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स्टंटबाजी करने वाले युवक पर पुलिस ने ठोका जुर्माना

रायपुर- यातायात पुलिस रायपुर ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर नवा रायपुर में स्टंट और लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने वाले चालक पर सख्त कार्रवाई की है. पुलिस ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में लगे कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे स्पीड बाइकर्स की पहचान कर उनके खिलाफ ई-चालान जारी किया जा रहा है.

सोशल मीडिया वीडियो के आधार पर कार्रवाई

27 मार्च 2025 को एक वायरल वीडियो सामने आया, जिसमें दोपहिया वाहन सीडी डीलक्स (CG 04 NJ 5302) का चालक सड़क पर खतरनाक स्टंट कर रहा था. वीडियो में युवक को सांप की चाल की तरह बाइक चलाने और लेटकर वाहन चलाने के दृश्य दिखे. वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाहन स्वामी खेलू विश्वकर्मा (निवासी ग्राम पलौद, मंदिर हसौद, रायपुर) को नोटिस भेजकर तलब किया.

जांच में पता चला कि वाहन चला रहा युवक मोहन विश्वकर्मा (19 वर्ष), वाहन स्वामी का भतीजा था, जो बिना अनुमति के बाइक लेकर नवा रायपुर की सड़कों पर निकल गया था. जांच में पाया गया कि चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, वाहन का बीमा नहीं था, और वाहन स्वामी ने बिना लाइसेंस के व्यक्ति को गाड़ी सौंप दी थी.

6000 रुपये का जुर्माना, सख्त चेतावनी

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पुलिस ने वाहन चालक और स्वामी के खिलाफ धारा 184, 3/181, धारा 5/180, धारा 146/196 कार्रवाई की गई. इसके तहत 6000 रुपये का जुर्माना लगाया गया और दोनों को सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न करें.

नवा रायपुर में स्टंटबाजों पर कड़ी निगरानी

पुलिस ने बताया कि नवा रायपुर में स्टंट करने और रील बनाने वाले बाइकर्स पर सख्त नजर रखी जा रही है. अक्सर युवा सोशल मीडिया पर स्टंट वीडियो डालकर दूसरों को प्रेरित करते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है. कई अभिभावक भी बच्चों की जिद के आगे मजबूर होकर स्पीड बाइक खरीदकर दे देते हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है.

कैमरों की मदद से पुलिस रोजाना ऐसे बाइकर्स का ई-चालान जारी कर रही है. वर्ष 2025 के पहले तीन महीनों में 135 से अधिक चालान स्पीड बाइकर्स पर किए जा चुके हैं.

बीकानेर में राष्ट्रीय अधिवेशन: संघ के प्रतिनिधियों ने डीआरएम रायपुर को सौंपा ज्ञापन

रायपुर- बीआरएमएस (भारतीय रेलवे मजदूर संघ) के बीकानेर में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए. अधिवेशन के दौरान मंडल सचिव टाटा बाबू राव, मंडल अध्यक्ष अभिषेक रेड्डी एवं मंडल कार्यकारिणी तथा संघ के सम्माननीय सदस्यों ने डीआरएम रायपुर महोदय को ज्ञापन सौंपा.

ज्ञापन में प्रमुख मांगें:

  • रनिंग कर्मचारियों के लिए साइडिंग रेस्ट रूम – इसे रनिंग रूम के समान सुविधाओं से युक्त करने की मांग की गई.
  • टिकट ब्रेक – 01:05 के टिकट ब्रेक की सुविधा उपलब्ध कराने की अपील की गई.
  • गैंगमैन के लिए सुविधाएं – अधिक फुट प्लेट और सेक्शन में गैंग हाट प्रदान करने की आवश्यकता जताई गई.
  • कटनी एवं दुर्ग टीटीई रेस्ट रूम – इन रेस्ट रूम में एसी (A.C) की सुविधा देने की मांग उठाई गई.
  • महिला कर्मचारियों के लिए क्रेच रूम – कार्यरत महिलाओं के बच्चों के लिए क्रेच रूम की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग रखी गई.
  • स्पोर्ट्स सेल हेतु बड़ा कमरा – खिलाड़ियों की उपलब्धियों के प्रदर्शन के लिए एक बड़े कमरे की मांग की गई.
  • दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ हेतु ऑफिस – संगठन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए एक ऑफिस प्रदान करने का अनुरोध किया गया.
  • ऑफिस स्टाफ के लिए आधुनिक डेस्क – आधुनिक युग के अनुरूप ऑफिस डेस्क उपलब्ध कराने की मांग की गई.
  • स्टेशनों पर स्टाफ रेस्ट रूम – सभी स्टेशनों में स्टाफ के लिए रेस्ट रूम की सुविधा देने की आवश्यकता जताई गई.

डीआरएम रायपुर महोदय ने प्रतिनिधियों की मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और समस्याओं के यथासंभव समाधान का आश्वासन दिया. संघ के इस सकारात्मक पहल से रेलवे कर्मचारियों की कार्य स्थितियों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

निगमों और पंचायतों में 10 लाख रुपए या उससे अधिक के कार्य ई टेंडरिंग से होंगे, नगरीय प्रशासन विभाग ने जारी किया संशोधित आदेश

रायपुर- छत्तीसगढ़ के निगमों और पंचायतों में अब 10 लाख रुपए या इससे अधिक की राशि वाले कार्य ई टेंडरिंग के माध्यम से हो सकेंगे. इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग ने संशोधित आदेश जारी किया है.

पूर्व में ई टेंडरिंग से 20 लाख रुपए के कार्य होने का था आदेश  

पूर्व में जारी आदेश के अनुसार 20 लाख रुपए या उससे अधिक राशि के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया लागू थी, जिसे अब संशोधित कर 10 लाख रुपए कर दिया गया है. यह निर्णय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने, कार्य आवंटन को अधिक सुचारु बनाने और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है. 

विकास कार्यों की गुणवत्ता में होगा सुधार

सरकार के इस फैसले से नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और ठेका प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी. आदेश जारी होने के बाद अब 10 लाख रुपए से अधिक के कार्यों के लिए अनिवार्य रूप से ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनानी होगी.

 

देखें आदेश :-

गांव में शराब दुकान खोलने का विरोध : महिलाएं बोलीं : किसी भी कीमत पर नहीं खुलने देंगे शराब दुकान, ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

आरंग-  प्रदेश सरकार राज्य के कई जगहों पर नई शराब दुकान खोलने जा रही है, जिसका विरोध भी शुरू हो गया है. आरंग जनपद पंचायत के ग्राम खौली में प्रस्तावित नई शराब दुकान खोलने का ग्रामीणों ने एक स्वर में विरोध किया है. ग्रामीणों ने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर के नेतृत्व में आरंग एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा को ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध जताया. गांव में शराब दुकान खुलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी.

ग्रामीणों ने प्रशासन पर गांव के जनप्रतिनिधियों पर शराब दुकान खोलने के लिए सहमति बनाने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन गांव के सरपंच पर शराब दुकान खोलने की सहमति प्रदान करने का दबाव बना रहे है, जिसके कारण सरपंच भयभीत है. वहीं गांव की महिलाओं का कहना है कि ग्राम खौली में कक्षा 12वीं तक स्कूल है और आसपास के गांव की लड़कियां बड़ी संख्या में पढ़ाई करने यहां आती हैं. शराब दुकान खुलने ने असामाजिक तत्व गांव में अशांति फैलाएंगे और गांव की बहु बेटियों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा. शांतिप्रिय ग्राम खौली में शराब दुकान के कारण वाद विवाद की स्थिति निर्मित होगी.

खौली में खुलने वाली शराब दुकान को दूसरे जगह स्थानांतरित करने की मांग

महिलाओं ने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए खौली में शराब दुकान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर ने कहा कि ग्राम खौली में प्रस्तावित शराब दुकान को अन्य जगह स्थानांतरित किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होगा तो ग्रामीण उग्र आंदोलन और धरना देने के लिए बाध्य होंगे. साथ ही ग्रामीण किसी भी प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि को गांव में प्रवेश नहीं देंगे. ग्रामीणों के भारी विरोध को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्राम खौली में शराब दुकान खोलना शासन-प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा. शराब दुकान खोलने की स्थिति में गांव का माहौल बिगड़ने की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने फिर फोड़ा लेटर बम, अबकी बार निगम-मंडलों की नियुक्ति को लेकर भाजपा अध्यक्ष नड्डा को लिखा पत्र…

रायपुर- पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर की कलम है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. वन रक्षक भर्ती के बाद जल जीवन मिशन में गड़बड़ी को लेकर पत्र लिखने के बाद अबकी बार निगम-मंडलों में नियुक्ति को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है.

पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे अपने पत्र में 2003-18 तक निगम-मंडलों में दलालों के बैठने की वजह से प्रदेश से भाजपा की सरकार जाने की बात कही है. उन्होंने पूर्व निगम-मण्डल अध्यक्ष और सदस्यों पर निशाना साधते हुए नए लोगों को मौका देने का जेपी नड्डा से अनुरोध किया है.

पढ़िए पूरा पत्र –

एसीबी ने नौकरी के नाम पर रिश्वत लेते मंडल निरीक्षक को पकड़ा, दो महीने के भीतर जिले में दूसरी कार्रवाई

सक्ती-  छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई जारी है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज सक्ती जिले में नौकरी लगाने के नाम पर रिश्वत लेते मंडल निरीक्षक को रंगे हाथों पकड़ा. बता दें कि दो महीनेभर के भीतर सक्ती जिले में ट्रैप की यह दूसरी कार्रवाई है.

बता दें कि ग्राम कुटराबोड़ जिला सक्ती के राजेंद्र जांगड़े ने एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में नौकरी के नाम पर रिश्वत लेने की शिकायत की थी. उन्होंने बताया था कि उसका बेटा रवींद्र जांगड़े बालक अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी और रसोइया का काम करता है. आज से करीब एक माह पूर्व इस छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिससे उसके बेटे रवींद्र जांगड़े को उसके पद से हटा दिया गया था, जिस पर रवींद्र जांगड़े ने उसे ( प्रार्थी राजेंद्र जांगड़े ) को विभाग के अधिकारियों से मिलकर काम पर फिर से रखने के लिए निवेदन करने के लिए भेजा था. वह आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ती के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से मिला तो मंडल निरीक्षक ने रवींद्र जांगड़े को पुनः सेवा में लेने के एवज में 1.5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की.

शिकायत का सत्यापन कराए जाने के दौरान आरोपी 50000 रुपए प्रार्थी से प्राप्त कर लिया था और अगले किश्त के रूप में 50000 रुपए और लेने के लिए सहमति दी गई थी. शिकायत के आधार पर कार्रवाई की योजना बनाकर एसीबी बिलासपुर की टीम ने आज आरोपी संदीप खांडेकर को रिश्वती रकम ₹50000 देने के लिए प्रार्थी को रिश्वती रकम सहित भेजा था. आरोपी द्वारा प्रार्थी को जेठा जिला सक्ति कलेक्ट्रेट से लगे आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में बुलाए जाने पर प्रार्थी ने वहां जाकर आरोपी को रिश्वती रकम 50000 रुपए देने पर आरोपी ने उसे अपनी मारुति कार में रखवायाराजस्व निरीक्षक को भी रिश्वते लेते पकड़ा गया थारिश्वती रकम को कार में रखते ही पहले से घेराबंदी में लगी एसीबी बिलासपुर की टीम ने आरोपी संदीप खांडेकर को पकड़ लिया और रिश्वती रकम बरामद किया. आरोपी के विरुद्ध एसीबी ने धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की. बता दें कि करीब 2 माह के भीतर ही कुटराबोड जैजैपुर में राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण जांगड़े को भी रिश्वत लेते हुए एसीबी बिलासपुर के टीम ने पकड़ा था. लगातार हो रही इस कार्रवाई से आम जनता ने राहत महसूस की है. एसीबी की सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई निरंतर आगे भी जारी रहेगी.

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संसद में छत्तीसगढ़ के किसानों की आवाज बने सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर- रायपुर सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों का मामला लोकसभा में उठाया। शुक्रवार को बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में छत्तीसगढ़ में किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर सरकार से प्रश्न किया। उन्होंने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या किसानों को सस्ती दरों पर समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोई विशेष योजना लागू की जा रही है, विशेष रूप से दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में।

सांसद श्री अग्रवाल ने यह भी पूछा कि क्या सरकार आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में नई सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है।

इस पर रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक जैसे यूरिया, डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), म्युरेट ऑफ़ पोटाश (एम ओ पी) और नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर फसल सीजन में आवश्यक कदम उठा रही है।

मंत्री श्रीमती पटेल ने स्पष्ट किया कि सरकार का छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई नई एपीआई विनिर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रभावी रणनीतियों पर काम कर रही है जिसके तहत राज्यवार और महीनावार उर्वरक आवश्यकता का आकलन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य सरकारों के परामर्श से किया जाता है। मासिक आपूर्ति योजना जारी करके उर्वरकों की निरंतर निगरानी की जाती है। एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से सब्सिडी वाले उर्वरकों की देशभर में आवाजाही की निगरानी की जाती है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित कर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति के तहत दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिल रहा है, जिससे उन्हें खेती में कोई कठिनाई न हो।

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए और अधिक ठोस योजनाएं लाई जाएं ताकि राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

वन आधारित आजीविका को मजबूत कर जनजातीय समाज की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित - संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।

कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने वनोपज आधारित स्टालों का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अरण्य भवन परिसर में वन उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। लीफ प्लेट टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की टीम ने मुख्यमंत्री श्री साय को लीफ से तैयार डिनर सेट भेंट किया। इस दौरान भोपालपट्टनम, बीजापुर जिले से आये बी. आर. राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वे पिछले 35 वर्षों से वनौषधीय पौधों के बीजों का संरक्षण कर रहे हैं। वे अपने 'गमलों से जंगल की ओर' अभियान के तहत निःशुल्क बीजों का वितरण भी करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्री राव के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। बलौदाबाजार जिले के अमरवा बांस प्रसंस्करण केन्द्र के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से बना गुलदस्ता भेंट करते हुए केन्द्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। श्री साय ने लाख उत्पादक किसान समिति कांकेर, छत्तीसगढ़ हर्बल और जशप्योर एफपीसी जशपुर के स्टालों का अवलोकन कर समूह के सदस्यों के साथ चर्चा की।

भीषण गर्मी के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों के समय में हुआ बदलाव, 1 अप्रैल से लागू होगा नया शेड्यूल

रायपुर- प्रदेश में बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में अस्थायी बदलाव किया है. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025 तक आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सुबह 7ः00 बजे से 11:00 बजे तक किया जाएगा. इस अवधि में केंद्रों का संचालन 6 घंटे की बजाय 4 घंटे ही संचालित रहेंगे. जिससे बच्चों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके.

महिला एवं बाल विकास विभाग के सरगुजा जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार ने बताया कि ग्रीष्मकाल समाप्त होने के बाद 1 जुलाई 2025 से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन पूर्व निर्धारित समयानुसार सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक पुनः 6 घंटे के लिए किया जाएगा. नौनिहालों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में परिवर्तन किए गए हैं.

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए पटवारी और बाबू, ACB ने किया गिरफ्तार

सूरजपुर-  छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 2 अलग-अलग जगहों पर बड़ी कार्रवाई की है. ACB ने 2 अलग-अलग टीमें बनाकर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र में एक पटवारी और एक बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. 

पहली गिरफ्तारी गोविन्दपुर में हुई, जहां पटवारी जमीन के चौहदी बनाने के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत रिश्वत ले रहा था. वहीं दूसरी गिरफ्तारी प्रतापपुर के तहसील कार्यालय में हुई, जहां बाबू 10 हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार हुआ. बता दें, इस वर्ष के भीतर सरगुजा संभाग में ACB द्वारा अब तक 10 से अधिक रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया जा चुका है.