी महादलित वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित कर के जीतन राम मांझी, चिराग पासवान तथा पशुपति पारस को संदेश देना चाहती है, जबकि अति पिछडों पर ध्यान केंद्रित कर के वह सीएम नीतीश कुमार को संदेश देने की कोशिश कर रही है.

एक आंकलन के अनुसार बिहार में दलित और महादलित की आबादी लगभग 14 प्रतिशत के करीब है. वहीं अगर अति पिछड़ों की बात करें तो हाल ही में बिहार सरकार की तरफ से कराये गये जातीय सर्वे के अनुसार राज्य में अति पिछडों की आबादी लगभग 36 प्रतिशत है.

2025 में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का टारगेट

कांग्रेस के प्रवक्ता ज्ञान रंजन कहते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने एक फैसला लिया था कि 2025 में कांग्रेस संगठन सृजन का काम करेगी. इस फैसले के तहत देश के हर राज्य के जिला अध्यक्ष से मीटिंग हो रही है. इसी सिलसिले में आज बिहार के जिला अध्यक्षों के साथ राहुल गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस पार्टी के अन्य सीनियर लीडर के साथ मीटिंग होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि संगठन को कैसे मजबूत करना है? कैसे बूथ स्तर तक संगठन को लेकर के जाना है और किस तरीके से सामाजिक समीकरणों, स्थानीय मुद्दों को देखते हुए उन मुद्दे पर काम करके संगठन को मजबूत बनाना है.

दिल्ली में कल से शुरू हो रही आयुष्मान योजना, किन अस्पतालों में होगा इलाज, कैसे करें रजिस्ट्रेशन…जानिए सबकुछ

दिल्ली में कल से आयुष्मान योजना की शुरुआत होने जा रही है. इस योजना के तहत दिल्ली के सबसे गरीब परिवारों, खासकर अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी. इस योजना में 10 अप्रैल तक एक लाख लोगों को शामिल किया जाएगा. दिल्ली सरकार कल केंद्र सरकार के साथ MoU साइन करेगी. इस योजना से शहर की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. दिल्ली में यह योजना अब तक लागू नहीं हुई थी.

इस योजना में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, क्रिटिकल केयर ब्लॉक, एकीकृत डायग्नोस्टिक सुविधाएं, पीएमजेएवाई और राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शामिल हैं. पहले चरण में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवारों को कार्ड जारी होंगे, फिर इसका दायरा बढ़ाया जाएगा. आयुष्मान भारत योजना को एमओयू साइन होने के बाद तेजी से लागू किया जाएगा.

पहले किसे मिलेगा योजना का लाभ?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा है कि दिल्ली सरकार की आयुष्मान भारत योजना में सबसे गरीब लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका उद्देश्य दिल्ली के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करना है. इससे मरीजों को बेहतर प्राथमिक देखभाल मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ेंगी. मरीजों के रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखे जाएंगे, जिससे बेहतर निगरानी और प्रबंधन हो सकेगा.

उन्होंने आगे कहा कि हम सबसे पहले उन लोगों को कार्ड जारी करेंगे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत लाभार्थी और प्राथमिकता वाले परिवार शामिल हैं. इसके बाद हम योजना के तहत लाभार्थियों के दायरे का और विस्तार करेंगे. दिल्ली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी थी.

दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के 5 लाख के अलावा 5 लाख का टॉप अप करके 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य इंश्योरेंस का टॉप अप देने का फैसला किया है. दिल्ली सरकार ने 2025-26 के लिए स्वास्थ्य सेवा बजट में 48 प्रतिशत की वृद्धि की है.

दिल्ली में कितने अस्पताल

दिल्ली में अभी 70 से ज्यादा अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड चलता है. इस योजना के लागू होने के बाद इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज करवाया जा सकता है.

कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन?

आधिकारिक वेबसाइट https://pmjay.gov.in/ या https://beneficiary.nha.gov.in/ पर जाएं.

Am I Eligible पर क्लिक करें.

अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें.

आपके मोबाइल पर आए OTP से लॉगिन करें.

इसके बाद अपना आधार नंबर, राशन कार्ड नंबर या परिवार आईडी डालकर अपनी पात्रता जांचें.

पात्र होने पर Beneficiary Login या Register विकल्प चुनें.

आधार से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP के जरिए वेरिफाई करें.

आधार नंबर और OTP के साथ ऑथेंटिकेशन करें

परिवार के उस सदस्य का चयन करें, जिसका आयुष्मान कार्ड बनवाना है.

आवश्यक जानकारी (नाम, पता, जिला आदि) भरें और पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करें.

फॉर्म सबमिट करें.

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), लोक सेवा केंद्र या सूचीबद्ध अस्पताल में जाएं.

वहां मौजूद आयुष्मान मित्र या कर्मचारी से संपर्क करें.

आयुष्मान योजना क्या है?

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है. 23 सितंबर 2018 को इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया था. यह दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल योजनाओं में से एक है. इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है.

कर्नाटक की पहाड़ियों में मिली अनोखी बत्तख, वैज्ञानिक भी हैरान!

कर्नाटक की पहाड़ियों में ऐसी बत्तख मिली है, जिसे देख खुद वैज्ञानिक भी हैरान रह गए हैं. इस बत्तख का रंग सफेद नहीं है. साथ ही इसकी एक पूंछ भी है. यह अनोखी बत्तख बेलगावी जिले के रामदुर्ग के आसपास की पहाड़ियों में पाई गई है.

नई नस्ल की ये दुर्लभ रंगीन बत्तख देखने में बेहद खूबसूरत है. पहाड़ियों के झाड़ीदार इलाकों में पाई जाने वाली यह बत्तख बहुत संवेदनशील और शर्मीली है. यह तीतर परिवार से संबंधित है. नर बत्तख अधिक चमकीले रंग के होते हैं, जबकि मादा बत्तख नर की तुलना में फीके रंग की होती हैं. ये बहुत तेज दौड़ती हैं, लेकिन इनके लिए उड़ना मुश्किल है.

शोधकर्ता शशिकांत कम्बन्नवर ने इस नस्ल का पता लगाया. मकड़ियों पर अध्ययन करते समय केपीटीसीएल अधिकारी शशिकांत की नजर इस बत्तख पर पड़ी. इसे अंग्रेजी में पेंटेड स्पैरोफाउल कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम गैलोपार्डिक्स लुनुलता है.

नर-मादा की खूबियां

नर बत्तख की पूंछ और पंख काले होते हैं. किनारों पर सफेद धब्बे होते हैं. सिर और गर्दन हरे रंग की आभा से युक्त होती है. मादा बत्तख के शरीर पर कोई सफेद धब्बा नहीं होता. चोंच और पैर गहरे भूरे रंग के होते हैं. नर के पैरों पर चार कंघी जैसी दांतनुमा संरचनाएं होती हैं. मादा बत्तखों में ये एक या दो होती हैं.

अनुकूल जलवायु

बेलगावी में बत्तख पालन लाभदायक व्यवसाय है. यहां जलवायु और पानी की उपलब्धता बत्तख पालन के लिए अनुकूल है. बत्तखें नदियों, तालाबों, झीलों, महासागरों, दलदलों और खुले पानी के पास पाई जाती हैं. इन्हें जमीन और पानी, दोनों पर पाला जा सकता है.

आज का ही दिन 120 साल पहले कांगड़ा घाटी में आया था विनाशकारी भूकंप, 20 हजार लोगों की हुई थी मौत, जानें पूरी कहानी

साल 1905, तारीख 4 अप्रैल और वक्त सुबह 6 बजकर 19 मिनट… यह समय हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में बर्बादी लेकर आया. तेज झटकों से घाटी की धरती डोलने लगी. ताश के पत्तों की तरह इमारतें ढह गईं और बड़ी-बड़ी चट्टाने दरक गईं. आबादी से लेकर जंगल तक तबाही के निशान छूट गए. ठीक 120 साल पहले आज ही के दिन कांगड़ा जिले में 8 रिएक्टर स्केल का बड़ा भूकंप आया, जिसमें हजारों इंसान और पशु पक्षियों की मौत हुई थी.

हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक, 1905 में कांगड़ा जिले में आए भूंकप में 1 लाख से ज्यादा मकान जमींदोज हो गए थे. कई ऐतिहासिक इमारतें और मंदिर भी तबाह हुए थे. यहां तक कि कांगड़ा के प्राचीन किले को भी बड़ा नुकसान हुआ था. इस भूंकप में 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. आंकड़ों के मुताबिक, 53 हजार पशु भी इसके शिकार हुए थे.

2 मिनट तक तेज झटकों से डोल गई थी धरती

भूकंप के झटकों ने पालमपुर, धर्मशाला और मैक्लोडगंज में भी भारी तबाही मचाई थी.जानकारी के मुताबिक, जिस वक्त भूकंप आया तब लोग सोकर उठने की तैयारी कर रहे थे. मौसम में सर्दी का असर था, इसलिए बहुत से लोग बिस्तरों में ही थे. अचानक से धरती हिलने लगी. हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक, करीब 2 मिनट तक तेज झटके महसूस किए गए. उसके बाद मकान, दुकान, मंदिर गिरने लगे. जो लोग सोए हुए थे वह मलबों में दफन हो गए.

8 तीव्रता का था विनाशकारी भूकंप

भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 8 की थी. यह इतना शक्तिशाली भूकंप था कि इसकी चपेट में मजबूत और सैकड़ों साल पुराना प्राचीन कांगड़ा किला भी आ गया. किले की दीवारें गिर गईं थीं. तब से आज तक यह किला जर्जर हालत में है. इतना ही नहीं, भूकंप के तेज झटकों से प्रसिद्ध ब्रजेश्वरी मंदिर का गुंबद गिर गया.भूकंप ने पालपुर को बर्बाद कर दिया था. यहां का बाजार पूरी तरह तबाह हो गया था. टी गार्डन को भी बड़ा नुकसान हुआ था.

जेल हुई धाराशाई, गांव हुए मलबे में दफन

भूकंप से धर्मशाला की जेल धाराशाई हो गई थी. यहां का कोतवाली बाजार भी पूरी तरह खत्म हो गया था. कई गांव मलबों में तब्दील हो गए थे. मैक्लोडगंज में चर्च का एक हिस्सा गिर गया था. आपदा प्रबंधन के मुताबिक, इस भूकंप में 1 लाख इमारतें जमींदोज हुई थीं. 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 53 हजार से ज्यादा पशु पक्षी मारे गए थे. उस वक्त कांगड़ा जिला पंजाब का हिस्सा हुआ करता था.

फोन के कवर में रखते हैं नोट? गर्मी में इस गलती से हो सकता है ब्लास्ट

मोबाइल कवर में पैसे डालने की आदत बहुत से लोगों को है, लेकिन गर्मी के सीजन में इस बुरी आदत की वजह से आपका भारी नुकसान भी हो सकता है. अगर आप भी इस तरह की गलती करते हैं तो संभल जाइए, क्योंकि ऐसा करने पर बड़ा हादसा भी हो सकता है. चलिए समझते हैं कि आखिर कैसे एक नोट के कारण ब्लास्ट होने का खतरा बढ़ सकता है?

गर्मी के मौसम में एसी कंप्रेसर और अन्य इलेक्ट्रिकल गैजेट्स में ब्लास्ट की खबरें सामने आती रहती हैं और इन सभी मामलों में ब्लास्ट के पीछे का सबसे बड़ा कारण लापरवाही से अप्लायंसेज और गैजेट्स का इस्तेमाल करना है.

खराब आदत से हो सकता है नुकसान

न केवल नोट बल्कि कुछ लोग तो अपना मेट्रो कार्ड और यहां तक कि कोई जरूरी पर्ची भी है तो भी मोबाइल कवर में डाल देते हैं लेकिन इन खराब आदतों के कारण फोन में ब्लास्ट हो सकता है. सावधानी के साथ अगर गैजेट्स और अप्लायंसेज का इस्तेमाल किया जाए तो ब्लास्ट का खतरा टाला भी जा सकता है.

ब्लास्ट का कारण

गर्मी के सीजन में गैजेट्स में हीटिंग की समस्या बढ़ने लगती है, ऐसे में फोन के कवर में नोट या फिर अन्य सामान रखकर आप फोन में जेनरेट होने वाली हीट को सही ढंग से रिलीज होने की जगह नहीं देते जिससे फोन में ओवरहीटिंग होने लगती है. ओवरहीटिंग अगर जरूरत से ज्यादा हो जाए तो ब्लास्ट भी हो सकता है.

फोन को चार्ज पर लगाकर मोबाइल यूज करने पर भी फोन में ज्यादा हीट जेनरेट होती है, इसके अलावा अगर फोन चार्ज पर है तो गेमिंग और कॉलिंग समेत अन्य कोई भी काम न करें जिससे फोन में ओवरहीटिंग की दिक्कत होने लगे. मोबाइल कवर में रखी कोई भी चीज एक एक्स्ट्रा लेयर क्रिएट कर देती है जिससे फोन में जेनरेट होने वाली हीट सही ढंग से बाहर नहीं निकल पाती और फोन का तापमान बढ़ने लगता है.

ब्लास्ट से बचने के लिए क्या करें?

मोबाइल कवर लगाने से भी फोन में हीट ज्यादा जेनरेट होने लगती है, अगर कवर लगाना भी है तो भी पतला कवर लगाएं. इसके अलावा मोबाइल कवर में कागज, नोट या फिर कार्ड जैसी चीजों को न रखें. अगर फोन के लिए मोटा मोबाइल कवर खरीद भी रहे हैं तो इस बात को ध्यान में रखें कि चार्जिंग के वक्त, गेम खेलते वक्त कवर हटा दें क्योंकि इन दोनों ही केस में फोन में ज्यादा हीट जेनरेट हो सकती है और मोटा कवर बीच में बाधा बन सकता है.

ममता बनर्जी का बड़ा बयान: 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द होने पर कहा- मैं फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा. कोर्ट ने एसएससी-2016 शिक्षक भर्ती पैनल को रद्द कर दिया. इस तरह करीब 26 हजार शिक्षकों की नौकरी चली गई है. कोर्ट के फैसले के बाद सीएम ममता ने विशेष बैठक की. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मैं कानून के बारे में ज्यादा नहीं जानती लेकिन कोर्ट का सम्मान करते हुए मैं कहना चाहती हूं कि मैं फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती.

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मानवीय आधार पर मैं कहना चाहती हूं कि मुझे ये फैसला स्वीकार नहीं है. जिन लोगों की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है, वो सुप्रीम कोर्ट के अनुसार नए सिरे से आवेदन कर सकते हैं. उन्हें नया मौका दिया जाना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी बंगाल की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है. सरकार के पास अभी भी 1 लाख नौकरियां हैं लेकिन मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के चलते हम इस पर आगे नहीं बढ़ सकते.

यह सीपीआईएम-बीजेपी की साजिश

उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व की सरकारों ने ज्यादातर लोगों को केवल कागजी काम करके नौकरी मिल गई. यह शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने की सीपीआईएम-बीजेपी की साजिश है. मुझे पता है कि भारत सरकार और बीजेपी निशाना बना रहे हैं. मेरा एक सवाल है अगर जज के घर में बहुत सारा पैसा पाया जाता है और उसका तबादला कर दिया जाता है तो इन लोगों को क्यों निशाना बनाया जाता है.

अपराधियों को क्या सजा दी गई?

उन्होंने कहा, मैं एक राजनीतिक मुद्दे पर बात कर रही हूं. मध्य प्रदेश में व्यापमं मामले में क्या हुआ? 50 लोगों की हत्या कर दी गई? अपराधियों को क्या सजा दी गई है? उन्होंने हमारे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री को जेल में डाल दिया है. अगर हमें मामले को समझने की अनुमति दी जाती तो हम इसका पता लगा सकते थे. हमें एक मौका दिया जाना चाहिए था. क्या भाजपा सरकार का टारगेट शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना है? बंगाल को और कितना निशाना बनाया जाएगा?

उन्हें आयु में छूट दी जाएगी

सीएम ममता बनर्जी ने इस दौरान शिक्षक भर्ती में उम्मीदवारी गंवाने वालों के लिए बड़ा ऐलान भी किया. उन्होंने कहा कि जिनकी नौकरियां रद्द कर दी गई हैं, उन्हें आयु में छूट दी जाएगी. वो फिर से भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. जिन्हें पहले ही नौकरी मिल चुकी है, उन्हें कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा. हमें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है. हम जजों का सम्मान करते हैं. देश के नागरिक के तौर पर और जजों के प्रति सम्मान के साथ कह रही हूं कि मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती.

दिल्ली में डॉक्टरों ने किया अनोखा ऑपरेशन, महिला के पित्ताशय से निकाली ककड़ी के साइज की पथरी

पथरी की बीमारी से बहुत से लोग परेशान हैं. शुरुआत में लोग इस बीमारी को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन कई बार ये बड़ी समस्या बन जाती है. एक मामला दिल्ली से सामने आया है, जहां डॉक्टरों ने एक महिला के पित्ताशय (gall bladder) से ककड़ी के साइज की पथरी ऑपरेशन से निकाली है. इस पथरी को देखकर डॉक्टर भी हैरान थे. महिला के पेट में 88 मिमी लंबी पथरी थी.

पित्ताशय की लंबाई सामान्य तौर पर 10 सेमी और चौड़ाई 3 से 4 सेमी होती है, लेकिन महिला के पित्ताशय में 88 मिमी की पथरी थी. इसकी वजह से गंभीर सूजन, संक्रमण और पित्ताशय के फटने का भी खतरा बना हुआ था. महिला इस समस्या से पिछले 5 सालों से जूझ रही थी. हालांकि शुरुआत में महिला को पेट में दर्द और उल्टी जैसी परेशानियां हुई थीं, लेकिन उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था.

इनवेसिव लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी टेक्नोलॉजी

88 मिमी की पथरी को ऑपरेशन के जरिए निकालने की भी डॉक्टरों के सामने एक बड़ी चुनौती थी. हालांकि 66 साल की महिला के पित्ताशय का ऑपरेशन सफलतापूर्वक कर लिया गया और पथरी को बाहर निकाल लिया गया. न्यूनतम इनवेसिव लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर महिला का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. अब महिला की हालत ठीक है.

देश में पहली बार सामने आया ऐसा केस

महिला का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने ये दावा किया है कि देश में पहली बार ऐसा कोई केस सामने आया है, जब किसी के पित्ताशय से इतनी बड़ी पथरी निकाली गई हो. लेप्रोस्कोपिक, GI और जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के चीफ डॉक्टर आदर्श कुमार चौहान ने बताया कि पथरी अक्सर बिना किसी लक्षण के विकसित हो जाती है. हालांकि कुछ केस ऐसे होते हैं, जिनमें पेट दर्द और उल्टी जैसी परेशानी होती है. लेकिन कुछ लोगों को पथरी होने के बाद भी कोई परेशानी नहीं होती और फिर अचानक से मरीज की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ जाती है. पथरी की समस्या बहुत से लोगों में देखने को मिलती है. ज्यादातर लोगों के गुर्दे में पथरी हो जाती है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है.

कथावाचक की बात हुई सच, कहा था- एक दिन सबको जाना है, अगले दिन खुद ही चल बसे

जिंदगी में कब क्या हो जाए, ये कोई नहीं कह सकता. मौत कभी भी कहीं भी और कैसे भी आ सकती है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ से सामने आा है. यहां एक कथावाचक की बात सच हो गई. उन्होंने कथा में कहा था- एक दिन सबको जाना है. फिर तीसरे दिन उनकी खुद ही मौत हो गई. उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई.

जानकारी के मुताबिक, ब्यावरा में राधा-कृष्ण मंदिर में शिव पुराण कथा चल रही है. कथा 6 अप्रैल तक होने वाली थी. इसमें कथा वाचक थे इंदौर के पंडित राकेश व्यास, जो कि बावल्या खुर्द गांव के निवासी थे. पंडित राकेश व्यास भक्तों को शिव महिमा सुना रहे थे.

आयोजक समिति ने बताया कि मंगलवार को शिव महापुराण कथा के दौरान कथावाचक ने विभिन्न प्रसंग पर कथा सुनाई थी और अलग अलग तथ्य रखे थे. कथावाचक ने कहा था कि जिंदगी रंज-ओ-गम का मेला है. कल मैं रहूं या ना रहूं, तुम रहो या ना रहो, कथा का श्रवण कर लीजिए, एक दिन राजा हो या रंक या फकीर सबको जाना ही है.

देर रात तक कर रहे थे कथावाचक बातचीत

आयोजन समिति ने बताया कि मंगलवार को कथा खत्म होने के बाद पंडित राकेश व्यास रात डेड से दो बजे तक बातचीत करते रहे. इसके बाद सोए तो फिर सुबह नहीं उठे. सुबह जब आयोजनकर्ता चाय लेकर उन्हें उठाने पहुंचा तो वो नहीं जागे. शरीर मे भी कोई हलचल् नही थी, जिसके बाद तुरंत उन्हें ब्यावरा के निजी अस्पताल मे ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

डॉक्टरों का कहना है कि नींद में ही उन्हें साइलेंट अटैक आया होगा. कथा वाचक पंडित राकेश व्यास इंदौर के पास गांव के रहने वाले थे. कथावाचक की मौत की खबर सुन सभी हतप्रद हैं. किसी को भी विश्ववास नहीं हो पा रहा है कि पंडित जी अब इस दुनिया में नहीं हैं.

भाजपा आई, बिजली गई… दिल्ली में बिजली कटौती के मुद्दे पर AAP कर रही प्रोटेस्ट

दिल्ली में विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी लगातार रेखा सरकार को पॉवर कट को लेकर घेर रही है. इसी बीच आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता गुरुवार को दिल्ली में कश्मीरी गेट, आईटीओ, बुराड़ी विधानसभा, कालकाजी समेत कई हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते आम आदमी पार्टी ने कई जगह ह्यूमन बैनर लगाए. बैनर पर लिखा है “भाजपा आई, बिजली गई”. दिल्ली के कश्मीरी गेट पर आप विधायक कुलदीप कुमार ने ह्यूमन बैनर के साथ प्रोटेस्ट किया.

हालांकि, आईटीओ पर प्रदर्शन कर रहे आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने वहां से हटाया है और बैनर को भी हटा दिया है. आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी को बिजली कटौती को लेकर घेर रही है और पूर्व सीएम आतिशी सोशल मीडिया पर पॉवर कट को लेकर लगातार पोस्ट कर रही है.

आप ने बिजली के मुद्दे पर BJP को घेरा

पूर्व सीएम आतिशी ने हाल ही में एक्स पर दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद पर निशाना साधा, उन्होंने लिखा, ऊर्जा मंत्री जी की अपनी विधान सभा क्षेत्र में बिजली गुल! पूर्व मुख्यमंत्री लगातार एक्स पर बिजली कटने की शिकायतों को रिपोस्ट कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने 1 अप्रैल को एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, दिल्ली के लोग पिछले 40 दिनों से लगातार लंबे पॉवरकट से परेशान हैं, लेकिन बिजली मंत्री समस्या का समाधान करने के बजाए विधानसभा में झूठ बोलकर अपनी सरकार की नाकामी छुपा रहे हैं. साथ ही उन्होंने बिजली मंत्री के तीन झूठ भी गिनाए.

पूर्व सीएम ने कहा, आशीष सूद का पहला झूठ- दिल्ली में केजरीवाल सरकार के दौरान 24 घंटे बिजली नहीं आती थी. सच्चाई: 3 फरवरी 2025 को राज्यसभा में पेश किए केंद्र सरकार के आंकड़े साफ बताते हैं कि दिल्ली में 24 घंटे बिजली मिलती थी. दूसरा झूठ- दिल्ली में पॉवरकट बीजेपी सरकार की नाकामी नहीं, बल्कि शेड्यूल्ड कट हैं. तीसरा झूठ आप कार्यकर्ता और बॉट्स झूठे पॉवरकट के ट्वीट कर रहे हैं. सच्चाई: बीजेपी समर्थक खुद पॉवरकट की शिकायत कर रहे हैं!

AAP ने विधानसभा में किया प्रदर्शन

इसी के साथ 1 अप्रैल को बीजेपी की पॉवर कट को लेकर आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में हाथों में पॉवर कट मैप लिए, बीजेपी सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर 24 घंटे बिजली देने की मांग की

बीजेपी ने किया पलटवार

आप की तरफ से लगातार लगाए जा रहे आरोपों को लेकर बीजेपी की तरफ से भी पलटवार किया गया है. दिल्ली के बिजली मंत्री आशीष सूद ने 1 अप्रैल को बिजली कटौती के बारे में कथित तौर पर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा, हम ऐसे फर्जी अकाउंट और इन अकाउंट का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. सूद ने इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Attention Motion) का जवाब देते हुए दिल्ली विधानसभा में कहा, हम दोषियों के खिलाफ नागरिक नहीं बल्कि आपराधिक कार्रवाई करेंगे.

बिजली मंत्री ने दिल्ली में बिजली संकट के दावों को खारिज करते हुए, जोर देकर कहा कि गर्मियों से पहले पॉवर ग्रिड की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए कटौती नियमित रखरखाव का हिस्सा थी. उन्होंने कहा, हम 40 दिन पुरानी सरकार हैं, फिर भी वो दावा करते हैं कि हमने उस सिस्टम को बाधित कर दिया है जो पिछले 10 साल से सही था, जहां पिछले 10 साल से कोई बिजली संकट नहीं है.

हमें एक ही बैरक में रखो न जेलर साब! मुस्कान-साहिल ने फिर लगाई गुहार; जानें क्यों अब उनका मिलना भी मुश्किल

मेरठ के बहुचर्चित सौरभ राजपूत की हत्यारन बीवी मुस्कान अपने प्रेमी साहिल से मिलने के लिए तड़प रही है. यही स्थिति साहिल की भी है. दोनों ने एक बार फिर जेल प्रबंधन से एक ही बैरक में रखने की गुजारिश की है. हालांकि पहले की ही तरह जेल प्रशासन ने इस बार भी उनकी गुजारिश को ठुकरा दिया है. इसी के साथ दोनों को अब मुलाहिजा बैरक से बाहर मुख्य बैरकों में भेज दिया गया है. जेल प्रशासन ने दोनों को काम भी आवंटित कर दिया है.

मुस्कान ने सिलाई कढ़ाई में रुचि दिखाई है. वहीं साहिल ने खेती को अपनी पसंद बताया है. जेल प्रशासन ने दोनों की मांगे मानते हुए मुस्कान को सिलाई कढ़ाई की ट्रेनिंग शुरू कर दी है. इसी प्रकार साहिल को भी आज से खेत में काम करने के लिए भेजा जा रहा है. जेल सूत्रों के मुताबिक दोनों अब तक मुलाहिजा बैरक में थे. मुस्कान महिला जेल में थी तो साहिल उससे आधा किमी दूर पुरूष जेल में बंद था. अब निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद इन दोनों को मुख्य बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है.

मुलाकात का अवसर ढूंढ रहे दोनों

जेल सूत्रों के मुताबिक इस बीच मुस्कान और साहिल दोनों ने ही एक ही बैरक में रखने की मांग की है. बताया है कि दोनों अलग नहीं रह सकते. जेल प्रशासन ने उनकी इस मांग को नियम का हवाला देते हुए ठुकरा दिया है. बताया है कि दोनों आपस में मिल भी नहीं सकते. दरअसल जेल जाने के बाद से ही साहिल और मुस्कान बेचैन रह रहे हैं. उनकी यह बेचैनी विरह की है और दोनों एक दूसरे से मुलाकात का अवसर ढूंढ रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट में पेशी के दौरान दोनों की मुलाकात हो जाएगी, लेकिन उनकी यह उम्मीद भी टूट गई है.

पहली पेशी पर वकीलों ने की थी दोनों की पिटाई

दरअसल उनकी पहली पेशी पर ही कोर्ट में बवाल हुआ था. वकीलों ने पुलिस सुरक्षा के बावजूद इन्हें खूब थप्पड़ बजाए थे. ऐसे में पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती. इन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही कोर्ट में पेश करने का निर्णय लिया गया है. जेल प्रबंधन के मुताबिक अब इन दोनों बंदियों को बैठाकर नहीं खिलाया जाएगा. बल्कि इन्हें जेल में काम करना होगा. इसके लिए दोनों की पसंद पूछी गई थी, और अब इनके पसंद के मुताबिक काम एलॉट कर दिया गया है. इसी के साथ दोनों को मुलाहिजा बैरक से निकालकर सामान्य बैरक में शिफ्ट किया गया है. अब मुस्कान का बता जेल में बैरक संख्या 12बी होगा, वहीं साहिल जेल के बैरक संख्या 18ए में रहेगा.

सौरभ राजपूत के कर दिए थे 15 टुकड़े

बता दें कि मर्चेंट नेवी के पूर्व अफसर सौरभ राजपूत की हत्या पत्नी मुस्कान ने ही अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर की थी. वारदात के बाद आरोपियों ने सौरभ के 15 टुकड़े किए और नीले ड्रम में डालकर सीमेंट से सील पैक कर दिया था. इसके बाद दोनों घूमने के लिए हिमाचल गए और वहां से वापस होते ही इनकी गिरफ्तारी हो गई थी. यह घटना सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई थी. बल्कि देश भर में पति पत्नी के बीच होने वाले झगड़ों में इस नीले ड्रम की चर्चा जरूर एक बार हो जा रही है.