विज्ञान ने भी माना भगवान की मौजूद, हार्वर्ड के वैज्ञानिक ने फॉर्मूले से किया साबित
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पूरा ब्रह्मांड एक व्यवस्थित तरीके से चलता है। दिन ढलते हैं, राते होती है। समय-समय पर मौसम करवट लेते हैं। अक्सर मन में ये सवाल उठते हैं, ये सब कैसे मुमकिन होता है। हम इंसानों में अधिकांश इसे ईश्वर का शक्ति मानते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जो “भगवान” की मौजूदगी को नहीं मानते। उनके अनुसार सब विज्ञान है। हालांकि, वैज्ञानिकों के लिए भी यह हमेशा जिज्ञासा का विषय रहा है कि कि क्या हमारे ब्रम्हांड में भगवान जैसी कोई चीज है भी या नहीं। हार्वर्ड खगोल भौतिक विज्ञानी और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. विली सून ने क्रांतिकारी खुलासा किया है। सून ने दावा किया है कि एक गणितीय सूत्र भगवान के अस्तित्व का अंतिम प्रमाण हो सकता है।
विली सून ने ईश्वर के अस्तित्व को साबित करने के लिए एक नया मैथमेटिकल फॉर्म्युला पेश किया है, जो विज्ञान और आध्यात्मिकता को जोड़ने की कोशिश करता है। उन्होंने 'फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट' पर जोर दिया है और कहा है कि ब्रह्मांड के नियम इतने सटीक और व्यवस्थित हैं, तभी यहां जीवन संभव हो पाया। गुरुत्वाकर्षण की शक्ति से लेकर पदार्थ और ऊर्जा के सटीक अनुपात तक, ब्रह्मांड जीवन का समर्थन करने के लिए सटीक रूप से ट्यून किया गया लगता है।
डॉक्टर विली सून हाल ही में 'टकर कार्ल्सन नेटवर्क' पॉडकास्ट पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने कुछ फॉर्मूले पेश किए और सुझाव दिया कि ब्रह्मांड का रहस्य मात्र तारों में ही नहीं, लेकिन गणित के कुछ बुनियादों में भी लिखे हो सकते हैं। अपनी थ्योरी में उन्होंने 'फाइन ट्यूनिंग आर्ग्यूमेंट' को मुख्य केंद्र बनाया है, जो सुझाव देता है कि ब्रम्हांड के फिजिकल लॉ सटीक रूप से जीवन को समर्थन देने के लिए संतुलित किए गए हैं। यह संयोग तो नहीं हो सकता है।
प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् और एयरोस्पेस इंजिनियर डॉ. सून ने प्रसिद्ध वैज्ञानिक पॉल डिराक के कार्यों का हवाला दिया, जिन्होंने एक गणितीय समीकरण के जरिए प्रतिपदार्थ (एंटीमैटर) के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी, जिसने भी वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया था। इसी तरह डॉ. सून का भी मानना है कि कुछ गणितीय समीकरण भले ही पहले समझ से बाहर लगें, लेकिन वे ब्रह्मांड की गहरी सचाई को प्रकट कर सकते हैं।
कैंब्रिज के गणितज्ञ पॉल डिराक की ओर से प्रस्तावित किया गया था कि कैसे कुछ कॉस्मिक एलाइन बिल्कुल अद्भुत सटीकता के साथ एक-दूसरे से मेल खाते हैं। इस घटना ने वैज्ञानिकों को चौंकाया। डिराक ने अनुमान लगाया है कि यूनिवर्स के फिजिकल लॉ के परफेक्ट बैलेंस को गणित के थ्योरी में महान सुंदरता और शक्ति के संदर्भ में परिभाषित किया जा सकता है। इसे समझने के लिए व्यक्ति को हाई इंटेलिजेंस की आवश्यकता पड़ेगी।
Mar 08 2025, 11:58