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दिल्ली में महिलाओं के खाते में नहीं आए 2500 रुपये, आतिशी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता और पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि 8 मार्च को 2500 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी. न केवल उन्होंने महिलाओं को पैसे नहीं दिए, बल्कि योजना के पैरामीटर भी जारी नहीं किए. पीएम मोदी ने महिलाओं को आश्वासन दिया था कि अपने फोन नंबर को अकाउंट से जोड़ लीजिए, ताकि जब 2500 आप सभी के अकाउंट में भेजे जाएं तो उसका मैसेज भी आप तक तुरंत पहुंच जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

यहां तक उन्होंने यह भी नहीं बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कैसे और कब होगी? उन्होंने कल चार सदस्यीय समिति बनाई और सभी जानते हैं कि जब किसी चीज को दरकिनार करने की जरूरत होती है, तो उस पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जाती है. पीएम मोदी की गारंटी एक ‘जुमला’ निकली

मोदी जी का वादा झूठा निकला

सीएम आतिशी ने कहा कि पीएम मोदी का वादा झूठा निकला है. ये पूरी तरह से साफ है कि मोदी जी ने दिल्ली की महिलाओं को धोखा दे दिया है. इसके बाद दिल्ली ही नहीं पूरे देश भर में लोग मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं करने वाले हैं. एक सवाल के जवाब में आतिशी ने कहा कि मोदी जी 10 साल से ज्यादा से देश के प्रधानमंत्री हैं, क्या उन्हें ये एक बात नहीं पता थी कि सरकारी काम में समय लगता है.

इससे तो यही लगता है कि क्या उन्होंने जानबूझकर दिल्ली की महिलाओं और यहां की जनता को धोखा दिया है. क्या जानते हुए कि वो एक महीने में इस गारंटी को पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्होंने झूठा वादा किया. दिल्ली की महिलाएं सवाल पूछ रही हैं कि मोदी सरकार ने कैबिनेट में कुछ तो किया है, लेकिन हमारे अकाउंट में पैसे कब तक आएंगे?

हिंदुओं के मंदिरों को क्यों गिराया करता था औरंगजेब? इतिहासकार इरफान हबीब ने बताया

औरंगजेब को लेकर इतिहासकार इरफान हबीब ने बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का बड़ा लंबा जमाना था जब वह बादशाह रहे. तकरीबन 1658 से 1707 तक औरंगजेब का शासन काल रहा. उसने जिन मंदिरों को गिराया वह पहले कभी नहीं हुआ करता था. जो मंदिरों को गिराने वाली बात है. इससे पहले ऐसा किसी मुगल बादशाह ने नहीं किया था.

इरफान हबीब ने कहा कि औरंगजेब ने करीब 1668 से यह सब शुरू किया और कई मंदिर गिराए. वैसे औरंगजेब के शासनकाल के दौरान कई मंदिर सही सलामत भी रहे लेकिन यह भी सच है कि औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा. औरंगजेब ने जिन मंदिरों को गिराएं, उनमें मथुरा, वृंदावन, काशी बनारत के कई मंदिर शामिल हैं. इन तीन जगहों पर मंदिर गिराए जाने के साक्ष्य हमारे पास सनद भी हैं.

औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा

उन्होंने कहा कि औरंगजेब के जमाने में गिराए गए मंदिरों की गवाही के तौर पर तत्कालीन अफसर के बयान भी मौजूद हैं. औरंगजेब मंदिर को इसलिए भी गिराया करता था क्योंकि वो समझता था कि इससे बड़ा सवाब मिलेगा और अल्लाह मियां बहुत खुश होंगे. औरंगजेब ने मथुरा, वृंदावन, बनारस के अलावा और भी कई जगहों पर मंदिर गिराए. कुल मिलाकर औरंगजेब ने कितने मंदिर गिराए थे, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

औरंगजेब के जमाने में जो हिंदुस्तान से बाहर के लोग आया करते थे, वह कहते थे कि हिंदुस्तान बड़ा अजीब मुल्क है. हर धर्म के लोग यहां रहते हैं, जो अपने-अपने धर्म की पूजा करते हैं, जिनके मंदिर और मस्जिद यहां मौजूद हैं. क्योंकि बाहर दूसरे मजहब की इजाजत नहीं हुआ करती थी. खासकर यूरोप में तो बिल्कुल किसी दूसरे मजहब की इजाजत नहीं थी. तो उस समय यह भी था और औरंगजेब के शासनकाल के दौरान ही हिंदू राजपूत अफसर भी हुआ करते थे. औरंगजेब के समय यह सब भी था.

औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा शासक था

औरंगजेब 1618-1707 मुगल साम्राज्य के छठा और अंतिम प्रभावशाली शासक था. उसने 1658 से 1707 तक भारत पर शासन किया. औरंगजेब को उनकी सख्त इस्लामी नीतियों, विस्तारवादी नीति और कठोर प्रशासन के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपने पिता शाहजहां को हटाकर गद्दी हासिल की थी. उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य सबसे बड़ा और शक्तिशाली हुआ, लेकिन धार्मिक नीतियों के कारण उन्हें कई विद्रोहों का सामना करना पड़ा. उन्होंने जजिया कर (गैर-मुस्लिमों पर टैक्स) दोबारा लागू किया और कई मंदिरों को तोड़ा, जिससे हिंदू जनता में असंतोष बढ़ा. औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य का पतन शुरू हो गया. उनके कठोर शासन और धार्मिक नीतियों के कारण उन्हें काफी विवादित शासक के रूप में देखा जाता है.

कोलकाता रेप केस: पीएम मोदी से मिलना चाहती हैं पीड़िता की मां

पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जिस डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना हुई थी, उनकी मां ने कहा कि वो पति के साथ पीएम मोदी से मुलाकात करना चाहती हैं. अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए वो प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बेटी को याद करते हुए दुखी मां ने राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.

उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से मिलना चाहूंगी. उनसे बेटी के हत्या के मामले में उनकी सहायता चाहूंगी. हमारी मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की हमारी अपील पर विचार करने को लेकर उनसे मदद मागूंगी.

पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ रेप की वारदात हुई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद पूरे देश के लोगों में आक्रोश फैल गया. एक मां ने आंखों में बेटी के सपने को लेकर कहा कि हमारी बेटी ने बड़े सपने देखे थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि उसे ऐसी मौत मरनी पड़ेगी. उसे हमसे दूर गए हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया. हमारे पास उसकी मौत का भी सर्टिफिकेट भी नहीं है.

उन्होंने कहा कि अगर एक महिला डॉक्टर अपने वर्कप्लेस पर सुरक्षित नहीं है, तो सुरक्षा कहां है? मां की प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने की एक प्रक्रिया होती है. मुझे यकीन है कि हमारे प्रधानमंत्री उनसे मुलाकात करेंगे और उनकी अपील भी सुनेंगे.

हमारी नेता ममता बनर्जी ने पहले कदम उठाया

तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस देश में किसी को भी प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने और उनसे मिलने का अधिकार है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी नेता ममता बनर्जी ने ही पहला कदम उठाया था और अपराधी को गिरफ्तार किया गया था. यहां तक ​​कि जांच एजेंसी भी अपने जांच में आए पहुलओं से अलग नहीं हो सकती.

राज्य की एक जिला अदालत ने 20 जनवरी को रेप और हत्या के मामले में दोषी कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने संजय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.

हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार करते हुए संजय को दी गई निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने से मना कर दिया था.

ये 5 गैजेट और ऐप्स हर Women की करेंगे इफाजत

विमेन्स की सेफ्टी के लिए गैजेट्स से लेकर ट्रैकिंग ऐप तक, ये सब बहुत जरूरी है. मार्केट में ऐसे कई गैजेट्स और ऐप्स मिलते हैं जो विमेन्स ही नहीं किसी के भी फोन में होना बेहद जरूरी है. डेली लाइफ में सेफ्टी, आजादी और मन की शांति के लिए ये ऐप्स और गैजेट जरूर रखें.

अपने स्मार्टफोन में Himmat Plus App और 112 India App जरूर इंस्टॉल करें. ये दोनों ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर मिल जाएंगे.

Himmat Plus App

हिम्मत प्लस मोबाइल ऐप में SOS बटन दिया गया है. जिसे दबाते ही दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में आपकी लोकेशन शेयर हो जाती है. आप किसी भई कोने में क्यों ना हों. एक क्लिक में आपकी लोकेशन डायरेक्ट कंट्रोल रूम पहुंच जाती है. इसके बाद आपकी लोकेशन को सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में शेयर कर दिया जाता है. इससे पुलिस जितना जल्दी हो सके आपके पास पहुंचती है.

112 India App

112 India ऐप में भी एक SOS बटन दिया गया है. इसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब आप सड़क पर चलते हुए सेफ फील नहीं कर रहे होते हैं. अगर कोई आपका पीछा कर रहा हो तो ये ऐप आपकी हेल्प कर सकता है. ये बटन दबाते ही आपकी लोकेशन रिस्पॉन्स टीम के पास सेंड हो जाती है.

EVEREADY Siren Flashlight with Alarm

ये टॉर्च अलार्म के साथ आती है. इमरजेंसी सिचुएशन में आप इस टॉर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. बटन दबाते ही इसका अलार्म इतना तेज बजता है कि आसपास के एरिया में शोर हो जाता है. इससे कोई भी आपकी मदद के लिए आ सकता है. ये टॉर्च आपको अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 219 रुपये में मिल रही है.

पेपर स्प्रे

आप अपने पर्स में एक छोटा सा पेपर स्प्रे भी खरीद कर रख सकते हैं. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. जरूरत पड़ने पर आप इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ये किसी की भी आखों में स्प्रे करने से कुछ देर के लिए आखों की रोशनी चली जाती है.

Emergency Alarm in Keychain

ये अलार्म आपको अमेजन पर 511 रुपये में मिल रहा है. इस आप किसी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं. अगर आप चाहें तो और भी स्मार्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले अलार्म खरीद सकते हैं.

गाजीपुर के मस्जिदों की अनोखी पहल, बिना दहेज की शादी का दिया जा रहा संदेश; लेकिन कैसे

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में समाज सुधार की एक अनूठी पहल शुरू की गई है. दिलदारनगर कमसार क्षेत्र में कुछ समाजसेवी हर जुमे को मस्जिदों में विशेष जागरूकता अभियान चला रहे हैं. समाजसेवी नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बैनर-पोस्टर हाथों में लेकर खड़े रहते हैं. इन पोस्टरों के माध्यम से वो बिना बारात और बिना दहेज के सादगीपूर्ण निकाह का संदेश दे रहे हैं. उनका मुख्य उद्देश्य शादी-विवाह में होने वाली अनावश्यक खर्च को रोकना है.

इस अभियान में शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. साथ ही समाज में एकता बढ़ाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है. तख्तियों पर लिखे गए विशेष संदेश समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. इन संदेशों में बिना बारात और बिना दहेज के सादगीपूर्ण निकाह की अपील की गई है.

दहेज के खिलाफ जागरुकता

नमाजियों के लिए यह संदेश प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं. जब वे मस्जिद से बाहर निकलते हैं, तो इन संदेशों को पढ़कर इस पहल की सराहना करते हैं. यह जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम साबित हो रहा है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शादी में होने वाले फिजूल खर्च को कम करना है. इसमें लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बचे हुए पैसों का उपयोग अपने बच्चों की शिक्षा पर करें. यह प्रयास बिना किसी शोर-शराबे के चुपचाप समाज में बदलाव ला रहा है.

सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल

गाजीपुर का कमसारो बार का इलाका जिसमें मुस्लिम बहुल दर्जनों गांव शामिल है और यहां पर इस्लाह मुआशरा का कार्यक्रम आजादी के पहले से चलाया जा रहा है. जिसका समय-समय पर लोग अनुसरण करते हैं और इन इलाकों में बिना दहेज और बिना बारात के शादियों पर लगातार जोर देते हैं. ताकि गरीब बेटियों की भी शादी आसानी पूर्वक हो जाए. ऐसे में अब इन लोगों के द्वारा जो पहल की जा रही है. इससे भी आने वाले समय में एक बड़ी उम्मीद उन परिवारों को दिख रही है जो दहेज के अभाव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करा पाते हैं. वहीं इन लोगों के प्रयास को लोग और आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता को और आगे तक बढ़ाने में लगे हुए हैं.

हाथ में पीएम और उनकी मां की तस्वीर, फूट-फूटकर रोने लगा युवक; फिर प्रधानमंत्री ने किया ये काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को गुजरात दौरा का दूसरा और आखिरी दिन है. पीएम मोदी शुक्रवार को सूरत पहुंचे थे और वहां सूरत खाद्य सुरक्षा संतृप्ति अभियान प्रोग्राम का आरंभ किया था. पीएम मोदी ने एक रोड-शो भी किया. सूरत में प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े. इस रोड शो के दौरान एक युवक प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहा था और उसके हाथ में प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां हीरा बा की तस्वीर थी.

प्रधानमंत्री मोदी को देखकर सूरत के एक युवक की आंखें भर आईं. वह पीएम मोदी को देखकर फूट-फूटकर रोने लगा. इस भावुक क्षण में प्रधानमंत्री मोदी ने युवक से बात की और युवक के हाथ में मौजूद तस्वीर पर अपने हस्ताक्षर भी किए.

पीएम को देखकर फूट-फूटकर रोने लगा युवक

जब उस भाव-विह्वल युवक पर प्रधानमंत्री मोदी की नजर पड़ी तो उन्होंने अपने वाहन को रुकवाया और युवक ने जो स्केच पकड़ रखा था. उसे अपने पास मंगवाया. इसके बाद प्रधानमंत्री ने उस स्केच पर अपने हस्ताक्षर किये और फिर उस युवक के पास वापस भिजवा दिया.

इसके बाद उस युवक ने हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और उनका अभिवादन किया. प्रधानमंत्री ने नेयुवक की बनाई तस्वीर पर लिखा- प्रिय ओम अभिनंदन’ इसके बाद उस पर अपने हस्ताक्षर किए और तारीख लिखकर युवक को वापस कर दिया.

दिव्यांग ने पीएम मोदी को पेंटिंग भेंट की

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी की सूरत यात्रा के दौरान उन्हें सूरत के एक दिव्यांग व्यक्ति द्वारा बनाई गई राम मंदिर की पेंटिंग भेंट की गई. कलाकार ने प्रधानमंत्री मोदी के रोड शो के दौरान अपनी कलाकृति प्रधानमंत्री को भेंट की.

प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर की पेंटिंग देखकर खुश हुए और उन्होंने पेंटिंग पर हस्ताक्षर भी किए, जिससे दिव्यांगों की आंखों में खुशी के आंसू देखने को मिले.

मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांग कलाकार मनोज से मुलाकात की और उनकी कलाकृति की प्रशंसा की. कलाकार मनोज भिंगारे हाथ न होने के बावजूद अपने चेहरे और पैरों का उपयोग करके कैनवास पर अद्भुत पेंटिंग बनाते हैं. इस कलाकृति को बनाने के लिए मनोज ने लगातार 15 दिनों तक कड़ी मेहनत की थी.

UP के इन जिलों की आंगनबाड़ी में बंपर भर्ती, प्रक्रिया शुरू; जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन

उत्तर प्रदेश में 21,547 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इसके लिए 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. मथुरा, बस्ती जैसे कई जिलों में सत्यापन पूरा हो चुका है. शेष जिलों में ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन जारी है. मुख्य सचिव ने प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ताकि जल्द से जल्द कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारियां संभाल सकें.

आकड़ों के अनुसारभर्ती के लिए विकसित पोर्टल पर अब तक 6.69 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. ऑनलाइन सत्यापन और भौतिक सत्यापन के माध्यम से चयन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने की तैयारी है.

कई जिलों में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी

यह भर्ती राज्य के सभी 75 जनपदों में की जा रही है. मथुरा, बस्ती, मऊ, देवरिया और बिजनौर में चयन संबंधी समस्त प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, जबकि मुरादाबाद और प्रयागराज में प्रक्रिया आंशिक रूप से पूरी हुई है. शेष 68 जनपदों में आवेदकों के प्रमाण पत्रों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन सत्यापन पूरा कर लिया गया है. इसके अलावा, 53 जनपदों में अभ्यर्थियों के अभिलेखों का भौतिक सत्यापन हो चुका है, जबकि 17 जनपदों में यह कार्य प्रगति पर है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए हैं

प्रमाण पत्रों का सत्यापन और भर्ती में पारदर्शिता

भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवेदकों के प्रमाण पत्रों का ऑनलाइन और भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि चयनित कार्यकत्रियां जल्द से जल्द अपनी जिम्मेदारियों को संभाल सकें. आंगनवाड़ी भारत में ग्रामीण मां और बच्चों के देखभाल का केंद्र है. बच्चों को भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के रूप में, 1975 में उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था. मूल स्वास्थ्य देखभाल गतिविधियों में गर्भनिरोधक परामर्श और आपूर्ति, पोषण शिक्षा और अनुपूरक, साथ ही पूर्व-विद्यालय की गतिविधियांशामिलहैं.

बिहार: राजगीर में सम्राट जरासंध स्मारक का अनावरण, CM नीतीश कुमार ने किया पुष्प अर्पित

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नालंदा जिले के राजगीर के जयप्रकाश उद्यान में सम्राट जरासंध स्मारक का फीता काटकर अनावरण किया. महान सम्राट जरासंध की यह 21 फीट ऊंची प्रतीकात्मक प्रतिमा है. लोकार्पण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सम्राट जरासंध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सम्राट जरासंध की जीवनी पर म्यूरल्स (भित्तिचित्र), जरासंध जानकारी केंद्र एवं परिसर के जल संरक्षण संरचना का अवलोकन किया. मुख्यमंत्री ने जयप्रकाश उद्यान परिसर का जायजा लेने के क्रम में कहा कि पूरे परिसर को ठीक ढंग से मेंटेन रखें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर से हमारा पुराना रिश्ता है. हम बचपन से ही यहाँ आते हैं. बिहार की बागडोर संभालने के बाद वर्ष 2009 में हम राजगीर में 7 दिन रहे थे और यहां के सभी महत्वपूर्ण स्थलों को जाकर देखा था. उसके बाद राजगीर के सभी ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों का विकास कराया गया लेकिन सम्राट जरासंध के अखाड़े की स्थिति को ठीक नहीं कर पाये क्योंकि यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन प्रतिबंधित है.

2023 में सम्राट जरासंध स्मारक

उन्होंने कहा कि हम सम्राट जरासंध के अखाड़ा को विकसित करना चाहते थे लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्र होने के कारण यह संभव नहीं हो सका इसलिए जरादेवी मंदिर एवं जे.पी. उद्यान के बगल में जरासंध स्मारक निर्माण कराने का निर्णय लिया गया और 27 नवम्बर, 2022 को इसकी घोषणा की गयी. वर्ष 2023 में सम्राट जरासंध स्मारक का निर्माण कार्य शुरू हुआ. हमने कई बार निर्माणाधीन स्थल का जायजा लिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां सम्राट जरासंध की 21 फीट ऊंची प्रतिमा लगायी गई है. यहां पार्क भी बनकर तैयार है. आज सम्राट जरासंध के स्मारक एवं उनकी प्रतिमा (मूर्ति) का अनावरण किया गया है. बिहार में चन्द्रवंशी समाज के लोग सम्राट जरासंध को अपना पूर्वज मानते हैं. इसे देखते हुए वर्ष 2023 से सरकारी तौर पर जरासंध महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.

जानें कौन थे जरासंध?

जरासंध महाभारत काल के बेहद ही शक्तिशाली योद्धा थे. वे मल युद्ध (कुश्ती) में माहिर थे. पुराने जमाने के जरासंध का अखाड़ा आज भी राजगीर में मौजूद है. कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ० सुनील कुमार ने पुष्प गुच्छ तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव श्रीमती बन्दना प्रेयसी ने प्रतीक चिह्न भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया.

कार्यक्रम में मौजूद दिग्गज हस्तियां

कार्यक्रम में जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, सहकारिता मंत्री डॉ० प्रेम कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार, सांसद संजय कुमार झा, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक कौशल किशोर, विधायक कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, पूर्व विधायक ई. सुनील, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव वन्दना प्रेयसी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना प्रमंडल के आयुक्त मयंक बरबड़े, पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक राकेश राठी, नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.

बिहार में ये कैसी शराबबंदी? गांव में आईदारू की बड़ी खेप, पहुंची पुलिस तो हो गय हमला; जान बचाकर भागे दरोगा

बिहार की राजधानी पटना के पालीगंज इलाके में शराबबंदी वाले राज्य में शराब माफियाओं के बढ़ते दुस्साहस की बानगी देखने को मिली, जब पालीगंज के रानी तालाब थाना क्षेत्र में पुलिस की टीम छापेमारी करने पहुंची. शराब के धंधेबाजों ने न केवल टीम पर हमला कर दिया बल्कि पुलिस टीम के कई जवानों की पिटाई भी कर दी.

हमले में दो दारोगा बुरी तरह से घायल हो गए वहीं कई अन्य जवानों को भी चोट आई है. पुलिस के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह नौ बजे के करीब पुलिस को सूचना मिली थी कि होली के मौके पर शराब के धंधेबाजों ने इस इलाके में शराब की एक बड़ी खेप मंगाई है. इसके बाद पुलिस ने पालीगंज थाना क्षेत्र के राघोपुर मुसहरी गांव में छापा मारा.

शराब धंधेबाजों का पुलिस टीम पर हमला

बिहार पुलिस के छापा मारने के बाद अचानक शराब के धंधेबाजों और उनके गुर्गों ने पुलिस के ऊपर पत्थरों से हमला शुरू कर दिया. इस हमले में एक तरफ जहां पुलिस के कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं दूसरी तरफ दो दरोगा समेत कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. बताया जा रहा है कि अपनी जान को बचाने के लिए पुलिस टीम को वहां भी भागना पडा. हालांकि घटना की सूचना मिलने के बाद आसपास के दुल्हिन बाजार और विक्रम थाना क्षेत्र की पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया. साथ ही साथ डीएसपी समेत तीन थानों की पुलिस की तैनाती की गई.

इलाके में अभी तक बना हुआ है तनाव

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है. इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं आई है और न ही अभी पुलिस अधिकारियों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि पुलिस ने शराब के धंधेबाजों की तलाश शुरू कर दी है और पूरे गांव में छानबीन की जा रही है. पुलिस पर हुए हमले में एसआई शिव शंकर, शिव शंकर राय समेत अन्य कर्मी शामिल हैं.

बिहार के मुजफ्फरपुर में शादी के मंडप में बवाल: दूल्हे की प्रेमिका ने किया हंगामा, दुल्हन के परिवार ने तोड़ी शादी

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शादी में बवाल मच गया. फेरों से ठीक पहले दूल्हे की प्रेमिका अपनी मां के साथ मैरिज हॉल पहुंच गई, जहां प्रेमिका ने चल रही शादी समारोह में हंगामा किया. इसके बाद दुल्हन के परिवार ने शादी तोड़ दी. सदमे में आकर दूल्हे की मां को हार्ट अटैक आ गया. दूल्हे की मां को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराना पड़ा.

गुरुवार को सुबह दुल्हन के घरवाले बारात के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त थे. तभी अचानक एक महिला अपनी बेटी के साथ शादी स्थल पर पहुंच गई . दुल्हन के पिता से बोली कि जिस लड़के से आप अपनी बेटी की शादी कर रहे हैं, उसका मेरी बेटी से पहले से प्रेम संबंध है. प्रेमिका की मां ने साफ शब्दों में कहा कि में यह शादी नहीं होने दूंगी. हालांकि, दूल्हे के घरवाले लड़की और उसकी मां से मिन्नतें करते रहे कि वे वहां से चली जाएं, लेकिन दोनों कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं. इसी बीच, दुल्हन के पिता को जब ये जानकारी मिली तो वे भी सकते में आ गए.

शादी में मचा बवाल

ये बात सुनते ही दुल्हन के परिवार में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों की भीड़ भी वहां जमा हो गई. इसी दौरान लड़के पक्ष के लोगों ने नगर थाना पुलिस की डायल 112 टीम को बुला दिया. पुलिस ने मां-बेटी से कहा कि अगर शादी करना चाहती हैं तो शादी करें या थाने में शिकायत दर्ज करें.

सदमे में आई दूल्हे की मां

हालांकि, दोनों ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. इस बीच प्रेम प्रसंग के इस दावे के बाद दुल्हन के घरवालों ने तुरंत शादी तोड़ने का फैसला किया. इस फैसले से दूल्हे का परिवार सदमे में आ गया और दूल्हे की मां को दिल का दौरा पड़ गया और उनका इलाज अस्पताल में जारी है और यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है.