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मणिपुर हिंसा के करीब डेढ़ साल बाद एन बीरेन सिंह ने दिया सीएम पद से इस्तीफा, क्या है वजह
#manipur_cm_n_biren_singh_resign_reason
* मणिपुर 3 मई 2023 से शुरू हुआ जातीय हिंसा का दौर थमता नहीं दिख रहा है। मणिपुर हिंसा को रोकने में नाकामयाब रहे सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की विपक्ष लगातार मांग कर रहा था। इस बीच मणिपुर में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश यूनिट में जारी खींचतान के बीच, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही उनसे अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह पद पर बने रहें। एन बीरेन सिंह पहली बार 2017 में मणिपुर के मुख्यमंत्री बने थे। उनके नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का राज्य में यह लगातार दूसरा कार्यकाल है। लेकिन बीते महीनों प्रदेश में हुई व्यापक हिंसा ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया था। मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। विपक्ष ने बार-बार उन पर हिंसा पर नियंत्रण करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। साथ ही उनके इस्तीफे की भी मांग की। हिंसा शुरू होने के कुछ दिनों बाद ऐसा लगा कि बीरेन सिंह इस्तीफा देंगे, लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। एन बीरेन सिंह के नाम से एक कथित त्याग पत्र की तस्वीर भी इस दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में इस्तीफी फटा हुआ नजर आ रहा है। इसके कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर कहा, इस नाजुक मोड़ पर मैं ये स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने नहीं जा रहा हूं। बता दें, बीरेन सिंह ने राज्य में हिंसा भड़कने के लगभग दो साल बाद रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंपा है। एन. बीरेन सिंह को राज्य में जातीय संघर्ष से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। लगातार हो रही आलोचनाओं के बीच बीरेन सिंह का इस्तीफा आया है। कांग्रेस विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर चर्चा कर रही है। जानकारी के मुताबिक बीरेन सिंह कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव से बचना चाहते थे, क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी के विधायकों के समर्थन का भरोसा नहीं था। इसलिए उन्होंने इस्तीफा देना बेहतर समझा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर के कई बीजेपी विधायक, जो बीरेन सिंह के नेतृत्व और मणिपुर संकट के पार्टी नेतृत्व से नाराज थे, इसलिए उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। मणिपुर बीजेपी के एक दूसरे नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अगर सीएम ने इस्तीफा नहीं दिया होता, तो सोमवार को पार्टी के लिए यह शर्मनाक होता। मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वे अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। करीब पांच से 10 भाजपा विधायकों ने विपक्ष में बैठने और उनका समर्थन न करने की बात कही है। इन विधायकों में मंत्री भी शामिल हैं। असल में सीएम को यह बात पता थी और केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में नियमित रूप से बताया जा रहा था, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस बीच इस सप्ताह की शुरुआत में, एक नया विवाद तब खड़ा हो गया था जब सुप्रीम कोर्ट ने जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता को लेकर एक सीलबंद फोरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी। इस्तीफा देने से पहले बीरेन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी की अमेरिका दौरे कितना अहम? ट्रंप से मुलाकात के दौरान इन मुद्दों पर होगी बात*
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प्रधानमंत्री नरेंद मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात भी होगी। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह उनकी पहली मुलाकात होगी। ऐसे में इन दोनों बड़े नेताओं के बीच होने वाली ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद मोदी अमेरिका का दौरा करने वाले चौथे वैश्विक नेता होंगे। पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान एजेंडे में भारत-अमेरिका वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाना और सभी क्षेत्रों में पारस्परिक रूप से लाभकारी और भरोसेमंद संबंधों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा तय करना शामिल है। दोनों देशों के बीच ट्रेड, न्यूक्लियर एनर्जी, डिफेंस, महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी, आतंकवाद-रोधी और हिंद-प्रशांत में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।इसके अलावा एजेंडे में व्यापार या ट्रंप द्वारा निष्पक्ष व्यापार, अवैध प्रवास और वीजा देरी की आवश्यकता को लेकर मतभेद भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यूएस दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब ट्रंप ने हाई टैरिफ की धमकी दी है।ट्रंप ने भले ही हाई टैरिफ की धमकी दी है, लेकिन एक व्यापार समझौते की उम्मीद हो सकती है। मोदी सरकार एक छोटे, अगर व्यापक नहीं, व्यापार सौदे के लिए चर्चा फिर से शुरू करने की उम्मीद करेगी जो 2019 में रद्द किए गए जीएसपी के तहत भारत के लाभों को बहाल कर सके, जबकि अमेरिका को अधिक बाजार पहुंच की अनुमति दे सके। इससे पहले जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तब पीएम मोदी 2017 में अमेरिका गए थे। फरवरी 2020 में ट्रंप ने भारत की यात्रा की थी। नवंबर 2024 से दो बार पीएम मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत हो चुकी है। ट्रंप प्रशासन के साथ भारत शुरू से ही जुड़ा है। डोनाल्ड ट्रंप के शपथ में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पहुंचे थे। *भारत अमेरिका द्विपक्षीय संबंध* भारत और अमेरिका ने 2005 में एक ‘रणनीतिक साझेदारी’ शुरू की थी।फरवरी 2020 में ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों को व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया। पहले ट्रंप प्रशासन के दौरान, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र ने अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया। जापान के साथ मिलकर; ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत ने क्वाड डायलॉग को फिर से जीवंत किया। ट्रंप प्रशासन ने क्वाड को वरिष्ठ-अधिकारी स्तर की वार्ता से मंत्री-स्तरीय वार्ता में आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया। बाइडेन प्रशासन के तहत, क्वाड को नेताओं के शिखर सम्मेलन में बदल दिया गया। *व्यापार और निवेश* अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जिसका 2023 में वस्तुओं और सेवाओं में कुल द्विपक्षीय व्यापार 190 बिलियन डॉलर होगा। भारत का व्यापार अधिशेष 36 बिलियन डॉलर से अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, अमेरिका लगभग 5 बिलियन डॉलर के फ्लो के साथ भारत में FDI का तीसरा सबसे बड़ा सोर्स था। *एनर्जी पार्टनरशिप* अमेरिका भारत का छठा सबसे बड़ा एनर्जी ट्रेड पार्टनर है। वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका के साथ भारत का हाइड्रोकार्बन व्यापार 13.6 बिलियन डॉलर था। *एजुकेशनल और कल्चरल* हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। भारत और अमेरिका ने 2024 में प्राचीन वस्तुओं की अवैध तस्करी को रोकने और उस पर अंकुश लगाने के लिए पहली बार ‘सांस्कृतिक संपत्ति समझौते’ पर हस्ताक्षर किए। अमेरिका ने 2016 से अब तक भारत को 578 प्राचीन वस्तुएं लौटाई हैं। *डिफेंस पार्टनशिप* भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग ‘भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिए नए ढांचे’ पर आधारित है, जिसे 2015 में 10 साल के लिए रिन्यू किया गया था। 2016 में, रक्षा संबंधों को एक प्रमुख रक्षा साझेदारी के रूप में नामित किया गया था। भारत ने 2008 से 20 बिलियन डॉलर से अधिक के अमेरिकी मूल के रक्षा सामानों के लिए अनुबंध किया है, जिसमें C-130J, C-17 और अपाचे शामिल हैं। *साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्पेस सहयोग* साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहयोग समझौते को सितंबर 2019 में 10 वर्षों के लिए रिन्यू किया गया था। इसरो और नासा पृथ्वी अवलोकन के लिए एक माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह विकसित कर रहे हैं: नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार। जनवरी 2024 में, नासा और इसरो ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लिए एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए। इसरो ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन पर दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को नामित किया है, जिन्हें वर्तमान में अमेरिका में प्रशिक्षित किया जा रहा है। भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी में मजबूत सहयोग है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगम में लगाई डुबकी, सीएम योगी भी रहे मौजूद*
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प्रयागराज की पावन धरा पर सोमवार को देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची और यहां उन्होंने पवित्र स्नान किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने संगम नोज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। बता दें कि वह आठ घंटे से अधिक समय तक प्रयागराज में रहेंगी और इस दौरान संगम स्नान के साथ ही यहां अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर में पूजा करेंगी। राष्ट्रपति के साथ सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को संगम में 3 डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। स्नान से पहले मां गंगा को पुष्प अर्पित किए। इसके बाद गंगा की पूजा और आरती की। राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार सुबह साढ़े 9 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। यहां राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी ने स्वागत किया। भारत की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का तीर्थराज कुंभ नगरी प्रयाग में आगमन पर प्रयागराज के प्रथम नागरिक महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने प्रयागराज महानगर की चाबी भेंट कर उनका स्वागत किया । महाकुंभ का आज 29वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। आज सुबह 10 बजे तक 63 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी परिवार के साथ संगम में डुबकी लगाई। भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रयागराज शहर में जबरदस्त भीड़ है। इसे देखते हुए अरैल घाट से संगम तक बोट बंद की गई है। इसके अलावा, संगम स्टेशन को 14 फरवरी तक बंद कर दिया गया है।
आज लोकसभा में पेश हो सकता है नया इनकम टैक्स बिल, अमेरिका से भेजे गए भारतीयों के मुद्दे पर हंगामे के आसार
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* आज संसद में बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही होगी। लोकसभा में आज नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जा सकता है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को इस बिल को मंजूरी दे दी। यह बिल टैक्सेशन सिस्टम में सुधार के लिए एक बड़ा सुधार ला सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद आज संसद कार्यवाही का पहला दिन है। ऐसे में सदन की कार्वाही में दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर देखने को मिल सकता है। बीजेपी के सदस्य जहां नए जोश से लबरेज नजर आएंगे, वहीं विपक्ष के नेता थोड़े मायूस होंगे। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से हंगामा जारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव में अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीयों के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है। वहीं कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है, जिसमें श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई है।
अरविंद केजरीवाल ने हार स्वीकार की, कहा की आप 'रचनात्मक' विपक्ष की भूमिका निभाएगी

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार स्वीकार कर ली है। अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, "हम लोगों के जनादेश को बड़ी विनम्रता से स्वीकार करते हैं। मैं भाजपा को इस जीत के लिए बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे उन सभी वादों को पूरा करेंगे, जिनके लिए लोगों ने उन्हें वोट दिया है।"अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी और दिल्ली के लोगों की सेवा करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा, "हमने पिछले 10 सालों में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बहुत काम किया है। हम न केवल रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे, बल्कि लोगों के बीच रहेंगे और उनकी सेवा करना जारी रखेंगे।"

कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता खोलने में विफल रही। अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गए। भाजपा के प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी प्रमुख को 4089 मतों से हराया। वर्मा को 30088 मत मिले, जबकि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री को 25999 मत मिले। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित को 4568 मत मिले। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पहली बार 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ गठबंधन करके 49 दिनों की सरकार बनाई थी। पार्टी ने 2015 में केंद्र शासित प्रदेश की 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। पार्टी ने 2020 में भी अपना प्रदर्शन दोहराया और 62 सीटें हासिल कीं। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में लोकसभा चुनावों में इसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा - इसने दिल्ली में कभी भी संसदीय सीट नहीं जीती।

पिछले कुछ वर्षों में, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित कई AAP नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन महीनों तक जेल में रहे और अब जमानत पर बाहर हैं।

दिल्ली के नतीजों पर मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह विकास और सुशासन की जीत है। "जनशक्ति सर्वोपरि है! विकास की जीत हुई, सुशासन की जीत हुई। मैं भाजपा को मिले इस शानदार और ऐतिहासिक जनादेश के लिए दिल्ली के अपने प्यारे भाइयों और बहनों को नमन करता हूं। हम इन आशीर्वादों को पाकर विनम्र और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। यह हमारी गारंटी है कि हम दिल्ली के विकास, लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार और यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे कि दिल्ली एक विकसित भारत के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाए," उन्होंने एक्स पर लिखा।

बीजेपी के दिल्ली फतह से पीएम मोदी गदगद, बोले-कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे

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दिल्ली में बीजेपी की दमदार एंट्री हो चुकी है। 27 साल का वनवास समाप्त करते हुए भाजपा ने दिल्ली में भगवा लहरा दिया है। दिल्ली वालों ने आम आदमी पार्टी को नकार दिया है। जनता ने पार्टी के नंबर-1 नेता अरविंद केजरीवाल के साथ मनीष सिसोदिया को भी हार का स्वाद चखाया है। इधर, दिल्ली में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

पीएम मोदी ने दिल्ली में बीजेपी की जीत को विकास और सुशासन की जीत बताया है। पीएम मोदी ने कहा कि जनशक्ति सर्वोपरि है। यह विकास और सुशासन की जीत है। दिल्ली के अपने सभी भाई-बहनों को ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए मेरा वंदन और अभिनंदन। आपने जो भरपूर आशीर्वाद और स्नेह दिया है, उसके लिए आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के चौतरफा विकास और यहां के लोगों का जीवन उत्तम बनाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार लगातार काम करती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बीजेपी के हर कार्यकर्ता पर गर्व है, जिन्होंने बहुत मेहनत की है और इस शानदार नतीजे तक पहुंचे हैं। हम और भी जोश से काम करेंगे और दिल्ली के शानदार लोगों की सेवा करेंगे।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी ने दिल्ली की 70 में से 25 सीटें जीत ली हैं। वह 23 अन्य सीटों पर आगे चल रही है। यानी बीजेपी कुल 47 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है। जबकि, आप ने 13 सीटें जीती हैं और 9 पर आगे चल रही है।

केजरीवाल और सिसोदिया की हार पर कुमार विश्वास का बयान, कहा- आज न्याय हुआ है

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अभी तक के रुझानों के मुताबिक, दिल्ली में बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को जोरदार पटकनी दी है। सबसे बड़ी बात की आप के संयोजक को ही मुंह की खानी पड़ी है। अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं।आम आदमी पार्टी की करारी हार पर कुमार विश्वास ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के लोगों के लिए काम करेगी। अरविंद केजरीवाल की हार को लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि आज न्याय हुआ है।

कुमार विश्वास ने कहा "मैं भाजपा को जीत के लिए बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे। मुझे ऐसे व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं है जिसने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचल दिया। दिल्ली अब उससे मुक्त हो चुकी है। उसने उन सपनों का इस्तेमाल अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं के लिए किया। आज न्याय हुआ है। जब हमें जंगपुरा से मनीष सिसोदिया के हारने की खबर मिली तो मेरी पत्नी जो गैर-राजनीतिक हैं, रो पड़ीं।"

विश्वास ने आगे कहा, आम आदमी पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं को कहता हूं कि आपने जिकिसी भी लोग लालच में सब कुछ जानते हुए एक ऐसे व्यक्ति के समर्थन में काम किया जिसने अपने मित्रों की पीठ में छुरा घोंपा और लोगों को धोखा दिया। अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाली महिलाओं को पिटवाया।अपनी निजी सुख और साधन के लिए जनता का पैसा खर्च किया। अब उससे आशा लगाने छोड़े. अब बाहर निकले अपना अपना जीवन देखें।

वहीं, कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया एक्स पर भी तंज भरा ट्वीट किया है। जिसमें वीडियो के साथ उन्होंने लिखा है कि अहंकार ईश्वर का भोजन है। खुद को इतना शक्तिशाली मत समझो कि जिन्होंने हमें सिद्धियां दी हैं, उन्हीं को आप आंखें दिखाने लगो। याद रखिएगा कि आपकी सफलता के पीछे कृष्ण जैसे ऐसे असंख्य लोग हैं, जिनकी चुपचाप और अदृश्य शुभकामनाओं के कारण आप इस विजय रथ पर सवार हुए हैं। जब भी आपको यह लगने लगे कि आपने ये ऐतिहासिक सफलता आपने अपनी शक्ति के दम पर पा ली है तो आप बस उन लोगों के बारे में सोचिए, जिनके सहयोग के बिना आपकी ये यात्रा आसान नहीं होती।

अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया भी हारे, दिल्ली में आप का “बंटाधार”

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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती जारी है। इस बीच आप के लिए बहुत बुरी खबर है। दिल्ली चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मिट्टी पलीद हो गई है। पार्टी संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक अपनी सीट नहीं बचा सके। वहीं, जंगपुरा विधानसभा सीट से भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया भी हार गए हैं।

केजरीवाल को 3182 वोटों से मिली हार

दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री पद का चेहरा रहे अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है। केजरीवाल को 3182 वोटों से हार मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित तीसरे स्थान पर रहे।

जंगपुरा से मनीष सिसोदिया चुनाव हारे

जंगपुरा विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आप उम्मीदवार मनीष सिसोदिया को बीजेपी उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ने हराया। जंगपुरा सीट पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। आखिरकार बाजी बीजेपी के हाथ बाजी लगी।

मालवीय नगर से आप के सोमनाथ भारती हारे

मालवीय नगर सीट पर आम आदमी पार्टी को झटका लगा है। इस सीट से पार्टी उम्मीदवार सोमनाथ भारती चुनाव हार गए हैं। भारती को यहां से बीजेपी उम्मीदवार सतीश उपाध्याय ने हराया। कांग्रेस उम्मीदवार जीतेंद्र कोचर तीसरे नंबर पर रहे।

सऊदी अरब ने 14 देशों के मल्टीपल वीजा रोके, लिस्ट में भारत का नाम भी

#saudi_arabia_changes_its_visa_policy_for_14_countries_including_india

सऊदी अरब ने अपने वीजा नियमों में बदलाव किया है। सऊदी सरकार ने भारत समेत 14 देशों के यात्रियों को अब केवल सिंगल एंट्री वीजा का ऐलान किया है। यानी इन देशों के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा पर रोक लगाई गई है। यह नियम 1 फरवरी, 2025 से लागू कर दिया गया है। सऊदी ने अपने वीजा नियमों में बदलाव इसलिए किया है ताकि लंबी अवधि का वीजा लेकर देश में आने वाले लोग अनाधिकृत रूप से हज यात्रा न कर सकें।

सऊदी सरकार ने अल्जीरिया, बांग्लादेश, मिस्र, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, इराक, जॉर्डन, मोरक्को, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सूडान, ट्यूनीशिया और यमन के यात्रियों के लिए मल्टीपल वीजा पर रोक लगाई है। इन 14 देशों के लिए पर्यटन, व्यापार और पारिवारिक यात्राओं के लिए एक साल का मल्टीपल-एंट्री वीजा अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि इससे हज यात्रा को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

सऊदी के सामने हालिया वर्षों में अनाधिकृत हज यात्री एक बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि मल्टीपल-एंट्री वीजा का दुरुपयोग हो रहा था। कुछ यात्री लंबी अवधि के वीजा पर आने के बाद बिना उचित अनुमति के हज करते थे।

सऊदी अरब हज यात्रा पर कड़ा नियंत्रण रखता है और प्रत्येक देश के लिए हज यात्रियों की एक निश्चित संख्या तय करता है। इसके बावजूद कई पर्यटक लंबी अवधि के वीजा का उपयोग करके इस सीमा को तोड़ते थे, जिससे हज में भीड़भाड़ बढ़ती थी। यह समस्या 2024 में विशेष रूप से गंभीर हो गई थी, जब अत्यधिक गर्मी और भीड़ के कारण 1,200 से अधिक हज यात्रियों की मौत हो गई थी।

और लड़ो आपस में…दिल्ली चुनाव नतीजों के बीच उमर अब्दुल्ला का आप-कांग्रेस पर तंज

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दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी पंबर जीत की ओर बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल दो बड़ा पार्टियों में बेहद खराब प्रदर्शन किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कांग्रेस और आप पर तंज कसा है। उन्होंने इंडिया गठबंधन की आंतरिक कलह की भी कलई खोल दी है।

इंडिया गठबंधन के अहम किरदार नेशनल कांफ्रेंस और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली नतीजों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया है। एक्स पर उमर अब्दुल्ला ने लिखा है कि “और लड़ो आपस में”। इसके जरिये उन्होंने इंडिया गठबंधन के बीच चुनावों में जाहिर होने वाले मतभेद पर कटाक्ष किया है।

नेशनल कांफ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर के चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उनका यह ट्वीट एक संदेश भी है और तंज भी है कि दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता को बनाए रखना चाहिए था। उमर को लगता है कि इंडिया ब्लॉक को दिल्ली में एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करना चाहिए था। आप और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। नतीजा- कांग्रेस को कम, आप को ज्यादा नुकसान हुआ।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर गिनती जारी है। सभी सीटों के रूझान आ गए हैं। रूझानों में बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी ने 42 सीटों पर बढ़त बना ली है। जबकि आप महज 28 सीटों पर आगे चल रही है।