हजारीबाग में "हजारीबाग की विरासत" पर सेमिनार आयोजित, जिले की ऐतिहासिक विरासत पर चर्चा हुई।
हजारीबाग:- शुक्रवार को जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा मौलाना अबुल कलाम आजाद इनडोर स्टेडियम, हजारीबाग में “हजारीबाग की विरासत” थीम पर आधारित एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में हजारीबाग के पत्रकार और प्रबुद्धजन शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत उपायुक्त हजारीबाग श्रीमती नैंसी सहाय, श्री आनंद, डॉ. शत्रुघ्न पांडे, श्री शुभाशीष दास और श्री बुलू इमाम द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई।
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मुख्य अतिथि श्रीमती नैंसी सहाय ने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हजारीबाग की ऐतिहासिक विरासत और संस्कृति को समझने का अवसर मिला है। उन्होंने पत्रकारों से उम्मीद जताई कि वे हजारीबाग की सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी जानकारियों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
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उपनिदेशक, जनसंपर्क श्री आनंद ने सेमिनार के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हजारीबाग में प्राचीन सभ्यता के कई महत्वपूर्ण पहलू मौजूद हैं, जिनका अध्ययन कर सभ्यता के विकास की व्याख्या की जा सकती है।
पद्मश्री बुलू इमाम ने हजारीबाग क्षेत्र के पुरातात्विक स्थलों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि यह इलाका बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है। उन्होंने हजारीबाग की पुरानी धरोहरों के संरक्षण पर बल दिया।
शुभाशीष दास ने मेगालिथ पर अपने शोधों का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया भर में मेगालिथ को धरोहर के रूप में महत्व दिया गया है, लेकिन झारखंड में इनकी जानकारी का अभाव है।
संत कोलंबस कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. शत्रुघ्न कुमार पांडे ने हजारीबाग के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को हजारीबाग जेल में नजरबंद करने की योजना थी, जो बाद में स्थगित कर दी गई।
सभा के बाद, एक ओपन सेशन आयोजित किया गया, जिसमें पत्रकारों ने अपने विचार साझा किए। जिला जनसंपर्क अधिकारी रोहित कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बताया कि इस सेमिनार में प्रस्तुत वक्तव्यों को पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
Feb 01 2025, 17:16