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पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे के ऐतिहासिक ट्रांसफॉर्मेशन”, नए जम्मू रेलवे डिवीजन के उद्घाटन पर बोले पीएम मोदी
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* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नवगठित जम्मू रेलवे डिवीजन का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम ने तेलंगाना में चरलापल्ली न्यू टर्मिनल स्टेशन का उद्घाटन किया और ईस्ट कोस्ट रेलवे के रायगढ़ रेलवे डिवीजन भवन की आधारशिला भी रखी। नए रेल डिवीजन के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने संबोधन भी दिया। उन्होंने कहा, साल 2025 की शुरुआत से ही भारत कनेक्टिविटी की तेज रफ्तार बनाए हुए है। प्रधानमंत्री ने कहा- पिछला एक दशक भारतीय रेलवे के ऐतिहासिक ट्रांसफॉर्मेशन का रहा है। रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में एक विजिबल चेंज आया है। इससे देश की छवि बदली है और देशवासियों का मनोबल भी बढ़ा है। उन्होंने कहा पिछले 10 वर्षों में रेल कनेक्टिविटी का अद्भुत विस्तार हुआ है। 2014 तक देश में सिर्फ 35% रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ था। आज हम रेल लाइनों के शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन के करीब हैं। बीते 10 वर्षों में 30 हजार किमी से ज्यादा नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। साथ ही सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए हजारों ओवरपास और अंडरपास भी बनाए गए हैं। आज लोग कम समय में लंबी दूरी तय करना चाहते हैं। इसलिए हमने पूरे देश में हाई-स्पीड ट्रेनें चलाई हैं। आज 50 से अधिक रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। 136 वंदे भारत सेवाएं लोगों की यात्रा को आरामदायक बना रही हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा भारत में रेलवे के विकास को हम चार पैरामीटर्स पर आगे बढ़ा रहे हैं। पहला- रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर का मॉर्डनाइजेशन, दूसरा- रेलवे के यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं, तीसरा- रेलवे की देश के कोने-कोने में कनेक्टिविटी और चौथा- रेलवे से रोजगार का निर्माण, उद्योगों को सपोर्ट। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा जम्मू-कश्मीर आज रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में नए रिकॉर्ड बना रहा है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन की चर्चा आज पूरे देश में है। ये परियोजना जम्मू-कश्मीर को देश के और हिस्सों के साथ और बेहतरी से जोड़ेगी। इसी परियोजना के तहत दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे केबल पुल चिनाब का काम भी पूरा हुआ है।
तमिलनाडु विधानसभा में हुआ राष्ट्रगान का अपमान! राज्यपाल ने सदन से किया वॉकआउट
#tamil_nadu_governor_rn_ravi_walks_out_of_assembly
* तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि विधानसभा सत्र के दौरान राष्ट्रगान के कथित अपमान से नाराज हो गए और विधानसभा सत्र को बिना संबोधित किए ही सदन से चले गए। राज्यपाल के कार्यालय ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और विधानसभा स्पीकर ने तमिल थाई वाज़्थु गाए जाने के बाद राष्ट्रगान बजाने से इनकार कर दिया। जबकि राज्यपाल ने उन से मानक के तहत राष्ट्रगान गाने के लिए कहा था। तमिलनाडु विधानसभा के साल 2025 के पहले विधानसभा सत्र की शुरुआत हो रही है। नियमों के तहत विधानसभा सत्र की शुरुआत राज्यपाल आरएन रवि के संबोधन से होनी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा सत्र की शुरुआत में तमिलनाडु सरकार के राज्य गीत 'तमिल थाई वजथु' का गायन हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु के राज्य गीत के बाद राष्ट्रगान वादन की मांग की, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। इस बात से राज्यपाल इस कदर नाराज हो गए कि विधानसभा सत्र को संबोधित किए बिना ही सदन से चले गए। राज्यपाल के आधिकारिक निवास, राजभवन ने कहा, राज्यपाल ने विधानसभा को बीच में इसीलिए छोड़ दिया और वो चले गए क्योंकि सदन ने मानक के तहत राष्ट्रगान बजाने से “इनकार” कर दिया था।तमिलनाडु के राजभवन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, भारत के संविधान और राष्ट्रगान का एक बार फिर तमिलनाडु की असेंबली में अपमान हुआ। राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारा पहला मौलिक कर्तव्य है। इसे सभी राज्य विधानमंडलों में राज्यपाल के अभिभाषण के शुरू और आखिर में गाया जाता है। आज जब राज्यपाल हाउस में पहुंचे तो सिर्फ तमिल थाई वाज़्थु गाया गया। इसी के बाद जब राज्यपाल ने सभी को संवैधानिक ड्यूटी याद दिलाई और सीएम एम के स्टालिन और स्पीकर से राष्ट्रगान पढ़ने के लिए कहा तो उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा गया, यह गंभीर चिंता का विषय है। संविधान और राष्ट्रगान के इस तरह के बेशर्मी भरे अपमान में भागीदार नहीं बनना चाहते थे, इसलिए राज्यपाल गहरी पीड़ा में सदन से चले गए। बता दें कि बीते दो साल से विधानसभा सत्र में राज्यपाल के संबोधन के दौरान खासा विवाद देखने को मिला है। पिछली बार राज्यपाल ने संबोधन के दौरान सरकार के बयान की कुछ लाइनें पढ़ने से इनकार कर दिया था। जिस पर खूब विवाद हुआ था।
केजरीवाल की राह पर कांग्रेस, दिल्ली की महिलाओं के लिए किया 'प्यारी दीदी योजना' का ऐलान
#congress_announces_pyari_didi_yojana * दिल्ली चुनाव की तारीखों के एलान से पहले सियासी हलचल तेज है। पार्टियां जनता को अपने पाले में करने के लिए एक से बढ़कर एक दांव चल रही हैं। आम आदमी पार्टी ने पहले ही जनता के सामने अपान पिटारा खोल दिया है। महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए योजनाओं की घोषणा की है। अब आप की राह पर चलते हुए कांग्रेस ने भी बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस ने 'प्यारी दीदी योजना' का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मैं यहां प्यारी दीदी योजना को लॉन्च करने आया हूं। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस दिल्ली में सरकार बनाएगी और हमारी पहली कैबिनेट में प्यारी दीदी योजना लागू की जाएगी और दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये दिए जाएंगे। यह उसी मॉडल पर है जो हमने कर्नाटक में लागू किया था। कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए कांग्रेस जरूरी है। *दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपए देगी आप सरकार* इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली में हमारी सरकार फिर से सत्ता में आएगी तो हम इस सम्मान की राशि 1000 से बढ़ाकर 21 रुपये कर देंगे। केजरीवाल ने 2024 के बजट में इसका ऐलान किया था। 18 से 60 साल तक की महिलाओं को इस योजना का फायदा मिलेगा. लाभार्थियों की संख्या 38 लाख है।
*“मुझे वोट दिया, इसका मतलब यह नहीं कि मेरे बॉस हो” वोटर्स पर क्यों भड़के अजित पवार?
#angry_ajit_pawar_tells_baramati_voters_you_are_not_my_boss
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बारामती में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अपना आपा खो बैठे। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम अजित पवार एक वोटर पर भड़क गए। दरअसल, जब एक वोटर ने अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताया, और समस्या के समाधान की बात कही। जिस पर पवार भड़क गए और बोले कि आपने वोट दिया इसका ये मतलब नहीं की आप मेरे मालिक हैं। अजित पवार रविवार को बारामती के दौरे पर थे। इस दौरे के दौरान उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने बारामती के मेदाद में बारामती तालुका क्रय-विक्रय संघ परिसर में एक नए पेट्रोल पंप का उद्घाटन किया। पेट्रोल पंप के उद्घाटन के बाद अजीत वपार ने एक सभा की। जहां अलग अलग तहसीलों और गांवो से किसान अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे। अजित पवार अधिकारियों को काम शुरू करने के निर्देश दे रहे थे। हालांकि, वहीं एक कार्यकर्ता ने कहा कि कई काम नहीं हुए। एक्टिविस्ट के बयान के बाद कुछ अन्य नागरिकों ने भी यही बात कही। इसके बाद अजित पवार थोड़ा नाराज हो गए और बोले, ‘अरे आपने मुझे वोट दिया इसका मतलब यह नहीं कि आप मेरे मालिक बन गए हो।’ अजित पवार का बचाव करते हुए कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने सफाई दी। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी, जब निर्वाचित प्रतिनिधि काम कर रहे होते हैं, तो कुछ मतदाता कुछ मुद्दों पर जोर देते रहते हैं। निर्वाचित प्रतिनिधि की टिप्पणियों को प्रमुखता दी जाती है, जबकि मतदाताओं के व्यवहार के बारे में कहीं बात नहीं की जाती है।'
ताइवान की सीमा में लगातार तीसरे दिन घुसे चीनी सेना, क्या है ड्रैगन का इरादा?
#china_pla_aircraft_and_vessels_enter_in_taiwan
* चीन आए दिन ताइवान को आंख दिखा रहा है। चीन लगातार ताइवान को डराने की हर कोशिश में लगा रहता है। चीन कई सालों से ताइवान की सीमा में घुसकर अपनी ताकत का अहसास करता रहता है। एक बार फिर ड्रैगन ने ताइवान को डराने की कोशिश की है। लगातार तीसरे दिन चीन के विमानों और पोत ने ताइवान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने सोमवार को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सात विमानों और पीएलए नौसेना (पीएलएएन) के सात जहाजों ने उनकी सीमा में प्रवेश किया।ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के छह विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए। सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने लिखा, 'ताइवान के आसपास 7 पीएलए विमान, 7 पीएलएएन जहाज और 1 आधिकारिक जहाज को सोमवार सुबह छह बजे देखा गया।' इससे पहले रविवार और शनिवार को भी चीनी विमानों और जहाजों ने ताइवान की सीमा का उल्लंघन किया था। चीन द्वारा बीते दिनों ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास भी किया गया था। इस युद्धाभ्यास को चीन की ताइवान को चेतावनी के रूप में देखा गया था। पीएलए के जवाब में ताइवान ने भी रणनीतिक स्थानों पर युद्ध की तैयारी का अभ्यास किया था बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नव वर्ष पर दिये गए अपने संदेश में कहा कि चीन के साथ ताइवान के पुन: एकीकरण को कोई कभी नहीं रोक सकता। शी ने सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित अपने नए साल-2025 के संबोधन में कहा था 'ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों पर रहने वाले हम चीनी एक ही परिवार के हैं। कोई भी हमारे बीच नातेदारी के बंधन को कभी भी खत्म नहीं कर सकता है।' चीन स्व-शासित द्वीप ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है और एक अनिवार्य राजनयिक नीति के रूप में ताइवान को अपने हिस्से के रूप में मान्यता देते हुए ‘एक चीन’ की बात करता है। अपने तीसरे पंचवर्षीय कार्यकाल के तहत शासन कर रहे शी ने हाल के वर्षों में ताइवान को चीन के साथ फिर से मिलाने के प्रयासों को तेज करने के लिए इसे एक प्रमुख सैन्य और राजनयिक पहल बनाया।
भारत पहुंचा चीन का खतरनाक वायरस, यहां मिला HMPV वायरस का पहला केस*
#hmpv_first_case_found_in_india
चीन में एचएमपीवी वायरस तेजी से फैल रहा है। एचएमपीवी वायरस पड़ोसी देश में तबाही मचा रहा है। अब उस वायरस ने चीन से बाहर भी अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। चीन के एचएमपीवी वायरस की अब इंडिया में भी एंट्री हो गई है। बेंगलुरु में एचएमपीवी का पहला केस मिला है। बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। यह मामला बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में दर्ज किया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में नमूने का परीक्षण नहीं किया है। अस्पताल की लैब में हुई जांच में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दे दी है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। *है यह वायरस?* ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के नाम से भी जाना जाता है। एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है। कहा जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस पिछले कई दशकों से मौजूद है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 2001 में पहली बार नीदरलैंड्स में इसकी पहचान हुई थी। सांस की बीमारी वाले बच्चों के सैंपल में वायरस की पुष्टि हुई थी। एचएमपीवी पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। वायरस सभी मौसम में हवा में मौजूद होता है। संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने से फैलता है। इसके सर्दियों में ज्यादा फैलने का खतरा है। इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। *एचएमपीवी वायरस के लक्षण* • इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित ज्यादा बच्चों-बुजुर्गों हो सकते हैं। • इसमें सांस और फेफड़ों की नली में इन्फेक्शन हो जाता है, जिस वजह से खांसी होती है और सांस लेने में दिक्कत होती है। • इसके अलावा गले में खराश, सिरदर्द, खांसी, बुखार, ठंड लगना और थकान भी रहती है।
भारत से पंगा लेने वाले जस्टिन ट्रूडो की जाने ही वाली है कुर्सी, दे सकते हैं इस्तीफा
#rest_of_world_justin_trudeau_likely_to_resign_as_canada_pm
* कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले काफी समय से पार्टी अंदर पनपे असंतोष का सामना कर रहे हैं। अब खबर आ रही है कि जस्टिन ट्रूडो सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कनाडा के समाचारपत्र द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को अपनी रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया है। द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। ऐसा तब हो रहा है जब 53 साल के ट्रूडो कथित तौर पर अपनी पार्टी के भीतर समर्थन खो रहे हैं और कई सर्वों से संकेत मिल रहा है कि अगर आज चुनाव हुए तो पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी उन्हें और लिबरल पार्टी को सत्ता से बाहर कर देगी। *अगले एक या दो दिनों में छोड़ सकते हैं पद* रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो अगले एक या दो दिनों के भीतर पद छोड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी ये तय नहीं है कि ट्रूडो कब इस्तीफा देंगे, लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली राष्ट्रीय कॉकस बैठक से पहले ट्रूडो अपना पद छोड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस ट्रूडो को सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता के पद से भी हटाने पर विचार किया जा रहा है। *क्यों इस्तीफा देंगे ट्रूडो?* जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक, इस समय वह अपने मुख्य प्रतिद्वंदी कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पॉइलीवर से 20 पॉइंट पीछे चल रहे हैं। यही वजह है कि लिबरल सदस्यों की ओर से उन पर इस्तीफा देने का प्रेशर है। उनके विरोध में खुलकर सांसद आ चुके हैं। उन्हें हटाने के लिए तो सिग्नेचर कैंपेन भी चल चुका है। बंद कमरे में उन पर सवालों की बौछार भी हो चुकी है। अब क्योंकि लिबरल पार्टी को लगने लगा है कि ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडा में उनकी हार निश्चित है। इसलिए अब ट्रूडो की पीएम वाली कुर्सी जाने का खतरा पूी तरह मंडरा गया है। *ट्रूडो से नाराज हैं कनाडा के लोग* कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार की लोकप्रियता में गिरावट की कई वजह हैं। इनमें प्रमुख वजहों में अर्थव्यवस्था, कनाडा में घरों की कीमतों में जबरदस्त उछाल, अप्रवासी मुद्दा आदि शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद कनाडा में महंगाई 8 फीसदी तक बढ़ गई थी। हालांकि फिलहाल यह दो प्रतिशत से नीचे है। कनाडा में बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है, जो फिलहाल छह फीसदी के आसपास है। ट्रूडो सरकार के कार्बन टैक्स कार्यक्रम की भी विपक्ष द्वारा आलोचना की जा रही है। कनाडा में महंगे घर एक बड़ी समस्या है। कनाडा के अधिकतर बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के बजट के बाहर हो गया है। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है और सरकार इसे नियंत्रित कर पाने में नाकाम रही है। ये भी एक बड़ी वजह है कि लोगों में ट्रूडो सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है। कनाडा में अप्रवासन भी बड़ा मुद्दा है। हालांकि ट्रूडो सरकार ने हाल के समय में अप्रवासन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं, जिससे अप्रवासियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि अभी भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई है। अप्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से कनाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था और अन्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा है। कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी कई कनाडाई नागरिक नाराज हैं। हाल ही में कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ट्रूडो पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा है।
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सड़क दुर्घटना में 4 की मौत, 2 लापता: उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया दुख

* जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को एक वाहन के सड़क से फिसलकर नदी में गिरने से चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि चालक सहित दो लोग लापता हैं और बचाव अभियान जारी है. यह दुर्घटना पद्दार क्षेत्र के सन्यास में हुई, जब वाहन सड़क से फिसलकर 300 फुट नीचे मचैल नदी में जा गिरा. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया और चार शव बरामद कर लिए. वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. अब्दुल्ला ने कहा कि उनका कार्यालय जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है, जो लापता दो व्यक्तियों का पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. *मैं पल-पल की जानकारी ले रहा हूं- जितेंद्र सिंह* जम्मू कश्मीर के उधमपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह जानकर दुख हुआ कि वाहन में सवार चार यात्री मृत पाए गए हैं. चालक सहित दो अन्य व्यक्तियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना की रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त राजेश कुमार शवन से संपर्क किया. उन्होंने कहा, ‘बचाव दल काम कर रहा है. मैं पल-पल की जानकारी ले रहा हूं.’ *LG और सीएम उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?* वहीं. उपराज्यपाल सिन्हा ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘किश्तवाड़ में एक दुखद सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है.’ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दुर्घटना में चार व्यक्तियों की दुखद मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने इस घटना को बहुमूल्य मानव जीवन की बड़ी क्षति बताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की.
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

#chinadismissesreportsofmassivefluoutbreak

दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है', ग्रामीण भारत महोत्सव में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी में स्थित भारत मंडपम में 'ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का उद्घाटन किया। ये कार्यक्रम 9 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान उन्होंने इस महोत्सव में शामिल कलाकारों और कारीगरों से बातचीत की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए गांवों का समृद्ध होना जरूरी है। गांव आत्मनिर्भर होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा। साल 2014 से ही केंद्र सरकार लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगी हुई है। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं, क्‍योंकि जब इरादे नेक होते हैं तो नतीजे भी संतोष देने वाले होते हैं।

गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना सरकार की प्राथमिकता-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गांव में जिया है वो गांव को जीना जानता है। मैने गांव में भी जिया है और गांव के संभावनाओं को भी देखा है। गांव में विविधताओं से भरा सामर्थ्य होता है।

ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में एक अहम सर्वे हुआ है, जिसमें पता चला कि साल 2011 की तुलना में अब ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ गई है। अब गांव के लोग पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं। आजादी के बाद देश के ग्रामीण खाने पर 50 प्रतिशत आमदनी खर्च कर रहे थे। यह पहली बार है कि यह दर 50 फीसदी तक घट गई है।

पूर्व की सरकारों पर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दलितों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गांवों से पलायन हुआ और गरीबी बढ़ी। गांवों और शहरों में लगातार अंतर बढ़ रहा है। 'जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है'। जिन इलाकों को विकास से वंचित रखा गया, अब वहां समान अधिकार मिल रहे हैं। कल ही स्टेट बैंक ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, साल 2012 में भारत में ग्रामीण इलाकों में गरीबी 26 प्रतिशत थी, लेकिन 2024 में यह घटकर पांच प्रतिशत से भी कम रह गई है।'

ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की दी जानकारी

पीएम मोदी ने केंद्र की ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। दुनिया में डीएपी का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।