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अंधे कत्ल का दिल दहला देने वाला खुलासा : पड़ोसी ही निकला महिला का हत्यारा, लूट की नीयत से की थी निर्मम हत्या

खैरागढ़- जिले के गुमानपुर गांव में बीते दिनों हुए अंधे कत्ल की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है. 55 वर्षीय पुनीता सिन्हा की निर्मम हत्या के पीछे कोई और नहीं, बल्कि उसका पड़ोसी सेवक राम खेलवार (45 वर्ष) निकला. लूट की साजिश रचने वाला यह आरोपी पकड़े जाने के डर से इस हद तक गया कि उसने बेदर्दी से पुनीता की हत्या कर दी. पुलिस ने जब इस वारदात का खुलासा किया, तो इससे पूरा गांव सकते में है.

यह है पूरा मामला

हत्या की यह वारदात 7 फरवरी 2025 की शाम करीब 7 बजे की है। पुनीता सिन्हा अपने घर लौट रही थीं. उसी दौरान आरोपी सेवक राम खेलवार, जो पहले से ही लूट की साजिश रच चुका था, उन्हें रास्ते में मिला. उसने चालाकी से पुनीता को यह कहकर अपनी बाइक पर बैठा लिया कि उनका बेटा प्रकाश सिन्हा ग्राम गुमानपुर खार में फंसा हुआ है और कुछ लोग उससे पैसों की मांग कर रहे हैं. घबराई हुई पुनीता आरोपी की बातों में आ गईं और उसके साथ चल पड़ीं.

गुमानपुर खार पहुंचते ही आरोपी ने अपनी असली मंशा जाहिर कर दी. सुनसान जगह देखकर उसने पुनीता को धक्का देकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई और वे अचेत हो गईं. इसके बाद, गहने लूटने के इरादे से उसने उनकी साड़ी का फंदा बनाकर गला घोंट दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

सबूत मिटाने की कोशिश, लेकिन पुलिस के हाथों चढ़ा आरोपी

हत्या के बाद सेवक राम खेलवार ने पुनीता के कानों से सोने की पीपल पत्ती, मंगलसूत्र का लॉकेट, चांदी की एठी समेत सभी गहने उतार लिए और फरार हो गया. पुलिस से बचने के लिए वह अगले दिन ग्राम शेरगढ़ पहुंचा और अपनी मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर छिप गया. लूटे गए गहनों को उसने सोनभठ्ठा के एक नाले के पास छिपा दिया.

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल (भापुसे) ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, थाना प्रभारी आलोक साहू और साइबर सेल प्रभारी अनिल शर्मा की टीम ने जांच शुरू की. आधुनिक तकनीकों की मदद से पुलिस ने आखिरकार आरोपी को ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान सेवक राम खेलवार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने लूटे गए गहने और घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल बरामद कर ली. आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 238, 311, 66 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान की तैयारियां पूरी, कलेक्टर और एसपी ने मतदान दलों के साथ किया भोजन

मुंगेली- जिले में कल 17 फरवरी को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत प्रथम चरण का मतदान होना है, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है. मतदान दल अपने-अपने केंद्रों में पहुंच चुके हैं, जहां उनका स्वागत किया गया. इस बीच मतदान दल के साथ जिले के कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी जमीन पर बैठकर भोजन करते हुए नजर आए.

वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन के तहत जिले में प्रथम चरण में 17 फरवरी को होने वाले मतदान की तैयारियों का जायजा लेने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी राहुल देव ने पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के साथ विभिन्न मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए प्रतीक्षा कक्ष, छाया, पेयजल, वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं तथा दिव्यांग मतदाताओं की सुविधाओं की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. उन्होंने मतदान प्रक्रिया को सुचारू एवं निष्पक्ष रूप से संचालित करने पर विशेष जोर दिया और कहा कि यदि मतदान के दौरान किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, तो तत्काल जिला प्रशासन एवं सेक्टर ऑफिसर को सूचित किया जाए.

 

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर और एसपी ने मतदान दलों की भोजन व्यवस्था का भी जायजा लिया और फास्टरपुर मतदान केंद्र में मतदान दलों के साथ बैठकर भोजन किया. उन्होंने मतदान दलों को निर्वाचन आयोग के नियमानुसार मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने हेतु प्रोत्साहित किया. पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने मतदान केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और सुरक्षाकर्मियों को शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित मतदान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ एकत्र न होने दी जाए, ताकि प्रक्रिया बाधित न हो. निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभाकर पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी मतदान दल अपने निर्धारित मतदान केंद्रों में पहुंच चुके हैं, जहां मतदान दलों का जोरदार स्वागत किया गया. 17 फरवरी को सुबह 07 बजे से दोपहर 03 बजे तक मतदान होगा. मतदान केंद्र में मतदाता बैलेट पेपर के जरिए मतदान करेंगे. वहीं मतदान के बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी. मतदान केंद्र में मतदाता अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज जैसे मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर एसईसीईआर द्वारा आनलाईन जेनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची में से किसी भी एक को प्रस्तुत कर संबंधित मतदान केन्द्र में मतदान कर सकते हैं.

युवती से रातभर दरिंदगी, फिर हत्या की कोशिश: कोर्ट ने दोषी को सुनाई अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- पेंड्रा में करीब 3 साल पहले एक युवती से दुष्कर्म और मारपीट करने वाले आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश (एडीजे) पेंड्रारोड की अदालत ने अर्थदंड सहित आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी डबला उर्फ ओमप्रकाश बर्मन (पिता पुनऊ बर्मन) ने युवती को अकेला पाकर उसके साथ मारपीट और जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कौशल सिंह ने पैरवी की।

जानकारी के मुताबिक, घटना पेंड्रा के आजाद चौक की है। जहां 30 अप्रैल 2022 की रात एक बजे जब पीड़िता अपने घर के आंगन में खड़ी थी, तभी साइकिल से गुजर रहा आरोपी वापस लौटा और उसने युवती पर हमला कर दिया। आरोपी ने पीड़िता का मुंह बंद कर उसे घर के अंदर घसीटा और उसके साथ रातभर दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने बुरी तरह से मारपीट भी की और चुनरी से गला घोंटने की कोशिश की। बाद में जब आरोपी की नींद लगी तो युवती किसी तरह से मौके से भागकर अपने घर पहुंची और परिजनों को घटना की जानकारी दी।

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पीड़िता की शिकायत पर पेंड्रा पुलिस ने आरोपी डबला उर्फ ओमप्रकाश बर्मन के खिलाफ धारा 376, 323 के तहत अपराध क्रमांक 178/22 दर्ज कर 11 मई 2022 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास समेत अर्थदंड की सजा

गौरतलब है कि कोर्ट में करीब 3 साल तक चली सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश पेंड्रारोड ने आरोपी को धारा 376 के तहत आजीवन कारावास और एक हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। इसके अलावा, धारा 323 के तहत एक माह के सश्रम कारावास और 500 रुपये अर्थदंड की सजा भी दी गई। अदालत ने आदेश दिया कि दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।

मतदान से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई: ओडिशा की 182 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब के साथ दो अंतरराज्यीय तस्करों को किया गिरफ्तार

गरियाबंद- जिले में पंचायत चुनाव से पहले अमलीपदर पुलिस ने अवैध शराब तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। ओडिशा के नवरंगपुर जिले से लगे सीमावर्ती इलाके में की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने तस्करों की निशानदेही पर बिरिघाट नदी के तट से 182 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की है। इससे पहले बीते महीने पुलिस ने इसी इलाके से कार्रवाई करते हुए 223 लीटर अवैध शराब जब्त की थी।

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लोकेश्वर साहू और अरुण त्रिपाठी के रूप में हुई है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

नदी के तट पर छिपा रखी थी शराब

थाना प्रभारी फैजुल शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी लंबे समय से ओडिशा से शराब लाकर सीमावर्ती इलाकों में खपाने का काम कर रहे थे। ये तस्कर बिरिघाट नदी तट पर शराब का बड़ा स्टॉक छिपाकर रखते थे और फिर धीरे-धीरे इसे सीमावर्ती ढाबों में सप्लाई करते थे। पुलिस को जब इसकी सूचना मिली, तो टीम ने मौके पर दबिश दी और आरोपियों को शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने नदी तट पर और भी शराब छिपाकर रखी है। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए छुपाए गए स्थान से भारी मात्रा में शराब बरामद की। इस मामले में एक और आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।

एक महीने पहले पुलिस ने पकड़ी थी 223 लीटर अवैध शराब

गौरतलब है कि 23 जनवरी को भी इसी इलाके में पुलिस ने 223 लीटर अवैध शराब का बड़ा खेप जब्त किया था। उस समय एक आरोपी को जेल भेजा गया था, लेकिन उसके अन्य साथी लगातार ओडिशा से शराब लाकर बेच रहे थे। इस मामले में एसपी निखिल राखेचा ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अमलीपदर पुलिस ने यह ताजा कार्रवाई की है।

चुनाव से पहले बढ़ी सख्ती, शराब तस्करों पर कड़ी नजर

चुनाव नजदीक आने के साथ ही पुलिस ने अवैध गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध शराब तस्करी, नकली नोटों का प्रचलन और अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह समारोह में नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के द्वारा आयोजित दिव्यागजन सामूहिक विवाह समारोह में 31 दिव्यांग जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और दिव्यांगजनों के उत्थान का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। यह आयोजन भी देवतुल्य दिव्यांगजनों की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने परिषद द्वारा विगत अनेक वर्षों से इस आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने की सराहना की और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली पहल बताया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह आयोजन को समाज में समावेशिता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 31 नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग की प्रेरणा भी देता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, तो दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।

महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना की 12 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की माताओं और बहनों को आर्थिक संबल मिला है।

उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का आधार स्तंभ हैं। वे न केवल परिवार को जोड़ती हैं, बल्कि संस्कारों की वाहक भी होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना ने एक दशक पूरा कर लिया है, जिससे बालिकाओं के सशक्तिकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है।

सामूहिक विवाह: सामाजिक समरसता की मिसाल

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सामूहिक विवाह अब सामाजिक परंपरा का हिस्सा बन गए हैं और इससे समाज में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने इस आयोजन में कान्य कुब्ज ब्राह्मण समाज, मारवाड़ी युवा मंच, सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम जैसी विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं।

मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और निःशक्तजनों की सेवा करना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संगठनों को इस तरह के सामाजिक समरसता बढ़ाने वाले आयोजनों के लिए प्रेरित किया और आयोजन समिति को भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

नवविवाहित जोड़ों को मुख्यमंत्री का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा, "आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहे, आप प्रेम और विश्वास के साथ आगे बढ़ें। मैं सभी नवविवाहित जोड़ों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।"

विशेष आकर्षण: दिव्यांग बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति

इस अवसर पर 'कोपलवाणी' के मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी प्रतिभा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय एवं उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की कला की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, चिकित्सा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी।

इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि जनसहयोग से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में परिषद लगातार कार्य कर रही है।

पंचायत चुनाव से पहले हंगामा: पोलिंग बूथ को विस्थापित करने पर भड़का ग्रामीणों का गुस्सा, मतदान दल को रोका, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात

बालोद- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले जिले के ग्राम पंचायत धोतिमटोला में पोलिंग बूथ को दूसरे गांव दारुटोला में स्थापित करने को लेकर बड़ा हंगामा हो गया। नाराज ग्रामीणों ने आज मतदान दल को पोलिंग बूथ तक जाने से रोक दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। स्थिति को काबू में रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

बता दें कि ग्रामीणों द्वारा मतदान दल को पोलिंग बूथ तक जाने से रोके जाने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारी लगातार ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो मतदान प्रभावित हो सकता है।

राजधानी से सटे इलाके में धर्मान्तरण पर मचा बवाल, विवाद के बीच बजरंग दल ने बंद कराई प्रार्थना सभा…

दुर्ग- धर्मान्तरण के मुद्दे पर एक बार फिर बवाल मचा हुआ है. अबकी बार राजधानी रायपुर से सटे अमलेश्वर में चल रही प्रार्थना सभा को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बंद कराया. 

जानकारी के अनुसार, अमलेश्वर थाना क्षेत्र के वार्ड 3 शीतला मंदिर वार्ड में निवास करने वाले विनय साहू के घर में कुल लोग प्रार्थना कर रहे थे. धर्मान्तरण की आशंका पर पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए प्रार्थना सभा को बंद कराया.

बताया जाता है कि एक साल पहले भी धर्मान्तरण के मुद्दे पर विनय साहू के निवास पर बवाल मच चुका है, लेकिन घटना से कोई सबक नहीं लिया. बजरंग दल के विरोध के बीच मौके पर अमलेश्वर थाना पुलिस मौजूद है.

भारतीय भाषा उत्सव : NEP 2020 के तहत बहुभाषी शिक्षा मॉडल को बढ़ावा देने पर जोर, राजधानी के कृषि महाविद्यालय में हुआ विचार-विमर्श

रायपुर- नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देशों के तहत कृषि महाविद्यालय, रायपुर में भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का संचालन NEP सारथियों द्वारा किया गया, जो विश्वविद्यालय द्वारा नामित छात्र होते हैं और जिनका मुख्य उद्देश्य नई शिक्षा नीति के प्रति जागरूकता फैलाना होता है. भारतीय भाषा उत्सव कार्यक्रम कृषि महाविद्यालय, रायपुर के सभागार में आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के बहुभाषी शिक्षा मॉडल को बढ़ावा देने और भारतीय भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था.

कार्यक्रम के विशेष अतिथि संजय नय्यर, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी एवं प्रभारी, राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मातृभाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा है.” उन्होंने भारत में बोली जाने वाली भाषाओं के बारे में संक्षिप्त परिचय देते हुए संस्कृत एवं हिंदी के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि अच्छा साहित्य पढ़ने से वाक्य संरचना और समग्र लेखन क्षमता में सुधार होता है.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. गोपीकृष्ण दास, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, रायपुर ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभाषा में शिक्षा विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक होती है. उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत विविध भाषाओं का देश है, जिनमें से प्रत्येक का अपना समृद्ध इतिहास, संस्कृति और पहचान है. भारतीय भाषाओं का महत्व केवल संचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विरासत को संरक्षित करने, एकता को बढ़ावा देने और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. डॉ. दास ने छात्र-छात्राओं को हिंदी पुस्तकों के अध्ययन का महत्व बताते हुए कक्षा के बाद पुस्तकालय में हिंदी साहित्य का अध्ययन करने की सलाह दी.

ओम अग्रवाल, प्रतीक झा और देहुति ध्रुव सहित अन्य छात्रों ने भारतीय भाषाओं के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए. इस कार्यक्रम का सफल आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) सारथी अनुष्का चौरसिया और अंशु मढ़रिया के नेतृत्व में किया गया, जिसमें टीम के अन्य सदस्यों ने भी सक्रिय भूमिका निभाई. कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में डॉ. एस. बी. वेरुलकर, नोडल अधिकारी एवं डॉ. रामा मोहन सावु, समन्वयक, प्लेसमेंट सेल ने विशेष भूमिका निभाई.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : ग्राम सरकार चुनने पहले चरण का मतदान कल, 58 लाख मतदाता करेंगे मताधिकार का प्रयोग…

रायपुर- नगरीय निकाय के बाद अब ग्राम सरकार चुनने की तैयारी है. तीन चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 17 फरवरी को प्रदेश के 33 जिलों के 53 ब्लॉक के ग्राम पंचायतों के लिए 57 लाख 99 हजार 660 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. अगले ही दिन याने 18 फरवरी को परिणाम सामने आ जाएगा. 

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 17 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान में प्रदेश के सबसे ज्यादा मतदाता बिलासपुर जिला के मस्तूरी ब्लॉक में 2 लाख 79 हजार 007 हैं. इसके बाद रायपुर के आरंग ब्लॉक की बारी है, जहां 2 लाख 23 हजार 644 मतदाता हैं. इसके बाद मुंगेली जिला के मुंगेली ब्लॉक के एक लाख 88 हजार 496 मतदाता और दुर्ग जिले के दुर्ग ब्लॉक में एक लाख 62 हजार 844 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

इस तरह से पहले चरण में कुल 57 लाख 99 हजार 660 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 28 लाख 70 हजार 859 पुरुष, 29 लाख 28 हजार 751 महिला और 50 तृतीय लिंग के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मतदान सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक होगा. वहीं बस्तर संभाग में सुबह 6.45 से दोपहर 2 बजे तक मतदान होगा.

ये प्रत्‍याशी चुनावी मैदान में

त्रिस्‍तरीय पंचायत चुनाव में जनता पंच-सरपंच के अलावा जनपद और जिला पंचायत के लिए अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी. तीन चरणों में होने वाले मतदान में जिला पंचायत के 433 पद, जनपद पंचायत के 2,973 पद और ग्राम पंचायत (सरपंच) के 11,672 पद, पंच के 1,60,180 पद के लिए जनता अपना मत देगी.

बैलेट पेपर पर होंगे मतदान

नगरीय निकाय के विपरित ग्राम सरकार के लिए मत पत्रों के लिए चुनाव होगा. इन मतपत्रों को लेकर आज शाम तक पोलिंग पार्टी निर्धारित मतदान केंद्रों पर शाम तक पहुंच जाएगी. जहां कल सुबह से मतदान होगा. इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं प्रदेश के नक्‍सल प्रभावित इलाकों में विशेष सुरक्षा के बीच मतदान कराया जाएगा. साथ ही पोलिंग पार्टियों को हेलीकॉप्‍टर से भेजा जाएगा.

निकाय चुनाव : महापौर-अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को मिले रिकार्ड तोड़ वोट, 55 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने जताया पार्टी प्रत्याशियों पर भरोसा…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की सुनामी में नगर निगम से लेकर नगर पंचायत तक के चुनाव में कांग्रेस के बड़े से बड़े गढ़ ढह गए. वोटों के प्रतिशत के लिहाज से बात कहें तो महापौर व अध्यक्ष पद के लिए सीधे हुए चुनाव में भाजपा को 56.04 फीसदी वोट मिले. वहीं कांग्रेस को 31.25 प्रतिशत मतदान से ही संतोष करना पड़ा है. 

प्रदेश में इस बार अध्यक्ष व महापौर पद का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराया गया. जबकि पिछली बार अध्यक्ष-महापौर पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ था. इस बार प्रदेश के जिन 10 नगर निगमों में चुनाव हुए हैं, उन सभी में महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत हुई है. वहीं, प्रदेश के 49 नगरपालिकाओं में से 35 तथा 114 नगरपंचायतों में से 81 में भी भाजपा उम्मीदवार जीते हैं.

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक, महापौर-अध्यक्ष पद के लिए भाजपा को 56.04 फीसदी वोट और पार्षद पद के लिए भाजपा को कुल 46.62 प्रतिशत मत मिले हैं. वहीं दूसरी ओर महापौर-अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस को कुल 31.25 फीसदी और पार्षद पद के लिए 33.58 फीसदी वोट मिले हैं.

नोटा से कम रहा आप का वोट प्रतिशत

आम आदमी पार्टी को महापौर-अध्यक्ष पद के लिए 0.99 प्रतिशत व पार्षद पद के लिए 0.85 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं. जबकि महापौर अध्यक्ष पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट प्रतिशत 7.73 तथा पार्षद पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशियों का वोट प्रतिशत 16.25 रहा. वहीं, महापौर अध्यक्ष पद के लिए नोटा पर केवल 1.96 प्रतिशत व पार्षद पद के लिए नोटा पर 1.23 फीसदी वोट पड़े.