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*वीएनजीआईसी में कैरियर काउंसिलिंग मेले का जिलाधिकारी ने शुभारंभ कर छात्रों को किया मार्गदर्शित*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने वीएनजीआईसी में आयोजित कैरियर काउंसिलिंग मेले का शुभारंभ किया। इस मेले का उद्देश्य छात्रों को उनके कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करना और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करना था।समग्र शिक्षा माध्यमिक के अंतर्गत पीएम श्री विभूति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर में कैरियर गाइडेंस मेला का आयोजन किया गया जिसमें जनपद के राजकीय माध्यमिक विद्यालय के समस्त प्रधानाचार्य नोडल शिक्षा एवं विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया । मेले का शुभारंभ जिलाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।मेले में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों द्वारा कैरियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "आज का समय कैरियर के विकल्पों की बहुतायत का समय है। छात्रों को अपने कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है।"उन्होंने आगे कहा, "इस मेले में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया है और छात्रों को उनके कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। मैं छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे इस मेले में भाग लें और अपने कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।"

इस मेले में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और छात्रों को उनके कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान की। छात्रों ने भी इस मेले में भाग लिया और अपने कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान

ने कहा, "इस मेले का उद्देश्य छात्रों को उनके कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करना और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करना है। हमें उम्मीद है कि यह मेला छात्रों के लिए बहुत उपयोगी होगा। इस प्रकार, वीएनजीआईसी में आयोजित कैरियर काउंसिलिंग मेले ने छात्रों को उनके कैरियर के विकल्पों के बारे में जानकारी प्रदान करने और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कैरियर विशेषज्ञों में अंशुमान जिला विद्यालय निरीक्षक, सुरेश चंद्र पांडेय प्रोफेसर आईआईसीटी भदोही, प्रोफेसर रजनीश, प्रोफेसर रंजीत, प्रोफेसर प्रतीक उपाध्याय, राजेश पाण्डेय, राजेश गुप्ता आदि ने कैरियर की संभावनाओं के बारे में छात्रों को बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हरिश्चन्द यादव द्वारा किया गया।

*जिला अस्पताल में बनेगा जिले का पहला मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में जनपद की पहली मॉड्यूलर आपरेशन थियेटर (ओटी) बनाया जाएगा। यह पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक किसी भी उपकरण को हाथ नहीं लगाएंगे। इससे ओटी में संक्रमण का खतरा बेहद कम रहेगा।

महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में हर दिन व्यवस्थाएं सुदृढ़ हो रही हैं। अब यहां मॉड्यूलर ओटी तैयार किया जाएगा। इससे मरीजों में इंफेक्शन का खतरा न के बराबर रहेगा। अमूमन देखा जाता है कि ऑपरेशन के बाद किसी मरीजों इंफेक्शन हो जाता है। इसका मुख्य कारण होता है कि ऑपरेशन के उपकरण में कहीं खून लगा रहता है। या फिर अच्छे से उसकी सफाई नहीं की जाती है, लेकिन मॉड्यूलर ओटी तैयार होने के बाद इन सब समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। ओटी में आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा।

जिला अस्पताल में रोजाना 800 से 900 की ओपीडी होती है। इसके अलावा 40 से 50 मरीज इमरजेंसी वार्ड में आते हैं। औसतन दो से तीन ऑपरेशन हर रोज होते हैं। इसमें प्रसव पीड़िता की संख्या सबसे अधिक रहती है।

सेंसर युक्त होगा दरवाजा

जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को ही मॉड्यूलर ओटी बनाया जाएगा। इसमें सेंसर युक्त दरवाजा लगेगा। इसके अलावा नल की टोंटी भी सेंसर से अटैच होगी। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक जैसे ही दरवाजा के पास पहुंचेंगे। दरवाजा खुल जाएगा और नल की टोंटी से पानी गिरने लगेगा। ऑटो क्लेव मशीन होगी। जहां अत्याधुनिक तरीके से उपकरण की सफाई होगी। हाईटेक लाइट समेत कई अन्य व्यवस्थाएं होंगी।

मॉड्यूलर ओटी बनाने का लाभ- संक्रमण का खतरा कम होना

-ऑपरेशन के दौरान सभी उपकरण होंगे साफ

-ओटी का दरवाजा, नल की टोंटी सेंसर युक्त होगी।

-सारे उपकरण आधुनिक तकनीकी के होंगे

मॉड्यूलर ओटी में सारे उपकरण डिजिटल होंगे और हाईटेक होंगे। दरवाजा, नल की टोंटी सेंसर युक्त होगा। मशीन के जरिए उपकरणों की साफ होगी। - डॉ. धीरज प्रकाश, सर्जन, जिला अस्पताल, ज्ञानपुर।

महाकुंभ के लिए प्रयागराज बार्डर पर कड़ी सुरक्षा: गोपीगंज में SP ने किया निरीक्षण

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाकुंभ -2025 की तैयारियों को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सोमवार को पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनपद बाॅर्डर से झूंसी, प्रयागराज तक का विस्तृत निरीक्षक किया। सुरक्षा व्यवस्था को चाक - चौबंद करने के लिए जनपद के सभी प्रमुख मार्गों और एंट्री पाॅइंट्स पर बैरियर और पिकेट ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस बल द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की सघन चेकिंग की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राजमार्ग के प्रत्येक थाने में 24 घंटे चिकित्सक की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। पुलिस प्रशासन ने पार्किंग व्यवस्था, यातायात नियंत्रण, बेरिकेडिंग और आश्रय स्थलों पर विशेष ध्यान दिया है। अभिसूचना तंत्र, सोशल मीडिया सेल और कंट्रोल रूम 24×7 निगरानी कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्रद्धालुओं का आवागमन और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है।

डीएम ने बच्चों को अल्बेन्डाजॉल की दवा खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का किया शुभारम्भ

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह द्वारा कंपोजिट विद्यालय डभका विकासखंड औराई में ‘‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस’’ का शुभारंभ किया गया जिसमें उन्होंने अपने हाथों से बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई। साथ ही कलेक्टेªट सभागार में ‘‘राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारियों का अभिमुखीकरण किया। जिलाधिकारी द्वारा बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के बारे में कड़ी मेहनत, स्वच्छता एवं शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी का अच्छे स्वास्थ्य पर पूर्ण अधिकार है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि कोई भी बच्चा टैबलेट लेने से न छूटे। उन्होंने कहा कि जनपद में बच्चों को एल्बेन्डाजॉल की टेबलेट खिलाये जाने के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूर्ण करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष कुमार चक द्वारा बताया गया कि कृमि संक्रमण से बच्चों/किशोर/ किशोरियों में कुपोषण एवं खून में कमी होती है जिसके कारण हमेशा थकावट रहती है। सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता। यह दवा वर्ष में 02 बार 01-19 वर्ष की आयु के सभी बच्चों किशोर किशोरियों को खानी चाहिए। उनके द्वारा बच्चों को इस गोली के लाभ और फायदे के बारे में बताया गया। बीएसए भूपेन्द्र नारायण सिंह के द्वारा कीड़े से बचने के उपाय के बारे में बताया गया। उन्होने कहा कि कृमि संक्रमण की रोकथाम आसान है। खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें। आस-पास सफाई रखें। साफ पानी से फल व सब्जियों धोएँ। हमेशा साफ पानी पीयें, खाने को ढक कर रखें। नाखून साफ और छोटे रखें। जूते/चप्पल पहनें। हाथ साबुन से धोंऐं, विशेषकर खाने से पहले और शाँच के बाद। सभी बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को कृमि नियंत्रण की गोली (चबाने वाली) सभी सरकारी व सहायता प्राप्त/प्राइवेट विद्यालयों, मदरसों और आंगनबाडी केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। स्कूल न जाने वाले बच्चों को भी यह गोली नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र में खिलवायी जायेगी। जो बच्चे छूट जायें उन्हें 14 फरवरी 2025 को मॉपअप दिवस पर गोली जरूर खिलवाएँ।

इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह, औराई अधीक्षक, आरबीएसके प्रबंधक इरफान अख्तर और आरबीएस की टीम उपस्थित रही।

1.42 करोड़ रुपए से आठ राजकीय स्कूलों में बनेंगे पुस्तकालय

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के आठ राजकीय विद्यालयों में एक करोड़ 42 लाख की लागत से पुस्तकालय बनाए जाएंगे। इससे स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पठन - पाठन में दिक्कत नहीं होगी। समग्र शिक्षा अभियान के तहत इसका काम होगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव को भेज दिया है। बालिकाओं को चार के समीप हाईस्कूल तक की शिक्षा देने के लिए साल 2009,2010,2011 में चरणबद्ध तरीके से 33 पूर्व माध्यमिक विद्यालय को उच्चीकृत कर हाईस्कूल का दर्जा दिया गया।

एक - एक विद्यालय पर 58-58 लाख की लागत से भवन, शौचालय, लैब, पेजयल की सुविधाएं की गई। करीब डेढ़ दशक तक उनकी देखरेख नहीं की गई, लेकिन अब समग्र शिक्षा के तहत उनको बेहतर किया जा रहा है। लैब, उच्चीकृत भवन, पेजयल, शौचालय समेत अन्य संसाधनों को बेहतर किया जा रहा है। 2011-12 में बनाए गए आठ स्कूलों में पुस्तकालय की सुविधा नहीं थी। इन स्कूलों में पुस्तकालय बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग की ओर से 17.86 लाख प्रति पुस्तकालय की दर से एक करोड़ 42 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर निर्माण शुरू कराया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि आठ स्कूलों में पुस्तकालय बनाने के लिए परियोजना के पास प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि न?ए वित्तीय वर्ष से पहले ही स्वीकृत हो जाएगा।

बजट की कमी से फायर हाइड्रेंट सिस्टम का कार्य लटका

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में 2.21 करोड़ की लागत से फायर हाइड्रेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। लेकिन बजट के अभाव में बीते दो महीने से कार्य ठप है। जिसे लेकर जिम्मेदार भी अनभिज्ञ बने हैं। अभी तक मात्र 40 फीसदी कार्य हुआ है, अस्पताल में सिर्फ पाइप बिछाया गया है। देश के क‌ई अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं में लोगों की जान जा चुकी है। घटनाओं के बाद अस्पतालों में आग से बचाव का इंतजाम तेज कर दिया है। शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल में फरार हाइड्रेंट सिस्टम का कार्य म‌‌ई 2024 में शुरू हुआ है। नौ महीने बाद भी अभी तक मात्र पाइप बिछाई गई है। भदोही के महाराजा चेतसिंह बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल के बाद जिला अस्पताल में फायर हाइड्रेंट सिस्टम की एक्सरे किया जाता है। लैब में 1700 से 1800 मरीजों जांच भी होती है। अस्पताल में रोजाना पांच हजार लोगों का आवागमन होता है ‌

एक सप्ताह पहले सीएमएस का प्रभार मिला है। फायर हाइड्रेंट सिस्टम कार्य क्यों ठप है। इसकी जानकारी कार्यालय से प्राप्त की जाएगी। उसे त्वरित शुरू करवाने की कोशिश होगी।

डॉ अजय तिवारी कार्यवाहक सीएमएस जिला अस्पताल

गंगा की रेती पर साधना में लीन 300 कल्पवासी

काशी, विंध्य प्रयाग के मध्य सेमराध नाथ धाम में गंगा की रेती पर 300 कल्पवासी साधना में लीन हैं। माघ पूर्णिमा पर कल्पवास मेले का समापन होगा। इसके पहले तक यहां आध्यात्म की रसधार बहती रहेगी। जनपद समेत बिहार, मुंबई और गुजरात तक के कल्पवासी यहां पहुंचकर माह पर्यंत साधना करते हैं। 1996 में शुरू हुए इस कल्पवास मेले में हर साल कल्पवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। गंगा की रेती पर सज रही इस धार्मिक नगरी में साहित्य, आध्यात्म और भक्त का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। 14 जनवरी 1996 को पहली बार सेमराध नाथ‌ की पावन धरती पर कल्पवास मेले का आयोजन शुरू हुआ। स्वामी राम शंकर दास ने काशी, विंध्य और प्रयाग के मध्य बिंदु पर एक महीने की आध्यात्मिक नगरी बसायी। शुरुआत में यहां कल्पवासियों की संख्या सीमित थी, लेकिन साल बीतने के साथ ही यहां कल्पवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस समय इस आध्यात्मिक आयोजन को सफल बनाने में स्वामी राम शंकर दास के परम शिष्य करुणा शंकर दास जी महाराज अपने सत प्रयास से जुटे हैं। समय के साथ प्रशासन का सहयोग भी बढ़ने लगा है। एक महीने तक बसने वाले इस आध्यात्मिक नगरी में प्रशासन की ओर से कल्पावासियों और श्रद्धालुओं की हर सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है। गंगा की रेती पर पूरे माघ मास तक सीताराम संकीर्तन लगभग 7124 घंटों तक चलता है। इस साल मेले में 150 से अधिक टेंट लगाए गए हैं। जिसमें 300 कल्पवासी साधनारता है। विशेष स्नान पर्वों पर यहां लाखों लोग गंगा में डुबकी लगाते है।‌कल्पवास करने के दौरान आध्यात्मिक चिंतन तो होता ही है। पूरे यहां अलग-अलग आयोजन भी होते हैं। कल्पवासियों के दिन की शुरुआत सुबह चार बजे होती है। आध्यात्म के इस मंच पर साहित्य व और संस्कृति का भी संगम होता है। जिसमें काव्य पाठ, शास्त्रीय नृत्य का भी आयोजन होता है। सेमराध कल्पवास मेला 2025 में पहली बार हथिया बाबा चौराह बनाया गया जो काफी चर्चा में है।लोग स्वामी शंकर दास मार्ग से कल्पवास क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। जहां हथिया बाबा चौराहा पर पहुंचने पर यदि दाहिने जाएंगे तो लपोड़ी स्वामी मार्ग है जो चौराहा से पश्चिम जाता है। यदि चौराहा से पूरब की तरफ जाना हो तो स्वामी श्री नाथ जी मार्ग है। यदि सीधा गंगा की तरफ जाना है तो लोगों को मौनी मार्ग से गंगा तट तक पहुंचाना होगा। इस चौराहा और मार्गों का नामकरण महंत करुणा शंकर दास जी ने किया है।

*सेमराध नाथ कल्पवास मेले में कवियों ने बिखेरा जादू

नितेश श्रीवास्तव

भदोही।भदोही के सेमराध नाथ कल्पवास मेले में आयोजित कवि सम्मेलन में श्रोताओं को साहित्यिक रस की अनूठी अनुभूति हुई। इस आयोजन में 10 प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।

कार्यक्रम में देशभक्ति आध्यात्मिक और समसामयिक विषयों पर कविताएं प्रस्तुत की गई। प्रमुख कवि सुरेश पांडेय ने राष्ट्रभिक्त और गुरुवंदना पर अपनी ओजस्वी रचनाएं सुनाईं। उन्होंने बढ़ते भ्रष्टाचार पर कटाक्ष करते हुए समाज सुधार पर संदेश दिया। कवि विकेकानंद ने मां गंगा की महिमा पर काव्य पाठ किया, जिसमें पवित्र नदी के जीवनदायी स्वरूप का मार्मिक वर्णन था‌।‌ उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कवि सम्मेलन में कुछ ने सामाजिक कुरीतियों पर व्यंग्यात्मक रचनाएं प्रस्तुत की, जबकि अन्य ने आध्यात्मिक और प्रेरणादायक कविताओं से लोगों का मन मोह लिया। श्रोताओं ने हर प्रस्तुति का तालियों से स्वागत किया। आयोजकों ने बताया कि कवि सम्मेलन कल्पवास मेले का मुख्य आकर्षण रहा। यह आयोजन हर साल साहित्य प्रेमियों को आकर्षित करता है और मेले की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाता है।

*बीजेपी की जीत का जश्न: कार्यकर्ताओं ने दिल्ली-मिल्कीपुर जीत को बताया सुशासन और विकास का परिणाम*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की सरकार बनने और मिल्कीपुर उप चुनाव में जीत मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता गदगद हो गए हैं। शनिवार को जगह-जगह आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। वक्ताओं ने इसे सुशासन और विकास मॉडल की जीत बताई। जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा के नेतृत्व में दुर्गागंज त्रिमुहानी पर ढोल-नगाड़े के साथ कायकर्ताओं ने नारेबाजी की।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से दिल्ली में जीत मिली। जिस तरह से पार्टी लगातार चुनाव जीत रही है, इससे स्पष्ट हो गया है कि जनता भाजपा के साथ है। ज्ञानपुर विधायक विपुल दुबे ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार के विकास मॉडल को दिल्ली की जनता ने देखा। आप की गलत नीतियों से परेशान होकर लोगों ने भाजपा को प्रचंड जीत दी।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष संतोष पांडेय पूर्व जिला अध्यक्ष विनय श्रीवास्तव संतोष सिंह गोवर्धन राय प्रवीण सिंह मुन्ना गोरेलाल पांडेय सुरेंद्र पांडेय राजेंद्र पाल बघेल चंद्रशेखर सिंह दीपक तिवारी छत्रपति सिंह उमाशंकर पाठक राजबली दुबे तथा सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

*दिल्ली में लगेगा एशिया का सबसे बड़ा कालीन मेला: 14-17 अप्रैल तक भारत मंडपम में इंडिया कार्पेट एक्सपो*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा 14 से 17 अप्रैल के बीच चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो-2025 का आयोजन नई दिल्ली के भारत मंडपम में करने जा रही। जिसके लिए स्टालों की बुकिंग शुरू कर दी गई है। इंडिया कार्पेट एक्सपो एशिया के सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेले में से एक है। जो खरीदारों के लिए एक ही छत के नीचे सर्वोच्च हस्तनिर्मित कालीन और अन्य फर्श कवरिंग प्राप्त करने के लिए एक आदर्श मंच के रुप में कार्य करता है। यह भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने तथा विदेशी कालीन खरीदारों के लिए भारतीय बुनकरों के बुनाई कला कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से द्विवर्षीय रुप से आयोजित किया जाता है।

प्रथम भारतीय कालीन मेला का आयोजन वर्ष 2001 में किया गया था। इस श्रृंखला में अक्टूबर-2024 तक कुल 47 शो आयोजित किए जा चुके हैं। सीईपीसी द्वारा वर्ष में दो मेले का आयोजन किया जाता चला आ रहा है। लेकिन पिछले वर्ष नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कालीन मेले का आयोजन सीईपीपी द्वारा नहीं किया गया था।

दुनियाभर के ग्राहकों को आमंत्रण

सीईपीसी के सीओए सदस्य मो.वासिफ अंसारी ने बताया कि इंडिया कार्पेट एक्सपो एक बी-2-बी इंवेंट है। जो पूरी तरह से विदेशी खरीदारों पर केंद्रित है। सीईपीसी फेयर के लिए दुनियाभर के ग्राहकों को आमंत्रित करती है। इस मेले के लिए भी दुनियाभर के कालीन खरीदारों को आमंत्रित किया जाएगा। ताकि आयोजन होने वाले फेयर में जो भी निर्यातक अपने स्टालों को लगाए। उनको फेयर से व्यापार उत्पन्न हो सकें और उन्हें फायदा मिलें।