गंगा किनारे सेमराध घाट पर रेत में साधना में लीन होंगे कल्पवासी
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। काशी, प्रयाग, विन्ध्याचल के मध्य गंगा किनारे सेमराध घाट पर रेत पर खुले आसमान के नीचे तंबुओं के आशियाने तैयार हो गए हैं।
गंगा की रेती पर कल्पवासी एक महीने तक आस्था की डुबकी लगाएंगे। सुरक्षा, स्वास्थ्य के लिहाज से जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य महकमा की ओर से भी विशेष तैयारियां की गई हैं।जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी सेमराध नाथ धाम है। धाम से 300 मीटर दक्षिण की ओर पतित पावनी मां गंगा की अविरल धारा कलकल कर बहती है। इसी के किनारे बालुओं की रेत पर तंबू की नगरी बस गई है। कल्पवास मेले की पहली डुबकी श्रद्धालु मंगलवार को लगाएंगे।आज से ही कल्पवासी साधना स्थली पहुंच चुके हैं।
कल्पवासी महिलाएं, पुरुष या उनके परिजन टेंट में अपने-अपने सामान सुरक्षित रखे। कल्पवासी एक महीने तक कल्पवास मेले में रहेंगे। इस दौरान सुबह नियमित गंगा स्नान ध्यान लीन रहेंगे। सेमराध नाथ कल्पवास मेले में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम है। श्रद्धालुओं के लिए टेंट, लाइटिंग व चकर प्लेट बिछा दिए गए हैं। इसके अलावा 12 पुलिसकर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। वहीं सेमराध स्वास्थ्य केन्द्र पर की स्वास्थ्य टीम भी 24 घंटे मुस्तैद रहेंगी। इसके अलावा एक एबुलेंस 24 घंटे मेला स्थल पर रहेगी।माघ मेला के उत्तराधिकारी महंत करुणा शंकर दास ने बताया कि प्रथम स्थान यानी कल 14 जनवरी मकर संक्रांति को होगा। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या,03 फरवरी को बसंत पंचमी और 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान होगा। बताया कि स्नान पर्वों पर भक्तों की सुविधा को देखते हुए व्यवस्था की जा रही है। सुरक्षा को लेकर भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि 30 वें साल प्रवेश किया है। प्रयागराज, नासिक समेत देश में पांच स्थानों पर माघ में कल्पवास लगता है। उसी में सेमराधनाथ भी शामिल हैं।
Jan 13 2025, 17:15