दिल्ली को फिर मिलेगी महिला मुख्यमंत्री? ये नाम चर्चा में
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* 27 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर बीजेपी में विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि, ये लगभग तय है कि प्रधानमंत्री के दिल्ली लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के नामों को फाइनल किया जाएगा। हाल के वर्षों में पार्टी नेतृत्व में ऐसे मामलों में चौंकाने वाले फैसले लिए हैं इसलिए पार्टी के सीनियर लीडर भी ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि दिल्ली के मुख्मंत्री के लिए किसका नाम फाइनल होगा। इससे पहले चर्चाओं का बाजार गर्म है। मुख्यमंत्री के नाम के लिए परवेश सिंह राणा, विजेंद्र गुप्ता समेत कई दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी सबको चौंकाते हुए किसी महिला को दिल्ली की कमान सौंप सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया कि पार्टी अपने सभी विकल्पों पर सावधानी से विचार कर रही है। राजनीतिक रूप से सबसे अच्छा काम करने वाले के आधार पर, पूर्वांचल पृष्ठभूमि, एक सिख नेता या एक महिला के उम्मीदवार पर विचार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा के पिछले चुनावों से पता चलता है कि पार्टी नेतृत्व कोई बड़ी घोषणा करने से पहले अपने फैसले को फिलहाल गुप्त रखना चाहती है। ऐसे में लोगों के बीच ये उत्सुकता है कि आखिर सीएम कौन होगा। बता दें कि बीजेपी ने ही दिल्ली को पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज के रूप में दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने शीला दीक्षित को और फिर आम आदमी पार्टी ने आतिशी को कमान सौंपी। अब दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर इन महिला विधायकों का नाम चल रहा है। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के संभावित महिला चेहरों की लिस्ट में ये नाम शामिल हैः *रेखा गुप्ता-* रेखा गुप्ताा, जो शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं उन्हें इस लिस्ट में सबसे आगे देखा जा रहा है। वह भाजपा की महिला शाखा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। *शिखा रॉय-* शिखा रॉय ने ग्रेटर कैलाश सीट से जीत दर्ज की है और सीएम रेस में एक और मजबूत दावेदार हैं, जिन्होंने आप के सौरभ भारद्वाज को हराया है। *पूनम शर्मा-* पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आप के राजेश गुप्ता को हराया। पूनम शर्मा को 54 हजार 721 वोट मिले। बीजेपी नेता ने आप के राजेश गुप्ता को 11 हजार 425 वोटों से मात दी। *नीलम पहलवान-* नजफगढ़ विधायक नीलम पहलवान भी इस लिस्ट में हैं। जिन्होंने 1,01,708 वोटों के साथ बड़ी जीत हासिल की। नीलम के सामने आप के तरुण कुमार थे। सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों में भी उसका नाम है। *इन सबके अलावा दो और नामों की चर्चा हो रही हैः-* *स्मृति ईरानी-* पूर्व केंद्रीय मंत्री, 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस के किशोरी लाल से हार गईं, लेकिन एक सीएम की लिस्ट में मजबूत दावेदार बनी हुई हैं। *बांसुरी स्वराज-* दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी, नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतीं हैं। *मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा सीएम* वहीं चर्चा ये भी है कि इस बार मुख्यमंत्री, मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा। इसकी वजह ये है कि अगर किसी सांसद को सीएम बनाया जाता है तो दिल्ली में दो उपचुनाव कराने होंगे। एक मुख्यमंत्री बनने वाले के लिए किसी विधायक से इस्तीफा दिलाना होगा और फिर जिस सांसद को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उसकी जगह लोकसभा के सदस्य के लिए उपचुनाव कराना होगा। यही वजह है कि शायद पार्टी नेतृत्व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपे।




* 27 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर बीजेपी में विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि, ये लगभग तय है कि प्रधानमंत्री के दिल्ली लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के नामों को फाइनल किया जाएगा। हाल के वर्षों में पार्टी नेतृत्व में ऐसे मामलों में चौंकाने वाले फैसले लिए हैं इसलिए पार्टी के सीनियर लीडर भी ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि दिल्ली के मुख्मंत्री के लिए किसका नाम फाइनल होगा। इससे पहले चर्चाओं का बाजार गर्म है। मुख्यमंत्री के नाम के लिए परवेश सिंह राणा, विजेंद्र गुप्ता समेत कई दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी सबको चौंकाते हुए किसी महिला को दिल्ली की कमान सौंप सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया कि पार्टी अपने सभी विकल्पों पर सावधानी से विचार कर रही है। राजनीतिक रूप से सबसे अच्छा काम करने वाले के आधार पर, पूर्वांचल पृष्ठभूमि, एक सिख नेता या एक महिला के उम्मीदवार पर विचार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा के पिछले चुनावों से पता चलता है कि पार्टी नेतृत्व कोई बड़ी घोषणा करने से पहले अपने फैसले को फिलहाल गुप्त रखना चाहती है। ऐसे में लोगों के बीच ये उत्सुकता है कि आखिर सीएम कौन होगा। बता दें कि बीजेपी ने ही दिल्ली को पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज के रूप में दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने शीला दीक्षित को और फिर आम आदमी पार्टी ने आतिशी को कमान सौंपी। अब दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर इन महिला विधायकों का नाम चल रहा है। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के संभावित महिला चेहरों की लिस्ट में ये नाम शामिल हैः *रेखा गुप्ता-* रेखा गुप्ताा, जो शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं उन्हें इस लिस्ट में सबसे आगे देखा जा रहा है। वह भाजपा की महिला शाखा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। *शिखा रॉय-* शिखा रॉय ने ग्रेटर कैलाश सीट से जीत दर्ज की है और सीएम रेस में एक और मजबूत दावेदार हैं, जिन्होंने आप के सौरभ भारद्वाज को हराया है। *पूनम शर्मा-* पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आप के राजेश गुप्ता को हराया। पूनम शर्मा को 54 हजार 721 वोट मिले। बीजेपी नेता ने आप के राजेश गुप्ता को 11 हजार 425 वोटों से मात दी। *नीलम पहलवान-* नजफगढ़ विधायक नीलम पहलवान भी इस लिस्ट में हैं। जिन्होंने 1,01,708 वोटों के साथ बड़ी जीत हासिल की। नीलम के सामने आप के तरुण कुमार थे। सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों में भी उसका नाम है। *इन सबके अलावा दो और नामों की चर्चा हो रही हैः-* *स्मृति ईरानी-* पूर्व केंद्रीय मंत्री, 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस के किशोरी लाल से हार गईं, लेकिन एक सीएम की लिस्ट में मजबूत दावेदार बनी हुई हैं। *बांसुरी स्वराज-* दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी, नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतीं हैं। *मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा सीएम* वहीं चर्चा ये भी है कि इस बार मुख्यमंत्री, मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा। इसकी वजह ये है कि अगर किसी सांसद को सीएम बनाया जाता है तो दिल्ली में दो उपचुनाव कराने होंगे। एक मुख्यमंत्री बनने वाले के लिए किसी विधायक से इस्तीफा दिलाना होगा और फिर जिस सांसद को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उसकी जगह लोकसभा के सदस्य के लिए उपचुनाव कराना होगा। यही वजह है कि शायद पार्टी नेतृत्व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को फ्रांस पहुंचे। यहां वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ 'एआई एक्शन समिट' की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान वे उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता से पहले एक स्वागत रात्रिभोज में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गले लगाकर स्वागत किया। दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस के एलिसी पैलेस में डिनर का आयोजन किया था, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए। यहां गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ मुलाकात की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में पीएम मोदी एक बड़े हॉल में जाते हैं, जहां पहले से जेडी वैंस मौजूद थे। मैक्रों अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस से मिले और उन्होंने फिर पीएम मोदी की ओर इशारा किया। इसके बाद पीएम मोदी ने जेडी वैंस से हाथ मिलाया और कहा, ‘आपको बधाई, आपकी ग्रेट, ग्रेट विक्ट्री पर।’ इसपर जेडी वैंस ने हंसते हुए हां में जवाब दिया। *पीएम मोदी के लिए मैक्रों का ट्वीट* इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, 'पेरिस में आपका स्वागत है, मेरे मित्र नरेंद्र मोदी! आपसे मिलकर खुशी हुई, प्रिय जेडी वेंस! एआई एक्शन समिट में हमारे सभी साझेदारों का स्वागत है। चलिए काम पर लग जाएं!' वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पेरिस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत की। *भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया* पेरिस पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने आगमन की तस्वीरों के साथ कहा, 'थोड़ी देर पहले पेरिस पहुंचा हूं। यहां विभिन्न कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो एआई, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे भविष्य के क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।' प्रधानमंत्री के होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में कहा, 'पेरिस में एक यादगार स्वागत! ठंड के मौसम के बावजूद भारतीय समुदाय ने आज शाम अपना स्नेह दिखाया। हम अपने प्रवासी समुदाय के प्रति आभारी हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं!'
दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया, लगातार पिछले तीन चुनावों से जीत हासिल करती आ रही आम आदमी पार्टी को बुरी तरह शिकस्त का सामना करना पड़ा है। साथ ही लंबे अरसे से राजधानी में सत्ता की तलाश में लगी भारतीय जनता पार्टी ने शानदार तरीके से वापसी की है। बीजेपी की जीत के साथ दिल्ली में रहनेवाले लाखों लोगों की उम्मीदों को नए पंख लग गए हैं। लोग सरकार बदलने के बाद उम्मीद कर रहे हैं कि पिछली सरकार में जिन परेशानियों से उन्हें दो-चार होना पड़ा था, उससे छुटकारा मिल जाएगा। इन्हीं लोगों में राजधानी की करीब 1700 अवैध कॉलोनियों में रहने वालों लोग भी शामिल हैं।
पीएम मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरे जोश के साथ इंडिया गठबंधन का गठन किया था। विपक्ष के एक साथ आने का सियासी लाभ भी 2024 के लोकसभा चुनाव में मिला। इंडिया गठबंधन भले ही सत्ता में वापसी न कर सका हो, लेकिन बीजेपी को अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं छूने दिया। नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की बैसाखी का सहारा लेना पड़ा था, लेकिन उसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज सारा हिसाब बराबर कर लिया है। लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन के साथियों ने कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। अब दिल्ली में हुई शर्मनामक शिकस्त के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल किया है।
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान जाति जनगणना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। सोनिया गांधी ने जल्द से जल्द जाति जनगणना कराने की मांग उठाई। सोनिया गंधी ने कहा कि देश में करीब 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं। राज्यसभा में अपने पहले शून्यकाल संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के आधार पर की जा रही है, जबकि देश की जनसंख्या अब काफी बढ़ चुकी है।
Feb 11 2025, 12:30
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