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संसद का बजट सत्र आज से, राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे

#parliamentbudgetsessionday1

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है।बजट सत्र की शुरुआत आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश करेंगी। आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी।

बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। उम्मीद है कि बजट 2025 देश की कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में देश की समग्र वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

भारत का राजकोषीय घाटा

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% राजकोषीय घाटा लक्ष्य निर्धारित किया है। अपनी राजकोषीय समेकन योजना के हिस्से के रूप में, इसका उद्देश्य वित्त वर्ष 26 में इस घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% तक कम करना है। नतीजतन, वित्त वर्ष 26 के बजट के लिए घाटे के लक्ष्य पर बाज़ारों की कड़ी नज़र रहेगी।

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में कुंभ का मुद्दा छाया। विपक्ष ने राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी व्यवस्था का आरोप लगाया। विपक्ष ने कुंभ हादसे को लेकर संसद में चर्चा की मांग की और मरनेवालों की संख्या नहीं बताने का आरोप लगाया। इसके अलावा विपक्षी सांसदों ने वक्फ पर बनी JPC के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने संविधान, आर्थिक स्थिति, रोजगार, मणिपुर, रुपए में गिरावट जैसे मुद्दे पर संसद सत्र में चर्चा की मांग की। विपक्ष के कुंभ समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बीएसी में चर्चा करके तय करेंगे। सर्वदलीय बैठक में 36 दलों के 52 नेताओं ने हिस्सा लिया।

ट्रंप भारत के दोस्त या दुश्मन? जानें विदेश मंत्री एस जयशंकर का जवाब

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बन चुके हैं। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ट्रंप की वापसी के बाद से ही दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप ने भारत का नाम लेकर भी धमकी दी है। ऐसे में भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बात की है।

जयशंकर ने भारत-अमेरिका के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को लेकर अहम बात कही। जयशंकर ने ट्रंप को एक 'अमेरिकी राष्ट्रवादी' बताया। विदेश मंत्री जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। इस दौरान ट्रंप भारत के मित्र हैं या शत्रु, इस बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए जयशंकर ने कहा कि मैंने हाल ही में उनके (ट्रंप के) शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था और हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया गया। मेरा मानना है कि वह एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हित से निर्देशित होती रहेगी।

जयशंकर ने कहा, ट्रंप बहुत सी चीजें बदलेंगे। हो सकता है कि कुछ चीजें उम्मीद के अनुरूप नहीं हों, लेकिन हमें देश के हित में विदेश नीतियों के संदर्भ में खुला रहना होगा। कुछ मुद्दे हो सकते हैं जिन पर हम एकमत न हों, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे होंगे जहां चीजें हमारे दायरे में होंगी। जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों पर भी जोर देते हुए कहा क‍ि अमेरिका के साथ हमारे संबंध मजबूत हैं और मोदी के ट्रंप के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं।

भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव पर क्या बोले

इस दौरान, एस जयशंकर ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और देश के बारे में बदलती धारणाओं के बारे में बात की। उन्होंने कहा, यहां तक कि अब गैर-भारतीय भी खुद को भारतीय कहते हैं, उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिलने में मदद मिलेगी।

खुद के राजनीति में आने पर क्या कहा?

डॉ. एस. जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र और कूटनीति से राजनीति में आने का उल्लेख करते हुए कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नौकरशाह बनूंगा। राजनीति में मैं अचानक आ गया, या तो इसे भाग्य कहें, या इसे मोदी कहें। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) मुझे इस तरह से आगे बढ़ाया कि कोई भी मना नहीं कर सका। उन्होंने रेखांकित किया कि विदेश में रहने वाले भारतीय अभी भी समर्थन के लिए अपनी मातृभूमि पर निर्भर हैं और कहा, जो भी देश के बाहर जाते हैं, वे हमारे पास ही आते हैं। बाहर हम ही रखवाले हैं।

स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के घर के बाहर क्यों फेंका कचरा? पुलिस ने हिरासत में लिया

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दिल्ली चुनाव के बीच यमुना के पानी पर मची सियासत के बाद कचरे को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। आप सांसद स्वाति मालीवाल ने गुरुवार अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंक दिया। मालीवाल दिल्ली में सफाई के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर कूड़ा फेंका। तीन गाड़ियों में कूड़ा भरकर मालीवाल अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध जताने पहुंचीं थीं। जिसके बाद पुलिस ने स्वाति मालीवाल को हिरासत में ले लिया। इससे पहले स्वाति मालीवाल स्थानीय निवासियों के साथ विकासपुरी के उस इलाके में पहुंचीं जहां कचरे का ढेर लगा हुआ था।

पहले मालीवाल लोडिंग ऑटो लेकर विकासपुरी पहुंची। यहां उन्होंने लोगों के साथ सड़क से कचरा उठाया और ऑटो में भरकर केजरीवाल के घर गईं। यहां उन्होंने सारा कचरा सड़क पर फेंक दिया। इस दौरान दिल्ली पुलिस उन्हें बार-बार चेतावनी देती रही कि आप सड़क पर कचरा नहीं फेंके, वरना कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मालीवाल नहीं मानीं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

पूरा शहर कूड़ेदान में बदल गया- मालीवाल

मालीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में स्वच्छता और बुनियादी ढांचे की स्थिति खराब हो गई है। उन्होंने विकासपुरी की महिलाओं की शिकायतों का हवाला दिया, जिन्होंने बताया कि स्थानीय विधायक को कई शिकायतों के बावजूद उनकी सड़क पर कचरे का ढेर लग गया है। मालीवाल ने कहा कि दिल्ली का हर कोना-कोना गंदगी से भरा हुआ है, सड़कें टूटी हुई हैं, और नालियां बह रही हैं।

सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी-मालीवाल

मालीवाल ने यह भी कहा कि केजरीवाल शहर की समस्याओं से पूरी तरह कट चुके हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह प्रदर्शन किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। आज दिल्ली की हालत बहुत खराब है। मैं केजरीवाल से बात करने आई हूं। मैं उनसे कहूंगी सुधर जाओ, नहीं तो जनता सुधार देगी। मैं न तो उनके गुंडों से डरती हूं और न ही उनकी पुलिस से।

पंजाब सीएम भगवंत मान के दिल्ली आवास पर चुनाव आयोग की रेड, जानें क्या है पूरा मामला

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दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच बीजेपी की शिकायत पर दिल्ली में पंजाब के मुख्यमंत्री के रिहायशी कपूरथला हाउस में चुनाव आयोग की टीम तलाशी लेने पहुंची है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि पंजाब से भारी मात्रा में पैसा और शराब लाकर कपूरथला हाउस में डंप की जा रही है। केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू ने भी इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई थी।

बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग के एक अधिकारी दिल्ली पुलिस के जवानों और अधिकारियों के साथ कपूरथला हाउस के बाहर खड़े हैं। उन्हें अंदर जानें नहीं दिया गया है। मान के घर पहुंचे रिटर्निंग ऑफिसर ओपी पांडे ने कहा, हमें पैसे बांटने की शिकायत मिली है। हमें 100 मिनट में शिकायत का निपटारा करना है। हमारी फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम यहां आई थी, जिसे अंदर नहीं जाने दिया गया। मैं उनसे अनुरोध करने आया हूं कि हमें एक कैमरापर्सन के साथ अंदर जाने दिया जाए। पैसे बांटने की शिकायत cVIGIL ऐप पर मिली थी।

मान के घर पर चुनाव आयोग के रेड की खबर पर आम आदमी पार्टी भड़क गई है। वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा, "दिल्ली पुलिस भगवंत मान जी के दिल्ली के घर पर रेड करने पहुंच गई है। भाजपा वाले दिन दहाड़े पैसे, जूते, चद्दर बांट रहे हैं- वो नहीं दिखता। बल्कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री के निवास पर रेड करने पहुंच जाते हैं। वाह री भाजपा! दिल्ली वाले 5 तारीख़ को जवाब देंगे!"

वहीं, रेड पर आप ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- हार सामने देख, कांप उठी भाजपा। भाजपा की दिल्ली पुलिस पंजाब के सीएम भगवंत मानजी के दिल्ली के घर पर रेड करने पहुंच गई है। भाजपा वाले दिन दहाड़े पैसे, जूते, चादर बांट रहे हैं, मगर पुलिस और चुनाव आयोग की आंखों पर तो भाजपाई पट्टी बंधी है।

स्वीडन में कुरान जलाने वाले इराकी ईसाई सलवान मोमिका की हत्या, फैसले के दिन गोलियों से भूना

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स्वीडन में कुरान की कई प्रतियां जलाने वाले इराकी व्यक्ति की हत्या हो गई है। स्वीडन में कई बार कुरान जलाने के एक मामले में कोर्ट को गुरुवार के दिन सलवान पर फैसला सुनाना था। सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। साल 2023 में ईद-उल-अजहा (बकरीद) से ठीक पहले उसने स्वीडन में इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान को जलाया था। मोमिका ने 2023 में स्वीडन में इस्लाम की पवित्र पुस्तक को जलाने और अपवित्र करने की कई घटनाएं कीं। कुरान जलाने के वीडियो को दुनिया भर में वायरल हुआ और कई मुस्लिम देशों में इसके प्रति गुस्सा देखने को मिली, जिससे कई जगहों पर दंगे हुए।

स्वीडिश मीडिया ने गुरुवार को बताया है, कि पुलिस ने उसकी मौत की पुष्टि कर दी है। पुलिस ने कहा है, कि एक दिन पहले सलवान मोमिका की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सलवान मोमिका को उस वक्त गोली मारी गई, जब स्टॉकहोम की एक अदालत गुरुवार को यह फैसला सुनाने वाली थी, कि क्या सलवान मोमिका ने कुरान जलाकर जातीय घृणा भड़काया था या नहीं।

पुलिस ने बताया कि उन्हें स्टॉकहोम के पास सोडरतालजे में बुधवार रात को गोलीबारी की सूचना मिली थी और उन्हें एक व्यक्ति मिला जिसके शरीर पर गोली लगी थी। थोड़ी देर बाद में उसकी मौत हो गई और हत्या की प्रारंभिक जांच शुरू की गई। प्रसारक एसवीटी ने सूत्रों का नाम लिए बिना बताया कि मृतक सलवान मोमिका था। उन्होंने आगे बताया कि मोमिका 2018 में इराक से स्वीडन आया थी और उसे 2021 में तीन साल का निवास परमिट दिया गया था।

स्टॉकहोम जिला न्यायालय ने कहा कि गुरुवार को एक मुकदमे में फैसला सुनाया जाना था जिसमें मोमिका एक प्रतिवादी था, इसलिए उसे स्थगित कर दिया गया क्योंकि प्रतिवादियों में से एक की मृत्यु हो गई थी। न्यायालय के एक न्यायाधीश गोरान लुंडाहल ने पुष्टि की कि मृतक मोमिका था। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि मोमिका की मृत्यु कब और कैसे हुई। मोमिका और एक सह-प्रतिवादी पर स्टॉकहोम की अदालत में नस्लीय घृणा भड़काने का आरोप लगाया गया क्योंकि उन्होंने कुरान जलाने के संबंध में बयान दिए थे। गुरुवार सुबह फैसला सुनाया जाना था।

इराक के रहने वाले सलवान मोमिका इस्लामिक विचारों और मान्यताओं के आलोचक था। मोमिका का कहना था कि वह स्वीडन के नाटो में शामिल होने के विरोधी नहीं है बल्कि इस्लाम का विरोध करने के लिए कुरान जलाना चाहते थे। कुरान जलाने से पहले उसने कहा था, स्वीडन जागो। ये लोकतंत्र है। मोमिका के कुरान जलाने के बाद कई मुस्लिम देशों ने इसकी कड़ी निंदा की थी।

2023 में वीजा अवधी खत्म होने के बाद रुकने वालों में भारतीय सबसे आगे, यूएस संसद में पेश रिपोर्ट में दावा

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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ निर्वासन अभियान शुरू किया है। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय पढ़ाई और नौकरी के लिए जाते हैं। इस बीच अमेरिका में वीजा पर रह रहे भारतीय छात्रों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि 2023 में 7,000 से अधिक भारतीय छात्र अमेरिका में अपने निर्धारित समय से अधिक समय तक रुके है। यह जानकारी सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज की जेसिका एम वॉन ने अमेरिकी हाउस कमेटी को दी।

एफ-1 और एम-1 वीजा धारक तय समय से अधिक रुकते हैं

‘सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज’ की जेसिका एम. वॉन ने अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की न्यायपालिका संबंधी समिति को बताया कि निर्धारित समय से अधिक ठहरने वालों में सबसे अधिक संख्या एफ और एम श्रेणी के वीजा धारकों की रही। उन्होंने बताया कि दुनिया के 32 देशों में छात्र और विनिमय आगंतुकों के अमेरिका में तय समय से अधिक रुकने की दर 20 प्रतिशत से भी ज्यादा है। विशेष रूप से, एफ-1 और एम-1 वीजा धारक, जो शैक्षिक और व्यावसायिक कामो के लिए आते हैं, इनमें सबसे ज्यादा लोग तय समय से अधिक रुकते हैं।

तय अवधि से ज्यादा रुकने वालों में भारतीय सबसे ज्यादा

वॉन ने अमेरिकी हाउस कमेटी को ये भी बताया कि ब्राजील, चीन, कोलंबिया और भारत जैसे देशों में हजारों लोग अपनी वीजा अवधि से ज्यादा समय तक अमेरिका में रहते हैं और भारत से आने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है, करीब 7,000 से भी ज्यादा। उन्होंने इसके अलावा अमेरिका की आव्रजन नीतियों में सुधार की आवश्यकता की बात की, जिसमें एच-1बी वीजा जैसे कार्यक्रमों में सुधार की भी सिफारिश की गई है।

बता दें कि एफ-1 के तहत वीजा में किसी व्यक्ति को किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज, विश्वविद्यालय, सेमिनरी, कंजर्वेटरी, अकादमिक हाई स्कूल, प्राथमिक विद्यालय या अन्य शैक्षणिक संस्थान या भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूर्णकालिक छात्र के रूप में अमेरिका में रहने की अनुमति मिलती है। एम-1 वीजा भाषा प्रशिक्षण के अलावा व्यावसायिक या अन्य गैर-शैक्षणिक कार्यक्रमों में अध्ययनरत छात्रों को मिलता है।

31 जनवरी से शुरू हो रहा बजट सत्र, हंगामे के आसार, शाह-राहुल और भागवत के बयानों पर तकरार तय

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संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। इस बार भी सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद संसद को दोनों सदनों में कुल 62 विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है। इनमें वक्फ संसोधन और एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे विधेयक भी शामिल हो सकते हैं जिनके जरिए मोदी सरकार अपना दम दिखाएगी तो विपक्ष भी पूरी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगा।

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से प्रारंभ होगा और यह 4 अप्रैल तक प्रस्तावित है। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को पार्लियामेंट के जॉइंट सेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। अगले दिन 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। सोमवार से लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हो जाएगी।

इन मुद्दों पर हंगामे के आसार

संसद के शीतकालीन सत्र में हुए हंगामे की चर्चा अब तक हो रही है। इसके चलते सरकार बजट सत्र को लेकर आशंकित है। कांग्रेस समेत विपक्ष संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर बीजेपी को घेर सकता है। वहीं लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्टेट ऑफ इंडिया से लड़ाई वाले बयान पर उनको घेरने की रणनीति बन गई है। दोनों ही पक्षों ने अपने तेवर दिखाकर संकेत दे दिए हैं कि कोई किसी से कम नहीं रहने वाला है, ऐसे में बजट सत्र हंगामेदार हो सकता है।

सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक

वहीं, संसद को सुचारू चलाने के लिए सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार के विधायी एजेंडे के बारे में जानकारी दी गई। वहीं, विपक्ष से उन मुद्दों के बारे में जानकारी ली गई, जो वे संसद में सत्र के दौरान उठाने वाले हैं।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

पानी में जहर' वाले बयान पर अरविंद केजरीवाल को नोटिस, चुनाव आयोग ने मांगे सबूत

दिल्ली विधानसभा चुनाव में लगातार हो रही बयानबाजी से चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। इसी बीच 'यमुना के पानी में जहर' वाले अपने बयान को लेकर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मुश्किल में पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल को चुनाव आयोग ने शो कॉज नोटिस भेजा है। आयोग ने केजरीवाल से उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में सबूत देने को कहा है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल कोई ठोस तथ्य और जवाब नहीं देते तो उनके खिलाफ आदेश पारित किया जाएगा। जिसके तहत अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यमुना जल प्रदूषण के बारे में अपने बयानों के संबंध में चुनाव आयोग के नोटिस पर जवाब दिया था। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पत्र लिखकर चुनाव आयोग को सफाई दी। हालांकि, इसमें उन्होंने भाजपा और हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर घोलने के अपने आरोपों का कोई प्रमाण नहीं दिया। न ही दिल्ली के लोगों के विरुद्ध छेड़े गए जैविक युद्ध से जुड़े आरोपों पर कोई सफाई दी।

“दो राज्यों के बीच युद्ध कराने जैसा”

केजरीवाल के जवाब से असंतुष्ट चुनाव आयोग ने आप संयोजक को फिर से जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से कहा कि वे यमुना में बढ़े हुए अमोनिया के मुद्दों को सामूहिक नरसंहार के साथ यमुना में जहर डालने के गंभीर आरोपों के साथ न मिलाएं। इसे दो देशों के बीच युद्ध की कार्रवाई के समान माना जा रहा है।

चुनाव आयोग ने क्या-क्या कहा?

चुनाव आयोग ने केजरीवाल को यह समझाने का एक और मौका दिया है कि दो समूहों के बीच शत्रुता, सार्वजनिक अव्यवस्था और अशांति को बढ़ावा देने वाले उनके गंभीर आरोपों के लिए कार्रवाई क्यों ना की जाए। इसी के साथ केजरीवाल से चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा है कि उन्हें शुक्रवार सुबह 11 बजे तक किस तरह दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारी “जहर” का पता लगा रहे हैं। इंजीनियर कैसे काम कर रहे हैं, इन सब चीजों की जानकारी भी शेयर करने के लिए कहा गया है। ऐसा न करने पर, इन चीजों की जानकारी शेयर न करने पर आयोग इस मामले में उचित निर्णय लेने के लिए आजाद होगा।

जहरीले पानी के आरोप पर चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल से पांच सवाल पूछे हैः-

1. पहला सवाल है किस तरह का जहर हरियाणा सरकार की तरफ से यमुना मेंमिलाया गया?

2. दूसरा, सबूत दे मात्रा, प्रकृति और जहर को डिटेक्ट करने के जिससे जनसंहार हो सकता था?

3. तीसरा, लोकेशन बताएं जहां जहर को पाया गया?

4. चौथा, जल बोर्ड के किस इंजीनियर ने जहर को पाया और कैसे और कहां?

5. पांचवां, किस मेथोडोलॉजी का इस्तेमाल जहरीले पानी को दिल्ली में आने से रोकने के लिए किया गया?

दरअसल, आप संयोजक ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है।केजरीवाल ने दावा किया था कि अगर दिल्ली जल बोर्ड ने जहर नहीं पकड़ा होता, तो सामूहिक नरसंहार हो सकता था। केजरीवाल ने बुधवार को अपने दावे पर चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया था कि हरियाणा सरकार यमुना में “जहर मिला रही है”, और कहा कि हाल के दिनों में बीजेपी शासित राज्य से हासिल कच्चा पानी लोगों के लिए उनके स्वास्थ्य के लिए “काफी दूषित और बेहद जहरीला” है. चुनाव आयोग को 14 पेज के जवाब में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर लोगों को ऐसे “जहरीले पानी” का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई, तो इससे गंभीर स्वास्थ्य खतरा पैदा होगा और लोगों की मृत्यु हो जाएगी।

डोनाल्ड ट्रम्प की योजना: ग्वांतानामो सैन्य जेल को प्रवासी निरोध केंद्र के रूप में बदलने का प्रस्ताव

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे पेंटागन और होमलैंड सुरक्षा विभाग से ग्वांतानामो खाड़ी में नौसैनिक अड्डे पर एक ऐसी सुविधा बनाने की जांच करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जिसमें 30,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को रखा जा सकता है। "उनमें से कुछ इतने बुरे हैं कि हम उन देशों पर भी भरोसा नहीं करते कि वे उन्हें पकड़ेंगे, क्योंकि हम नहीं चाहते कि वे वापस आएं, इसलिए हम उन्हें ग्वांतानामो भेजने जा रहे हैं," ट्रम्प ने बुधवार को लैकेन रिले अधिनियम पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, जिसमें अपराधों के आरोपी अनधिकृत प्रवासियों को हिरासत में रखने की आवश्यकता है।

ट्रम्प ने कहा कि ग्वांतानामो प्रयास प्रवासियों को हिरासत में रखने की अमेरिकी क्षमता को दोगुना कर सकता है। इसका संकेत उनके होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने दिया, जिन्होंने पहले फॉक्स न्यूज को बताया था कि प्रशासन क्यूबा के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित जेल सुविधा में प्रवासियों को भेजने पर विचार कर रहा है। यह आव्रजन नीति के व्यापक बदलाव का हिस्सा है, जिसमें प्रशासन न्यूयॉर्क, शिकागो और डेनवर में गंभीर अपराधों के दोषी लोगों की हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियाँ कर रहा है। लेकिन ट्रंप ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े निर्वासन की भी कसम खाई है, दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की, प्रवर्तन में सहायता के लिए हजारों अतिरिक्त सैनिकों को आदेश दिया ।

प्रशासन ने मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा अमेरिका में पहले से मौजूद 600,000 वेनेजुएला के लोगों के लिए अस्थायी संरक्षित स्थिति के विस्तार को रद्द कर दिया। TPS के 18 महीने के विस्तार ने वेनेजुएला के प्रवासियों को उनके देश वापस भेजे जाने से बचाया होगा और उन्हें अमेरिका में कानूनी रूप से काम करने की अनुमति दी होगी। बिडेन प्रशासन ने पद छोड़ने से कुछ दिन पहले विस्तार की घोषणा की। "हमने इसे रोक दिया," नोएम ने फॉक्स न्यूज पर कहा। "हमने होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के भीतर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए कि हम उनके द्वारा हमारे हाथ बांधने के लिए किए गए कामों का पालन नहीं करने जा रहे हैं।"

पिछले कई वर्षों में, वेनेजुएला के लोग बिना किसी अनुमति के अमेरिका-मेक्सिको सीमा पार करके शरण मांगने वाले प्रवासियों के सबसे बड़े समूहों में से एक हैं। हालांकि दक्षिण अमेरिकी देश के लिए टीपीएस कार्यक्रम को शुरू में व्यापक समर्थन मिला था, लेकिन बाद में यह रिपब्लिकन के निशाने पर आ गया, जिन्होंने तर्क दिया कि इसे बहुत उदारता से प्रदान किया गया है और यह प्रवासियों को आकर्षित करने का काम करता है।

फ्लोरिडा, टेक्सास और न्यूयॉर्क में टीपीएस वाले व्यक्तियों की सबसे बड़ी आबादी है, जिनमें से लगभग आधे कुल प्राप्तकर्ता वेनेजुएला से आते हैं। मियामी स्थित गैर-लाभकारी संस्था रईस वेनेज़ोलानास की पेट्रीसिया एंड्रेड टीपीएस धारकों को अन्य वीजा और वैकल्पिक आव्रजन विकल्पों के लिए आवेदन करने की सलाह दे रही हैं। उन्होंने कहा, "टीपीएस प्राप्त करने वाले कई लोगों ने पहले ही शरण या अप्रवासी वीजा का विकल्प चुना है, लेकिन अन्य अभी भी इन नए वीजा का इंतजार कर रहे हैं।" "ये वे लोग हैं जिनके बारे में हमें चिंता है।"