/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1675606908606323.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1675606908606323.png StreetBuzz 'ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए', दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट Jyoti Shukla
'ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए', दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर बोला सुप्रीम कोर्ट


डेस्क: दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन के लिए टाल दी गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंगलवार (21 जनवरी) को सुनवाई करेगा। ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी का हिस्सा था, लेकिन दिल्ली दंगों में नाम आने के बाद 2020 में उसे पार्टी से निकाल दिया गया था। अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया है।

ताहिर हुसैन पुलिस की हिरासत में ही जिला चुनाव अधिकारी के पास नामांकन करने गया था। उसका नामांकन स्वीकार होने के बाद उसने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है। हालांकि, सोमवार को समय की कमी के चलते उसकी याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने समय की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन जैसे ही पीठ उठने लगी, हुसैन के वकील ने मामले का उल्लेख किया और 21 जनवरी को सुनवाई का अनुरोध किया।

बेंच के उठते समय जस्टिस पंकज मित्तल ने कहा कि आजकल जेल में रहकर चुनाव लड़ना आसान हो गया है। ऐसे सभी लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए। इस पर ताहिर के वकील ने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए उनका नामांकन पहले ही स्वीकार किया जा चुका है। अभी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कल सुनवाई करेंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को हुसैन को एआईएमआईएम के टिकट पर मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत में पैरोल प्रदान की थी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि हिंसा में मुख्य आरोपी होने की वजह से हुसैन के खिलाफ आरोपों की गंभीरता की अनदेखी नहीं की जा सकती, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की मौत हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा था कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ लगभग 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धन शोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में हैं। फरवरी, 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए और कई घायल हो गए।
कोलकाता रेप-मर्डर केस: दोषी संजय रॉय की सजा पर राजनीति शुरू, जानें अब ममता ने क्या कहा?

डेस्क: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सियालदह कोर्ट में जज अनिर्बान दास ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस पर असंतोष जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से ‘‘जबरन’’ ले लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती।

मुर्शिदाबाद जिले में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने मामले में सीबीआई जांच पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी ने (दोषी के लिए) मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला हमसे जबरन ले लिया गया। अगर यह (कोलकाता) पुलिस के पास ही रहा होता, तो हम सुनिश्चित करते कि उसे मौत की सजा मिले।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस द्वारा जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई। मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं।’’ सियालदह की अदालत ने संजय रॉय को राज्य सरकार द्वारा संचालित आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को, रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी करार दिया था। इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। न्यायाधीश दास ने कहा कि यह अपराध ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके।

अदालत ने राज्य सरकार को मृतक डॉक्टर के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। मृतक डॉक्टर के परिवार ने सोमवार को सियालदह अदालत के न्यायाधीश से कहा कि वे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं, मुआवजा नहीं। नौ अगस्त 2024 को आरजी कर अस्पताल में नाइट ड्यूटी पर तैनात ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या हुई थी। कोलकाता पुलिस ने सीसीटीवी में नजर आए संजय रॉय को इस मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआई के पास पहुंचा और जांच के बाद संजय रॉय को दोषी पाया गया।
बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब ₹12 करोड़ की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार



डेस्क: डिजिटल अरेस्ट के जरिये बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तकरीबन 12 करोड़ की ठगी करने के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने 2 आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता पाई है। तरुण और करन नाम के इन आरोपियों ने ED और कस्टम अधिकारी बनकर टेकी विजयकुमार को पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर उनके अकाउंट में मौजूद लगभग 12 करोड़ रुपये के वेरिफिकेशन के नाम पर अलग अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाकर इस ठगी को अंजाम दिया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपियों को इस बात की सूचना मिली थी कि विक्टिम विजयकुमार ने शेयर मार्केट में बड़ा निवेश किया हुआ है जिसके चलते उनके पास 11 करोड़ 84 लाख रुपये जमा हो गए थे। बेंगलुरु नार्थ डिवीजन के तहत GKVK में रहने वाले इस युवक को जब तक ये पता चला कि उसके साथ डिजिटल ठगी हुई है तब तक उसकी सारी कमाई लुट गयी। इस युवक ने पुलिस की साइबर, इकोनॉमिक और नारकोटिक्स यानी CEN ब्रांच में 12 दिसम्बर को एक शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में युवक ने पुलिस को बताया कि 11 नवम्बर सर 12 दिसम्बर के बीच डिजिटल ठगों ने इससे 11 करोड़ 84 लाख रुपये ऐंठ लिये।

पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक इस युवक को 11 नवम्बर को एक IVR फोन आया। इस कॉल में कहा गया कि ये कॉल टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI से है, उसके फोन नम्बर का मिस यूज हुआ है और 2 घंटे में उसका फोन कट जाएगा। उसने जब कारण पूछा तो उसे 8791120937 नंबर से एक फोन आया और सामने वाले ने कहा कि वो मुम्बई के कोलाबा से क्राइम ब्रांच का अफसर है और उसके आधार नम्बर के साथ कोलाबा में एक केस दर्ज हुआ है। उसे बताया गया कि नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति को 6 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पकड़ा गया है और इसमें उसके आधार कार्ड और फोन की डिटेल्स मिली है।

फोन पर ये सब सुनकर युवक डर गया जिसके बाद उसे एक ओर नम्बर 7420928275 से फोन आया। उसने खुद को कस्टम और ED का अधिकारी बताया और इस युवक को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहते हुए उससे मोबाइल फोन पर 2 एप और स्काईप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद पुलिस अधिकारी का भेष बनाकर एक और ठग ने 9997342801 से वीडियो कॉल किया और उसे बताया कि अब ये केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया है और न सिर्फ वो बल्कि उसके परिवार के बाकी लोगों को भी अब जिंदगी भर जेल में रहना होगा।

ये युवक बुरी तरह डर गया और इसका फायदा उठाते हुए ठगों ने उसके बैंक में जमा राशि की सारी जानकारी उससे ले ली। उससे कहा गया कि उसे अपने अकाउंट से पैसे RBI के अकाउंट में जमा कराने होंगे और एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद ये रुपये उसके अकाउंट में वापस भेज दिए जाएंगे। इसके बाद 11 नवम्बर को युवक ने ICICI बैंक के एक अकाउंट में 75 लाख जमा कराए , उसके अगले दिन UCO बैंक के एक अकाउंट में 3 करोड़ 14 लाख जमा कराए। इसके बाद उसे मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस से बाहर निकालने के लिए और रुपयों की डिमांड की गई, चूंकि पीड़ित बुरी तरह घबराया हुआ था इसीलिए ठगों ने इसका पूरा फायदा उठाया और सिलसिले वार तरीके से अलग-अलग बैंक अकाउंट में 97 लाख, 25 लाख, 1 करोड़, 56 लाख, 96 लाख और आखिर में 2 लाख रुपए जमा करवाये गए।

इसके बाद युवक से कहा गया कि 12 दिसम्बर की दोपहर तक सारे पैसे दुबारा उसके अकाउंट में आ जाएंगे। तय समय पर पैसे वापस नहीं आये तो ये युवक पैनिक हो गया, उसने उस अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो सारे फोन फोन स्विच ऑफ हो गए। युवक ने जब बैंक को कॉल किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिन 9 बैंक खातों में इंजीनियर ने पैसे ट्रांसफर किये थे उन सभी खातों से पैसे निकाल लिए गए। थे इस वजह से बैंक उसे ब्लॉक नहीं कर पाए। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसके साथ इतनी बड़ी ठगी हुई है। अब बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
"फांसी को उम्रकैद में बदल दें", बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


डेस्क: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 18 मार्च तक फैसला लेने का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र सरकार को दिया गया आखिरी मौका है। अगर केंद्र सरकार इस मामले में फैसला नहीं ले पाई, तो अदालत मेरिट के आधार पर सुनवाई शुरू करेगा।

इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से कहा कि एक मुख्यमंत्री समेत 16 लोगों की हत्या का मामला है, सरकार अभी इस मुद्दे पर विचार कर रही है। पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने राजोआना की मर्सी पिटीशन पर गृह मंत्रालय से जल्द फैसला लेने को कहा था।

बलवंत सिंह राजोआना लगभग 27 साल से जेल में बंद है और उसकी दया याचिका केंद्र सरकार के पास 12 साल से लंबित है। सुनवाई के दौरान राजोआना की तरफ से दलील दी गई थी कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी और इस मामले में जुलाई 2007 में मौत की सजा सुनाई गई। हाई कोर्ट ने 2010 में सजा बरकरार रखा था। 27 साल से जेल में हैं। 2012 से दया याचिका लंबित है।

राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मौत की सजा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है। साथ ही दया याचिका पर फैसला होने तक पेरोल पर छोड़े जाने की भी मांग की।

50 छात्राओं से दुष्कर्म, ब्लैकमेल करने वाला काउंसलर गिरफ्तार, आदतें सुनकर चौंक जाएंगे


डेस्क: नागपुर पुलिस ने एक सनसनी मामले का खुलासा किया है, जिसमें एक काउंसलर की काली करतूतों का पर्दाफाश हुआ है। यह शख्स छात्राओं को काउंसलिंग के नाम पर अपने जाल में फंसाता था और फिर उनके साथ दुष्कर्म कर उनका वीडियो बना लेता था और उन्हें ब्लैकमेल किया करता था। सबसे बड़ी बात ये है कि यह काउंसलर सुंदर महिलाओं और लड़कियों को ही अपना निशाना बनाता था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया है। इसका पता तब चला जब एक छात्रा ने उसके खिलाफ केस दर्ज कराई।

मामले के पीड़ित संदीप आर पाटिल ने बताया कि उसने हमारे घर की एक महिला के साथ छेड़खानी की थी। वह स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर हेलमेट पहनकर गलियों में घूमता था और मौके का फायदा उठाते ही महिलाओं के शरीर को छूने की कोशिश करता था। किसी महिला को सामने से स्पर्श करता था, तो किसी को पीछे से स्पर्श करके भाग जाता था। इन लोगों ने सीसीटीवी फुटेज निकाला जिसमें साफ दिख रहा है कि वह एक महिला को पीछे से छूते हुए भागा जा रहा है। फरियादी ने बताया कि वह बाइक चलाते हुए सुंदर महिलाओं को ही ढूंढता रहता था और उनके साथ ही ये हरकत करता था।

इस शख्स से जुड़ा पहला मामला नवंबर महीने में नागपुर के हुड़केश्वर थाने में दर्ज किया गया था। इसके बाद अबतक तीन केस दर्ज हुए हैं और पुलिस को उम्मीद है कि पीड़तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। पुलिस ने पीड़ितों से अपील की है कि वे बिना डर के थाने में आएं और अपने साथ हुए अत्याचार के बारे में बताएं तभी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। इस मामले में एक कमेटी भी स्थापित की गई है, जिसका नेतृत्व आईपीएस स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।

नागपुर के पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि आरोपी सर्टिफाइड काउंसलर है और जगह जगह जाकर सेमिनार करता था। वह 12वीं पास कर लेने वालो बच्चों के लिए काउंसलिंग के लिए जगह भी उपलब्ध कराता था। वह लोगों से कहता था कि गांव में जाकर वह काउंसलिंग नहीं कर पाएगा, इसलिए वह छात्रों को शहर में बुलाता था। उसके खिलाफ विविध मामलों में जांच चल रही है।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि वो क्लिनिक चलाता था और मनोवैज्ञानिक परामर्श उपलब्ध कराता था। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मनोवैज्ञानिक और काउंसलर होने की वजह से इसने महिलाओं और लड़कियों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक मदद का वादा किया करता था। पुलिस ने इस शख्स के खिलाफ दर्ज किए गए तीसरे मामले में उसकी पत्नी को भी आरोपी बनाया है।
दिल्ली के स्कूलों में बार-बार बम होने की सूचना देने वाले का हुआ खुलासा, जांच के घेरे में NGO और एक पार्टी

डेस्क : दिल्ली पुलिस ने स्कूलों में बम होने की धमकी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर मधुप तिवारी ने बताया कि स्कूलों में लगातार बम होने की धमकी को लेकर मेल आ रहे थे। इन मेल्स को ट्रैक करने के लिए टीम बनाई गई थी। टेररिस्ट एक्टिविटी के एंगल से भी जांच की। VPN के इस्तेमाल की वजह से लीड नहीं मिल रही थी। लास्ट कॉल को ट्रैक किया तो एक बच्चे के बारे में पता चला।

स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इस बच्चे के लैपटॉप से जांच में पता चला कि इसी ने 400 स्कूलों को मेल भेजा था। जांच में पता चला कि बच्चे के अभिभावक एक NGO से जुड़े हैं और वो एक पॉलिटिकल पार्टी से भी जुड़े हैं। यह NGO अफजल गुरु को भी सपोर्ट करता है। यह NGO एक पार्टी को सोशल मीडिया पर सपोर्ट करती है। उन्होंने कहा कि अभी भी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। पैरेंट्स के रोल की जांच की जा रही है।

पुलिस को शक है कि अलग-अलग दिनों पर भेजी गई धमकियों के पीछे इसका हाथ है। मधुप तिवारी ने बताया कि ये मेल 12 फरवरी 2024 से आने शुरू हुए थे। इन मेल ले कारण स्कूल डिस्टर्ब हो रहे थे।  स्पेशल सीपी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि इन मेल्स को ट्रैक करने में काफी टेक्निकल दिक्कतें आ रही थी। 8 जनवरी 2025 को आयी मेल को हमने ट्रैक किया और एक बच्चे को हम पकड़ पाए।

मधुप तिवारी ने कहा कि इस बच्चे के फोन और लैपटॉप को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा तो पता चला कि इस बच्चे ने 400 से ज्यादा मेल भेजे। इस बच्चे के पिता एक NGO से जुड़े रहे हैं और ये NGO एक पॉलिटिकल पार्टी का हिमायती रहा है। हम जांच कर रहे है कि इस बच्चे के इस कृत्य के पीछे कोई राजनीतिक पार्टी का हाथ तो नहीं है, जो NGO के जरिए दिल्ली का माहौल खराब करना चाह रहे थे। ये NGO अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ भी मुखर था।
जम्मू के अखनूर में आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन, सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरा, तलाशी अभियान जारी

डेस्क : जम्मू-कश्मीर में अखनूर के जोगवान इलाके में सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है। ये ऑपरेशन लाइन ऑफ कंट्रोल के पास चल रहा है, जहां स्थानीय लोगों ने संदिग्ध आतंकवादियों की गतिविधियां देखी थीं। ठक्कर ब्रिज इलाका पहले से ही आतंकवादियों के लिए एक पुराने घुसपैठ मार्ग के रूप में जाना जाता है। इसी इलाके में अक्टूबर महीने में सुरक्षा बलों ने तीन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर किया था।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। ऑपरेशन अभी भी जारी है। सुरक्षा बल पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चला रहे हैं। हालांकि अभी तक संदिग्ध आतंकियों का सुराग नहीं मिल पाया है। माना जा रहा है कि चारों तरफ से घिरने के बाद आतंकी या तो फायरिंग करेंगे या फिर सरेंडर कर सकते हैं।

इससे पहले 12 जनवरी को अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास संदिग्ध आतंकी गतिविधियां देखे जाने के बाज सुरक्षा बलों ने ड्रोन और अन्य नवीनतम उपकरण तैनात किए थे। ग्रामीणों द्वारा जोगीवान वन क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद शनिवार को भट्टल क्षेत्र में सेना की विभिन्न इकाइयों द्वारा ऑपरेशन शुरू किया गया था। उन्हें संदेह था कि ये घुसपैठ करने वाले आतंकवादी थे।

अधिकारियों ने कहा कि अधिक क्षेत्र को कवर करने के लिए अधिक सैनिकों को तैनात कर तलाशी अभियान जारी है, हालांकि अभी तक संदिग्ध व्यक्तियों का कोई पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को साफ करने के लिए खोजी कुत्तों के अलावा ड्रोन और अन्य नवीनतम उपकरण तैनात किए हैं, जबकि पुलिस दल भी तलाशी अभियान में शामिल हो गए हैं।

पिछले साल 28 और 29 अक्टूबर को अखनूर सेक्टर में दो दिवसीय ऑपरेशन में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के तीन भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को मार गिराया गया था।
महाकुंभ 2025: मकर संक्रांति पर भारी संख्या में संगम तट पर पहुंचे श्रद्धालु, सुबह 8.30 बजे तक करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी

डेस्क: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज का दिन काफी अहम है। दरअसल मकर संक्रांति के अवसर पर आज अमृत स्नान का पहला दिया है। ऐसे में प्रयागराज में करोड़ों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। साथ ही संगम में नहाने के लिए साधु-संतों व भक्तों का तांता लगा हुआ है। सुबह 8.30 बजे तक संगम में करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने डुबकी लगाई है। मकर संक्रांति के मौके पर अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा अमिृत स्नान जारी है। बता दें कि साधु-संतों व अखाड़ों को महाकुंभ प्रशासन द्वारा महाकुंभ में अमृत स्नान करने के टाइमिंग की जानकारी साझा कर दी गई है ताकि एक-एक कर अखाड़े के साधु-संत महाकुंभ में स्नान कर सकें। बता दें कि इसी कड़ी में प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और ड्रोन से महाकुंभ क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। ड्रोन फुटेज भी हमारे पास मौजूद हैं, जिसमें देख सकते हैं कि कितनी भारी संख्या में श्रद्धालु अमृत स्नान करने के लिए संगम तट पर पहुंचे हैं।

बता दें कि दिन की शुरुआत से ही संगम पर भक्तों व श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। सुबह 8.30 बजे से अबतक करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई है। मकर संक्रांति के मौके पर अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा अमृत स्नान जारी है। मकर संक्राति संगम में सबसे पहली डुबकी नागा साधुओं ने लगाई। मकर संक्रांति पर सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने अमृत स्नान किया है। गौरतलब है कि पहला अमृत स्नान करने के कई मामये हैं। यह सोमवार को पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम क्षेत्र में पहले बड़े स्नान के एक दिन बाद हुआ है।

बता दें कि अमृत स्नान के दौरान 13 अखाड़ों के साधु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं। इसके बाद ही आम जनों को संगम में स्नान करने दिया जाता है। महाकुंभ मेले का मुख्य आकर्षण अमृत स्नान को ही माना जाता है। इसमें सबसे पहले स्नान का अवसर नागा साधुओं को दिया जाता है। इस मौके पर सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट भी किया। उन्होंने कहा, 'यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालु जनों का अभिनंदन!।'
एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पहुंचीं काशी विश्वनाथ मंदिर, नहीं मिली शिवलिंग छूने की अनुमति, जानें वजह

डेस्क: एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन इन दिनों भारत में हैं। वह महाकुंभ 2025 में शामिल होने के लिए यहां आई हैं। इस बीच शुक्रवार को वह काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंचीं। हालांकि, उन्हें मंदिर के अंदर शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसे में उन्होंने बाहर से ही प्रणाम किया। इस बारे में बात करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में गैर हिंदुओं को जाने की इजाजत नहीं है। इसी वजह से लॉरेन ने दूर से ही भगवान को प्रणाम किया।

स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि आचार्य महामंडलेश्वर और धर्मगुरु होने के नाते सनातन धर्म के नियमों का पालन कराना उनका कर्तव्य है। इसी वजह से उन्होंने लॉरेन को मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी।

लॉरेन पॉवेल दुनिया की सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हैं। वह महाकुंभ 2025 में कल्पवास करने के लिए आई हैं। इस दौरान वह साधु-संतों के साथ रहेंगी। उन्हीं की दिनचर्या का पालन करेंगी और भारतीय संस्कृति के बारे में जानेंगी। कल्पवास के लिए उन्हें कमला नाम दिया गया है। महाकुंभ 2025 में उन्हें एक साध्वी के भेष में देखा गया। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने महाकुंभ 2025 में अपने अखाड़े की 40 सदस्यीय टीम भेजी है। लॉरेन भी इसी टीम का हिस्सा हैं और टीम के सदस्यों के साथ ही कल्पवास करेंगी।

आध्यात्मिक गुरु कैलाशानंद गिरि ने बताया कि लॉरेन बहुत ही धार्मिक और आध्यात्मिक हैं। वह भारतीय परंपराओं के बारे में जानना चाहती हैं। उन्होंने कहा "वह एक गुरु और पिता के रूप में मुझे सम्मान देती हैं। हर कोई उनसे सीख सकता है। दुनिया भारतीय परंपराओं को स्वीकार रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर में उनके दौरे को लेकर कोई विवाद नहीं है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं। मैं एक आचार्य हूं और परंपराओं और मूल सिद्धांतों का पालन  कराना मेरा काम है। वह मेरी बेटी हैं।"
जापान में भूकंप से कांप गई धरती, 6.9 रही तीव्रता; जारी की गई सुनामी की चेतावनी

डेस्क: जापान में भूकंप के झटकों धरती कांप गई है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी का कहना है कि जापान के क्यूशू में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के बाद तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है। अभी तक इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान या लोगों के हताहत की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। भूकंप का केंद्र मियाजाकी प्रांत में था।

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, सुनामी की लहरें एक मीटर तक ऊंची उठ सकती हैं। भूकंप रात को 9 बजकर 19 मिनट (जापान के समय के अनुसार) पर आया और इसके तुरंत बाद मियाजाकी प्रांत के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई। प्रशांत बेसिन में ज्वालामुखियों के आर्क, रिंग ऑफ फायर और फॉल्ट लाइन के किनारे स्थित होने के कारण जापान अक्सर भूकंप की चपेट में रहता है। इससे पहले बीते साल नवंबर के महीने में भी जापान के उत्तर-मध्य क्षेत्र नोटो में भूकंप के जबरदस्त  झटके महसूस किए गए थे।

जापान में 2004 में आए भयानक भूकंप के बाद सुनामी आई थी। इस सुनामी ने जापान को इतना दर्द दिया, जिसे लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं। 26 दिसंबर, 2004 को भूकंप के बाद आई सुनामी के कारण जापान में हजारों लोगों की मौत हो गई थी।

गौरतलब है कि, बीते सप्ताह मंगलवार को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगात्से के डिंगरी काउंटी में आए भूकंप में कम से कम 126 लोग मारे गए थे और 188 घायल हुए हैं। भूकंप के झटके उत्तर-पूर्वी नेपाल से लेकर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए थे। इस विनाशकारी भूकंप के बाद कड़ाके की ठंड के बीच बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं।