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पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने फिर फोड़ा लेटर बम, अबकी बार निगम-मंडलों की नियुक्ति को लेकर भाजपा अध्यक्ष नड्डा को लिखा पत्र…

रायपुर- पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर की कलम है कि थमने का नाम नहीं ले रही है. वन रक्षक भर्ती के बाद जल जीवन मिशन में गड़बड़ी को लेकर पत्र लिखने के बाद अबकी बार निगम-मंडलों में नियुक्ति को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है.

पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे अपने पत्र में 2003-18 तक निगम-मंडलों में दलालों के बैठने की वजह से प्रदेश से भाजपा की सरकार जाने की बात कही है. उन्होंने पूर्व निगम-मण्डल अध्यक्ष और सदस्यों पर निशाना साधते हुए नए लोगों को मौका देने का जेपी नड्डा से अनुरोध किया है.

पढ़िए पूरा पत्र –

एसीबी ने नौकरी के नाम पर रिश्वत लेते मंडल निरीक्षक को पकड़ा, दो महीने के भीतर जिले में दूसरी कार्रवाई

सक्ती-  छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई जारी है. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आज सक्ती जिले में नौकरी लगाने के नाम पर रिश्वत लेते मंडल निरीक्षक को रंगे हाथों पकड़ा. बता दें कि दो महीनेभर के भीतर सक्ती जिले में ट्रैप की यह दूसरी कार्रवाई है.

बता दें कि ग्राम कुटराबोड़ जिला सक्ती के राजेंद्र जांगड़े ने एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर में नौकरी के नाम पर रिश्वत लेने की शिकायत की थी. उन्होंने बताया था कि उसका बेटा रवींद्र जांगड़े बालक अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी और रसोइया का काम करता है. आज से करीब एक माह पूर्व इस छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिससे उसके बेटे रवींद्र जांगड़े को उसके पद से हटा दिया गया था, जिस पर रवींद्र जांगड़े ने उसे ( प्रार्थी राजेंद्र जांगड़े ) को विभाग के अधिकारियों से मिलकर काम पर फिर से रखने के लिए निवेदन करने के लिए भेजा था. वह आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ती के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से मिला तो मंडल निरीक्षक ने रवींद्र जांगड़े को पुनः सेवा में लेने के एवज में 1.5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की.

शिकायत का सत्यापन कराए जाने के दौरान आरोपी 50000 रुपए प्रार्थी से प्राप्त कर लिया था और अगले किश्त के रूप में 50000 रुपए और लेने के लिए सहमति दी गई थी. शिकायत के आधार पर कार्रवाई की योजना बनाकर एसीबी बिलासपुर की टीम ने आज आरोपी संदीप खांडेकर को रिश्वती रकम ₹50000 देने के लिए प्रार्थी को रिश्वती रकम सहित भेजा था. आरोपी द्वारा प्रार्थी को जेठा जिला सक्ति कलेक्ट्रेट से लगे आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में बुलाए जाने पर प्रार्थी ने वहां जाकर आरोपी को रिश्वती रकम 50000 रुपए देने पर आरोपी ने उसे अपनी मारुति कार में रखवायाराजस्व निरीक्षक को भी रिश्वते लेते पकड़ा गया थारिश्वती रकम को कार में रखते ही पहले से घेराबंदी में लगी एसीबी बिलासपुर की टीम ने आरोपी संदीप खांडेकर को पकड़ लिया और रिश्वती रकम बरामद किया. आरोपी के विरुद्ध एसीबी ने धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की. बता दें कि करीब 2 माह के भीतर ही कुटराबोड जैजैपुर में राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण जांगड़े को भी रिश्वत लेते हुए एसीबी बिलासपुर के टीम ने पकड़ा था. लगातार हो रही इस कार्रवाई से आम जनता ने राहत महसूस की है. एसीबी की सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई निरंतर आगे भी जारी रहेगी.

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संसद में छत्तीसगढ़ के किसानों की आवाज बने सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर- रायपुर सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों का मामला लोकसभा में उठाया। शुक्रवार को बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में छत्तीसगढ़ में किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता को लेकर सरकार से प्रश्न किया। उन्होंने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या किसानों को सस्ती दरों पर समय पर उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोई विशेष योजना लागू की जा रही है, विशेष रूप से दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में।

सांसद श्री अग्रवाल ने यह भी पूछा कि क्या सरकार आयात पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में नई सक्रिय औषधि सामग्री (एपीआई) विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है।

इस पर रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक जैसे यूरिया, डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), म्युरेट ऑफ़ पोटाश (एम ओ पी) और नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर फसल सीजन में आवश्यक कदम उठा रही है।

मंत्री श्रीमती पटेल ने स्पष्ट किया कि सरकार का छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई नई एपीआई विनिर्माण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रभावी रणनीतियों पर काम कर रही है जिसके तहत राज्यवार और महीनावार उर्वरक आवश्यकता का आकलन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा राज्य सरकारों के परामर्श से किया जाता है। मासिक आपूर्ति योजना जारी करके उर्वरकों की निरंतर निगरानी की जाती है। एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली (आईएफएमएस) के माध्यम से सब्सिडी वाले उर्वरकों की देशभर में आवाजाही की निगरानी की जाती है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ साप्ताहिक वीडियो कांफ्रेंस आयोजित कर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति के तहत दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों के किसानों को भी पर्याप्त मात्रा में उर्वरक मिल रहा है, जिससे उन्हें खेती में कोई कठिनाई न हो।

उन्होंने यह भी आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को सस्ते दामों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए और अधिक ठोस योजनाएं लाई जाएं ताकि राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

वन आधारित आजीविका को मजबूत कर जनजातीय समाज की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  जनजातीय समाज और वनों के मध्य गहरा संबंध है और दोनों एक दूसरे के पूरक के रूप में संरक्षित - संवर्धित हो रहे हैं। प्रकृति की गोद में ही जनजाति समाज का पीढ़ी दर पीढ़ी विकास हुआ है। यह कार्यशाला आदिवासियों और वनों के सहअस्तित्व को केंद्र में रखकर उनके उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज नवा रायपुर में आदिवासी समुदायों के लिए वन आधारित जीविकोपार्जन के अवसर विषय पर नीति आयोग तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यशाला में सभी प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों और अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को जीविकोपार्जन के समुचित अवसर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत जनजाति समुदाय निवासरत है और 44 प्रतिशत इलाका वन आच्छादित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले 35 वर्षों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में मैने प्रदेश के जनजाति समुदाय और विशेष पिछड़ी जनजातियों के संघर्ष और पीड़ा को करीब से देखा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की व्यथा को समझा और एक आदिवासी बहुल नए राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया। श्री साय ने कहा कि अटल जी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए पृथक मंत्रालय का भी गठन किया और आदिवासियों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही राशि का सही उपयोग हो पाया। अटल जी के प्रयासों से ही छत्तीसगढ़ में विकास के नए आयाम स्थापित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे, इस उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर पीडीएस सिस्टम लागू कर लोगो को सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध कराया। उन्होंने समर्थन मूल्य पर वनोपज की खरीदी प्रारंभ की, जिसने आदिवासियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज पर्याप्त मात्रा में है। कुल 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण और विक्रय महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वनोपजों से जुड़ी प्रोत्साहक नीतियों का लाभ उठाकर स्व सहायता समूह की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के आजीविका और उत्थान के लिए संचालित पीएम-जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस मौके पर श्री साय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनजाति समुदायों के उत्थान के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नीति आयोग और वन विभाग की इस संयुक्त कार्यशाला से जनजातीय समाज को तकनीक और नवाचार से जोड़ने के साथ ही आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि नीति आयोग के सहयोग से एक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विषय पर आज एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदाय के लिए संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन अब तेजी से हो रहा है और वनवासी क्षेत्रों में व्यवस्थाएं अब सुदृढ़ हुई है। उन्होंने पर्यावरण संतुलन के साथ वन संसाधनों के समुचित उपयोग पर जोर देने और रोजगार सृजन की बात कही।

कार्यशाला में नीति आयोग के सलाहकार सुरेंद्र मेहता, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा और वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर एपीसीसीएफ शालिनी रैना, नीति आयोग के निदेशक अमित वर्मा, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण और झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से आए प्रबुद्धजन, विषय विशेषज्ञ और अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने वनोपज आधारित स्टालों का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अरण्य भवन परिसर में वन उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया। लीफ प्लेट टेक्नोलॉजी, हैदराबाद की टीम ने मुख्यमंत्री श्री साय को लीफ से तैयार डिनर सेट भेंट किया। इस दौरान भोपालपट्टनम, बीजापुर जिले से आये बी. आर. राव ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि वे पिछले 35 वर्षों से वनौषधीय पौधों के बीजों का संरक्षण कर रहे हैं। वे अपने 'गमलों से जंगल की ओर' अभियान के तहत निःशुल्क बीजों का वितरण भी करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने श्री राव के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। बलौदाबाजार जिले के अमरवा बांस प्रसंस्करण केन्द्र के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बांस शिल्प से बना गुलदस्ता भेंट करते हुए केन्द्र में संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। श्री साय ने लाख उत्पादक किसान समिति कांकेर, छत्तीसगढ़ हर्बल और जशप्योर एफपीसी जशपुर के स्टालों का अवलोकन कर समूह के सदस्यों के साथ चर्चा की।

भीषण गर्मी के चलते आंगनबाड़ी केंद्रों के समय में हुआ बदलाव, 1 अप्रैल से लागू होगा नया शेड्यूल

रायपुर- प्रदेश में बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में अस्थायी बदलाव किया है. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025 तक आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सुबह 7ः00 बजे से 11:00 बजे तक किया जाएगा. इस अवधि में केंद्रों का संचालन 6 घंटे की बजाय 4 घंटे ही संचालित रहेंगे. जिससे बच्चों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके.

महिला एवं बाल विकास विभाग के सरगुजा जिला कार्यक्रम अधिकारी अतुल परिहार ने बताया कि ग्रीष्मकाल समाप्त होने के बाद 1 जुलाई 2025 से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन पूर्व निर्धारित समयानुसार सुबह 9:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक पुनः 6 घंटे के लिए किया जाएगा. नौनिहालों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में परिवर्तन किए गए हैं.

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए पटवारी और बाबू, ACB ने किया गिरफ्तार

सूरजपुर-  छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) ने 2 अलग-अलग जगहों पर बड़ी कार्रवाई की है. ACB ने 2 अलग-अलग टीमें बनाकर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र में एक पटवारी और एक बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. 

पहली गिरफ्तारी गोविन्दपुर में हुई, जहां पटवारी जमीन के चौहदी बनाने के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत रिश्वत ले रहा था. वहीं दूसरी गिरफ्तारी प्रतापपुर के तहसील कार्यालय में हुई, जहां बाबू 10 हजार रुपये की घूस लेते हुए गिरफ्तार हुआ. बता दें, इस वर्ष के भीतर सरगुजा संभाग में ACB द्वारा अब तक 10 से अधिक रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई, 590 नग नाइट्रोटेन टेबलेट के साथ 2 आरोपी गिरफ्तार…

गरियाबंद-  पुलिस ने नशीली दवाओं के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया है. राजिम पुलिस ने 590 नग नशीली टेबलेट के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह मामला NDPS एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. 

इस संबंध में जानकारी देते हुए एडिशनल एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि पुलिस को यह सूचना मुखबिर के जरिए मिली थी. सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ओडिशा के खड़ियार रोड निवासी आरोपी पीयूष गोस्वामी को गिरफ्तार किया, जो इन नशीली टेबलेट्स की खरीदी कर रहा था. 

पीयूष की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने उसके संपर्कों का पता लगाकर रायपुर निवासी निखिल फुले को भी गिरफ्तार किया, जो इन नशीली दवाओं का सप्लाई कर रहा था. दोनों आरोपियों से कुल 590 नग नाइट्रोटेन की गोलियां बरामद की गई हैं. अब आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है, और उन्हें न्यायालय में पेश करने की तैयारी की जा रही है. 

कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने ग्रामीण पीएम आवास और उपस्वास्थ्य केंद्र का किया औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं में सुधार के दिए निर्देश

अभनपुर-  रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आज अभनपुर के ग्राम निमोरा में उप स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने बच्चों को दिए जाने वाले रेडी-टू-ईट लड्डू की गुणवत्ता का स्वयं स्वाद लेकर जांच की और व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए. 

इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत निर्मित और निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण किया. उन्होंने गांव के पुरानिक राम और गांधी राम यादव के घर (पीएम आवास) पहुंचकर उनके और उनके परिवार से बातचीत कर उन्हें मिल रही लाभप्रद योजनाओं की जानकारी ली. 

कलेक्टर गौरव सिंह स्वास्थ्य केंद्र भी पहुंचे और वहां स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता का भी जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में प्रसव के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयों की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए, ताकि स्थानीय लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें.  

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ कुमार विश्वरंजन, अभनपुर एसडीएम रवि सिंह, जनपद सीईओ राजेंद्र पांडे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे. 

महौपार मीनल चौबे ने रायपुर निगम के बजट को बताया वित्त मंत्री ओपी चौधरी से प्रेरित, वहीं नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने कही यह बात…

रायपुर- महापौर मीनल चौबे ने रायपुर नगर निगम ने बजट को वित्त मंत्री ओपी चौधरी से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि हमने बजट में जो भी प्रावधान किया है, उसे एक वर्ष में पूरा करने की कोशिश करेंगे. वहीं दूसरी ओर निगम में नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने बजट की निंदा की है.

बतौर महापौर मीनल चौबे ने अपना पहला बजट पेश करने के बाद मीडिया से चर्चा की. उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग, हर समाज के लोगों के लिए कुछ न कुछ प्रावधान किया गया है. थर्ड जेंडर के लिए हमने गार्डन बनाने का प्रावधान किया है.

वहीं 400 करोड़ की कटौती को लेकर महापौर मीनल चौबे ने कहा कि वास्तविकता का बजट है, हम जितना अनुमान लगाया है, उसके मुताबिक ही बजट लाए हैं, ताकि खर्च भी हम कर सके और विकास भी हो

वहीं निगम के नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ने बजट की निंदा करते हुए कहा कि गौ संरक्षण के लिए, गौ अभयारण्य बनाने का कोई प्रावधान नहीं है. मच्छरों के उन्मूलन के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं है. तालाबों के संरक्षण के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.

कांग्रेस पार्षद आकाश तिवारी ने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार में विश्वास की कमी है, जो इतना कम बजट पेश किया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में कोई नई बात नहीं थी. निगम की बीजेपी सरकार के पहले बजट से स्पष्ट हुआ है कि कथनी और करनी में अंतर है. बजट फेलियर साबित होगा.

रायपुर नगर निगम के लिए मेयर मीनल चौबे ने 1529 करोड़ की बजट पेश किया

रायपुर- ‘हमने बनाया है हम ही संवारेंगे, रायपुर को स्वर्ग सा निखारेंगे, हर गली हर मोड़ चमकायेंगे, नव निर्माण की लौ जलायेंगे’ की शायरी के साथ महापौर मीनल चौबे ने रायपुर नगर निगम के लिए अपना पहला बजट पेश किया. कुल 1529 करोड़ 53 लाख 28 हजार रुपए के बजट में 1528 करोड़ 73 लाख 83 हजार रुपए का व्यय तो 79 लाख 45 हजार रुपए मुनाफे का अनुमान जताया गया है.

महापौर मीनल चौबे ने बजट में रायपुर नगर निगम के आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल अनुमानित आय 1,462 करोड़ 41 लाख 87 हजार रुपए बताया है, जिसमें पूंजीगत आय 856 करोड़ 58 लाख 42 हजार रुपए और डिपॉजिट वर्क आय 46 करोड़ 17 लाख 25 हजार रुपए है.

महापौर ने बताया कि लोक कर्म विभाग से संबंधित कार्यों के लिए कुल 97 करोड़ 03 लाख 56 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके अंतर्गत मुख्य रूप से बड़े नालों के निर्माण के लिए 05 करोड़, सीमेंट मार्ग निर्माण के लिए 01 करोड़, मार्ग का डामरीकरण के लिए 05 लाख, जोन कार्यालय एवं प्रत्येक वार्ड में कार्यालय भवन के लिए 02 करोड़, फुटपाथ एवं पेवर निर्माण के लिए 50 लाख, चौराहों का पुनर्विकास के लिए 10 करोड़, नाली निर्माण के लिए 05 करोड़, डब्लूबीएम मार्ग के लिए 01 करोड़, महापौर निधि के लिए 02 करोड़ 25 लाख, अध्यक्ष निधि के लिए 01 करोड़ 50 लाख का प्रावधान रखा गया है.

वहीं जल कार्य विभाग से संबंधित कुल व्यय का 68 करोड़ 25 लाख 18 हजार रुपए का अनुमान जताया गया है. इसके पेयजल परिवहन कार्य के लिए 01 करोड़ 50 लाख रुपए, पावर पंप क्रय/स्थापना कार्य के लिए 30 लाख रुपए, जल व्यवस्था के लिए 02 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

राजस्व विभाग के लिए 14 करोड़ 52 लाख 63 हजार रुपए के व्यय का प्रस्ताव किया गया है. इसमें अलावा खाद्य, लोक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिए 77 करोड़ 55 लाख 27 हजार रुपए का प्रावधान रखा गया है. इसमें मच्छर उन्मूलन, आवारा कुत्तों के बधियाकरण, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, मशीन क्रय, सफाई मित्र योजना, चिकित्सालयों के लिए दवाइयों एवं उपकरणों की खरीद शामिल है.

विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग के लिए 73 करोड़ 99 लाख 29 हजार रुपए के व्यय का अनुमान जताया गया है. इसके अंतर्गत मार्ग विद्युतीकरण के लिए 01 करोड़ रुपए, सौर ऊर्जा से संबंधित कार्यों के लिए 50 लाख रुपए, विद्युत सामग्री क्रय के लिए 02 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

गरीबी उन्मूलन एवं सामाजिक कल्याण विभाग के लिए 88 लाख 60 हजार रुपए का व्यय प्रावधानित किया गया है. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए कुल 42 लाख 56 हजार रुपए का प्रस्ताव किया गया है. इसके अंतर्गत निगम क्षेत्र की निर्धन महिलाओं को कुटीर उद्योगों के माध्यम से स्व-रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा.

बजट में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के लिए 07 करोड़ 89 लाख 57 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है. वहीं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वार्डों के विकास कार्यों के लिए 06 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान है. इसके साथ इस वर्ग के युवाओं एवं महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने का विशेष प्रावधान रखा गया है.

इसके अलावा खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग के लिए 02 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें खिलाड़ियों के लिए खेल शिविर, खेल प्रशिक्षण एवं वार्षिक समारोह का खर्च शामिल है. पर्यावरण एवं उद्यानिकी विभाग के लिए 27 करोड़ 10 लाख 90 हजार रुपए के व्यय का प्रस्ताव रखा गया है. इसमें नवीन उद्यानों की स्थापना के लिए 08 करोड़ 80 लाख रुपए, उद्यानों का संधारण के लिए 03 करोड़ 85 लाख रुपए, खेलकूद सामग्री के लिए 02 करोड़ 20 लाख रुपए, वृक्षारोपण के लिए 02 करोड़ 75 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है.

संस्कृति, पर्यटन, मनोरंजन एवं विरासत संरक्षण विभाग के लिए 03 करोड़ 42 लाख 55 हजार रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है. इसमें छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु संगोष्ठियों का आयोजन एवं प्रोत्साहन, निगम कर्मचारियों एवं जनता के लिए संगीत एवं सांस्कृतिक क्लबों की स्थापना के लिए व्यय शामिल है.

इसके साथ जोन व्यय के लिए जोन कार्यालयों के माध्यम से 189 करोड़ 93 लाख 69 हजार रुपए के व्यय का प्रस्ताव रखा गया है. इसमें सफाई ठेका के लिए 58 करोड़ 01 लाख 25 हजार रुपए, गालियों का कांक्रीटीकरण – 17 करोड़ 64 लाख 20 हजार रुपए, मार्ग संधारण के लिए 10 करोड़ 77 लाख 54 हजार रुपए, सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 07 करोड़ 74 लाख 98 हजार रुपए, समस्त भवनों का वार्षिक संधारण के लिए 03 करोड़ 37 लाख 71 हजार रुपए, नालियों का वार्षिक संधारण के लिए 06 करोड़ 95 लाख 38 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.

इसके अलावा पार्षद निधि के लिए 05 करोड़ 25 लाख 29 हजार रुपए, सार्वजनिक कुओं और तालाबों की सफाई के लिए 02 करोड़ 28 लाख 35 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है.

इसके साथ ही पूंजीगत व्यय में कुल 789 करोड़ 89 लाख 50 हजार रुपए के व्यय का अनुमानित प्रस्ताव किया गया है. इसमें सबके लिए आवास योजना के लिए 45 करोड़ रुपए, अमृत मिशन योजना के लिए 05 करोड़ रुपए, खारून नदी में मिलने से पहले नालियों के पानी के शुद्धिकरण के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 01 करोड़ रुपए, अधोसंरचना मद के लिए 94 करोड़ 70 लाख रुपए, नगर विकास योजना/मार्ग चौड़ीकरण के लिए 120 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.

बजट में बीएसयूपी योजना के लिए 01 करोड़ रुपए, आश्रय शुल्क के लिए 50 लाख रुपए, वार्षिक संधारण के लिए 15 करोड़ रुपए, पुष्पवाटिका योजना के लिए 80 लाख रुपए, गोकुल नगर विकास कार्य – 80 लाख रुपए, जिमखाना/व्यायामशाला के लिए 02 करोड़ रुपए, सरोवर धरोहर योजना के लिए 01 करोड़ 50 लाख रुपए, राजीव आवास योजना के लिए 20 लाख रुपए, उन्मुक्त खेल मैदान योजना (पंडरी स्थित प्रगति मैदान सहित) के लिए 80 लाख रुपए, पार्षदों की अनुशंसा पर किए जाने वाले कार्यों के लिए 04 करोड़ 78 लाख रुपए, मुक्तिधाम योजना के लिए 80 लाख रुपए, सार्वजनिक प्रसाधन योजना के लिए 80 लाख रुपए, चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग के लिए 01 करोड़ रुपए, पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के लिए 01 करोड़ रुपए, पुष्प बाजार के लिए 15 लाख रुपए, वार्डों में आगंतुकों हेतु पथ प्रदर्शक पट्टिका एवं महत्वपूर्ण स्थलों के सूचक के लिए 01 करोड़ रुपए, धातु फ्रेम में महापुरुषों की जीवनी लेखन के लिए 20 लाख रुपए, प्रत्येक जोन में ई-गवर्नेंस की स्थापना के लिए 50 लाख रुपए शामिल किए गए हैं.

डिपॉजिट वर्क के लिए बजट में 36 करोड़ 52 लाख 25 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है. इसमें प्रमुख रूप से जिला योजना मंडल के कार्य, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना आदि के लिए व्यय प्रस्तावित किया गया है.

बजट में नालंदा परिसर की तर्ज पर केंद्रीय लाइब्रेरी सह रीडिंग ज़ोन छत्तीसगढ़ शासन द्वारा रायपुर जिले में 500 सीटर की 2 केंद्रीय लाइब्रेरी सह रीडिंग ज़ोन के निर्माण के लिए 2,284.56 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. यह योजना युवाओं को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार की गई है. मुख्यमंत्री नगरोत्थान योजना नगर पालिक निगम, रायपुर के लिए 9,300 लाख रुपए की राशि इस योजना के तहत स्वीकृत की गई है.

इस योजना में शामिल प्रमुख कार्यों में रायपुर के 18 प्रमुख रोड जंक्शन का विकास महादेव घाट पुनरुद्धार योजना (फेस-1) टेलीबांधा चौक के समीप टेक्नो टावर का निर्माण, जिसमें को-वर्किंग स्पेस, ट्रेड और आईटी टावर जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. अधोसंरचना विकास योजना विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों हेतु 3,761 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं.

इसमें गौरवपथ एवं चौड़ीकरण कार्य सीएसीबी चौक से पचपेड़ी नाका तक रोड निर्माण के लिए 1,500 लाख रुपए, छुईया तालाब सौंदर्यीकरण के लिए 300 लाख रुपएस ठक्कर बाबा वार्ड (वार्ड 17) में 2,000 किलोलीटर क्षमता और 25 मीटर ऊंचाई वाला जलागार, राइजिंग लाइन, डिस्ट्रीब्यूशन लाइन, घरेलू कनेक्शन एवं ऑटोमेशन कार्य के लिए 1,961 लाख रुपए का प्रावधान रखा गया है.

महिला स्वावलंबन योजना के तहत दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शहरी गरीबों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज से जोड़ा जाएगा. उन्हें उनके व्यवसाय से संबंधित कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. उन्हें डिजिटल लेनदेन का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उनके परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाएगा.

चिन्हांकित स्थानों का विकास प्रमुख बाजारों को विकसित किया जाएगा ताकि व्यापारिक गतिविधियों को सुगम बनाया जा सके. इसके अलावा तृतीय लिंग समुदाय के लिए प्रशिक्षण तृतीय लिंग समुदाय के सदस्यों को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया जाएगा.

कामकाजी महिलाओं के लिए वसति गृह रायपुर में तीन स्थानों पर कामकाजी महिला वसति गृह (Hostel for Working Women) का निर्माण किया जाएगा. सार्वजनिक महिला प्रसाधन गृह बाजारों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में स्वच्छ एवं सुविधायुक्त महिला प्रसाधन गृह बनाए जाएंगे. इनमें सेनेटरी वेंडिंग मशीन और बेबी फीडिंग रूम भी उपलब्ध होंगे. यही नहीं महिला सुरक्षा हेतु सर्विलेंस कैमरे महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सर्विलेंस कैमरे लगाए जाएंगे. महिला स्वावलंबन, सुरक्षा और सुविधा विस्तार हेतु 20 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया गया है.

महिला स्वावलंबन एवं सुविधा विस्तार के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत जोन कार्यालयों में स्थित महिला शौचालयों में महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सेनेटरी नेपकिन वेंडिंग मशीन एवं इंसीनेटर मशीन स्थापित किए जाएंगे. इस योजना के लिए वार्षिक बजट में ₹25 लाख का प्रावधान किया गया है.

महिलाओं के स्वावलंबन एवं रोजगार सृजन के लिए राज्य शासन द्वारा 10 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है, जिससे गारमेंट फैक्टरी संचालित की जाएगी और स्थानीय महिलाओं एवं युवाओं को रोजगार से जोड़कर आर्थिक समृद्धि प्रदान की जाएगी.

युवाओं के लिए युवाश्रय (युथ हॉस्टल) तैयार किए जाएंगे. साथ ही, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतिभागियों के लिए नालंदा लाइब्रेरी की तर्ज पर अलग-अलग क्षेत्रों में अत्याधुनिक हाई-टेक लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी. इस योजना हेतु ₹15 करोड़ एवं ₹22.48 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है. प्ले जोन विकसित किए जाएंगे, जिससे बच्चे और युवा खेल गतिविधियों से जुड़ सकें और सामाजिक सद्भाव एवं खेल भावना को बढ़ावा मिले. इस योजना हेतु राज्य शासन द्वारा ₹2.5 करोड़ की राशि प्रदान की गई है.

रायपुर के धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण हेतु महादेव घाट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. इसके लिए ₹15 करोड़ का बजट प्रावधान है. साथ ही, ऐतिहासिक स्थलों एवं धरोहरों का संरक्षण भी किया जाएगा.

रायपुर शहर को एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक मार्केट, क्रिस्टल आर्केड कमर्शियल हब और ट्रेड टावर स्थापित किए जाएंगे. इससे युवा उद्यमियों को स्टार्टअप एवं स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे. इस योजना के लिए ₹219 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है.

दिव्यांगजनों के विकास में बाधाओं को दूर करने हेतु समाज कल्याण विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर दिव्यांग फ्रेंडली भवन, प्रसाधन गृह एवं दिव्यांग पार्क विकसित किए जाएंगे. इसके लिए 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.

नवीन रोजगार सृजन के लिए जोन कार्यालय क्षेत्रों में चौपाटी स्थलों का निर्माण किया जाएगा, जिससे छोटे व्यापारियों एवं पथ विक्रेताओं को व्यवसाय हेतु उचित स्थान मिल सके. स्टार्टअप एवं नवाचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे युवा नवाचार गतिविधियों एवं रोजगार सृजन से जुड़ सकें. इस योजना के लिए 10 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है.

रायपुर शहर के तालाबों एवं जलाशयों के संरक्षण के लिए विशेष योजनाएँ लागू की जाएंगी. जलकुंभी निकासी मशीनें खरीदी जाएंगी, जिससे तालाबों की सफाई सुनिश्चित हो सके. इसके अलावा, जोरा तालाब, छुईया तालाब एवं करबला तालाब का पुनर्विकास किया जाएगा और विभिन्न पार्कों का विकास किया जाएगा. इस योजना हेतु 30 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है.

रायपुर को महानगरीय स्वरूप प्रदान करने के लिए उद्योग भवन, राजेंद्र नगर, सरोना और तेलीबांधा में फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा. शहर के 18 प्रमुख चौक-चौराहों का पुनर्विकास किया जाएगा. यातायात एवं अपराध नियंत्रण को सुदृढ़ करने हेतु सीसीटीवी कैमरे एवं आधुनिक निगरानी तंत्र स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा चिन्हित स्थानों पर स्वचालित पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी. सड़कों के डामरीकरण एवं वृक्षारोपण की ठोस पहल की जाएगी. इन सभी कार्यों के लिए ₹61 करोड़ की राशि बजट में निर्धारित की गई है.