पर्यावरण मंत्री ने गंगा नदी में प्रदूषण बढ़ने की बात को किया स्वीकार, नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए किया यह बड़ा एलान
डेस्क : गंगा नदी में किसी सूरत में मैला (गंदा) पानी नहीं गिरने दिया जाएगा। गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सख्ती होगी। यह एलान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुनील कुमांर ने बीते बुधवार को विधानसभा में की।
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दरअसल विधानसभा में बीते बुधवार को मुकेश कुमार यादव के अल्पसूचित प्रश्न के गंगा नदी के प्रदूषण का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि बिहार में 33 शहरों के किनारे गंगा नदी का पानी नहाने लायक नहीं रह गया है। विधायक अपने साथ बोतल में गंगाजल लेकर सदन में आए थे। उन्होंने पानी की जांच विधानसभा की कमेटी से कराने का अनुरोध किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि पानी की जांच कमेटी नहीं करती।
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जिसके बाद पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री सुनील कुमांर ने कहा कि गंगा नदी में किसी सूरत में मैला (गंदा) पानी नहीं गिरने दिया जाएगा। गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सख्ती होगी। उन्होंने कहा कि गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए गंगा के किनारे के शहरों में नदी में गिरने वाले पानी पर नजर रखी जाएगी। गंगा नदी के किनारे 32 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने हैं, जबकि 13 बनकर तैयार हो चुके हैं। इससे प्रदूषित पानी को ट्रीटमेंट करके ही उन्हें गंगा में गिरने दिया जाएगा।
मंत्री ने स्वीकार किया कि गंगा में जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाने के कारण नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। दरअसल, 100 मिलीलीटर में 500 से अधिक टोटल कोलीफार्म जीवाणु नहीं होना चाहिए, जबकि गंगा में इसकी संख्या 100 मिली में 92000 है। यह स्तर काफी अधिक है। हालांकि, मंत्री ने यह भी दावा किया कि बीते कुछ वर्षों में गंगा नदी के जल में प्रदूषण के स्तर में क्रमिक सुधार हुआ है। आगे और सुधार होगा।
Mar 06 2025, 11:36