जनवरी में उत्तर - पश्चिम भारत में सामान्य से 80% कम बारिश, फसलों की पैदावार पर देखने को मिलेगा असर
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
देश में अधिकतर हिस्से में जनवरी जाते - जाते गर्म होती है तो फरवरी में तापमान सामान्य से अधिक और बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बातें कही। आईएमडी ने कहा कि फरवरी में उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पहले वाली शीतलहर का प्रकोप दिखने की संभावना भी इस बार कम है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने फरवरी महीने के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया। कहा कि फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा। पश्चिमी मध्य भारत और दक्षिणी भारत के कुछ के इलाकों में यह सामान्य रह सकता है। इसी तरह न्यूनतम भी देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक रह सकता है। उत्तर - पश्चिम इलाकों, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य रह सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण में बदरा कम बरस सकते हैं। मौसम विभाग ने कहा कि फरवरी के दौरान उत्तर - पश्चिमी राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर में बारिश सामान्य से 78% तक कम रहने की संभावना है।
कम बारिश से गर्म रही जनवरी
मौसम विभाग के अनुसार बारिश कम होने से जनवरी इस बार सबसे गर्म महीना रहा। वर्ष 1901 के बाद जनवरी सर्वाधिक गर्म रहा है जब अधिकतम पारा 25.45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जनवरी का अधिकतम औसत तापमान 24.61 डिग्री है। इस प्रकार जनवरी में 0.84 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। भारत में वर्ष 1901 के बाद बीते अक्टूबर सबसे गर्म महीना रहा था।
गर्मी और सूखे से गहराएगा संकट
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर और पश्चिमी राज्यों जैसे यूपी, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर, उत्तराखंड में रबी फसलें लगी है। सर्दी में बारिश कम होने से पैदावार प्रभावित होगी। बागवानी भी प्रभावित हो सकती है। फरवरी में तापमान की तेज चाल से फलों में फूल जल्दी जाएंगे। फसलें प्रभावित होने के साथ गुणवत्ता भी खराब हो सकती है। अच्छी पैदावार के लिए हल्की सिंचाई की जरूरत होगी। शीतलहर का प्रकोप कम रहने से यूपी, मध्य प्रदेश में नुकसान कम होगा।
9 hours ago