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*मकर संक्रांति पर गंगा में लगी आस्था की डूबकी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर मां गंगा के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। अल सुबह से ही हर-हर गंगे, नमामि गंगे, नमामि माते के जयघोष से माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद अन्न, वस्त्र, द्रव्य का दान कर पुण्य का लाभ कमाया।

जनपद के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नानार्थियों की काफी भीड़ देखी गई। जनपद के गंगा घाटों पर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद दिखे।इसके पुण्य काल पर स्नान व दान दोनों का महत्व होता है। संक्रांति के दिन गंगा में स्नान से रोगों का नाश होता है। वहीं दान पुण्य से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शास्त्र में यह भी उल्लेख मिलता है कि संक्रांति के पुण्य काल में रोग नाश एवं लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए पंचगव्य से भगवान सूर्य, विपत्ति-शत्रु नाश के लिए तिल गुण से भगवान शिव, यश-प्रतिष्ठा विद्या प्राप्ति के लिए वस्त्र से देव गुरु बृहस्पति का पूजन करना चाहिए। तीर्थादि में स्नान एवं पूजनोपरांत दान का भी अपूर्व महत्व है। दान लेने वाले पुरोहित जन को भी समाज के दूसरे जन (निर्धन, वृद्ध, दिव्यांग) को दान देने का विधान है।

तिल तेल व दीपदान मानव जीवन को सुखी एवं प्रकाशमान बनाता है। इस दिन दही-चूड़ा व खिचड़ी खाने की लोकप्रथा प्राचीन है। शास्त्रों में उल्लेख प्राप्त होता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी में प्रयुक्त होने वाला चावल का संबंध चंद्रमा से, उड़द दाल का शनिदेव से, हल्दी का भी बृहस्पति से, हरी सब्जियों का बुधदेव से, घी का सूर्य देव से है। फलत: इन वस्तुओं का दान एवं सेवन संबंधित देवों को प्रसन्न करने के लिए पुण्यदायक व आरोग्य वर्धक है। अध्यात्म प्रधान भारत में सनातन पर्व इसीलिए जीवित है कि निर्धनों, दिव्यांगों, दीन-दुखियों का पेट भरते हुए आस्तिकों के मुक्ति द्वार को प्रशस्त करता है।

अतः संपूर्ण पुण्य प्राप्ति के लिए शास्त्र विहित विधि-विधान के अनुसार तत्कालीन प्रकृति से प्राप्त सामग्रियों का अवश्य दान करना चाहिए। कोई भी दानविहीन धार्मिक कृत्य निष्फल एवं मृत माना जाता है। धार्मिक कृत्य एवं दान दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है। इस प्रकार यह मकर संक्रांति दान के माध्यम से मानव सेवा का शाश्वत संदेश देती है।

पांच साल पूर्व बवाल आरोपियों पर फिर नजर,2019 में जवानों पर हुई थी पत्थरबाजी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर में वर्ष 2019 में हुए बवाल में एक बार फिर आरोपियों पर पुलिस की नजर है। नवागत एसपी के निर्देश पर खुफिया विभाग फिर सक्रिय हो गया है।

मामले में पुलिस उनके बारे में जानकारियां तथा डिलेट एकत्रित करना शुरू कर दी है। 20 दिसंबर 2019 को नागरिकता कानून संशोधन के खिलाफ शहर में जुलूस निकाला था। उसके बाद भीड़ ने पुलिस पर पत्थर बरसाए थे। जिसमें सात जवान घायल हुए थे।

जबकि करीब एक दर्जन बाइक और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। मामले में पुलिस ने 27 नामजद और दो सौ अज्ञात पर केस किया था। उस दौरान पुलिस को शहर में शांति कायम करने में करीब एक माह तक का समय लगा था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। अब पुलिस फिर इस पर नजर बनाई है। नवागत एसपी ने मातहतों को चेताया है कि बवाल के दौरान शामिल होने वाले आरोपीयों की आज के समय की गतिविधि पर नजर रखी जाए।

गंगा किनारे सेमराध घाट पर रेत में साधना में लीन होंगे कल्पवासी

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। काशी, प्रयाग, विन्ध्याचल के मध्य गंगा किनारे सेमराध घाट पर रेत पर खुले आसमान के नीचे तंबुओं के आशियाने तैयार हो गए हैं।

गंगा की रेती पर कल्पवासी एक महीने तक आस्था की डुबकी लगाएंगे। सुरक्षा, स्वास्थ्य के लिहाज से जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमा की ओर से भी विशेष तैयारियां की गई हैं।जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी सेमराध नाथ धाम है। धाम से 300 मीटर दक्षिण की ओर पतित पावनी मां गंगा की अविरल धारा कलकल कर बहती है। इसी के किनारे बालुओं की रेत पर तंबू की नगरी बस गई है। कल्पवास मेले की पहली डुबकी श्रद्धालु मंगलवार को लगाएंगे।आज से ही कल्पवासी साधना स्थली पहुंच चुके हैं।

कल्पवासी महिलाएं, पुरुष या उनके परिजन टेंट में अपने-अपने सामान सुरक्षित रखे। कल्पवासी एक महीने तक कल्पवास मेले में रहेंगे। इस दौरान सुबह नियमित गंगा स्नान ध्यान लीन रहेंगे। सेमराध नाथ कल्पवास मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम है। श्रद्धालुओं के लिए टेंट, लाइटिंग व चकर प्लेट बिछा दिए गए हैं। इसके अलावा 12 पुलिसकर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। वहीं सेमराध स्वास्थ्य केन्द्र पर की स्वास्थ्य टीम भी 24 घंटे मुस्तैद रहेंगी। इसके अलावा एक एबुलेंस 24 घंटे मेला स्थल पर रहेगी।माघ मेला के उत्तराधिकारी महंत करुणा शंकर दास ने बताया कि प्रथम स्थान यानी कल 14 जनवरी मकर संक्रांति को होगा। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या,03 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान होगा। बताया कि स्नान पर्वों पर भक्तों की सुविधा को देखते हुए व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा को लेकर भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि 30 वें साल प्रवेश किया है। प्रयागराज, नासिक समेत देश में पांच स्थानों पर माघ में कल्पवास लगता है। उसी में सेमराधनाथ भी शामिल हैं।

*हरिहरनाथ मंदिर में मनाया गया भगवान राम के प्रतिष्ठा का द्वादश समारोह, लोगों ने किए दर्शन पूजन*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- जिले में शनिवार को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा का द्वादश समारोह धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। जिसके क्रम में जिले के हरिहरनाथ मंदिर , बाबा बड़े शिव मंदिर, पांडवानाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों पर श्रद्धालु अयोध्या में विराजमान भगवान श्री राम के प्रतिष्ठा का द्वादश समारोह मनाया। इस दौरान काफी संख्या में लोग भगवान राम का विधि विधान से पूजन दर्शन किया।

शनिवार को प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में भगवान राम के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का द्वादश समारोह मना रहे हैं। इस क्रम में जिले में भी जगह-जगह भगवान राम का द्वादश समारोह मनाया गया। ज्ञानपुर नगर के सिद्ध पीठ बाबा हरिहरनाथ मंदिर में विराजमान भगवान राम के मूर्ति पर लोगों ने विधि विधान से पूजन अर्चन किया। इस दौरान मंदिर परिसर में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया। जहां पर भजन और कीर्तन के माध्यम से भगवान राम के महिमा का गुणगान किया गया।

इस अवसर पर ब्रह्मजीत शुक्ला ने कहा कि कहा कि आज के ही दिन अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा हुआ था। हम सभी लोग भगवान श्री राम के अनन्य भक्त है। हम सभी लोगों के भगवान राम आदर्श हैं। भगवान राम के ही मार्ग पर चलकर देश विदेश में भाईचारा का स्थापना किया जा सकता है भजन गायक अलोक तिवारी, आनंद दुबे व संदीप तिवारी द्वारा, सुन्दर कांड, पाठ से पूरा नगर भक्ति मे हो गया. पूजन कार्य मे प्रमुख रूप से शशिकांत मिश्रा, रामेश्वर उपाध्याय, गिरिजा शंकर तिवारी कल्लू, विकास नारायण सिंह, साधु पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव, सरबजीत. सुरेंद्र पाण्डेय, शेवेश पाण्डेय शामिल रहे. पुजारी सोनू पंडित द्वारा पूजन आरती किया गया. ब्रह्म जीत शुक्ला ने भजन गायकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

*हाईवे के तीन थानों और टोल प्लाजा पर 24 घंटे एंबुलेंस सेवा, कुभ को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतर होगी व्यवस्था*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- प्रयागराज में 12 साल बाद लगने वाले महाकुंभ की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ में है। स्वास्थ्य यातायात और सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं रोजाना परखी जा रही है। हाईवे के तीन थाना समेत कुल पांच स्थानों पर एक - एक एंबुलेंस 24 घंटे खड़ी रहेंगी। श्रद्धालुओं के प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस में दवाए भी उपलब्ध होंगी। हाइवे के तीन थानों औराई, गोपीगंज, ऊंज समेत लालानगर टोल प्लाजा, जंगीगंज कस्बा यानी पांच स्थानों पर महाकुंभ के दौरान 24 घंटे एंबुलेंस खड़ी रहेंगी। घायल होने पर सीधे मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचेगी। जहां तैनात चिकित्सक मरीज का त्वरित उपचार करेंगे। 82 किमी लंबी वाराणसी - प्रयागराज हाईवे का 46 किलोमीटर भदोही से होकर गुजरा है।

महाकुंभ को देखते हुए हाईवे पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में अधिकारी कर्मचारी भी जान से जुटे हैं। हाईवे से रोजाना हजारों की संख्या में राहगीरों का आवागमन होता है, लेकिन महाकुंभ के दौरान यह संख्या आठ से 10 गुना बढ़ जाएंगी। पूर्वांचल के क‌ई जिलों रहवासी महाकुंभ में स्नान करने इसी मार्ग से जाते हैं। जैसे वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली, सोनभद्र आदि के अलावा बिहार कोलकात्ता बंगाल के अधिकांश श्रद्धालु इसी मार्ग से संगम की नगरी प्रयागराज पहुंचेंगे और गंगा जी में पुण्य की डूबकी लगाएंगे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसे लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। हाईवे के दोनों बाॅर्डर पर बैरिकेडिंग किया गया है। जांच के बाद ही लोगों को एंट्री मिलेगी।

हाईवे के तीन थानों सहित टोल प्लाजा, जंगीगंज कस्बा के पास महाकुंभ के दौरान एक - एक एंबुलेंस खड़ी रहेंगी। निजी और सरकारी मिलाकर 24 अस्पताल पहले से ही चयनित किए गए। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

*भदोही के ACMO होंगे निलंबित: डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव को दिया आदेश, अभद्र भाषा और अनुशासनहीनता का आरोप* *रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव*

भदोही- अनुशासनहीनता व उच्च अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करना भदोही के अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को महंगा पड़ा। वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच कराई। जांच में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी पर लगे आरोप सही मिले। डिप्टी सीएम ने आरोपी चिकित्साधिकारी को निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।भदोही में एसीएमओ डॉ. विवेक प्रकाश श्रीवास्तव जिला क्षय रोग अधिकारी पद की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

डॉ. विवेक का वीडियो हा था वायरल

बीते दिनों डॉ. विवेक का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिसमें उन्हें उच्चाधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए दिखाया गया। आरोप है कि विभाग की छवि धूमिल करने के इरादे से वीडियो वायरल किया गया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने वायरल वीडियो का संज्ञान लिया। डॉ. विवेक द्वारा उच्च अधिकारियों एवं विभाग पर लगाये गये कतिपय गम्भीर आरोपों की जाँच कराई गई। इसकी जिम्मेदारी मिर्जापुर के विन्ध्याचल मण्डल में अपर निदेशक को सौंपी गई। एक सप्ताह में जांच आख्या सौपने के आदेश दिए गए। जांच में पाया गया कि वीडियो जानबूझ कर डॉ. विवेक ने बनाकर वायरल किया। ताकि स्वास्थ्य विभाग को बदनाम किया जा सके। डॉ. विवेक अपने कर्तव्य एवं दायित्वों का निर्वहन न करते हुए 23 अक्तूबर 2024 को प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, जनपद-भदोही की अनुश्रवण समिति की बैठक में भी नहीं गए। लगातार उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की।

विभागीय कार्रवाई के आदेश

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तथ्यों को परखने के बाद डॉ. विवेक प्रकाश श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को दिए हैं। प्रमुख सचिव ने डॉ. विवेक को निलम्बित किये जाने के आदेश निर्गत किये जाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

स्पष्टीकरण किया तलब

भदोही में अल्ट्रासाउण्ड के रजिस्ट्रेशन में लापरवाही उजागर हुई है। डिप्टी सीएम ने मुख्य चिकित्साधिकारी से अल्ट्रासाउण्ड के रजिस्ट्रेशन में शिथिलता बरतने के आरोप में स्पष्टीकरण तलब किया है।

*महाकुंभ में 144 साल बाद दुर्लभ ग्रह संयोग, जानिए कैसे ‘देवताओं की भूल’ ने रचा महापर्व?*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही. महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में आस्था और परंपरा का सबसे बड़ा प्रतीक है। यह मेला चार पवित्र स्थलों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन - में से किसी एक पर आयोजित होता है। लेकिन इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि 144 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय स्थिति बन रही है। यह संयोग उस कहानी से जुड़ा है जिसे हिंदू धर्म में देवता की एक गलती के रुप में देखा जाता है।

महाकुंभ का पौराणिक महत्व समुद्र मंथन की घटना से जुड़ा है। जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। कथा के अनुसार,जब अमृत कलश को लेकर देवता भाग रहे थे,तब इंद्र के पुत्र जयंत ने इसे बचाने के लिए चारों स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन पर इसकी बूंदें गिरा दी। यह देवताओं की रणनीतिक गलती मानी जाती है क्योंकि इससे अमृत का महत्व इन स्थानों पर केंद्रित हो गया। इन स्थानों को पवित्र मानते हुए कुंभ मेले की परंपरा की शुरुआत हुई। 144 साल बाद 2025 में यह मेला इसलिए भी खास है क्योंकि सूर्य, चंद्रमा,शनि और बृहस्पति ग्रहों की स्थिति उस खगोलीय संयोग को दोहराने जा रही है जो अमृत मंथन के समय बना था।

आचार्यों का मानना है कि यह स्थिति बेहद शुभ मानी जाती है और इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने के लिए जहां जुटते हैं।इस बार महाकुंभ में बाबा बड़े शिव धाम के प्रसिद्ध आचार्य शरद पांडेय भी महायज्ञ में आहूति देंगे एवं साधना करेंगे। शाही स्नान करके विश्वास के कल्याण के लिए कामना करेंगे।

इतिहास में भी कुंभ मेले का गहरा महत्व देखने को मिलता है। 7‌ वीं शताब्दी के चीनी यात्री ह्नेनसांग ने अपने यात्रा वृत्तांतों में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर आयोजित एक विशाल धार्मिक आयोजन का जिक्र किया था,जो कुंभ मेले से मेल खाता है ‌ तब लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल होकर पवित्र जल में स्थान करते थे। कुंभ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी है। खगोलीय संयोग के दौरान पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बढ़ोतरी होती है जो मानव शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यही कारण है कि कुंभ मेले को आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि भौतिक दृष्टि से भी लाभकारी माना जाता है।

आधुनिक समय में भी यह आयोजन उस गलती को श्रद्धा के रुप में मनाने का प्रतीक है, जो देवताओं द्वारा अनजाने में हुई थी और जिसने इन चार स्थानों को अनंतकाल के लिए पवित्र बन दिया। इस महाकुंभ में देवता की गलती का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि यह आस्था,परंपरा खगोल विज्ञान और इतिहास का ऐसा संगम है, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर को न‌ई ऊंचाइयों पर ले जाता है।

*प्रधानाचार्य हत्याकांड का आखिरी शूटर गिरफ्तार: 50 हजार का इनामी है आमिर*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य हत्याकांड में जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। घटना में शामिल 50 हजार के इनामी शूटर आमिर को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीम ट्रांजिस्ट रिमांड पर लेकर उसे आ रही है। घटना में पांच आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

भदोही कोतवाली के अमीलौरी निवासी नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र सिंह की बीते 21 अक्तूबर 2024 को बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद पूरे जिले में सनसनी मच गई थी। करीब 10 दिनों के अंदर पुलिस ने मुठभेड़ में दो बदमाशों फाफामऊ निवासी शकील और प्रयागराज के आशीष को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद उनकी निशानदेही और पूछताछ के आधार पर प्रयागराज के चिल्ला शिवकुटी निवासी मास्टरमाइंड सौरभ सिंह समेत तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, हालांकि शूटरों की तलाश में पुलिस टीमें लगी रहीं।

करीब दो महीने से अधिक समय बाद पुलिस टीम को सफलता हाथ लगी। 50 हजार के इनामी शूटर आमिर को दिल्ली से पुलिस ने धर दबोचा। अब पुलिस उसे ट्रांजिस्ट रिमांड पर लेकर दिल्ली से जिले के लिए रवाना हो गई है। पुलिस अधीक्षक अभिमन्यु मांगलिक ने कहा कि प्रधानाचार्य हत्याकांड में 50 हजार के इनामी शूटर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसे ट्रांजिस्ट रिमांड में लेकर आ रही है। हत्याकांड के मास्टरमाइंड समेत पांच अन्य आरोपी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।

*सेमराधनाथ धाम गंगा घाट पर हजारों भक्त लगाते है आस्था की डूबकी, डेढ़ माह तक तनी रहतीं हैं तंबुओं की नगरी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही-जिले के धार्मिक एवं ऐतिहासिक बाबा सेमराधनाथ धाम में डेढ़ माह तक कल्पवास मेला आयोजित होता है। आस्थावान तंबुओं की नगरी नगरी बनाकर ईश्वर की आराधना, पूजा,स्थान आदि करतें। तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई है, लेकिन उसे आयोजकों द्वारा नाकाफी बताया जा रहा है।‌ प्रशासन से अलग से बजट एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग हुई है। बता दें कि संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। प्रमुख स्नान को चंद दिन शेष बचे हैं। 13 एवं 14 जनवरी को आस्थावान पतित पावनी में अमृत स्नान करेंगे। उक्त तिथि को जिले के सेमराधनाथ धाम में भी 15 हजार से अधिक लोग मोक्षदायिनी में स्थान को आते हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में कल्पवास मेले में करीब दो माह तक रहकर स्नान एवं ध्यान लगाते हैं। आस्थावानों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हो इसे लेकर गत दिनों डीएम ने बैठक लिया था। साथ एक जनवरी को मेले का पूजन करके शुभारंभ भी। लोक निर्माण विभाग, बिजली विभाग समेत कई विभागों के अफसरों एवं कर्मियों ने वहां पर डेरा डालकर खामियों को दुरुस्त कराने का काम किया है। मेला आयोजन के स्वामी करूणा दास जी महाराज ने कहा कि 140 कैंप लगना चाहिए, लेकिन अभी तक ही लगा है। चकर प्लेट 115 है जबकि जरुरत ढाई सौ की है।कहा कि मेला आयोजन को सरकार की ओर से अतिरिक्त बजट दिया जाए तो इसे और भव्य बनाया जा सकता है। पूर्वांचल के जिलों के साथ ही गैर प्रांतों से लोग यहां स्नान एवं दर्शन को आते हैं ‌।

रामायण कालीन इतिहास को समेट है मंदिर

बाबा सेमराधानाथ गंगा घाट पर महादेव का भव्य एवं ऐतिहासिक मंदिर है। रामायण कालीन इतिहास को समेटे उक्त मंदिर में शिव लिंग करीब 15 फीट नीचे जमीन में है। मंदिर के सुंदरीकरण का कार्य कराया गया है, लेकिन जितना विकास होना चाहिए था, नहीं हुआ है।‌ क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकार थोड़ा सा ध्यान दे तो उक्त मंदिर सीतामढ़ी के बाद जिले का प्रतिनिधित्व कर सकता है।

भारत के कोने-कोने से संत आकर यहां पर स्नान ध्यान करते हैं। मेला परिसर में प्रयागराज की सुविधाएं मुहैया कराने को सरकार से अलग से बजट की मांग लगातार की जा रही है। बिना उस पर अमल किए, क्षेत्र एवं मंदिर का विकास नहीं होगा। इस दिशा में पहल करनी चाहिए ।

*सीतामढ़ी में गुलाबी पत्थरों से बनी शिव मंदिर: गंगा किनारे, अनूठी वास्तुकला बनी आकर्षण केंद्र*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में स्थित शिव मंदिरों श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। कोइरौना थाना क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण काशी और प्रयाग के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो रहा है।यह मंदिर सीतामढ़ी पौराणिक नगरी से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। मंदिर का प्रमुख आकर्षण भगवान भोलेनाथ का भव्य त्रिशूल है, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा, मंदिर की संरचना में गुलाबी पत्थरों का उपयोग किया गया है,जो इसकी कला और खूबसूरती को और भी विशेष बनाता है।

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में सच्चे मन की गई पूजा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। भक्तों का मानना है कि यहां आकर भगवान शिव के दर्शन और पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है। मंदिर का वातावरण भक्तिमय है, और श्रद्धालु यहां पूजा - अर्चना के साथ - साथ गंगा नदी के अद्भुत दृश्यों का आनंद भी लेते हैं।मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, खासकर सोमवार और अन्य विशेष धार्मिक अवसरों पर। इन अवसरों पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं की आस्था और भक्तिभाव को और बढ़ावा मिलता है। स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।

यह शिव मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी एक प्रमुख स्थल बनाता जा रहा है। मंदिर के सौंदर्य और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह दूर - दूर से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।