महाराष्ट्रःधनंजय मुंडे ने छोड़ा मंत्री पद, सरपंच हत्याकांड के आरोपी से जुड़ा था नाम
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महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। बीड़ में हुए सरपंच हत्याकांड में घिरे एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का इस्तीफा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वीकार कर लिया है।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय संभाल रहे मुंडे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर यह पद छोड़ा है। अपने एक करीबी सहयोगी को दिसंबर में बीड जिले में एक सरपंच की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था।
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धनंजय मुंडे के इस्तीफे की जानकारी खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया के साथ बात करते हुए दी है। फडणवीस ने कहा, महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने आज अपना इस्तीफा दे दिया है। मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और आगे की कार्रवाई के लिए इसे राज्यपाल के पास भेज दिया है।
हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल
धनंजय मुंडे के बीमार होने के कारण उनके पीएम प्रशांत जोशी ने सीएम को उनका इस्तीफा दिया। ये इस्तीफा तब हुआ है जब सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। मामले में देर रात डिप्टी सीएम अजित पवार के घर देवगिरी पर एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में धनंजय मुंडे भी मौजूद थे। इसी दौरान तय हो चुका था कि मुंडे अब मंत्री पद से इस्तीफा देंगे।
फोटो वायरल होने के बाद मचा बवाल
इस हत्याकांड की कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं है। इन तस्वीरों में साफ दिखायी दे रहा है कि सरपंच को कैसे पहले निर्वस्त्र किया गया। फिर उसे बेरहमी से पाइप और अन्य हत्यारों से पीटा गया। एक तस्वीर में दिख रहा है कि सरपंच देशमुख अधमरी हालत में पड़े हुए, तब उन पर आरोपी सुदर्शन घुले ने पेशाब भी किया गया। इस मामले में मुख्य आरोपी वाल्मीकी कराड एनसीपी नेता और मंत्री धनंजय मुंडे का खास आदमी बोला जाता है। बीड़ में एक बड़े प्रोजेक्ट को लेकर यह हत्या हुई थी, जिसके बाद धनंजय मुंडे पर भी सवाल उठने लगे।
धनंजय मुंडे बीड जिले के परली से एनसीपी के विधायक हैं। इससे पहले वह बीड के संरक्षक मंत्री थे। वर्तमान में एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के साथ-साथ बीड जिले के संरक्षक मंत्री हैं। बीड के मासाजोग गांव के सरपंच देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को कथित तौर पर जिले में एक ऊर्जा कंपनी को निशाना बनाकर की जा रही जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश करने पर अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था, इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।

						




 
 
 
 
 
Mar 04 2025, 12:19
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