/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz महाकुंभ के बाद काशी पहुंच रहे हजारों नागा साधु, महाशिवरात्रि पर करेंगे स्नान Swarup
महाकुंभ के बाद काशी पहुंच रहे हजारों नागा साधु, महाशिवरात्रि पर करेंगे स्नान



डेस्क:–संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद अब हजारों की तादाद में नागा साधु और संतों का जत्था काशी की तरफ बढ़ गया है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधु-संतों ने वाराणसी को अपना नया ठिकाना बनाया है। उन्होंने वाराणसी के हनुमान घाट स्थित जूना अखाड़े के मठ में तंबू लगाए हैं, जहां वे तपस्या कर रहे हैं। पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साधुओं ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद काशी आने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यहां आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पर ही महाकुंभ में किया स्नान पूरा माना जाता है।

उन्होंने कहा, "वे महाकुंभ में स्नान के बाद काशी में कुछ दिन तक निवास करते हैं। इस दौरान भक्तों और विश्व के कल्याण की तपस्या की जाती है। इस दौरान महाशिवरात्रि के स्नान पर सभी साधु-संत अपने शरीर पर भस्म लगाकर बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए जाते हैं। हमारे लिए प्रयागराज स्वर्ग लोक है और काशी मोक्ष का द्वार।"महंत उज्जैनगिरी नागा बाबा ने बताया कि महाकुंभ में स्नान के बाद अब हमारा प्रवास काशी में रहेगा। हम लोग यहां होली के पर्व तक रुके रहेंगे। इस दौरान महाशिवरात्रि के दिन यहां अमृत स्नान होता है और इसलिए सभी साधु-संत यहां आते हैं। वाराणसी के घाटों पर साधुओं ने तंबू लगाकर डेरा जमाया हुआ है। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन भारी संख्या में साधु पेशवाई निकालेंगे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके बाद ही वे बाबा की बारात में शामिल होंगे।
काशी में महाशिवरात्रि से पहले भक्तों की भीड़, ड्रोन से निगरानी

डेस्क:–प्रयागराज में जारी महाकुंभ के बाद श्रद्धालु काशी की ओर रुख कर रहे हैं। रोजाना लाखों की संख्या में भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भी पहुंच रहे हैं। भारी भीड़ को देखते हुए वाराणसी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है। महाशिवरात्रि से पहले भीड़ बढ़ने की आशंका के चलते चौराहों, गंगा घाटों और प्रमुख मंदिरों पर पुलिस तैनात की गई है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने बताया कि बनारस में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। भीड़ प्रबंधन के तहत प्रमुख प्रवेश और निकास बिंदुओं को चिन्हित कर अलग-अलग किया गया है, जिससे लोगों की आवाजाही सुगम रहे।

घाटों पर भी पुलिस बल के अलावा NDRF और जल पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है। भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए विश्वनाथ मंदिर से भदौरिया चौराहे तक कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रवेश मार्गों को जिग-जैग पैटर्न में रखा गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और दर्शन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के बावजूद उनमें आस्था और भक्ति का उत्साह कम नहीं हुआ है। लोग घंटों लाइन में लगने के बावजूद भगवान शिव के दर्शन के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। नागपुर से आईं श्रद्धालु नीला देशपांडे ने बताया, “हम यहां दो घंटे से खड़े हैं। मोती से आने में एक घंटा लगा। काशी में बहुत भीड़ है, हर गली में लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। लेकिन आस्था की भावना इतनी प्रबल है कि सब कुछ सहन कर रहे हैं।

गुजरात के आणंद से आए अरविंद पटेल ने बताया, “यहां बहुत भीड़ है। हम लोग चार घंटे से लाइन में खड़े हैं, लेकिन अभी तक दर्शन नहीं कर पाए। इतनी दूर से आए हैं, तो दर्शन करके ही जाएंगे। वहीं, झारखंड से आए श्रद्धालु आरके सिन्हा ने कहा, “आज सोमवार है, इसलिए भीड़ और ज्यादा हो गई है। लेकिन हम भी पूरी श्रद्धा के साथ दर्शन के लिए आए हैं। गुदौलिया से चौक तक के मार्ग पर भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। मंदिर प्रशासन और पुलिसकर्मी लगातार भीड़ को नियंत्रित करने में जुटे हैं।
नए सीईसी के चयन के लिए तीन सदस्यीय समिति की बैठक आज

डेस्क:–मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय चयन समिति सोमवार को नए सीईसी का चयन करने के लिए बैठक करेगी। चयन समिति की बैठक में पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल भी शामिल होंगे। यह मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत सीईसी की यह पहली नियुक्ति होगी, जो दिसंबर 2023 में लागू हुआ था। इस प्रावधान के तहत मार्च 2024 में एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।

दोनों आयुक्तों की नियुक्ति अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद रिक्तियों को भरने के लिए की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए नए वैधानिक प्रावधानों की शुरुआत से पहले, दो शेष चुनाव आयुक्तों में से सबसे वरिष्ठ को आमतौर पर निवर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ परामर्श के बाद शीर्ष पद पर पदोन्नत किया जाता था। हालांकि, संशोधित चयन प्रक्रिया के तहत, अब नियुक्तियां चयन पैनल के भीतर बहुमत या आम सहमति के आधार पर की जाती हैं।

नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में कई जनहित याचिकाएं, विशेषकर भारत के मुख्य न्यायाधीश को पैनल में शामिल न करने के संबंध में (जैसा कि पहले नियम था), सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर 19 फरवरी को सुनवाई निर्धारित की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि तीन सदस्यीय चयन समिति नया मुख्य चुनाव आयुक्त चुनती है या मौजूदा चुनाव आयुक्तों में से किसी को इस पद पर नियुक्त करने का निर्णय लेती है।
रिचा घोष और कनिका अनुजा की तूफानी पारी से आरसीबी की जीत

डेस्क:–महिला प्रीमियर लीग 'डब्ल्यूपीएल 2025' का शुक्रवार को आगाज हो गया। गुजरात के वडोदरा में पहले मैच में गुजरात जायंट्स और गत वर्ष की चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) आमने-सामने थीं। रिचा घोष और कनिका अनुजा की तेज-तर्रार पारी की बदौलत आरसीबी ने जीजी को छह विकेट से हराकर जीत के साथ शुरुआत की।

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात जायंट्स ने निर्धारित 20 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 201 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी आरसीबी को शुरुआती दो झटके लगे। मात्र 14 रन के स्कोर पर दो विकेट खोने के बाद एलिस पेरी ने 34 गेंद में 57 रनों की आक्रामक पारी खेली। अंत में रिचा घोष (27 गेंद पर 67) और कनिका अनुजा (13 गेंद पर 30 रन) ने 37 गेंद पर 93 रन की धुआंधार नाबाद साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई। दोनों ने गुजरात की सभी गेंदबाजों की जमकर धुलाई की। आरसीबी ने नौ गेंद शेष रहते 18.3 ओवर में मैच अपने नाम कर लिया। रिचा घोष ने सात चौके और चार छक्के लगाए।

गुजरात की तरफ से एशले गार्डनर ने दो विकेट चटकाए। सायली सतघड़े और डीनड्रा डॉटिन को एक-एक विकेट मिले। गुजरात जायंट्स की तरफ से पारी की शुरुआत बेथ मूनी और लौरा वोल्वार्ड्ट ने की। बेथ ने आठ चौकों की मदद से 42 गेंदों पर 56 रनों की पारी खेली। कप्तान गार्डनर ने चौथे नंबर पर 37 गेंदों पर 79 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली। उन्होंने तीन चौके और आठ छक्के जड़े।

आरसीबी की तरफ से सबसे ज्यादा दो विकेट रेनुका सिंह ने चटकाए। उन्होंने अपने चार ओवर के कोटे में कुल 25 रन देकर दो बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। कनिका अनुजा, जॉर्जिया वेयरहैम और प्रेमा रावत को एक-एक सफलता मिली।
चोटिल श्रेयंका पाटिल की जगह आरसीबी में शामिल हुईं स्नेह राणा

डेस्क:–ऑफ स्पिन ऑलराउंडर श्रेयंका पाटिल 2025 महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल ) के बाकी बचे मैचों से बाहर हो गई हैं, जबकि गत चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने उनकी जगह अनुभवी स्नेह राणा को शामिल किया है।

आरसीबी कैंप में श्रेयंका की जगह लेने वाली स्नेह पहले डब्ल्यूपीएल में गुजरात जायंट्स (जीजी) के लिए खेल चुकी हैं और उनकी कप्तानी भी कर चुकी हैं। अब वह स्मृति मंधाना की अगुआई वाली फ्रेंचाइजी में 30 लाख रुपये में शामिल हो गई हैं। उनकी मौजूदगी से आरसीबी के स्पिन-बॉलिंग लाइन-अप को और अधिक अनुभव मिलेगा, जिसने अब अपने पहली पसंद के स्पिन गेंदबाजों को खो दिया है।

आरसीबी के लिए 15 मैच खेल चुकीं और 2023 से अब तक 19 विकेट चटका चुकीं श्रेयंका चोट के कारण डब्ल्यूपीएल के तीसरे संस्करण से बाहर हो गई हैं। वह डब्ल्यूपीएल 2024 में आठ मैचों में 13 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी थीं, जिसमें दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फाइनल में 4-12 विकेट लेना भी शामिल है, जिससे आरसीबी को नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में पहली बार खिताब जीतने में मदद मिली।

डब्ल्यूपीएल 2025 में आरसीबी के लिए श्रेयंका की उपलब्धता को लेकर तब सवाल उठे थे, जब वह वडोदरा में चल रहे टूर्नामेंट के पहले चरण में टीम के साथ नहीं दिखीं। सूत्रों ने 'आईएएनएस' को बताया कि पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद से बाहर चल रहीं श्रेयंका पिंडली की चोट से जूझ रही हैं।

सूत्रों ने आगे कहा, “स्नेह टीम के साथ हैं और अगर श्रेयंका बिल्कुल भी नहीं खेलतीं तो उन्हें मुख्य टीम में शामिल किया जाना था। लेकिन शनिवार को जब यह स्पष्ट हो गया कि श्रेयंका डब्ल्यूपीएल 2025 के शेष मैचों के लिए उपलब्ध नहीं होंगी, तो स्नेह को उनकी जगह लेने का निर्णय लिया गया।”

श्रेयंका की अनुपस्थिति ने गेंदबाजी विभाग में आरसीबी की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। डब्ल्यूपीएल 2025 अभियान शुरू करने से पहले, उन्होंने घुटने की चोटों के कारण डब्ल्यूपीएल 2024 की जीत में अपने दो महत्वपूर्ण खिलाड़ियों आशा सोभना और सोफी मोलिनक्स की सेवाएं खो दी थीं।

सोफी डिवाइन (मानसिक स्वास्थ्य ब्रेक) और केट क्रॉस (पीठ की चोट) के हटने से आरसीबी की ताकत और कम हो गई। अपने पांच मुख्य खिलाड़ियों की अनुपस्थिति के बावजूद, आरसीबी ने गुजरात जायंट्स के खिलाफ 202 रनों का पीछा करते हुए अपने खिताब की रक्षा की शानदार शुरुआत की।

विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने 26 गेंदों पर नाबाद 64 रन बनाए, जबकि कनिका आहूजा के नाबाद 30 और एलिस पेरी के 57 रनों की बदौलत आरसीबी ने डब्ल्यूपीएल के इतिहास में सबसे बड़े सफल लक्ष्य का पीछा करने का नया रिकॉर्ड बनाया। आरसीबी का अगला मुकाबला सोमवार को वडोदरा में दो बार की उपविजेता दिल्ली कैपिटल्स से होगा।
भारतीय महिला हॉकी टीम की इंग्लैंड पर शानदार जीत,इंग्लैंड को 3-2 से हराया

डेस्क:–भारतीय महिला हॉकी टीम ने शनिवार को कलिंगा स्टेडियम में एफआईएच महिला प्रो लीग के अपने पहले मैच में इंग्लैंड को 3-2 से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की। उप कप्तान नवनीत कौर ने आखिरी क्षणों में गोल करके जीत सुनिश्चित की। वैष्णवी विट्ठल फाल्के (6’), दीपिका (25’) और नवनीत कौर (59’) ने भारत के लिए गोल किया, जबकि डार्सी बॉर्न (12’) और फियोना क्रैकल्स (58’) ने इंग्लैंड के लिए गोल किए।

भारत के दो गोल पेनल्टी कॉर्नर से आए, जिससे पता चलता है कि टीम ने उस क्षेत्र में सुधार किया है जिसे अक्सर उनकी कमजोरी माना जाता है।

पहले क्वार्टर में कड़ी टक्कर देखने को मिली, जिसमें दोनों टीमों ने एक-एक गोल किया। मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने के बाद भारत ने 6वें मिनट में बढ़त हासिल कर ली। मनीषा चौहान के शुरुआती शॉट को इंग्लैंड की पहली रशर टेसा हॉवर्ड ने रोक दिया। रिबाउंड सुशीला चानू के पास आया, जिन्होंने एक शक्तिशाली शॉट लगाया, जिसे वैष्णवी विट्ठल फाल्के ने बड़ी चतुराई से नेट में डिफ्लेक्ट कर दिया। एक संक्षिप्त समीक्षा के बाद, गोल भारत को दे दिया गया।

इंग्लैंड ने 12वें मिनट में रक्षात्मक चूक का फायदा उठाते हुए जवाब दिया। वैष्णवी ने शूटिंग सर्कल के अंदर गेंद पर कब्ज़ा खो दिया, जिससे मैडी एक्सफ़ोर्ड ने शॉट लिया, जिसे शुरू में गोलकीपर सविता ने बचा लिया। हालांकि, डार्सी बॉर्न ने रिबाउंड पर गोल करके स्कोर बराबर कर दिया। पहले क्वार्टर के अंत में, टेसा हॉवर्ड ने बाईं ओर से एक शक्तिशाली शॉट लगाया, लेकिन सविता ने एक मजबूत बचाव करके स्कोर 1-1 से बराबर रखा।

दूसरे क्वार्टर में कड़ी टक्कर देखने को मिली। भारत ने गेंद पर कब्ज़ा जमाया, सटीक पासिंग के साथ तेज़ी से आगे बढ़ा, जबकि इंग्लैंड ने उच्च दबाव बनाया और खतरनाक क्षेत्रों में गेंद जीती। 25वें मिनट में, भारत को अपना दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे युवा ड्रैग-फ्लिक सनसनी दीपिका ने बेहतरीन तरीके से गोल में बदला, जिन्होंने एक महत्वपूर्ण गोल के साथ अपने 50वें अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को चिह्नित किया।

तीसरा क्वार्टर एक मनोरंजक एंड-टू-एंड लड़ाई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने आक्रामक रूप से हमला किया। भारत ने मिडफील्ड को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि इंग्लैंड ने फ़्लैंक का फ़ायदा उठाने का प्रयास किया। केटी कर्टिस ने गेंद को आगे बढ़ाने के लिए अपने स्टिक कौशल का उपयोग करते हुए इंग्लैंड के लिए शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन भारत ने महत्वपूर्ण पास को रोकते हुए रक्षा में दृढ़ संकल्प बनाए रखा। 42वें मिनट में, भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला, और दीपिका ने एक शक्तिशाली शॉट लगाया, लेकिन अंग्रेजी गोलकीपर ने रोक दिया।

इंग्लैंड ने अंतिम क्वार्टर में गति प्राप्त की, लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन उनमें से किसी को भी गोल में बदलने में विफल रहा। उनके अथक दबाव ने आखिरकार 58वें मिनट में भुगतान किया जब फियोना क्रैकल्स ने बराबरी का गोल किया।

हालांकि, भारत ने लगभग तुरंत जवाब दिया। इसके ठीक एक मिनट बाद, उप कप्तान नवनीत कौर ने शूटिंग सर्कल के किनारे से जोरदार शॉट मारा, जिससे गेंद गोलकीपर के पैरों के बीच से होते हुए नेट में चली गई। आखिरी समय में किए गए गोल ने भारत को 3-2 से नाटकीय जीत दिलाई, जिससे उन्हें अपने अभियान की शानदार शुरुआत करने के लिए तीन अंक मिले।
कोई फर्क नहीं पड़ेगा,बुमराह पर BCCI के बयान ने मचा दी हलचल

डेस्क:–चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं। सभी आठ टीमों को अपने स्क्वाड का ऐलान करने के बाद बड़ा झटका लगा है। लगभग सभी टीमों का कोइ ना कोई स्टार खिलाड़ी चोट के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गया। सबसे बड़ा झटका टीम इंडिया ने झेला। बैक इंजरी के चलते दिग्गज तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं। इस दिग्गज गेंदबाज की कमी फैंस और टीम इंडिया को इस बड़े टूर्नामेंट में जरूर खलेगी। हालांकि BCCI का मानना है कि टीम इंडिया को बुमराह की कमी महसूस नहीं होगी।

जसप्रीत बुमराह के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने के बाद BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने बड़ा बयाना दिया है। उन्होंने कहा कि बुमराह के ना होने पर भी टीम कॉम्बिनेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. सैकिया ने IANS से बात करते हुए कहा, ‘हमने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जिस टीम का सेलेक्शन किया है वो सर्वश्रेष्ठ टीम है। हमारे पास इतनी बड़ी बेंच स्ट्रेंथ है और मुझे नहीं लगता कि इससे (बुमराह के चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर होने से) टीम कॉम्बिनेशन पर कुछ असर होगा’।

जसप्रीत बुमराह को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बैक स्पाज्म का सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया में उनका स्कैन किया गाय था। बाद में भारत में भी उनकी चोट का स्कैन हुआ। 11 फरवरी को बुमराह पर चैंपियंस टॉफी को लेकर BCCI का फाइनल फैसला आया। बुमराह चोट से पूरी तरह रिकवर नहीं हो पाए इसके बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने बाहर करने का फैसला लिया था। बुमराह की जगह चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय स्क्वाड में युवा तेज गेंदबाज हर्षित राणा को शामिल किया है।

टीम इंडिया में आखिरी समय में एक और अहम बदलाव हुआ था। युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को पहले स्क्वाड में जगह दी गई थी। हालांकि उन्हें अचानक से ही BCCI ने स्क्वाड से बाहर का रास्ता दिखाते हुए ‘मिस्ट्री स्पिनर’ वरुण चक्रवर्ती को शामिल किया है। टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी में अपना पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश, दूसरा मैच 23 फरवरी को पाकिस्तान और 2 मार्च को तीसरा मैच न्यूजीलैंड से खेलेगी। भारत के सभी मैच दुबई में होंगे।

महाकुंभ मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, 15-16 फरवरी का पास रद्द

डेस्क:–प्रयागराज में इन दिनों दिव्य और भव्य महाकुंभ मेला चल रहा है. इस हफ्ते शनिवार और रविवार को भारी के भीड़ आने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसे देखते हुए मेला प्रशासन ने सभी पास को रद्द कर दिया है। पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। इसी के साथ-साथ प्रशासन ने प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद करने की भी घोषणा की है। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन जरूरी सावधानियां बरत रहा हैं।

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में जाने के लिए जारी पास को रविवार और शनिवार के लिए रद्द कर दिया है। भारी भीड़ की आशंका के चलते 15 और 16 फरवरी को पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन भी घोषित किया गया है। इस दौरान किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। गाड़ियों को नजदीकी पार्किंग में पार्क करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन मेला क्षेत्र में बनी पार्किंग में गाड़ियां पार्क नहीं होगीं।

इस संदर्भ में मेला प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिया. कुंभ मेले में सुगम व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह बड़ा फैसला लिया है। वहीं, रेलवे ने भी भारी भीड़ को देखते हुए संगम स्टेशन 16 फरवरी तक बंद करने का ऐलान किया है। भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ के जवानों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है। दरअसल, वीकेंड की वजह से महाकुंभ नगर में शुक्रवार की सुबह से काफी संख्या में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है।

महाकुंभ स्नान के लिए संगम स्टेशन पर पहुंची रही भारी भीड़ को देखते हुए स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया है. यह स्टेशन संगम के सबसे नजदीक है। यहां 16 फरवरी तक सभी तरह की एंट्री और एग्जिट पर रोक लगा दी है। बता दें कि माघ पूर्णिमा से पहले उमड़ी भीड़ के चलते 9 फरवरी को ही प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 14 फरवरी तक के लिए बंद किया गया था, जिसे बढ़कर अब 16 फरवरी तक कर दिया गया है।

होली से पहले होलाष्टक में क्या करें और क्या न करें, जानें सही नियम

डेस्क:–फाल्गुन का महीना शुरू हो गया है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवधि को दर्शाता है। यह महीना बहुत आध्यात्मिक महत्व रखता है क्योंकि यह भगवान शिव को समर्पित है। फाल्गुन हिंदू कैलेंडर का आखिरी महीना है, इसके बाद चैत्र आता है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवधि में महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख हिंदू त्योहार शामिल हैं। होली से पहले, आठ दिनों की अवधि होती है जिसे होलाष्टक के रूप में जाना जाता है, जिसमें विशिष्ट धार्मिक मान्यताएं और प्रथाएं होती हैं।

होलाष्टक को किसी भी नए या शुभ समारोह को करने के लिए अशुभ माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इन आठ दिनों के दौरान ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती है, जिससे जीवन की प्रमुख घटनाओं में बाधाएं आती हैं। इसलिए, विवाह, गृह प्रवेश समारोह और नामकरण समारोह सहित सभी शुभ कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं। हालांकि, इस अवधि का गहरा आध्यात्मिक महत्व भी है, और सकारात्मकता और शांति बनाए रखने के लिए कुछ अनुष्ठानों की सलाह दी जाती है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 2025 में होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होगा और होली से एक दिन पहले 13 मार्च को समाप्त होगा। यह अवधि होलिका दहन के साथ समाप्त होती है, एक अनुष्ठान जो नकारात्मकता को खत्म करने और रंगों के आनंदमय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है।

होलाष्टक को नई शुरुआत के लिए अशुभ अवधि के रूप में देखा जाता है, लेकिन हिंदू धर्म में इसका बहुत आध्यात्मिक महत्व है। यह भक्ति, चिंतन और दान का समय है। जबकि प्रमुख उत्सव रोक दिए जाते हैं, आध्यात्मिक गतिविधियों जैसे कि जप, दान और ग्रह शांति अनुष्ठान करने से सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद मिल सकता है। होलाष्टक के पारंपरिक नियमों का पालन करके, कोई भी व्यक्ति इस अवधि को ध्यान और आध्यात्मिक जागरूकता के साथ पार कर सकता है ।
चैंपियंस ट्रॉफी से पहले पाकिस्तान में गजब का नजारा, पाकिस्तान की दो टीमें एक-साथ दो अलग-अलग जगह खेला मैच

डेस्क:–पाकिस्तान की टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जमकर तैयारी कर रही है। इस टूर्नामेंट को देखते हुए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाल ही में ट्राई सीरीज का आयोजन किया था। इस सीरीज में पाकिस्तान के अलावा साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीमों ने हिस्सा लिया. लेकिन पाकिस्तान की टीम को फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। ये मैच 14 फरवरी को खेला गया। खास बात ये रही कि पाकिस्तान की टीम ने एक ही दिन में दो टीमों को मैदान पर उतारा और दोनों टीमों ने अलग-अलग देशों के खिलाफ मैच खेले।

पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टाई सीरीज का फाइनल मैच कराची के नेशनल स्टेडियम में खेला गया।इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान की टीम को 5 विकेट से हरा दिया। पाकिस्तान की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इस मैच में 49.3 ओवर में 242 रन ही बनाए और ऑलआउट हो गई । दूसरी ओर न्यूजीलैंड ने 45.2 ओवर में ही 5 विकेट गंवाकर टारगेट हासिल कर लिया और जीत अपने नाम की।

जब कराची में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मैच खेला जा रहा था, तभी लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान की शाहीन टीम अफगानिस्तान के खिलाफ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का वॉर्म अप मैच खेल रही थी। हालांकि यहां पाकिस्तान की टीम बाजी मारने में कायमाब रही। इस मुकाबले में पाकिस्तान शाहीन की कमान शादाब खान के हाथों में थी। उनकी कप्तानी पाकिस्तान की टीम अफगानिस्तान को 144 रनों से हराने में कायमाब रही।

पाकिस्तान शाहीन इस मुकाबले में एक बड़ा स्कोर बनाने में कायमाब रही। उसने 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 314 रन बनाए. इस दौरान मोहसिन रियाज, हुसैन तलत और इरफान खान ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं। इसके बाद गेंदबाजी में कप्तान शादाब खान ने कहर बरपाया। उन्होंने 8 ओवर में सिर्फ 29 रन खर्च किए और 3 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। जिसके चलते अफगानिस्तान की टीम 38.4 ओवर में 170 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।