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लापरवाही करने वाले 105 स्कूलों को नोटिस 1186 स्कूलों में चार लाख विद्यार्थियों के बनने है‌ कार्ड,105 विद्यालयों में एक भी छात्र का कार्ड न बनने*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।‌अपार कार्ड बनाने को लेकर स्कूलों की तरफ से लापरवाही बरती जा रही है। 105 विद्यालयों में एक भी छात्र का कार्ड न बनने पर बेसिक शिक्षा परिषद ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। एक सप्ताह में जवाब न देने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कुल 1186 विद्यालयों में पहेली से 12 वीं तक चार लाख विद्यार्थियों की अपार कार्ड बनाया जाना है। न‌ई नीति के तहत हर बच्चे की जानकारी अब यू डाइस में पूरी तरह से डिजिटल होगी। छात्र की एक ही आईडी रहेगी। जिसे लेकर छात्र की आपर आईडी आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रहा है। यू डाइस पोर्टल से बच्चे के आधार नंबर को लिंक किया जा रहा है। जिसके बाद छात्र की पोर्टल पर एक ही पोर्टल आईडी होगी। जिले में इसकी प्रगति ठीक नहीं है। 31 दिसंबर तक पहले अंतिम तिथि तय की गई थी, तब तक सिर्फ एक लाख 40 हजार विद्यार्थियों पर अपार कार्ड बन सका है, जो लक्ष्य के सापेक्ष 45 फीसदी के आसपास है। ऐसे में शत -प्रतिशत अपार कार्ड बनाना किसी चुनौती से कम है। आपर कार्ड बनने से विद्यार्थियों के शौक्षिक कागजत जैसे अंक पत्र, स्थानांतरण प्रमाण पत्र आदि के खोने का भी डर नहीं रहेगा। अभिभावकों की अनिवार्य होगी सहमति बीएस‌‌ए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि वन नेशन- वन आईडी के तहत अपार में छात्र - छात्राओं का विवरण दर्ज करने को लेकर अभिभावक की सहमति अनिवार्य होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अपार आईडी के जरिए विद्यार्थी देश के किसी भी हिस्से में आसानी से ट्रैक लिए जा सकेंगे। इसके होने से छात्र - छात्राओं को कहीं भी प्रवेश लेने में परेशानी नहीं होगी। अपार आईडी डिजिलाॅकर से भी जुड़ेंगे। इससे छात्र -‌छात्राएं अपने सभी शौक्षिक रिकॉर्ड को एक जगह पर सुरिक्षत रख सकेंगे। अपार कार्ड बनने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों संग बैठकें ली जा रही है। 105 स्कूलों में एक भी बच्चे का कार्ड न बनने पर उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। 26 जनवरी से पहले 70 हजार से अधिक कार्ड बनाने का लक्ष्य है। भूपेंद्र नारायण सिंह बीएस‌ए
*भदोही कलेक्ट्रेट पर विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: पीड़ित परिजनों को न्याय दिलाने की मांग, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार समाज के कार्यकर्ता पदाधिकारी कलेक्ट पर धरने पर बैठ गए कार्यकर्ताओं का मांग रहा की विश्वकर्मा समाज की बेटी के साथ हुई घटना मे परिजनों को न्याय मिले। जिसको लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौपा।धरने पर बैठे अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के महासचिव सूबेदार विश्वकर्मा ने कहा कि भदोही थाना क्षेत्र के याकूबपुर गांव में 29 नवंबर को समाज की बेटी का छत विछत शव मिला था। जिसमें अभी तक कोई कार्रवाई न होने से समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि नाबालिक बच्ची घर से बारात में शामिल होने गई थी। किंतु घर नहीं पहुंची 2 दिन बाद उसका छत विछत शव मिलने से परिजन बेहाल हो गए और क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घटना में अभी तक आरोपी का ना पकड़ा जाना एवं कोई कार्रवाई न होने से समाज के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को शौपकर आरोपी की गिरफ्तारी व कार्यवाही के साथ परिवार का जान माल सुरक्षा की मांग किया। आशीष विश्वकर्मा, विष्णु विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा, हरिशंकर विश्वकर्मा, सुशील विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा दीपशिखा समर्थन करते समाजवादी पार्टी से जिलामहासचिव ह्रदयनारायण प्रजापति,कल्लन यादव, रीत वर्मा,केशनारायण यादव,संतोष यादव,महेन्द गोड,जैन पासी,धर्मेंद्र कुमार मिश्र पप्पू आदि
*देखरेख व रिचार्ज के अभाव में शोपीस बने गांव में सीसीटीवी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। गांवों में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लगे सीसीटीवी रिचार्ज व देखरेख के अभाव में शोपीस बन गये हैं। अभोली ब्लॉक के कई गांवों में लगा सीसीटीवी बिगड़ चुका है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।अभोली ब्लॉक के कनकपुर व अभोली में दो, आनंदडी और गौरा गांव के पास सड़क पर लगाया गया एक-एक कैमरा खराब है। अभोली ब्लॉक के कई गांव में जिला पंचायत राज अधिकारी के निर्देश पर ग्राम पंचायत निधि से सार्वजनिक स्थान व महत्वपूर्ण जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया गया था।इसका उद्देश्य की चोरी की घटनाओं और अपराधों पर अंकुश लगाना था, लेकिन सरकार की इस मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सीसीटीवी कैमरा लगाने वाली कंपनियां उसकी सुध लेने नहीं आ रहे है। अभोली के कनकपुर में कैमरे तकनीकी खराबी के कारण महीनों से खराब हैं। बसवापुर चौराहे से कई भैंस की चोरी भी हो गई। तलाशने के लिए पुलिस जब पहुंची तो सीसीटीवी का फुटेज नहीं निकल पाया।वहीं ज्ञानपुर-दुर्गागंज मार्ग पर पड़ने वाले आनंदडीह में तीन में बाजार का एक कैमरा काम नहीं कर रहा। प्रधान नईमुल्ला ने बताया कि कैमरे के ऊपर लगे सोलर पैनल खराब होने के कारण चार्ज नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से नहीं चल रहा है। इसी तरह दुर्गागंज सुरियावा रोड पर पड़ने वाले गौरा गांव के पास सड़क पर लगाया गया कैमरा भी खराब पड़ा हुआ है। इसी तरह अभोली गांव में दो कैमरे लगे हैं, लेकिन एक कैमरा रिचार्ज नहीं हुआ है। सुशील बिंद, शीतला प्रसाद बिंद, नईमुल्ला ने इन सीसीटीवी को ठीक कराने की मांग की।
तीन थानों में अस्पताल बनकर तैयार,24 घंटे होगा इलाज*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले से वाराणसी-प्रयागराज हाईवे के तीन थानों में अस्पताल बनकर तैयार है। महाकुंभ को देखते हुए खासतौर से तैयार इन अस्पतालों में 24×7 उपचार होगा। इन अस्पतालों का निर्माण खासतौर से दुर्घटना के बाद घायलों को समय इलाज देने और पुलिस की कागजी कार्रवाई में लग रहे समय को बचाना है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु इस रोड से निकलेंगे। ऐसे में इन अस्पतालों के माध्यम से उनको बेहतर उपचार मिल सकेगा। हालांकि अब भी 10 फीसदी काम बाकी है। वाराणसी-प्रयागराज हाईवे के 86 किमी दायरे का 42 किमी दायरा जिले की सीमा में आता है। देश के सबसे व्यस्ततम हाईवे में से एक इस हाईवे पर हर दिन 12 हजार छोटी-बड़ी गाड़ियां गुजरती हैं। इसी माह 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ- 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है। जिससे इस हाईवे पर वाहनों का दबाव भी बढ़ेगा। श्रद्धालुओं के आवागमन बढ़ने से उन्हें किसी आपात स्थिति में त्वरित उपचार देने के लिए जिले के निजी व सरकारी मिलाकर कुल 24 अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं जिले की सीमा में हाईवे के किनारे पड़ने वाले तीन प्रमुख थाने जिसमें औराई, गोपीगंज और ऊंज शामिल हैं। वहां स्थायी रूप से अस्पताल भी बनाया गया है। इस अस्पताल का निर्माण खासतौर से दुर्घटना के बाद घायल को पुलिसिया कार्रवाई के दौरान जाया होने वाले समय को बचाने के लिए किया गया है। दुर्घटना के बाद अस्पताल में मरीज का उपचार हो सकेगा। थाने के भीतर अस्पताल होने से एबुलेंस से मरीज के पहुंचने पर एक तरफ उनका ट्रीटमेंट चलता रहेगा और दूसरी तरफ उनका पुलिस भी अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर लेगी। इसके अलावा थाना में आये दिन मारपीट के दर्जनों मामला पहुंचते रहते हैं। अस्पताल बनने के बाद घायल व्यक्ति को तुंरत उपचार होगा। इससे मरीज, पुलिसकर्मी दोनों का समय बचेगा। कागजी कार्य जल्द पूर्ण होंगे। अस्पताल बनने के बाद त्वरित उपचार और न्याय दोनों मिलेगा। अस्पताल में यह होगी व्यवस्था थाना परिसर में बन रही अस्पताल दो मंजिला होगी। इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक पैरामेडिकल स्टाफ सहित वार्ड बाॅय, स्वीपर की तैनाती होगी। इसके अलावा बिल्डिंग में चिकित्सक के लिए एक कक्ष, फार्मासिस्ट के लिए एक कक्ष, इसी में दवा काउंटर, एक बैठने के लिए कक्ष होंगे। इसके अलावा एक कक्ष और होंगे, जिसमें तीन बेड लगे होंगे। हालांकि बिल्डिंग बनाने का काम पुलिस प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ स्वास्थ्य टीम उपलब्ध कराएंगी। हाईवे के तीन थाना ऊंज, गोपीगंज, औराई परिसर में दो मंजिला बनाया जा रहा है। जहां मेडिकल की टीम बैठेंगी। घायल आरोपी, राहगीरों को त्वरित उपचार मिलेगा। डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहित पांच स्वास्थ्यकर्मी की टीम होंगी। महाकुंभ के समय यह काफी उपयोगी साबित होगा। -डॉ. एसके चक, सीएमओ, भदोही।
*1.86 लाख में से सिर्फ 30 हजार किसानों की बनी फार्मर रजिस्ट्री* *फार्मर रजिस्ट्री समय रहते नहीं पूरा किया गया कार्य तो फंसेगी पीएम सम्मान निधि*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। किसानों की खतौनी को डिजिटल करने की मुहिम कालीन नगरी में सुस्त है। करीब डेढ़ महीने में एक लाख 86 हजार किसानों में केवल 30 हजार की फार्मर रजिस्ट्री बन सकी है। अब भी डेढ़ लाख की किसानों की रजिस्ट्री नहीं बनी। समय रहते इसे पूरा नहीं किया गया तो एक लाख किसानों की सम्मानि निधि की 19वीं किस्त फंसेगी। एग्री स्टैक के तहत जिले के हर खेत की आईडी बनेगी। इसके लिए किसान रजिस्ट्री होगी। केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के पात्र किसानों को लाभ मिलेगा। वैसे तो जून-जुलाई में उक्त योजना की शुरूआत की गई, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण मामला अधर में लटक गया। उसके बाद 18 नवंबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान के तहत किसान रजिस्ट्री बनाने का निर्देश दिया गया। इसमें कृषि, राजस्व सहित कई विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। डेढ़ महीने से अधिक समय गुजर गए, लेकिन फार्मर रजिस्ट्री बनाने का काम धीरे है। अब तक एक लाख 86 हजार किसानों के सापेक्ष सिर्फ 30 हजार 511 किसानों की रजिस्ट्री तैयार हो सकी है।उप निदेशक कृषि डॉ. अश्वनी सिंह ने कहा कि शिविर लगाकर फार्मर रजिस्ट्री बनाई जा रही है। तकनीकी कारणों से परेशानी हो रही हैं। आधार और खतौनी में नाम अलग-अलग होने से किसानों की फार्मर रजिस्ट्री बनने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने बताया कि किसान सहज जन सेवा केंद्र, स्वयं के मोबाइल से एप पर जाकर भी फार्मर रजिस्ट्री तैयार कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि शासन से छूट मिलने के कारण किसान स्वयं इसे तैयार कर सकता है। बताया कि किसान रजिस्ट्री तैयार करने के लिए विकसित मोबाइल एप पर सभी गाटों को आधार से लिंक कराया जाएगा। इसमें किसान का नाम, पिता का नाम, सह खातेदार का नाम, गाटा में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, ई-केवाईसी सभी रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। इससे किसान को आपदा एवं सूखा आकलन में फायदा मिलेगा।
*हाईवे किनारे नाला 15 जगहों पर खुला,नही लगाए ढक्कन* *लोगों को सता रहा हादसे का डर बंद कराने की मांग*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।वाराणसी-मछलीशहर हाईवे 731बी पर नाली निर्माण के दो महीने बाद भी ढक्कन न लगाने से दुर्घटना की आशंका है। खासकर शाम के समय जब कोहरे का असर बढ़ता है तो वाहन चालक कई बार उसमें फंस जाते हैं। जल्द ढक्कन नहीं लगाया गया तो दुर्घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता। वाराणसी-मछलीशहर हाईवे 83 किमी दायरे में करीब 32 किमी दायरा भदोही जिले में आता है। जिले में इन दिनों तेजी से हाईवे का निर्माण चल रहा है। कार्यदायी संस्था हाईवे के कारण दोनों तरफ नाला भी बनाती जा रही है। जिले के मोढ़ क्षेत्र में इन दिनों तेजी से काम चल रहा है।कार्यदायी संस्था ने नालियों पर पटिया तो लगा दिया है, लेकिन करीब 12 से 15 जगहों पर ढक्कन नहीं लगाए हैं। मोढ़ बाजार व कस्तूरीपुर में साफ सफाई के लिए लगभग तीन फीट का गढ्ढा छोड़ा है। जिसका अभी तक ढक्कन नहीं लगाया गया है। ढक्कन न लगाएं जाने के कारण आते जाते नाला के गड्ढे में बच्चों से लेकर लोगों का गिरने की आशंका बना हुआ है। क्षेत्र के शिवपूजन उपाध्याय, शोभनाथ यादव, जयनाथ गौतम, बिरजुपाल ने सड़क किनारे नाले को जगह-जगह खुले ढक्कन के जगह को बंद कराने की मांग की है। वहीं हाईवे के कार्यदायी संस्था के मिथिलेश सिंह ने हाईवे के नालियों के ढक्कन का निर्माण कराया जा रहा है। एक से दो सप्ताह के भीतर नालियों को ढक दिया जाएगा।
*रात में फसलों की सिंचाई किसानों पर पड़ रही भारी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जनपद में पड़ रही कड़ाके की ठंड से आम जनमानस बेहाल है। जबकि खेतों में रात के समय सिंचाई कर रहे किसानों पर ठंड कहर बनकर टूटी है। सिंचाई के दौरान ठंड लगने से अब तक जिले में किसी की जान तो नहीं ग‌ई है, लेकिन बीमार होकर क‌ई अन्नदाताओं चिकित्सकों की शरण में गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि सिंचाई के समय लगातार पैर पानी में रहने से शरीर अकड़ जाता है, जिससे सीने व पेट में तेज दर्द होता है और यह स्थिति काफी घातक होती है। ऐसे में किसानों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। ठंड के मौसम में जरा सी भी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। रबी फसलों की सिंचाई करना बेहद ही जरूरी है।
*भदोही में 23 करोड़ से सौ शैया अस्पताल में बढ़ेंगी सुविधाएं* *2.55 से नर्म हाॅस्टल की मिली स्वीकृति,शव रोड और रिलेशनशिप हाल बनेंगे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कालीन नगरी में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर होनी शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में हाईटेक स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिलनी शुरू हो जाएगी। सरपतहां स्थित 100 शैया अस्पताल में कुल 23 करोड़ से अलग-अलग विंग का काम शुरू हो गया है। इसमें सीसीयू वार्ड, नर्स हॉस्टल समेत अन्य काम शामिल हैं। सरपतहां स्थित 100 शैय्या अस्पताल निर्माण वैसे तो डेढ़ दशक पूर्व शुरू हुआ था। भ्रष्टाचार के कारण करीब चार से पांच साल तक काम अधर में लटका रहा। सूबे में साल 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद अधूरे काम को पूर्ण करने की कवायद शुरू की गई, लेकिन उसे धरातल पर लाते-लाते पांच साल बीत गए। वर्तमान में 18 करोड़ की लागत से जिले के पहले क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण अस्पताल परिसर में चल रहा है। 50 बेड के सीसीयू अस्पताल दो मंजिला होगा। गंभीर मरीजों का त्वरित उपचार होगा, उन्हें कहीं पर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगा। इसके अलावा 1.60 करोड़ अस्पताल के चार अधूरे भवन के जीर्णोद्धार का कार्य तेजी से चल रहा है। इसके बाद 2.55 करोड़ से अस्पताल परिसर में नर्सिंग हाॅस्टल, आवास, डेड बॉडी हाउस, गैराज, परिजन रिलेशन सेट, प्रेस रुम, चिकित्साधिकारी आवास आदि समेत अन्य कार्य होंगे। इसकी स्वीकृति शासन स्तर से मिल चुकी है। जल्द ही यह भी कार्य शुरु होगा। आगामी दिनों में 100 बेड़ में तमाम प्रकार की जांच और उपचार का लाभ मरीज को मिलेगा। ये मिल रही सुविधाएं सौ शैय्या पर में अभी तक क‌ई सुविधाएं मिलनी शुरू हो गई है। जिले की पहली डायलिसिस यूनिट और बर्न यूनिट अस्पताल परिसर में संचालित है। इसके अलावा डिजिटल एक्स-रे सिर्फ सौ शैय्या अस्पताल में होता ऊं। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब बनाया जा रहा है। जांच के लिए मिट्टी का सैंपल लैब भेजा गया है। एक ही छत के नीचे 30 से 35 प्रकार की जांचे होगी। जौनपुर के सीमावर्ती गांवों को भी लाभ अस्पताल में सभी सुविधाएं शुरू होने पर जिले के साथ ही प्रयागराज और जौनपुर के सीमावर्ती गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। जौनपुर के बरसठी सीएचसी, हंडिया सीएचसी संग क‌ई पीएचसी के लोगों का उपचार यहां हो पाएगा। इससे जिले की 20 लाख की आबादी के साथ ही दूसरे जिले के लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे। अस्पताल में सीसीयू से लेकर अधूरे भवन के मरम्मत कार्य का निर्माण कार्य चल रहा है। क‌ई अन्य प्रोजेक्ट की स्वीकृति शासन स्तर से मिली है। स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर हो रही है। ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि भी हुई है। डॉ एसके पासवान सीएमएस सौ शैय्या अस्पताल
*भदोही के मोटे अनाज की महाकुंभ में दिखेगी झलक* *जिले की दो एफपीओ लगाएंगी स्टाॅल,13 की मिली स्वीकृति*
भदोही ‌।भदोही के मोटे अनाज की प्रयागराज आयोजित महाकुंभ में झलक दिखेगी। जिले की दो एफपीओ (कृषक उत्पादक संगठन) वहां पर स्टॉल लगाएंगी। डीघ और अभोली ब्लॉक की दोनों एफपीओ कुंभ मेले में मोटे अनाज को बेचने के साथ ही लोगों को इसके फायदे को गिनाएगी। उनकी तरफ से 24 स्टॉल की मांग की गई है, जिसमें 13 की स्वीकृति मिल गई है। इससे 50 से अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा।किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों को सम़द्ध बना रही है। वित्तीय सहयोग देने के साथ ही अन्य सुविधाओं के माध्यम से उनको बेहतर कर रही है। जिले में कुल 39 एफपीओ से करीब 18 हजार से अधिक किसान जुड़े हैं। सभी एफपीओ मोटे अनाज, सब्जियों समेत अन्य उत्पाद को सीधे बाजारों में उतारकर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं। यही नहीं कुछ एफपीओ तो सब्जियों को विदेशों में भेज रही हैं।अब प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ में भी एफपीओ मोटे अनाज जैसे कोदो, ज्वार, बाजरा का स्टॉल लगाकर इसके महत्व को लोगों को समझाएंगी। यही नहीं देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी बेचेगी। इसके लिए अभोली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और स्वपन भारत एफपीओ ने वहां पर 13 स्टॉल बुक कर लिया है। एफपीओ के निदेशक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ में 24 स्टॉल की मांग की गई है, इसमें 13 की स्वीकृति मिल चुकी है। बताया कि मोटे अनाज के साथ ही दाल, सब्जी और पानी का स्टॉल लगाया जाएगा। इसमें अधिकतर स्टॉल मोटे अनाज के रहेंगे। डीडी कृषि डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ में दो एफपीओ मोटे अनाज का स्टॉल लगाएंगे। विभाग की तरफ से उनको पूरा सहयोग दिया जा रहा है।
*हृदय रोगियों के लिए घातक हो रही है कड़ाके की सर्दी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कड़ाके की ठंड का सितम बढ़ता जा रहा है। तापमान में आ रही गिरावट वृद्धों का रक्त गाढ़ा करने लगा है। ऐसे में समय से उपचार नहीं हुआ तो बुजुर्गों की मौत तक हो सकती है। हाड़कंपा देने वाली ठंड में शीत से बचाव का बेहतर इंतजाम होना जरुरी है। खून गाढ़ा होने से वृद्धों में हैमोग्लोबिन में भी वृद्धि होता है। कंपकंपी बढ़ा देने वाली ठंड से हर तबका परेशान हैं। सीएमओ डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि कड़ाके की ठंड हृदय और अस्थमा मरीजों के लिए प्राण घातक साबित हो सकता है। सुबह सैर पर निकलना हृदय रोगियों के लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में हृदय रोगी सुबह सैर पर निकलें तो पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़ा पहनें।