माघी पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़: हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
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नितेश श्रीवास्तव
भदोही। हिंदू धर्म में माघ महीने की पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे माघी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, विशेषकर तीर्थराज प्रयाग के संगम में करना शुभ माना जाता है। माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान के साथ-साथ दान-पुण्य और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस तिथि पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना करने से जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है। इस वर्ष प्रयागराज में 144 वर्षों बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जिससे माघी पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है।
महाकुंभ 2025 में पहली बार यह देखा जा रहा है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख स्नान के बाद भी माघी पूर्णिमा पर करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज संगम पहुंच रहे हैं।माघी पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए, इस दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है। इस दिन अन्न, धन, तिल, गुड़ और घी का दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन गरीबों को भोजन कराने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसा करने से सभी प्रकार के कष्ट और पाप समाप्त होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। भदोही जिले के विभिन्न गंगा घाटों पर माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर आज हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही बाबा सेमराधनाथ, सीतामढ़ी, रामपुर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि यह माघ मास का अंतिम स्नान होता है। इस दिन स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। एक माह से कल्पवास कर रहे श्रद्धालुओं के लिए यह दिन और भी खास था, क्योंकि इस स्नान के साथ उनका कल्पवास पूरा हो गया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल की टीमें घाटों पर तैनात रही और व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य भी किया और मंदिरों में पूजा-अर्चना की। यह आयोजन श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक बना, जहां हर आयु वर्ग के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और पवित्र गंगा में स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
Feb 12 2025, 17:29