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*परीक्षा पे चर्चा : भदोही में रिकार्ड पंजीकरण, पूर्वांचल में अव्वल*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। प्रधानमंत्री के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कालीन नगरी के विद्यार्थी, शिक्षक उत्सुक हैं। यही कारण है कि इस बार जिले में रिकाॅर्ड विद्यार्थियों और शिक्षकों ने पंजीकरण किया है। 87235 लक्ष्य के सापेक्ष 98951 लोगों ने पंजीकरण किया है, जो जिले में यूपी बोर्ड, आईसीएसई, सीबीएसई, मदरसा, बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध करीब एक हजार से अधिक विद्यालय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के नौवें संस्करण का आयोजन नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में प्रस्तावित है।कार्यक्रम में छठवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षक भाग लेंगे। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया 14 दिसंबर से 14 जनवरी तक चली। भदोही पूर्वांचल में अव्वल हो गया। जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि स्कूलों के प्रयास से इस बार पंजीकरण काफी बेहतर रहा। पूर्वांचल के सभी जिलों से भदोही आगे है। इससे टाप-20 में शामिल होने में सफल रहा। सोनभद्र 27वें और शेष अन्य जिले 40 से 50वें स्थान पर हैं। *बहुविकल्पीय प्रतियोगिता के बाद होगा चयन* परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं को इनोवेट इंडिया डाॅट माईजीओवी डाॅट इन डैश पीपीसी-2025 पर ऑनलाइन बहुविकल्पीय प्रश्न प्रतियोगिता कराई जाएगी। विजेता को विशेष रूप से डिजाइन किया हुआ प्रशंसा प्रमाण पत्र और विशेष ‘परीक्षा पे चर्चा’ किट भी मिलेगी। विजेताओं में से कुछ छात्रों को सीधे प्रधानमंत्री के साथ संवाद और उनसे सवाल पूछने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, विजेताओं को पीएम के साथ उनकी ऑटोग्राफ वाली तस्वीर की डिजिटल स्मारिका भी दी जाएगी।
*सपा विधायक जाहिद को बड़ी राहत : दोबारा होगी केस की विवेचना, नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने का है मामला*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भदोही के सपा विधायक जाहिद जमाल बेग को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने नौकरानी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दर्ज मुकदमे की दोबारा विवेचना किये जाने का आदेश दिया है।पुलिस की विवेचना से संतुष्ट न होने पर एमपीएमएल साधना गिरी की अदालत ने मामले की पुन: विवेचना कर पुलिस को 21 जनवरी तक पत्रावली पेश करने का निर्देश दिया है।भदोही के सपा विधायक जाहिद जमाल बेग के मालिकाना मोहल्ले स्थित आवास की तीसरी मंजिल पर आठ सितंबर को नौकरानी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। मामले में पुलिस ने विधायक के साथ उनकी पत्नी सीमा बेग और बेटे जईम बेग के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी जैसे मामले दर्ज किये। आत्महत्या करने वाली नौकरानी की मां ने कोर्ट में वाद दाखिल कर पड़ोसी अभिषेक सरोज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि वह उनकी बेटी को प्रेमजाल में फंसाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और उसका वीडियो भी बना लिया। पीड़िता ने मामले में आरोपी अभिषेक सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 अक्तूबर को विधायक पर दर्ज आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमे के साथ इस मामले की विवेचना भी एक साथ करने का निर्देश दिया। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में न तो आत्महत्या करने वाली नौकरानी के पिता का बयान दर्ज कराया और न ही उसकी मां का। इसके अलावा आरोपी अभिषेक सरोज का बयान भी मजिस्ट्रेट के सामने नहीं कराया गया। नौकरानी की मां और पिता ने अपने शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल किया।
*पीएचसी से बरियल पीड गायब, बाॅयोवेस्ट निस्तारण के इंतजाम नहीं 17 पीएचसी 183 हेल्थ सेंटर से हर माह निकालता है 210 क्विंटल बाॅयोवेस्ट*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले के 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 183 उप स्वास्थ्य केंद्रों से हर महीने करीब 210 किलो बायो मेडिकल वेस्ट ( अस्पताल का कचरा) निकलता है। इसके निस्तारण को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं है। खास बात है कि दो साल पहले पीएचसी पर बाॅयोवेस्ट के निस्तारण को बना बरियल पीड ( गड्ढा) भी अस्तित्व में कहीं नहीं बचा है। इससे पीएचसी के कचरे को निस्तारण को लेकर बड़ी समस्या देखने को मिल रही है। जिले के बड़े अस्पतालों के साथ सीएचसी पर कचरे के निस्तारण के लिए वाराणसी की एजेंसी नामित है। ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर 17 पीएचसी संचालित है। जहां औसतन एक पीएचसी 150 की ओपीडी हर दिन होती है।‌ इस लिहाज से हर दिन 2550 की ओपीडी होती है।‌ आंकड़ों के लिहाज देखा जाए तो एक पीएचसी पर हर महीने पीएचसी और हेल्थ सेंटरों को मिलाकर 210 कचरा निकलता है। खुले में मेडिकल वेस्ट डंप करने से तमाम तरह के इंफेक्शन फैलने का डर रहता है।‌ खासकर उपयोग किए गए इंजेक्शन के नीडल से है। इसके निस्तारण के लिए करीब दो साल पहले पीएचसी पर बरियल पीड बनाए गया था। लेकिन वहीं भी जमींदोज हो चुका है। पीएचसी पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को पता नहीं है कि बरियल पीड कहां बना है। ऐसे में इन बाॅयों वेस्ट का निस्तारण करना एक बड़ी समस्या है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसके निस्तारण का दावा तो कर रहा है लेकिन यह कैसे होता है। इसको लेकर रोडमैप नहीं है। पीएचसी पर बरियल पीड बनाया गया है। जिसमें अस्पताल कचरा डंप होता है। वहीं नामित संस्था की सीएचसी से इन्हें कलेक्ट करती है। इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था की है। डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही
*वंदे भारत की चपेट में आई किशोरी, मौत भदोही में रेलवे ट्रैक पार करते समय हादसा,छह बहनों में चौथी नंबर पर थी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के कौलापुर गांव निवासी 14 वर्षीय किशोरी का आज शाम ट्रेन से कटकर मौत हो गई। मौत की सूचना मिलते ही घर परिवार में कोहराम मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस कार्यवाही में जुट गई। बताया जाता है कि किशोरी शौच के लिए गई थी की ट्रेन के चपेट में आ गई।गोपीगंज कोतवाली क्षेत्र के कौलापुर गांव निवासी दिनेश हरिजन की पुत्री नीलू 14 वर्ष गुरुवार की शाम शौच करने गई थी। घर लौटते समय रेलवे पटरी का क्रॉस कर रही थी कि बंदे भारत ट्रेन के चपेट में आने से मौत हो गई । मौत की सूचना मिलने पर घर परिवार में कोहराम मच गया। मृतका की मां बेहोश होकर गिर पड़ी। जिसे संभालने में आसपास के लोग लग रहे। मृतका छ बहनों में चौथे नंबर पर थी। एक भाई है जिनका रो-रोकर बुरा हाल हुआ है। पिता मजदूरी का काम करता है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची गोपीगंज थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया एवं आगे की कार्रवाई में जुट गई।
*तुलसीदास जी ने भी किया था सीतामढ़ी का जिक्र* *त्रेता युग कालीन इतिहास को खुद में समेटे है सीतामढ़ी मंदिर*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌जिले का एक मात्र पर्यटन स्थल सीता समाहित स्थल है। वह त्रेता युग कालीन इतिहास व वर्णनों का गवाह है। जिसका उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास जी ने पांच सौ साल पहले अपनी रचना कवितावली में किया है। महर्षि वाल्मीकि का यहीं पर आश्रम था‌। रामायण की रचना, लवकुश कुमार का जन्म व धरती में सीता माता के समाहित होने का इतिहास का मंदिर व गवाह है। सीतामढ़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि देश का एकलौता सीता समाहित स्थल तथा सीतामढ़ी है। जिसका उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना कवितावली के पद संख्या 138,139, व 140 में किया है।प्रभु श्रीराम के परित्याग के बाद माता सीता ने यहां पर वर्षों तक निवास किया था। महर्षि वाल्मीकि आश्रम में लवकुश कुमारों का जन्म, लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा हुई थी। यहां पर दर्शन - पूजन करने वालों को असीम शांति व सुख की अनुभूति होती है। महर्षि वाल्मीकि आश्रम के पास अक्षयवट वृक्ष रोपा गया था। वर्तमान में सीतावट के नाम से जाना जाता है। उसे जिले के वन विभाग ने संरक्षित वृक्ष घोषित किया है। इसी तरह सीता समाहित स्थल में प्राकृतिक जलाशय के आसपास सीता केश वाटिका है। मान्यता है कि सीता केश की पूजा करने से विवाहिताओं को अखंड सुहागिन होने का लाभ मिलेता है। यह विशेष प्रकार की घास केवल सीतामढ़ी में ही पाई जाती है। उधर, मन्दिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की नवमी को लवकुश कुमारों का जन्म दिन मनाया जाता है। नवमी व दशमी तिथि को मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है। इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर जिला प्रशासन भी पर्यटक बनाने के कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। श्रद्धालु भी खूब आ रहे हैं।
*आठ विवाह के आयोजन,35 फीसदी भी नहीं पहुंची संख्या* *बलिया की घटना के बाद सख्ती से आवेदनों की संख्या में आई कमी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर लोगों की दिलचस्पी कम होती जा रही है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में अब मात्र ढाई महीने शेष हैं, लेकिन 831 के सापेक्ष अब तक 296 गरीब बेटियों के हाथ पीले हो सके हैं। यह संख्या लक्ष्य की 35 फीसदी भी नहीं है। ऐसे में मार्च तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना एक चुनौती है।गरीब बेटियों की शादी के लिए सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन कराती है। इसमें प्रति जोड़ों पर 51 हजार खर्च होता है। हर साल इसके लिए शादी का एक लक्ष्य तय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले में 831 शादियों का लक्ष्य शासन ने तय किया, लेकिन धीरे-धीरे आठ से नौ महीने खत्म हो गए, लेकिन समाज कल्याण विभाग लक्ष्य से कोसों दूर है।इसके पीछे बलिया की घटना को माना जा रहा है। बलिया में व्यापक स्तर पर मिली धांधली के बाद शासन ने सख्ती शुरू कर दी। सितंबर में सिर्फ 46 जोड़ों का विवाह हुआ। 19 अक्तूबर को 43 और 25 नवंबर को भी सिर्फ 100 शादियां हो सकी। दिसंबर में भी 40 के करीब जोड़े एक दूजे के हुए। अब खरमास खत्म होने पर 23 जनवरी को एक बार फिर विवाह का आयोजन किया गया है। समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 296 शादियां हो सकी है। समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि 23 जनवरी की शादी में संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मार्च तक दो से तीन बार कार्यक्रम कराए जाएंगे।
*पशु चोर गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार:, भदोही में चोरी की भैंस बेचकर आपस में बांटे 47 हजार, जरुरत के लिए खर्च किए*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।भदोही पुलिस ने पशु चोरी के एक बड़े मामले में सफलता हासिल करते हुए तीन शातिर चौरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास‌ चोरी भैंस की बिक्री से मिले 47,500 रुपए, एक बिना नंबर की पिक‌अप और तीन एंड्रॉयड मोबाइल बरामद किए गए हैं। मामला 12 जनवरी का है, जब नगुना गांव के सुशील यादव ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके घर के पास टीनशेड में बंधी दो भैंसे हो गई है। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू की‌। एसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने वरुणा नदी पुल याकूबपुर मार्ग पर वाहनों की चेकिंग के दौरान तीनों आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों में भदोही कोतवाली क्षेत्र के पिपरीस रामेश्वरपुर निवासी आशीष पाल, मुंशी बनियापुर निवासी शिवम् यादव और जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के सराय वैध निवासी सुरेश यादव शामिल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी की भैंसों को पिक‌अप में लादकर अयोध्या के जुमैरगंज में बेच दिया था। बिक्री से मिले पैसों को आपस में बांट लिया और अपनी आर्थिक जरुरतों के लिए खर्च कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अश्वनी त्रिपाठी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक वीरबहादुर चौधरी, बृजेश कुमार राय, मुख्य आरक्षी बृजेश कुमार, धनश्याम पांडेय, रुपचंद और आरक्षी श्रीराम सरोज की टीम ने यह कार्रवाई की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा -317 ( 4) बीएन‌एस के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।
*बिना हेलमेट के नहीं मिलेगा पेट्रोल, 26 से लागू होगा आदेश* *पंप संचालकों को होर्डिंग लगवाने और सीसीटीवी चालू रखने के निर्देश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।सड़क सुरक्षा में सुधार को लेकर पूरे प्रदेश में नो हेलमेट-नो फ्यूल की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत पंपों पर बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। नई व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए डीएम विशाल सिंह ने पेट्रोल पंप संचालकों को पत्र भेजा है। इसको 26 जनवरी से प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। ऐसा न करने वालों पर सख्ती की जाएगी।सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि रोकने के लिए शासन गंभीर है। अधिकतर हादसों में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों की जान अधिक जाती है। यातायात नियमों का पालन करने के लिए हर साल सड़क सुरक्षा पखवारा और सड़क सुरक्षा माह का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाता है।केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से मोटर अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है। शासन की सख्ती के बाद अब जिले में इसको कड़ाई से लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। जिले में बिना हेलमेट के पेट्रोल न देने का आदेश जारी कर दिया गया।डीएम विशाल सिंह ने जिले के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया है कि 26 जनवरी से नो हेलमेट, नो पेट्रोल नियम सख्ती से लागू किया जाए। डीएम ने लोगों से अपील की है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। 26 जनवरी से किसी भी ऐसे दो पहिया वाहन चालक को पेट्रोल का विक्रय नहीं किया जाएगा, जिसके चालक और सहयात्री ने हेलमेट नहीं पहना हो। इसके अलावा पेट्रोल पंप परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा को क्रियाशील रखने का निर्देश दिया।
*छह बीईओ समेत 150 विद्यालय के शिक्षकों का रोका वेतन* *25 से 30 विद्यालयों ने आधार की नहीं कराई सीडिंग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कड़ाके की ठंड के बाद भी बच्चों की डीबीटी को लेकर लापरवाही बरतने पर सख्ती शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह खंड शिक्षा अधिकारियों संग 150 विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। स्पष्टीकरण देने तक किसी का वेतन बहाल नहीं किया जाएगा। हर ब्लॉक में 25 से 30 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी आधार सीडिंग लंबित है।जिले में कुल 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक लाख 47 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों के यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर के लिए सरकार हर साल 1200 रुपये प्रति छात्र देती है। अप्रैल में नया शिक्षा सत्र होने के बाद ही आधार सीडिंग पूर्ण होने पर यह धनराशि चरणवार तरीके से भेजी जाती है।अब तक एक लाख 40 हजार से अधिक बच्चों को यह रकम मिल गई है, लेकिन शिक्षकों की उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को यह पैसा नहीं मिल सका। इससे वह या तो पुराने स्वेटर पहनकर विद्यालय आते हैं या बिना स्वेटर को आने के लिए विवश होते हैं। स्कूल महानिदेशक की सख्त हिदायत के बाद विभागीय स्तर से भी कड़ाई शुरू कर दी गई।बीएसए ने मामले में उदासीन रहने पर खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानपुर, सुरियावां, भदोही, औराई, अभोली और डीघ का वेतन रोक दिया। विभागीय कार्रवाई के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी लापरवाही बरतने वाले 150 विद्यालय के सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दिया है। भदोही ब्लॉक में 27, सुरियावां में 30, औराई में 35, अभोली में 20, ज्ञानपुर में 28, डीघ में 32 विद्यालय ऐसे हैं जहां के बच्चों की शत प्रतिशत डीबीटी नहीं हो सकी है। वेतन रोकने के बाद सभी को अल्टीमेटम दिया गया है कि जब तक वह काम पूर्ण कर स्पष्टीकरण नहीं देंगे तब तक वेतन बहाल नहीं किया जाएगा।


डीबीटी की आधार सीडिंग न होने से बच्चों को यूनिफाॅर्म और स्वेटर का पैसा नहीं मिल सका है। इसको लेकर छह बीईओ और 150 से अधिक विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोका गया है। स्पष्टीकरण देने पर वेतन बहाल किया जाएगा। - भूपेंद्र नाराण सिंह, बीएसए
*25 नोटिस वापस,10 ने क्लीनिक नहीं चलाने का दिया जवाब* *178 क्लीनिक संचालकों को सीएमओ ने जारी किया था नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में झोलाछाप के खिलाफ नोटिस होते ही विभागीय खेल शुरू हो चुका है। विभाग में तैनात कर्मियों के इशारे पर नोटिस लौटने लगी है। विभाग की ओर से जारी 178 नोटिस में 25 नोटिस लौटी है। जिसमें बताया गया है कि इनका पता गलत हो गया है। वहीं 10 संचालकों ने क्लीनिक नहीं चलाने का हवाला देते हुए नोटिस का जवाब दिया है।जिले में झोलाछाप क्लीनिक संचालकों पर लगाम लगाने के लिए सीएमओ डॉ. एसके चक ने करीब एक माह पहले 178 झोलाछाप क्लीनिक संचालकों के खिलाफ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था। 20 दिन बीतने के बाद भी कई ने की ओर से जवाब नहीं आया है और वे विभागीय कार्रवाई से बचने की जुगत में लगे हुए हैं।सीएमओ कार्यालय के कर्मियों के इशारे पर वे तरह-तरह के जुगत लगाकर कार्रवाई से बचने की फिराक में है। जिससे सीएमओ इनपर नकेल कसने को लेकर की जा रही कार्रवाई अभी तक बेअसर रही है। 25 नोटिस वापस होने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि इनका पता गलत अंकित हो गया था। सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से सभी क्लीनिकों का पता पहले से था तो उसमें पता गलत कैसे हो सकता है। बताया जा रहा है कि सीएमओ कार्यालय के कर्मी ही उन्हें ऐसी सलाह दे रहे हैं। ये सब क्लीनिक संचालक नोटिस रिसीव नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा 10 ने जवाब दिया है कि हम क्लीनिक नहीं चलाएंगे, संचालित मिलने पर विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है। बीते दिसंबर महीने में गोपीगंज क्षेत्र में एक क्लीनिक संचालक की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग के टीम का हाथ खाली रह गया। वहीं 178 के खिलाफ नोटिस जारी की थी। सीएचसी अधीक्षक के पास रहता है क्लीनिक का‌ डाटा भले ही नीम हकीम का रिकॉर्ड सीएमओ कार्यालय में न हो, लेकिन सीएचसी अधीक्षक के खाका में सारे क्लीनिक, मेडिकल स्टोर संचालक डाटा रहता है। किसी भी क्षेत्र में बिना इनके इसारे पर एक भी क्लीनिक संचालित करने लोहे के चना फोरने जैसा है। 178 को नोटिस जारी किया गया था। गलत पता होने के कारण अभी तक 25 नीम हकीम की नोटिस वापस आई है। 10 का जवाब आया है कि हम क्लीनिक संचालन नहीं करेंगे। ऐसे में लोगों पर विभाग की पैनी नजर है। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही