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रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, शो ऑन एयर करने की छूट, कोर्ट ने दी मर्यादा मे रहने की नसीहत

#supreme_court_gives_relief_to_ranveer_allahbadia

सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्ट होस्ट रणवीर इलाहबादिया को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इलाहाबादियो को उनका शो जारी रखने की इजजात दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हिदायत दी है कि वह शो को पब्लिश करते वक्त मर्यादाओं का ख्याल रखें। कोर्ट ने शर्त रखी कि रणवीर को एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके शो में नैतिकता का स्तर बना रहे, ताकि सभी उम्र के दर्शक इसे देख सकें।

रणवीर इलाहाबादिया कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ माता-पिता को लेकर अभद्र टिप्पणी को लेकर आलोचना झेल रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल ने कहा है कि उन्होंने पूरा शो देखा है लेकिन इसमें कोई भी अभद्रता नहीं है लेकिन इसमें विकृति है। उन्होंने कहा कि हास्य एक चीज है, अश्लीलता एक चीज है। और विकृति दूसरे स्तर पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहबादिया को अपने कार्यक्रम में शालीनता बनाए रखने की शर्त पर ‘द रणवीर शो’ का प्रसारण फिर से शुरू करने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये राहत इसलिए दी गई है क्योंकि इस शो से 280 लोगों की आजीविका जुड़ी है।

दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहबादिया के शो 'द रणवीर शो' पर अगले आदेश तक किसी भी कंटेट को पब्लिश करने पर रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ रणवीर अल्लाहबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अदालत में अर्जी दी थी कि उन्हें कुछ राहत दी जाए। उन्होंने कहा था कि उनके यहां 280 कर्मचारी काम करते हैं। यह उनकी रोजी रोटी से जुड़ा मामला है।

जम्मू-कश्मीर में होगा से बीजेपी-एनसी गठबंधन? जानें उमर अब्दुल्ला का जवाब

#nationalconferencealliancewithbjp

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के कयास लग रहे हैं। इन चर्चाओं के बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी पार्टी किसी भी प्रकार के भाजपा के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है और न ही इसकी कोई आवश्यकता है।

आज यहां बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण के बाद पत्रकारों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के संदर्भ में जो प्रस्ताव लाया था, वह आज भी बरकरार है। उन्होंने कहा कि हमने पहले सत्र में जो करना था, वह कर दिया है।उन्होंने कहा कि पीडीपी समेत सभी दलों ने विधेयक का समर्थन किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह वही विधेयक है जिसके खारिज होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन इसे सदन ने पारित कर दिया। आज भी प्रस्ताव मौजूद है और यह बड़ी बात है।

भाजपा से गठबंधन की अटकलों को किया खारिज

सीएम से पूछा गया कि बीजेपी विधायक आर एस पठानिया ने हिंट दिया है कि एनसी और बीजेपी का गठबंधन हो सकता है। इस सवाल पर जवाब देते हुए मुसकुराते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, उन के हिंट देने से क्या होता है, न हम कोई गठबंधन करने के लिए बात कर रहे हैं, न इसकी कोई गुंजाइश है। सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी और एनसी के विचार अलग हैं, दोनों की सोच मेल नहीं खाती है। अगर हम जम्मू-कश्मीर के बारे में बात करते हैं तो उनकी और हमारी सोच में जमीन-आसमान का फर्क है। ऐसी कोई गुंजाइश ही नहीं है।

7 साल बाद पेश होगा बजट

जम्मू-कश्मीर में 3 मार्च को सात साल से अधिक समय के बाद विधानसभा का पहला बजट सत्र शुरू हो गया है। आखिरी बजट फरवरी 2018 में तत्कालीन पीडीपी वित्त मंत्री डॉ. हसीन द्राबू ने विधानसभा में पेश किया था। विधानसभा में 4, 5 और 6 मार्च को उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी। इसी के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला छह मार्च को बहस का जवाब देंगे।

पुतिन पर मेहरबान ट्रंपः अमेरिका ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन रोके

#us_russia_moscow_cyber_operation

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद वैश्विक स्तर पर ऐसे हालात बन रहे हैं, जिसकी कल्पना बी नहीं की जा रही थी। दुनिया की दो शक्तियां करीब आ रही है। जी हां, हम अमेरिका और रूस की ही बात कर रहे हैं। ट्रंप की अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही रूस के दिन फिरने लगे हैं। कभी अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधों को झेल रहे रूस के लिए अमेरिका ने एक और मेहरबानी दिखाई है। दरअसल, ट्रंप के प्रशासन ने रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन पर रोक लगा दी है।

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेग्सेथ ने पेंटागन में साइबर कमांड को रूस के खिलाफ आक्रामक साइबर ऑपरेशन रोकने का आदेश दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दो पूर्व और एक वर्तमान अधिकारियों ने इस सीक्रेट आदेश की जानकारी दी। अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया है, ताकि यूक्रेन पर शांति वार्ता हो सके। हेग्सेथ का आदेश रूस के खिलाफ सभी ऑपरेशनों के पुनर्मूल्यांकन का हिस्सा है, जिसे अभी तक सार्वजनिक रूप से समझाया नहीं गया है। गौर करने वाली बात ये है कि यह आदेश राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी बहस से पहले जारी हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन रूस के खिलाफ की जाने वाली सभी कार्रवाइयों का रिव्यू कर रहा है। हालांकि इस बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि यूक्रेन के मुद्दे पर रूस को बातचीत की टेबल पर लाना जरूरी है। मार्को ने कहा कि अगर पुतिन के प्रति विरोधी रवैया अपनाया जाता है, तो उन्हें टेबल पर नहीं ला पाएंगे।

दो पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, दो देशों के बीच कूटनीतिक और संवेदनशील बातचीत से पहले इस तरह के मिशन पर रोक लगाना आम बात है। लेकिन रूस के खिलाफ इस तरह के ऑपरेशन से पीछे हटना एक बड़ा दाव है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि रूस ने ट्रंप प्रशासन के पहले सप्ताह में अमेरिकी नेटवर्क में घुसपैठ की कोशिश की है। पिछले एक साल में अमेरिकी अस्पतालों, बुनियादी ढांचे और शहरों पर रैंसमवेयर हमले बढ़े हैं, जिनमें से कई रूस से शुरू हुए। अमेरिकी खुफिया अधिकारी मानते हैं कि ज्यादातर आपराधिक कृत्य को रूस की खुफिया एजेंसियों ने मंजूरी दी है या नजरअंदाज किया है।

पिछले कई सालों में अमेरिकी अस्पतालों और बुनियादी ढांचे पर रैनसमवेयर (साइबर) हमले लगातार बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर साइबर हमले रूस से हुए हैं। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक इन आपराधिक हमलों को रूसी एजेंसियों की तरफ से मंजूरी दी गई थी। यूरोप में भी इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इनमें कम्युनिकेशन केबल को काटने की कोशिश और जर्मनी की हथियार कंपनी के सीईओ की हत्या की साजिश शामिल हैं। पिछले साल इनमें तेजी भी देखने को मिली।

अमेरिका अब तक इन मामलों में यूरोप की मदद करता आ रहा है। लेकिन रूस के खिलाफ साइबर ऑपरेशन को रोकने से यूरोपीय देशों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

तेलंगाना टनल हादसाः अब तक पता नहीं चला मजदूरों का लोकेशन, 8 जिंदगियों को बचाने के लिए 9वें दिन रेस्क्यू जारी

#telangana_tunnel_collapse

तेलंगाना सुरंग हादसे का आज सोमवार को नौंवा दिन है। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे आठ लोगों को पिछले नौ दिनों से सुरक्षित निकालना संभव नहीं हो पाया है। रडार सर्वे से पीड़ितों की स्थिति का पता लगने का दावा किया गया था, लेकिन अब जांच में वहां सिवाए धातु के टुकड़ों के कुछ नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के सटीक स्थान की अभी तक कोई जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने रविवार को टनल साइट का दौरा किया। बता दें कि मजदूर 22 फरवरी की सुबह करीब 8:30 बजे से फंसे हुए हैं, जिसके बाद से बचाव कार्य जारी है।

बीते 9 दिनों में फंसे मजदूरों से संपर्क नहीं हो सका है। टनल में पानी, कीचड़ और ढेर सारे मलबे के कारण रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत 11 एजेंसियां जुटी हुई हैं। सीएम रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों की लोकेशन अभी तक पता नहीं चली है। जरूरत पड़ी तो रेस्क्यू में रोबोट की मदद ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने साइड का दौरान करने के बाद कहा कि बचाव कर्मी इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पा रहे हैं कि लोग और मशीनें कहां फंसे हुए हैं। उनके पास केवल प्रारंभिक अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फंसे लोगों को निकालने के लिए दृढ़ है और दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए भी तैयार है।

इधर, नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई), हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने सुरंग के भीतर ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे किया था ताकि सुरंग में फंसे आठ लोगों की स्थिति का पता लगाया जा सके। सर्वे में जिन जगहों पर पीड़ितों के होने का अनुमान था, वहां अब जांच में सिर्फ धातु के तत्व मिले हैं। यही वजह है कि अब वैज्ञानिकों ने रडार सर्वे से इतर जगहों पर भी पीड़ितों की तलाश करने की सलाह दी है। साथ ही वैज्ञानिक जल्द ही एक बार फिर से रडार सर्वे करने की योजना बना रहे हैं।

कांग्रेस नेता की रोहित शर्मा पर ये कैसी टिप्पणी? बीजेपी बोली-चैंपियन का अपमान

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कांग्रेस की एक नेता ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ऐसा बयान दिया है कि बवाल मच गया है। कांग्रेस की प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रोहित शर्मा के वजन को लेकर टिप्पणी की है। हालांकि, शमा मोहम्मद का ये बयान उन्ही पर भारी पड़ता दिख रहा है।बीजेपी ने कांग्रेस नेता को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा ने इसे एख चैंपियन (रोहित) का अपमान बताया है।

चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की शानदार जीत के बाद कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा की फिटनेस और कप्तानी पर सवाल उठाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- एक खिलाड़ी के तौर पर रोहित शर्मा मोटे हैं, उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए। शमा मोहम्मद ने यह भी कहा कि रोहित भारत के सबसे निराश करने वाले कप्तान हैं।

कांग्रेस नेता यही नहीं मानी, उन्होंने रोहित शर्मा को एक औसत दर्जे का कप्तान बताया और कहा कि वे सिर्फ भाग्यशाली हैं कि वे भारतीय टीम के कप्तान हैं।

कांग्रेस की प्रवक्ता के बयान देने के बाद पार्टी ने खुद शमा मोहम्मद के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने क्रिकेट के एक दिग्गज खिलाड़ी पर जो टिप्पणियां की पार्टी के आधिकारिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

उन्हें एक्स से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है और भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों के योगदान को सर्वोच्च सम्मान देती है और उनकी विरासत को कम आंकने वाले किसी भी बयान का समर्थन नहीं करती है।

कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तंज कसते हुए लिखा कि कांग्रेस अब चाहती है कि राहुल गांधी क्रिकेट खेलें। प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। अब वे भारतीय क्रिकेट टीम पर निशाना साध रहे हैं। क्या वे चाहते हैं कि राजनीति में असफल रहने के बाद अब राहुल गांधी क्रिकेट खेलें!'

अमेरिका को तेवर दिखाने के बाद बैकफुट पर जेलेंस्की, ट्रंप के साथ मिनरल्स डील को तैयार

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बीते हफ्ते अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई मुलाकात में खूब जुबानी जंग देखने को मिली थी। ट्रंप और जेलेंस्की की तीखी नोकझोंक के कारण मिनरल्स डील कैंसिल हो गई थी। इस डील को लेकर अमेरिका लंबे समय से यूक्रेन पर दबाव बना रहा था। हालांकि, ट्रंप के साथ तनाव के बाद जेलेंस्की बैकफूट पर नजर आ रहे हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने एक बार फिर कहा कि वे मिनरल्स डील करने के लिए तैयार हैं। जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ रिश्ते सुधार सकते हैं, लेकिन इसके लिए बातचीत बंद कमरों में जारी रखने की जरूरत है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में कहा कि हम अमेरिका की अहमियत समझते हैं और अमेरिका से हमें अब तक जो भी मदद मिली है, हम उसके लिए उनके आभारी हैं। एक भी दिन ऐसा नहीं गया है, जब हमने कृतज्ञता जाहिर नहीं की है। यह कृतज्ञता हमारी आजादी के संरक्षण के लिए है। यूक्रेन का जुझारुपन, उस पर आधारित है, जो हमारे सहयोगियों ने हमारे लिए और खुद अपनी सुरक्षा के लिए किया है। हम अंतहीन युद्ध नहीं चाहते और हम भी शांति चाहते हैं, लेकिन इसके लिए सुरक्षा गारंटी अहम है।

जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों के समर्थन के लिए आभार जताया। साथ ही उन्होंने रविवार को हुई बातचीत में को लेकर कहा कि यूरोपीय नेताओं ने अमेरिका को भेजने के लिए एक शांति योजना तैयार करने पर सहमति जताई है। रविवार को यूरोपीय नेताओं के साथ शिखर सम्मेलन के बाद जेलेंस्की लंदन हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान ओवल ऑफिस में हुई घटना को लेकर भी वह संतुलन बनाते दिखे।

जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका यूक्रेन को सहायता बंद करेगा, क्योंकि एक सभ्य दुनिया के नेता रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मदद नहीं देना चाहेंगे। ट्रंप के साथ होने वाली मिनरल डील को लेकर जेलेंस्की ने कहा, हमने इसे साइन करने पर सहमति जताई थी और हम इसके लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि अमेरिका भी तैयार होगा।

बता दें कि अमेरिका की ओर से यूक्रेन को दी गई मदद के बदले ट्रंप ने मिनरल डील की मांग की थी। यूक्रेन में मौजूद दुर्लभ खनिज को पाने के लिए ट्रंप शुरुआत से ही आक्रामक तेवर अपनाए हुए थे। ये तेवर काम भी आए। दोनों देशों के बीच मिनरल्स डील सहमति बन चुकी थी, बस इसे अमलीजामा पहनाना बाकी था। लेकिन बातचीत के दौरान हुई बहस ने सब पर पानी फेर दिया। इस डील के अनुसार अमेरिका यूक्रेन की मदद तभी करेगा जब उसे 500 बिलियन डॉलर (लगभग 43 लाख करोड़ रुपये) के दुर्लभ खनिज उसे दिए जाएंगे। यूक्रेन के पास टाइटेनियम, लिथियम, यूरेनियम समेत 100 से ज्यादा अहम खनिजों का भंडार हैं। इसके लिए ही जेलेंस्की तैयार हुए थे।

पीएम मोदी ने लिया जंगल सफारी का आनंद, गिर नेशनल पार्क में सिर पर हैट और हाथों में कैमरा लिए आए नजर

#pm_narendra_modi_lion_safari

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं। यहां पीएम मोदी ने सोमवार को जंगल सफारी का लुत्‍फ उठाया। पीएम मोदी रविवार रात गिर नेशनल पार्क स्थित राज्य वन विभाग के गेस्ट हाउस सिंह सदन पहुंचे। जहां रात्रि विश्राम के बाद सोमवार को सुबह जंगल सफारी पर निकल गए। पीएम मोदी आज विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक से पहले पीएम मोदी ने सुबह जंगल सफारी का आनंद लिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर सोमवार सुबह गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया। पीएम मोदी इस दौरान सिर पर हैट, आंखों पर काला चश्मा और हाथों में कैमरा लिए नजर आए । उनके साथ कुछ मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

विश्ववन्य जीव दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां प्रकृति से जुड़ी चीजों को सुरक्षित रखना, उनकी संस्कृति का हिस्सा है। भारत के पास वन्य जीवों को सुरक्षित र रखने को लेकर बहुत सारी उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व भर के वन्य प्रेमियों के मन में एक सवाल है कि अनेक टाइगर रेंज देशों में उनकी आबादी स्थिर है या फिर घट रही है, लेकिन भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है?

पीएम मोदी ने इसके जवाब में बताया कि भारत की संस्कृति और समाज में बायोडायवर्सिटी और पर्यावरण के प्रति हमारा स्वाभाविक आग्रह इसकी सफलता का कारण है। उन्होंने कहा कि हम इकोलॉजी और इकोनॉमी में अलगाव नहीं मानते हैं, बल्कि दोनों के बीच सह-अस्तित्व को महत्व देते हैं, यानी दोनों ही देश के लिए समान तौर पर जरूरी हैं।

बता दें कि गिर नेशनल पार्क में एशियाई शेरों से जुड़े प्रोजेक्ट लॉयन के लिए केंद्र सरकार ने 2900 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस फंड से एशियाई शेरों के संरक्षण का काम किया जाएगा। अभी गुजरात के 9 जिलों और 53 तालुका में फैले करीब 30 हजार किलोमीटर के इलाके में एशियाई शेर रहते हैं। जूनागढ़ जिले के न्यू पिपलिया में वन्य जीवों के लिए एक नेशनल रेफरल सेंटर भी बनाया जा रहा है। साथ ही गिर नेशनल पार्क में वन्यजीवों को ट्रैक करने के लिए मॉनिटरिंग सेंटर और अस्पताल भी बनाया गया है।

सिद्धारमैया के हाथ से जाएगी कर्नाटक सीएम की कुर्सी, दिसंबर तक शिवकुमार को मिल सकती है कमान?

#karnataka_leadership_change_shivakumar_will_become_cm

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कुर्सी जाने वाली है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि 2025 के आखिर तक डीके शिवकुमार सीएम बन जाएंगे। यह दावा किया है कि कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा और पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने। कांग्रेस विधायक बसवराजू वी. शिवगंगा ने दावा किया कि उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार दिसंबर तक मुख्यमंत्री बन जाएंगे। शिवगंगा ने कहा कि शिवकुमार अगले साढ़े सात वर्षों तक मुख्यमंत्री रहेंगे, क्योंकि पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद है।

कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा ने कहा कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिसंबर तक मुख्यमंत्री का पद संभाल लेंगे। दावणगेरे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विधायक बसवराजू ने जोर देकर कहा कि आप (मीडिया) इसे लिख सकते हैं कि शिवकुमार दिसंबर तक सीएम बन जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि सरकार की कमान संभालने के बाद, वह इतना अच्छा प्रदर्शन करेंगे कि वह अगला विधानसभा चुनाव जीतेंगे और पूरे कार्यकाल के लिए सीएम बने रहेंगे। विधायक बसवराजू शिवगंगा ने दोहराया कि शिवकुमार दिसंबर से अगले 7.5 साल तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि शिवकुमार के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को अगला विधानसभा चुनाव जीतने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि शिवकुमार ने पार्टी के लिए बहुत योगदान दिया है और उनकी कड़ी मेहनत की वजह से कांग्रेस पार्टी ने राज्य विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है।

मई 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी। पार्टी ने आखिरकार सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया, जबकि शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने के लिए मनाया। उस समय खबरों में बताया गया था कि रोटेशनल मुख्यमंत्री वाली व्यवस्था पर सहमति बनी है, जिसमें ढाई साल बाद शिवकुमार मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करेंगे। हालांकि, पार्टी ने कभी भी आधिकारिक रूप से ऐसी व्यवस्था की पुष्टि नहीं की।

शिवगंगा की बात का समर्थन करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा- डीके शिवकुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। साथ ही दावा किया कि शिवकुमार का मुख्यमंत्री बनना पहले से ही तय है। कोई उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोक नहीं सकता। इतिहास पहले ही लिख दिया गया है। आज या कल, यह हो जाएगा। उदुपी में एक कार्यक्रम के दौरान मोइली ने कहा कि शिवकुमार ने मजबूत नेतृत्व प्रदान किया है। हमेशा पार्टी को प्राथमिकता दी। कुछ लोग व्यक्तिगत कारणों से उनकी आलोचना कर सकते हैं, लेकिन इससे कुछ नहीं बदलेगा। मुख्यमंत्री पद उन्हें दिया गया उपहार नहीं है, उन्होंने इसे उन्होंने अर्जित किया है।

महायुति में कोई मतभेद नहीःदेवेंद्र फडणवीस का ‘शीत युद्ध’ से इनकार, शिंदे बोले- सब ठंडा-ठंडा, कूल-कूल

#devendra_fadnavis_vs_eknath_shinde_controversy

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति में कोई मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से विवाद की खबरों का खंडन किया है। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने डिप्टी एकनाथ शिंदे के साथ 'शीत युद्ध' की अटकलों को खारिज कर दिया। वहीं, शिंदे ने कहा, सब कुछ ठंडा ठंडा है, कूल कूल है। दरअसल, फडणवीस सोमवार से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के बजट सत्र से डिप्टी सीएम शिंदे और अजित पवार के साथ रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान शिंदे और अजीत पवार भी एक दूसरे के ऊपर चुटकी लेते दिखाई दिए।

सोमवार यानी आज से महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले सीएम फडणवीस ने कैबिनेट बैठक और पारंपरिक चाय पार्टी का आयोजन किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजीत पवार एक साथ नजर आए। वहीं, तीनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

फडणवीस ने कहा, 'कोई युद्ध नहीं है। जो लोग हम दोनों को जानते हैं, वे याद रखेंगे कि जब हम साथ होते हैं तो हम क्या करते हैं।' उन्होंने शिंदे के विद्रोह से पहले उनकी बैठकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिसने अविभाजित शिवसेना को विभाजित कर दिया और 2022 में एमवीए सरकार को बाहर कर दिया। फडणवीस ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति के सभी सहयोगी भाजपा, शिवसेना और एनसीपी एकजुट होकर काम कर रहे हैं।

इस पर शिंदे ने मीडिया से कहा- आप जितनी भी मेहनत से संघर्ष का हवाला देकर ब्रेकिंग न्यूज बनाने की कोशिश करें, हमारा गठबंधन टूटने वाला नहीं है। इतनी तेज गर्मी में कोल्ड वार कैसे हो सकता है? सब कुछ ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है। इस पर शिंदे के बगल में बैठे फडणवीस मुस्कुराने लगे।बता दें कि शिंदे विधानसभा चुनावों से पहले सीएम थे। तब फडणवीस और पवार उनके डिप्टी थे।

मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों ने शिवसेना नेता संजय राउत के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि शिंदे ने सुबह 4 बजे पुणे में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर फडणवीस के खिलाफ शिकायत की थी। शिंदे ने कहा कि शाह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के नेता हैं। पवार ने कहा कि यह सुबह 10 बजे की शिष्टाचार मुलाकात थी। फडणवीस ने कहा कि वह भी बैठक में मौजूद थे।

महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे की बेटी से छेड़छाड़, एक आरोपी गिरफ्तार

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महाराष्ट्र के जलगांव में केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे की बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। जलगांव के मुक्ताई नगर इलाके में एक मेले के दौरान कुछ लड़कों ने केंद्रीय मंत्री की बेटी और उसकी सहेलियों से छेड़खानी की। मामले की शिकायत खुद मंत्री रक्षा खडसे ने मुक्ताई नगर थाने में की है। खडसे पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में खेल राज्य मंत्री के कई अन्य विभाग संभाल रही हैं।

रक्षा खडसे की बेटी से कथित छेड़छाड़ मामले में एक आरोपी के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। जलगांव पुलिस ने रविवार को यह बड़ा खुलासा किया। मुक्ताईनगर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) कृष्णत पिंगले ने बताया कि मामले में सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से एक को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। उनमें से एक के खिलाफ पहले भी चार मामले दर्ज हैं।

यह घटना संत मुक्ताई यात्रा के दौरान हुई। जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री की बेटी और उसकी सहेली सुरक्षा गार्ड के साथ कोथली गांव में शोभा यात्रा देखने गई थी। उसी समय सुरक्षा गार्ड को कुछ युवकों द्वारा वीडियो बनाने का शक हुआ। सुरक्षा गार्ड ने इस शक के आधार पर युवक के हाथ से मोबाइल फोन जब्त कर लिया और उसकी जांच की। सूत्रों का कहना है कि इस घटना से चारों युवक नाराज हो गए और सुरक्षा गार्ड से भिड़ गए। आरोपियों की गिरफ्तारी हो, इसलिए रक्षा खड़से पुलिस स्टेशन पहुंच गई हैं। आरोप है कि कुछ बदमाशों ने छेड़छाड़ की।

इस पूरे मामले में खडसे ने कहा कि मैं केंद्रीय मंत्री के तौर पर नहीं एक मां के तौर पर पुलिस स्टेशन गई थी। परसों रात मेरी बेटी और उसकी सहेलियों के साथ जो घटना हुई, वह निंदनीय है। ऐसी कई माताएं होंगी जो इससे पीड़ित हैं। उन्हें पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। मेरी बेटी और उसकी सहेलियां महाशिवरात्रि के मेले में गई थीं, जहां कुछ लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने पुलिस गार्ड के साथ भी बदसलूकी की। पुलिसकर्मी की मौजूदगी में भी उनकी इतनी हिम्मत थी कि वे छेड़छाड़ कर रहे थे और वीडियो बना रहे थे। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इसीलिए मैंने एफआईआर दर्ज कराई है। 30-40 लोग एकत्रित हुए और पुलिस के साथ बदतमीजी करने लगे। वे किसी भी घर में घुस सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं। मैंने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।