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मगरमच्छ लेकर सरकारी दफ्तर पहुंचे किसान, जानें क्या है पूरा मामला

कर्नाटक के कलबुर्गी गोब्बुर गांव के गेसकॉम (गुलबर्गा इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी) कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब किसान एक बैलगाड़ी पर मगरमच्छ बांधकर पहुंच गए. मगरमच्छ देखते ही बिजली विभाग के दफ्तर में भगदड़ मच गई. किसान बिजली कटौती की समस्या से परेशान थे. इसी बात का विरोध करने के लिए वह मगरमच्छ को बांधकर बिजली विभाग के आफिस पहुंचे थे. इस पूरी घटना का वीडियो भी इन दिनों काफी वायरल हो रहा है.

कर्नाटक के कलबुर्गी का एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो में मगरमच्छ बैलगाड़ी पर बांधा हुआ है, जिसे किसान बिजली विभाग के आफिस लेकर जाते हुए नजर आ रहे हैं. इस इलाके में सिंचाई के लिए सुबह 4 बजे थ्री फेस बिजली दी जा रही थी. किसानों को सुबह-सुबह अंधेर में खेत जाना पड़ा रहा था. रात के अंधेरे में निरंतर उनपर मगरमच्छ का खतरा बना रहता था.

गांववालों ने पकड़ा मगरमच्छ

बुधवार की रात गांव का एक पुजारी खेत में काम करने गया. इस दौरान उसने सुना कि उसके जानवर जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं. पुजारी ने देखा कि जानवरों के पास मगरमच्छ है, जिसने एक भेड़ को अपने मुंह में दबाया हुआ था. इस दौरान पुजारी ने गांव में हल्ला मचाकर लोगों को जगा दिया. इसके बाद 50 से ज्यादा गांववालों ने 30 मिनट के अंदर मगरमच्छ को पकड़ लिया. गांववालों ने मगरमच्छ को कस कर रस्सियों से बांध दिया था.

बैलगाड़ी पर ले गए मगरमच्छ

पुजारी ने समय रहते मगरमच्छ को नहीं देखा होता तो वह उसके घर के अंदर घुस सकता था. जिससे कोई बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती थी. इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारियों से गुस्साए किसान मगरमच्छ को बैलगाड़ी पर बांधकर 8 किलोमीटर दूर गेसकॉम के कार्यालय लेकर पहुंचे, जहां से बाद में वन विभाग मगरमच्छ को अपने साथ ले गया. गुस्साए गांववालों ने बिजली विभाग के अधिकारियों को बताया कि हम आपको दिखाना चाहते थे कि अगर थ्री फेस बिजली सुबह 4 बजे दी जाती है, तो यह किसान के लिए कितना खतरनाक हो सकता है.

गुस्साए किसानों ने बिजली विभाग से मांग की है कि हम चाहते हैं कि आप इस पर ध्यान दें और सुबह 6 बजे के बाद बिजली मुहैया कराएं.

कुत्तों के बाद इस शहर में आवारा बिल्लियों की होगी नसबंदी, कितने होंगे खर्च?

महाराष्ट्र के नासिक शहर में अब आवारा कुत्तों के बाद बिल्लियों की नसबंदी का अभियान शुरू किया जा रहा है. नगर निगम के पशुपालन विभाग ने राज्य मानवाधिकार आयोग के निर्देश पर यह कदम उठाया है. इस अभियान का उद्देश्य आवारा बिल्लियों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण पाना है, जिससे शहर में होने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके

नासिक नगर निगम ने इस कार्य के लिए बजट में 10 लाख रुपये का प्रावधान किया है. अप्रैल माह में एक संस्था को नियुक्त किया जाएगा, जो बिल्लियों को पकड़कर उनकी नसबंदी करेगी. प्रत्येक बिल्ली की नसबंदी पर 1650 रुपये खर्च होंगे. पहले चरण में 606 बिल्लियों की नसबंदी करने का लक्ष्य रखा गया है. इस अभियान के माध्यम से आवारा बिल्लियों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी, जिससे शहर में इन जानवरों से होने वाली समस्याएं, जैसे कि बीमारी फैलना, सड़क पर अनावश्यक शोर, और अन्य परेशानियां कम हो सकेंगी.

बिल्लियों की नसबंदी ज्यादा मुश्किल

कुत्तों के मुकाबले बिल्लियों को पकड़ना ज्यादा मुश्किल होता है, क्योंकि बिल्लियां काफी चपल और सतर्क होती हैं. इसलिए एक विशेषज्ञ संगठन को नियुक्त किया जाएगा, जो जाल बिछाकर बिल्लियों को पकड़ेगा. यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और सावधानी से की जाएगी ताकि बिल्लियों को कोई नुकसान न हो.

नसबंदी के बाद बिल्लियों को उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था. यह कदम न केवल बिल्लियों की संख्या पर नियंत्रण रखने के लिए लिया गया है, बल्कि यह समाज में संतुलन बनाए रखने में भी मदद करेगा और इन जानवरों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करेगा.

अभियान में एक लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी

यह अभियान 2007 से चल रहे आवारा कुत्तों की नसबंदी अभियान का एक हिस्सा है. अब तक इस अभियान के तहत एक लाख से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है. इस पहल से कुत्तों और बिल्लियों की संख्या में वृद्धि को रोका जा सकता है, जिससे सड़क पर इन जानवरों की संख्या कम होगी और इससे मानव-जानवरों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा.

सकारात्मक दिशा में नगर निगम का कदम

नासिक नगर निगम का यह कदम शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने में सहायक होगा. नसबंदी अभियान से न केवल जानवरों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि यह समाज में पालतू और आवारा जानवरों के लिए एक बेहतर वातावरण भी तैयार करेगा.

दिल्ली में अब 10 लाख तक का इलाज फ्री, जानिए कैसे बनवाएं आयुष्मान कार्ड

दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव के दौरान ऐलान किया था कि सरकार बनने के बाद आयुष्मान योजना में 10 लाख रुपये तक का इलाज फ्री दिया जाएगा. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों बाद अपनी पहली कैबिनेट में इस ऐलान को मंजूरी दे दी है. अब दिल्ली में भी जन आरोग्य योजना को लागू किया जाएगा. इसके तहत 1 लाख लोगों के प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड बनाए जाएंगे. दिल्ली में अब तक आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं है. केजरीवाल सरकार ने इस योजना को लागू नहीं किया था.

केंद्र सरकार की ओर से अधिकारियों की दिल्ली में आयुष्मान योजना को लेकर ट्रेनिंग शुरू हो गई है. दिल्ली में कैसे लोगों का आयुष्मान कार्ड बनेगा उसके लिए दिल्ली सरकार के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है .गौरतलब है कि कल ही दिल्ली सरकार में दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू करने को लेकर कैबिनेट की हरी झंडी दी थी.

दिल्ली वालों का डबल फायदा

आयुष्मान कार्ड धारक को कार्ड बनवाने के बाद हर साल 5 लाख रुपये का इलाज फ्री किया जाता है. ये इलाज कार्ड धारक रजिस्टर्ड अस्पतालों में करा सकते हैं, जिसका पूरा खर्च सरकार उठाती है. इसमें 5 लाख का Health कवरेज दिल्ली सरकार और 5 लाख केंद्र सरकार की तरफ से मिलेगा. यानी कि बाकी देश में जहां प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का फ्री इलाज दिया जाता है. वहीं दिल्ली में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना लागू होने के बाद दिल्ली वासियों को 5 लाख का डबल यानी 10 लाख का फ्री इलाज मिलेगा

कैसे बनेगा आयुष्मान कार्ड?

आयुष्मान कार्ड कार्ड बनाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. सााल 2011 की जनगणना के मुताबिक इसमें लोगों को शामिल किया गया है. जिसकी सूची PMJAY की वेबसाइट पर उपलब्ध है. जहां जाकर आप अपना नाम चेक कर सकते हैं.

आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अगर आप भी पात्र हैं और इसको बनवाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाना होगा. ये सेंटर आपके नजदीकी अस्पताल या फिर किसी कैफे में हो सकता है. पात्र होने पर आपको दस्तावेज देने होते हैं. जिनका वेरिफिकेशन किया जाता है, जिसके बाद ही कार्ड बनवाने के लिए अप्लाई किया जाता है.

ऑनलाइन कैसे बनेगा कार्ड?

आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मोबाइल के प्ले स्टोर से PM -JAY या आयुष्मान एप डाउनलोड करें या गूगल से https://beneficiary.nha.gov.in से क्लिक कर लॉगिंन करें, उसके बाद आयुष्मान ऐप में लॉगिन पर जाए Beficiary विकल्प चुनें अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर ओटीपी (OTP) डालकर लॉगिन करें.

फिर आपके सामने एक नई स्क्रीन खुल जाएगी, आपको स्कीम में PMJAY चुनना है, अगले बॉक्स में राज्य, सब स्कीम, जिला चुनना होगा. आखिरी बॉक्स में आपको Search By में आधार नंबर, फैमिली आईडी या PMJAY ID में से एक चुनना है.

जैसे ही आप आधार नंबर पर डालेंगे, अगर आपका नाम सूची में है तो पूरे परिवार की जानकारी सामने आ जाएगी. जिसका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है, उसके नाम के आगे e-KYC status में Unidentified लिखा दिखेगा.जिसका आधार कार्ड नहीं बना है, उसके नाम के सामने Action वाले कॉलम में क्लिक करें. यहां जरूरी जानकारी भरकर आप कार्ड बनवा सकते हैं.

आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट हैं जरूरी?

आधार कार्ड

राशन कार्ड या परिवार पहचान पत्र (PPP ID)

मोबाइल नंबर

पात्रता सूची में नाम

जाति प्रमाण पत्र (अगर आरक्षित वर्ग से हैं तो)

आय का प्रमाण पत्र

परिवार के मौजूदा स्टेटस से जुड़े दस्तावेज

परिवार के कितने सदस्य बनवा सकते हैं कार्ड?

आयुष्मान योजना के अंतर्गत एक परिवार के सभी सदस्य लाभ ले सकते हैं. इसमें माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चों के अलावा किसी प्रकार की सदस्य संख्या की सीमा नहीं है. मतलब, जितने भी लोग परिवार में शामिल हैं, सभी को योजना का फायदा मिलता है. बर्शतें इसके लिए आप पात्र हों. 2011 की जनगणना के आधार इस योजना में गरीब, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को ऐड किया गया है.

किन लोगों का नहीं बन सकता आयुष्मान कार्ड?

आयुष्मान कार्ड कार्ड बनाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं, जिसके अनुसार कई ऐसे लोग हैं जो इस योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं. इनमें ईएसआईसी यानी एम्पलाई स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन का लाभ लेने वाले, वे लोग जिनका पीएफ कटता है, जो लोग सरकारी नौकरी करते हैं, जो टैक्स भरने की कैटेगरी में आते हैं वे लोग आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा सकते.

CM रेखा गुप्ता का पहला एक्शन, आतिशी सरकार के सभी निजी स्टाफ की छुट्टी

दिल्ली की सत्ता संभालने के बाद नई सीएम रेखा गुप्ता एक्शन में हैं. उन्होंने आतिशी सरकार के सभी निजी स्टाफ की सेवाएं खत्म कर दीं. पूर्व मुख्यमंत्री और मंत्रियों के सभी व्यक्तिगत स्टाफ को नौकरी से हटा दिया. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को दूसरे विभागों में नियुक्त किया था. उनको तुरंत अपने मूल विभागों में रिपोर्ट करने को कहा गया है.

कई सारे अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर दूसरे बोर्ड कॉरपोरेशन में भेजा गया था. सप्ताह भर पहले सभी विभागों से पूर्व सरकार की ओर से कंट्रैक्ट और व्यक्तिगत स्टाफ की जानकारी मांगी गई थी. उनको मूल विभाग में लौटने को कहा गया है.

हाल ही में दिल्ली के मुख्य सचिव ने इसको लेकर एक नोटिस जारी किया था. इसमें जितने भी नॉन ऑफिशियल स्टाफ है उनकी लिस्ट मांगी गई थी. केजरीवाल सरकार में अलग-अलग विभागों में कई तरह के नॉन ऑफिसियल स्टाफ की नियुक्ति हुई थी

अब PhonePe भी होगी शेयर बाजार में लिस्ट, IPO लाने की है तैयारी

देश के स्टॉक मार्केट में भले अभी उतार-चढ़ाव दिख रहा हो, लेकिन इंडियन स्टॉक मार्केट पर कंपनियों और निवेशकों का भरोसा कायम है. यही वजह है कि अब डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म PhonePe ने अपना आईपीओ लाने की तैयारी शुरू कर दी है. इससे पहले देश में Paytm और Mobikwik जैसी पेमेंट कंपनियां भी अपने आईपीओ लेकर आ चुकी हैं.

अमेरिका की वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे जल्द ही शेयर बाजार में खुद को लिस्ट कराएगी. इसके लिए कंपनी आईपीओ का रास्ता चुनने वाली है. कंपनी ने गुरुवार को बताया कि वह आईपीओ के लिए तैयारी शुरू कर चुकी है.

अभी इतना है कंपनी का वैल्यूएशन

फोनपे ने 2023 में आखिरी बार फंड रेजिंग की थी. तब कंपनी का वैल्यूएशन 12 अरब डॉलर रखा गया था. ऐसे में आईपीओ के लिए कंपनी का वैल्यूएशन इतना या इससे अधिक भी को सकता था. आईपीओ को लेकर फोनपे की ओर से एक बयान में कहा गया है, ”कंपनी अपने संभावित आईपीओ की तैयारी शुरू कर चुकी है. उसकी प्लानिंग भारतीय शेयर बाजारों में खुद को लिस्ट कराने की है. यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है. इस साल उसे भारत में काम करते हुए 10 साल हो जाएंगे.”

सिंगापुर से इंडिया आई थी फोनपे

फोनपे को फ्लिपकार्ट ने शुरू किया था. ई-कॉमर्स कैटेगरी की ये कंपनी भारत में सिंगापुर से ही ऑपरेट करती थी. बाद में अमेरिका की वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण कर लिया, जिसके चलते फोनपे का मालिकाना हक भी वॉलमार्ट के पास आ गया था. भारतीय रिजर्व बैंक के नियमानुसार भारत में काम करने वाली डिजिटल पेमेंट कंपनियों को अपना पूरा डेटा भारत में ही स्टोर करना होता है.

ऐसे में दिसंबर 2022 में फोनपे ने सिंगापुर से भारत में अपना स्थानांतरण किया. इसके लिए उसे भारत सरकार को टैक्स के रूप में करीब 8,000 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा.

भारत में आज की तारीख में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा सोर्स UPI है. जनवरी 2025 में देश के अंदर जितने भी यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए, उसमें 47 प्रतिशत से अधिक का मार्केट शेयर फोनपे का रहा है. फोनपे के बाद गूगल की गूगल पे सर्विस 36 प्रतिशत से अधिक मार्केट शेयर के साथ देश की दूसरी लीडिंग पेमेंट कंपनी है. पेटीएम के पास अब सिर्फ 6.78 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी बची है.

बिहार को एक और एयरपोर्ट की सौगात… पूर्णिया में टर्मिनल निर्माण को AAI ने दी मंजूरी

विकसित बिहार के विजन के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा हर जिले में पहुंच रही है. प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री ने पूर्णिया का दौरा किया था. अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने ना केवल 581 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं की घोषणा की थी बल्कि पूर्णिया एयरपोर्ट के विकास कार्य की भी समीक्षा की थी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण को मंजूरी दे दी है. यानी जल्द ही बिहार को एक और नए एयरपोर्ट की सौगात मिलने जा रही है.

23 प्रतिशत कम लागत पर होगा निर्माण

एएआई द्वारा जारी टेंडर के तहत कुल ₹33.99 करोड़ की लागत से इस टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा. यह राशि अनुमानित लागत ₹44.15 करोड़ से 23 प्रतिशत कम है. टेंडर प्रक्रिया के तहत पहली बोली 12 सितंबर और दूसरी बोली 27 सितंबर को खोली गई थी. अब फाइनल एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिसके बाद कार्य प्रारंभ हो जाएगा.

आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा पूर्णिया एयरपोर्ट

एएआई के आर्किटेक्ट ने पहले ही पूर्णिया एयरपोर्ट का डिजाइन तैयार कर लिया है. यह एयरपोर्ट “स्टेट ऑफ द आर्ट” सुविधाओं से लैस होगा और अगले 30-40 वर्षों के यात्री फुटफॉल को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इस एयरपोर्ट पर कुल पांच एयरोब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.

अंतरिम टर्मिनल का निर्माण पोर्टा कांसेप्ट पर

मुख्य एयरपोर्ट टर्मिनल के निर्माण से पहले, एक अंतरिम टर्मिनल भवन पोर्टा कांसेप्ट पर तैयार किया जाएगा, जिससे उड़ानों का संचालन जल्द शुरू किया जा सके. एएआई के अनुसार, डीजीएम (इंजीनियरिंग) को प्रोजेक्ट का प्रभारी नियुक्त किया गया है और ठेकेदार को जल्द से जल्द अनुबंध पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. निर्माण एजेंसी को ₹1.69 करोड़ की परफॉर्मेंस गारंटी और ₹88.30 लाख की सुरक्षा निधि जमा करनी होगी. कार्यस्थल पर श्रम कानूनों के अनुपालन का भी सख्ती से पालन किया जाएगा.

प्रगति यात्रा के बाद काम में आई तेजी

पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान अधिकारियों संग समीक्षा बैठक की थी. बैठक में सीएम ने एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने हेतु सभी पक्षों तथा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे.

सीमांचल, कोसी समेत नेपाल भी लाभान्वित

पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए यह टर्मिनल निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ना केवल कोसी और सीमांचल क्षेत्र बल्कि पश्चिम बंगाल, झारखंड और नेपाल के लोगों को सीधी हवाई सुविधा मिलने का रास्ता साफ होगा. अंतरिम टर्मिनल के पूरा होते ही हवाई यात्रा शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी जाएगी, जिससे स्थानीय यात्रियों को सुविधा तो मिलेगी ही क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.

ये होटल नहीं सरकारी ऑफिस है, साहब ने सोफा और बेड डाल बना दिया रूम; देख हैरान रह गए लोग

कर्नाटक के उत्तर कन्नडा जिले के सांचौर में स्थित पर्यटन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में एक अजीब नजारा देखने को मिला. यहां एक सरकारी कार्यालय के भीतर सोफा और एक बिस्तर रखा हुआ था, जिसे देखकर अधिकारी भौच्चका हो गए. इस नजारे ने अधिकारियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या यह सरकारी दफ्तर है या किसी अधिकारी का बेडरूम?

अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन विभाग का कार्यालय सरकारी दफ्तर के जैसा बिल्कुल भी नहीं था. वहां कोई कामकाजी माहौल नहीं था. कार्यालय में सोफा, बिस्तर और अन्य आरामदायक चीजें रखी हुई थीं. यह नजारा अधिकारियों के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि यह एक सरकारी दफ्तर में होने वाली स्थिति से बिल्कुल ही अलग नजर आ रहा था.

सामने कैसे आया मामला?

शुरुआत में किसी का भी ध्यान इस कमरे की ओर नहीं गया था, क्योंकि सारा सामान छिपा दिया जाता था. हालांकि, जब कार्यालय को जिले के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया तो यह मामला सबके सामने उजागर हो गया. इस दौरान यह साफ हुआ कि सरकारी कार्यालय को अधिकारी के व्यक्तिगत कमरे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था.

अधिकारियों की भूमिका

जानकारी के अनुसार, उत्तर कन्नडा जिले के उद्योग विभाग के अधिकारी जयंत कुछ महीनों से पर्यटन विभाग के उपनिदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे. जब जयंत एक औद्योगिक कार्यक्रम के लिए बेंगलुरु गए थे, तब अधिकारी कर्निष्क को कार्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. बाद में कार्यालय को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया और इसी दौरान यह अजीब स्थिति सामने आ गई.

जिलाधिकारी का आदेश

इस घटना को लेकर जिलाधिकारी लक्ष्मिप्रिया ने जयंत को नोटिस भेजा है और उनसे तीन दिन के भीतर इस मामले में जवाब मांगा है, लेकिन अब तक जयंत ने कोई जवाब नहीं दिया है और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है.

इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सरकारी दफ्तरों में किसी भी प्रकार की अनियमितता या गलत गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.

उत्तराखंड में पहली बार 1 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश, जानें खास बातें

उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है. इस बीच गुरुवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01175.33 करोड़ का बजट पेश किया. पहली बार 1 लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया गया है. बजट में युवा, महिला, गरीब कल्याण और अन्नताओं पर खास फोकस रखा है

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ठीक साढ़े 12:00 बजे बजट लेकर विधानसभा में पहुंचे. उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में मौजूद रहे. वित्त मंत्री पेंशन अग्रवाल ने बजट की अटैची लेकर सदन के अंदर गए. वित्तमंत्री ने बताया कि राज्य कोई राजस्व घाटा नहीं है. बल्कि सरप्लस के रूप में सरकार को 2585.89 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है.

बजट की विशेषताएं

गरीब कल्याण के लिए

सामाजिक सुरक्षा के लिए 1811.66 करोड़

विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी 918.92 करोड़

अन्नपूर्ति योजना 600.00 करोड़

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 207.18 करोड़

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 54.12 करोड़

ईडब्ल्यूएस आवास के लिए अनुदान 25.00 करोड़

परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा के लिए 40.00 करोड़

राज्य खाद्यान योजना के लिए 10.00 करोड़

अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने के लिए 34.36 करोड़

निर्धन परिवार के लिए रसोई गैस पर अनुदान के लिए 55.00 करोड़

पर्यावरण मित्र बीमा के लिए 2.00 करोड़

अन्नदाताओं के लिए क्या है खास

ट्राउट प्रोत्साहन योजना के लिए 146.00 करोड़

आईटीबीपी बटालियन को जीवित भेड़ बकरी और कुक्कुट आपूर्ति योजना के लिए लगभग 13.66 करोड़

दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत 85.00 करोड़

किसान पेंशन योजना के लिए समग्र रूप से लगभग 42.18 करोड़

हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत 15 करोड़

मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत 35 करोड़

दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना के लिए समग्र रूप 30.00 करोड़

गंगा गाय महिला डेरी विकास योजनान्तर्गत 5 करोड़

साईलेज के लिए सगग्र रूप से 40 करोड़

मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत 25.00 करोड़

मुख्यमंत्री मत्स्य सपदा योजना के लिए 12.43 करोड़.

मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन के लिए 4.00 करोड़

स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 5.75 करोड़

नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना के लिए 3.22 करोड़

युवाओं को सशक्त बनाना

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 178.83 करोड़

9वीं से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक के लिए 59.41 करोड़

कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था के लिए 23.00 करोड़

विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्रवृत्ति के लिए 15.00 करोड़

शैक्षिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत छात्रवृति के लिए 15.00 करोड़

बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साइकिल) योजना के लिए 15.00 करोड़

साइन्स सिटी एवं विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए 26.64 करोड़

अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र को सहायता के लिए 5.75 करोड़

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को सहायता के लिए 16.80 करोड़

उत्तराखंड विज्ञान एवं शिक्षण अनुसंधान की स्थापना के लिए 5.40 करोड़

विज्ञान केन्द्र चंपावत 10.00 करोड़

विद्या समीक्षा केंद्र के लिए 2.41 करोड़

राजकीय महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय की स्थापन के लिए 2.00 करोड़

नारी सशक्तीकरण के लिए खास

नन्दा गौरा योजना के लिए करीब 157.84 करोड़

प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना के लिए 21.74 करोड़

मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के लिए 29.91 करोड़

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के लिए लगभग 22.62 करोड़

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए करीब 18.88 करोड़

मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के लिए करीब 13.96 करोड़

मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए 14.00 करोड़

मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि के लिए 8 करोड़

निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए 5 करोड़

मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत करीब 3.76 करोड़

मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना के लिए 5 करोड़

महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत सब्सिडी के लिए 5 करोड़

राज्य में प्रसूता के लिए ईजा-बाई शगुन योजना हेतु समग्र रूप से करीब 14.13 करोड़

मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना के लिए 2 करोड़

700 साल पुराना भिवानी का वो मंदिर, जहां माता के दर्शन करने जाती हैं दिल्ली की CM रेखा गुप्ता… दिलचस्प है कहानी

शालीमार बाग से बीजेपी विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री हैं. आज वो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. रेखा गुप्ता हरियाणा से दिल्ली की दूसरी सीएम हैं. हरियाणा के जींद में उनका मायका है और भिवानी में ससुराल. हालांकि, रेखा के ससुराल वाले 50 साल पहले दिल्ली आकर बस गए थे. लेकिन आज भी रेखा गुप्ता भिवानी के एक मंदिर में पूरे परिवार के साथ आती रहती हैं. इस मंदिर की कहानी बेहद दिलचस्प है.

इस मंदिर का नाम है देवसरधाम. दिल्ली-पिलानी रोड पर भिवानी से मात्र सात किलोमीटर दूरी पर बसा गांव देवसर धार्मिक आस्था के हिसाब से प्रसिद्ध है. साथ ही यहां का मुख्य धाम देवसर धाम पहाड़ी पर बना माता रानी का मंदिर देश विदेश में भी प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मुराद मातारानी अवश्य ही पूरी करती हैं. नवरात्रों में तो इस मंदिर में देश व प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचकर देवी माता की पूजा-अर्चना व अखंड ज्योति जलाकर परिवार के लिए सुख व समृद्धि की कामना करते है.

700 साल पुराना मंदिर

गांव के इतिहास की बात करें तो देवसर गांव करीब 700 साल से ज्यादा पुराना है. बताया जाता है कि एक जमाने में यह इलाका बंजर हुआ करता था. एक बार बंजारा समूह यहां गाय चराते हुए पहुंच गया. रात को उन्होंने यहां ठहराव किया. सुबह अपनी गायों को ले जाने लगे तो गाय वहां से उठी नहीं. जब वह गाय उठाने के लिए प्रयास कर रहे थे तो अचानक आकाशवाणी हुई कि अरे मां दुर्गा को याद करो, मां तुम्हारी मदद करेंगी. यह आवाज सुन बंजारा समूह के लोगों ने वहीं से कंकड़ पत्थर एकत्रित किए और माता रानी के लिए छोटी सी मंदिर रूपी जगह बनाई और पूजा अर्चना की. जैसे ही पूजा-अर्चना शुरू हुई, वैसे ही सभी गाय उठने लगीं. इसके बाद जब भी वे यहां आते माता रानी को याद जरूर करते.

ब्राह्मण-राजपूत पुजारी

मंदिर के पुजारी विक्रम ने बताया कि यह मंदिर प्राचीन समय से स्थापित है. इस मंदिर में राजपूत व ब्राह्मण समाज से जुड़े पुजारी पूजा-पाठ करते हैं. इससे यहां भाईचारा एवं एकता को भी बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा कि देवसर धाम में गर्मी व सर्दी के दोनों नवरात्रि पर नौ दिन तक पूजा-पाठ होती है. जिसमें केवल हरियाणा प्रांत से ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी लोग मन्नत मांगने व पूजा करने के लिए पहुंचते हैं.

काशी में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू, नागा साधुओं के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा बाबा विश्वनाथ का दरबार

यूपी के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब यूपी सरकार और प्रशासन महाशिवरात्रि को लेकर व्यवस्था बनाने में लगे हैं. महाशिवरात्रि के लिए लगातार बैठक हो रही हैं. महाकुंभ क्षेत्र से सभी अखाड़े और साधू – सन्यासी इस समय काशी में हैं. प्रशासन को पता है कि महाशिवरात्रि के दिन दर्शन पूजन के लिए ऐतिहासिक भीड़ आने वाली है. पलट प्रवाह का भी पूरा असर इस महाशिवरात्रि पर दिखेगा.

महाशिवरात्रि पर प्रशासन ने दर्शन पूजन की व्यवस्था तैयार की है. व्यवस्था के मुताबिक सबसे पहले साधु सन्यासी और नागा साधु दर्शन करेंगे. उसके बाद ही आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन करने की व्यवस्था शुरू होगी. ऐसे में जब तक साधु – सन्यासी और नागा साधु दर्शन नहीं कर लेंगे तब तक श्रद्धालुओं की लाइन रुकी रहेगी. ये नियम हर अर्द्ध कुम्भ और पूर्ण कुम्भ की शिवरात्रि पर लागू होता है.

घर बैठे ही बाबा विश्वनाथ के करें दर्शन

महाशिवरात्रि पर पेशवाई का शेड्यूल भी जारी किया गया है. जूना अखाड़े की पेशवाई हनुमान घाट से, आवाहन अखाड़े की पेशवाई दशास्वमेध घाट से, और अग्नि अखाड़े की पेशवाई राजघाट से निकलेगी. ये तीनों अखाड़े गोदौलिया पर मिलेंगे और वहीं से एक होकर बाबा के दरबार तक पहुंचेंगे. बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं से मंदिर प्रशासन ने अपील की है कि महाशिवरात्रि पर लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की गई है वो घर बैठे ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करें.

गणेश पूजन के साथ शुरू हुई महाशिवरात्रि की तैयारी

श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारियां शुरू करने से पहले प्रथम पूज्य श्री गणेश जी महाराज का विधि-विधान से पूजन किया गया. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास का प्रतिनिधित्व करते हुए मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गणेश जी की पूजा की. श्री गणेश जी महाराज का जलाभिषेक करने के बाद उनका सिंदूर से श्रृंगार किया गया. इसके बाद श्री गणेश जी को वस्त्र, पुष्प, दूर्वा, माला, नैवेद्य, भोग अर्पित किया गया. भावपूर्ण तरीके से गणेश जी की स्तुति कर उनकी आरती उतारी गई. शिखर आरती के पश्चात भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया.

मंदिर के सीईओ श्री विश्व भूषण ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू करने से पूर्व प्रथम पूज्य गौरी नंदन श्री गणेश जी का पूजन किया गया. श्री गणेश जी के पूजन के बाद श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू कर दी गई है.