क्या है ग्रूमिंग गैंग जिसके खिलाफ बुलंद हो रही आवाज? प्रियंका चतुर्वेदी ने इसपर क्या कहा साथ आए एलन मस्क
#pakistani_grooming_gang_uk_shiv_sena_mp_priyanka_chaturvedi_elon_musk
ब्रिटेन में लगातार ग्रूमिंग गैंग्स के मामले बढ़ रहे हैं। ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग्स की इन दिनों पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। खासकर सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी कुछ लिखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अब सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। ब्रिटिश पीएम किम स्टार्मर से लेकर एलन मस्क तक खूब बोल रहे हैं। एलन मस्क ने तो ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स से कीर स्टार्मर सरकार को बर्खास्त करने की ही मांग कर दी है क्योंकि स्टार्मर सरकार पर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लग रहा है। अब तो भारत में भी इसकी बात होने लगी है।
शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी की ने ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने पिछले दिनों बाल शोषण पर बोलते हुए ‘एशियाई’ शब्द का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपनी आपत्ति जताई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये एशियाई देश नहीं बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, चतुर्वेदी के इस बयान पर अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क ने भी सहमति जताई है।
दरअसल, उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘ब्रिटेन में ये एशियन ग्रूमिंग गैंग नहीं है, बल्कि पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग हैं। एशियाई लोगों को एक बहुत ही दुष्ट राष्ट्र के लिए क्यों दोषी ठहराया जाना चाहिए?’ इस पोस्ट को देखते ही एलन मस्क भी कूद पड़े।
एलन मस्क ने किया समर्थन
प्रियंका चतुर्वेदी के पोस्ट पर जवाब देते हुए स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हां बात तो सही है। ब्रिटेन में इन दिनों 'रॉदरहैम स्कैंडल' का मामला सुर्खियों में है, इसे 'ग्रूमिंग गैंग स्कैंडल' के नाम से भी जाना जाता है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंग्लैंड के रॉदरहैम, कॉर्नवाल, डर्बीशायर समेत कई शहरों में साल 1997 से 2013 के बीच करीब 1400 नाबालिग बच्चियों का संगठित अपराध के तहत शोषण किया गया। इन संगठित गैंग्स ने बच्चियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण किया और उनकी तस्करी की। इन बच्चियों का शोषण करने वाले लोगों में अधिकतर पाकिस्तानी मूल के लोग हैं।
क्या है वो बयान जिस पर प्रियंका ने खड़े किए सवाल?
कीर स्टार्मर के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2008 से 2013 के बीच क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एशियाई ग्रूमिंग गिरोह के खिलाफ पहली बार मुकदमा चलाया था।
विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने उत्तरी इंग्लैंड में बच्चों के खिलाफ दशकों पुराने यौन अपराधों के लिए एक राष्ट्रीय जांच की मांग उठाई है। जांच में पाया गया था कि कई मामलों के अपराधी पाकिस्तानी मूल के हैं, इसके बाद ही प्रधानमंत्री ने ये बयान दिया था। यूनाइटेड किंगडम में लंबे समय से ग्रूमिंग गैंग्स के काले इतिहास से जूझ रहा है।
क्या हैं ग्रूमिंग गैंग्स?
ग्रूमिंग गैंग्स का मतलब उन लोगों से है, जो छोटी बच्चियों को अपना शिकार बनाते हैं और उनका शारीरिक, मानसिक शोषण करते हैं। ये बच्चों के दोस्त बनकर पहले उनका विश्वास जीतते हैं और फिर इस विश्वास का फायदा उठाकर उनका शोषण करते हैं। आरोप है कि इन ग्रूमिंग गैंग्स से जुड़े लोग बच्चियों को पार्टियों में ले जाकर उन्हें ड्रग्स देते और उन्हें नशे का आदी बनाते। नशे की लत लगने पर बच्चियों का यौन शोषण किया जाता और उन्हें अन्य लोगों से भी संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता। कई लड़कियों को देह व्यापार में धकेल दिया गया। कई लड़कियां मानव तस्करी की भी शिकार हुईं। शोषण का शिकार हुईं कई लड़कियों ने बच्चों को जन्म भी दिया, जिनके पिता के बारे में जानकारी नहीं है। ये ग्रूमिंग गैंग्स नाबालिग लड़कियों को फंसाकर उनसे पैसों की उगाही भी करते थे। कई लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया गया।







* भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों में नए दौर की शुरूआत हो रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद भारत ने तालिबान की सरकार के साथ सीमित दायरे में ही संपर्क रखा था। हालांकि, अब दोनों देशों के रिश्ते करवट ले रहे हैं। तालीबान के साथ पहली बार भारत सरकार की उच्च स्तरीय बातचीत हुई है। दुबई में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की।बैठक में अफगानिस्तान ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को वरीयता देने का आश्वासन दिया और दोनों देशों के बीच क्रिकेट के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी। तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और कहा कि हम एक महत्वपूर्ण और आर्थिक देश के रूप में भारत के साथ संबंध रखना चाहते हैं। इस दौरान भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के ऐतिहासिक रिश्ते हैं। उन्होंने कहा कि उनके देश ने बीते साढ़े तीन वर्षों में अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान की है और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अफगानिस्तान के साथ सहयोग करना चाहता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत अफगानिस्तान में चल रहे मानवीय सहायता कार्यक्रम के अलावा निकट भविष्य में विकास योजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा। बैठक में व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चाबहार बंदरगाह के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी। भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए मानवीय मदद बढ़ाने का आश्वासन दिया। *तालिबान को राजनीतिक संबंधों के बढ़ने की उम्मीद* तालिबान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने राजनीतिक संबंधों को बढ़ाने की उम्मीद के साथ ही छात्रों, व्यापारियों, मरीजों के लिए वीजा से संबंधित सुविधाएं बनाने की उम्मीद जताई। तालिबान की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष व्यापार और वीजा को सुविधाजनक बनाने पर सहमत हुए हैं। *अफगानिस्तान को भेजी मदद* भारत ने अब तक अफगहानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं, 300 टन दवाइयां, 27 टन भूकंप राहत सहायता, 40,000 लीटर कीटनाशक, 100 मिलियन पोलियो खुराक, कोविड वैक्सीन की 1.5 मिलियन खुराक, नशा मुक्ति कार्यक्रम के लिए 11,000 यूनिट स्वच्छता किट, 500 यूनिट सर्दियों के कपड़े और 1.2 टन स्टेशनरी किट आदि के कई शिपमेंट भेजे हैं। इस मुलाकात में भारत ने कहा कि वह अफगानिस्तान को आगे भी मदद करना जारी रखेगा। विशेष तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र और शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए भारत ज्यादा सामग्री और सहायता देगा। *क्रिकेट पर भी हुई चर्चा* भारत-पाकिस्तान के बीच हुई इस बातचीत में दोनों पक्षों ने खेल (क्रिकेट) सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की, जिसे अफगानिस्तान की युवा पीढ़ी बहुत अहमियत दे रही है। इसके अलावा अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता के उद्देश्य सहित व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए चाबहार बंदरगाह के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी सहमति हुई। *अब तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं* भारत ने अब तक तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत थोड़ा इंतजार करेगा। अगर तालिबान का रुख वाकई सकारात्मक रहा तब चरणबद्ध तरीके से वहां की सरकार को आधिकारिक मान्यता देने के अलावा फिर से दूतावास खोलने, नई दिल्ली स्थिति बंद पड़े अफगान दूतावास में तालिबान सरकार के राजनयिक की नियुक्ति पर हामी भरेगा।
Jan 09 2025, 19:19
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
2- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
14.5k