मोदी सरकार में स्वदेशीकरण से रक्षा क्षेत्र में समृद्ध हुआ हैं देश :- अरविन्द सिंह
डेस्क :- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि *प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में रक्षा सुधार और आत्मनिर्भरता जैसे सूत्र वाक्य आज चरितार्थ दिख रही है। विकसित भारत की कल्पना, आत्मनिर्भर भारत के बिना संभव ही नहीं है। भारत को विकसित होना है तो हमें दूसरों पर अपनी निर्भरता को कम करना ही होगा और इसलिए मोदी सरकार में आज भारत, खाने के तेल से लेकर आधुनिक लड़ाकू विमान तक,हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है।आज मेक इन इंडिया की सफलता सबके सामने है।
भारतीय तोप, टैंक, लड़ाकू जहाज, हेलीकॉप्टर, मिसाइल सिस्टम की गर्जना भारत की शक्ति का परिचायक है। हथियार और गोला बारूद, संचार उपकरण,साइबर और स्पेस तक मेड इन इंडिया की उड़ान का अनुभव देश कर रहा है।
देश के पायलट आज भारत में बने "तेजस" लड़ाकू विमान, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं। आज पूरी तरह से भारत में बनी पनडुब्बियां,एयरक्राफ्ट कैरियर में लहरों के पार जा रहा हैं।थल सेना के जवान,भारत में बने आधुनिक अर्जुन टैंक और तोपों से देश की सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।
श्री अरविन्द ने कहा कि बीते 10 वर्षों में मोदी सरकार में देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक के बाद एक बड़े कदम उठाए गए हैं। नीतिगत सुधार करते हुए निजी क्षेत्र को रक्षा क्षेत्र से जोड़ा गया। एमएसएमई स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया गया है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा कॉरिडोर बन रहे हैं। इनमें अब तक 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है।
आज हेलीकॉप्टर बनाने वाली एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री,भारत में काम करना शुरू कर चुका है।तीनों सेनाओं ने सैकड़ों हथियारों की सूची बनाकर तय किया कि अब वो इन्हें बाहर से नहीं मंगाएंगी। सेनाओं ने भारतीय हथियारों के इकोसिस्टम को सहयोग किया। अब सेनाओं के लिए सैकड़ों सैन्य उपकरण भारत की कंपनियों से ही खरीदें जा रहे हैं। 10 वर्षों में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण स्वदेशी कंपनियों से खरीदे गए हैं।
इन दस वर्षो में मोदी सरकार में देश का रक्षा उत्पादन, दो-गुना से भी ज्यादा,यानी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुका है। पिछले 10 वर्षों में 150 से ज्यादा नए रक्षा स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इनको सेनाओं ने 1,800 करोड़ रुपये के ऑर्डर देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भर होता भारत, सेनाओं में आत्मविश्वास की भी गारंटी है। युद्ध के समय जब सेनाओं को पता होता है कि जिन हथियारों का वो इस्तेमाल कर रही हैं, वो स्वदेशी हैं और वह कभी भी कम नहीं पड़ेंगे तो सेनाओं की ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है।
बीते 10 वर्षों में, भारत ने अपना लड़ाकू हवाई जहाज बनाया है। भारत ने अपना एयरक्राफ्ट कैरियर बनाया है। सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में बनाये जा रहे हैं। आधुनिक इंजन का निर्माण भी भारत में होने वाला है।
कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है कि अब 5वीं जेनरेशन के लड़ाकू विमान भी भारत में ही डिजाइन, डेवलप और मैन्युफैक्चर होंगे। इससे भविष्य में भारत की सेना और भारत का रक्षा क्षेत्र का दायरा व्यापक होने वाला है। इसमें युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बनने वाले हैं।
कभी भारत, दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा आयातक हुआ करता था। आज भारत इस क्षेत्र में भी एक बड़ा निर्यातक बनता जा रहा है। आज भारत का रक्षा निर्यात 2014 की तुलना में 8 गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।
Jan 21 2025, 17:31