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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाई चादर , एकता और भाईचारे का दिया संदेश

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाई. 13वीं सदी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स समारोह का हिस्सा रहे इस कदम को रिजिजू ने “एकता और भाईचारे” का प्रतीक बताया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब नवाज के 813 वें उर्स मुबारक के अवसर पर दुनिया भर में उनके अनुयायियों और अजमेर शरीफ में आए सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं.

पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि समाज में प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने के लिए समर्पित उनका जीवन और आदर्श हमारी पीढियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा. उनके वार्षिक उर्स का उत्सव लोगों में आपसी जुड़ाव को सशक्त करने में बड़ी भूमिका निभाएगा.

दूसरी ओर, मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस पल को साझा किया और लिखा, “यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव और करुणा के स्थायी संदेश के प्रति गहरे सम्मान का प्रतिबिंब है.”

रिजिजू ने पीएम की ओर से चढ़ाई चादर

उन्होंने कहा, “यह चादर पीएम मोदी के शांति, सद्भाव और एकता के संदेश का प्रतिनिधित्व करती है. दरगाह एक ऐसी जगह है जहां सभी धर्मों के लोग एक साथ आते हैं और एकजुट भारत के विचार को मजबूत करते हैं.

उन्होंने कहा कि हम यहां आने के लिए भाग्यशाली हैं. हम पीएम मोदी की ओर से चादर लेकर आए हैं. मैंने पीएम मोदी का संदेश भी पढ़ा कि हम सभी भाईचारे की भावना से अपने समाज, देश और विश्व शांति के लिए काम करेंगे. हमने यहां दुआ मांगी.

11वीं बार पीएम मोदी की ओर से चढ़ाई चादर

सद्भाव की परंपरापदभार संभालने के बाद से पीएम मोदी ने सालाना अजमेर शरीफ दरगाह पर ‘चादर’ भेजने की परंपरा को बनाए रखा है. यह 11वीं बार है जब प्रधानमंत्री ने इस अनुष्ठान में भाग लिया है, जो सांस्कृतिक और धार्मिक एकजुटता के एक सेतु के रूप में इसके महत्व को रेखांकित करता है.

दरगाह पर दिए गए संदेश में, रिजिजू ने एक शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा, “उर्स के इस पावन अवसर पर, हम देश में सौहार्दपूर्ण माहौल की आशा करते हैं. दरगाह में सभी का, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, स्वागत है. यह हमारे राष्ट्र की विविधता और एकता का प्रतीक है.

813वें उर्स मुबारक पर उमड़ रहे हैं श्रद्धालु

इस कार्यक्रम में देश भर से और उसके बाहर से हजारों तीर्थयात्री आए, सभी ने संत की प्रेम, करुणा और समानता की शिक्षाओं का स्मरण किया.

रिजिजू ने उर्स के दौरान हर साल दरगाह पर आने वाले लाखों लोगों के लिए तीर्थयात्रा के अनुभव को सरल और बेहतर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आगंतुकों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान कोई कठिनाई न हो. इस प्रक्रिया को और अधिक सुगम और सुलभ बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

पुणे में पिज्जा खाने वाले को बड़ा झटका, पिज्जा में निकला चाकू का टुकड़ा

पिज्जा खाने वाले के लिए महाराष्ट्र के पुणे से एक हैरान करने वाला सामने आया है. यहां एक परिवार ने रात के समय पिज्जा मंगाया. परिवार के सभी लोग पिज्जा खा रहे थे. इसी दौरान उसमें कुछ ऐसे निकला की सभी लोग हैरान और परेशान हो गए. परिवार ने पिज्जा में देखा कि एक चाकू टुकड़ा टूटा हुआ पड़ा हुआ है. पिज्जा में चाकू निकलने की शिकायत के बाद पिज्जा कंपनी ने पैसे वापस कर दिये हैं.

पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ शहर के भोसरी इलाके के इंद्रायणी नगर में पिज्जा में चाकू का टुकड़ा निकलने की घटना सामने आई है. अरुण कापसे ने अपने परिवार के खाने के लिए ऑनलाइन एक पिज्जा आर्डर किया था. कुछ ही देर में पिज्जा डिलीवरी हो गया था. सभी लोग एक साथ बैठकर आनंद लेते हुए पिज्जा खा रहे थे कि अचानक से अरुण के दांत में कुछ अटक गया. अरुण ने जब दांत में फंसी चीज को निकलकर देखा, तो वह हैरान रह गया.

पिज्जा में निकला चाकू का टुकड़ा

अरुण ने देखा कि उसके दांत में कुछ नुकीली चीज अटकी हुई है. जब उसने उस नुकीली चीज को बाहर निकला, तो वह चाकू का टूटा हुआ एक टुकड़ा था, जो पिज्जा खाते समय मुंह तक पहुंच गया था. इसके बाद उन्होंने तुरंत पिज्जा कंपनी के मैनेजर को फोन करके पिज्जा में चाकू का टुकड़ा होने की जानकारी दी. इसके बाद मैनेजर ने पिज्जा के 599 रुपये अरुण को वापस लौट दिये. हालांकि, अरुण पिज्जा कंपनी के खिलाफ पुणे खाद्य एवं औषधि प्रशासन में शिकायत की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि पिज्जा कंपनी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

हो सकती थी दुर्घटना

घटना के बड़े खतरे की ओर संकेत दे रही है. यदि चाकू का टूटा हुआ टुकड़ा अरुण के पेट में चला जाता, तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती है. वहीं, यह कोई पहली बार नहीं है, जब किसी खाने में कुछ खतरनाक चीज निकली हो. इससे पहले भी खाने की चीजों में कटी हुई उंगली और छिपकली जैसी चीजें निकल चुकी है.

एलन मस्क की दौलत में 22 अरब डॉलर का इजाफा, फिर भी नहीं बने नए साल के सबसे बड़े नेटवर्थ गेटर

साल 2024 में एलन मस्क ने अपनी नेटवर्थ में 200 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा किया. अब 2025 शुरू हो चुका है. 3 जनवरी को एलन मस्क की नेटवर्थ में 22 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है. उसके बाद भी वह नए साल में अब तक हाइएस्ट नेटवर्थ गेटर नहीं है. जी हां, उनकी दौलत में बीते 3 दिनों में सिर्फ 4.60 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. खास बात तो ये है कि 3 जनवरी को सिर्फ 5.47 अरब डॉलर की कमाने वाले जेंसन हुआंग मौजूदा साल में हाइएस्ट नेटवर्थ गेटर के रूप में उभरते हुए दिखाई दे रहे हैं. उसके बाद नंबर कनाडा के शैंगपेंग झाउ का है और फिर मार्क जुकरबर्ग दिखाई दे रहे हैं. उसके बाद एलन मस्क का नंबर है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में किस तरह के आंकड़े देखने को मिल रहे हैं.

एलन मस्क की नेटवर्थ में इजाफा

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की नेटवर्थ में 22.3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल दौलत 437 अरब डॉलर हो गई है. एलन मस्क की कुल दौलत में लगातार 4 दिनों की गिरावट के बाद एलन मस्क की नेटवर्थ में बढ़ोतरी देखने को मिली है. वैसे मौजूदा साल में एलन मस्क की नेटवर्थ में 4.61 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. 1 जनवरी एलन मस्क की दौलत में 17 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली थी. अब 3 दिसंबर को एलन मस्क की दौलत में 22 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था.

यहां नंबर 1 नहीं एलन मस्क

खास बात तो ये है कि एलन मस्क की दौलत में साल 2025 में अब तक सिर्फ 4.61 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जबकि एनवीडिया के को फाउंडर की दौलत में मौजूदा साल में अब तक 8.84 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिल चुका है. 3 जनवरी को उनकी दौलत में 5.47 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जबकि 2 जनवरी को भी उनकी नेटवर्थ में 3.37 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला था. जिसकी वजह से जेंसन की कुल नेटवर्थ में अच्छी तेजी देखने को मिली है.

दूसरे पायदान पर चैंगपेंग झाउ की नेथवर्थ में देखने को मिला है. उनकी कुद दौलत में 7.22 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जबकि मौजूदा साल में यह आंकड़ा बढ़कर 8.80 अरब डॉलर का हो गया है. दुनिया के 23वें सबसे अमीर कारोबारी झाउ की कुल दौलत 62.1 अरब डॉलर है. वहीं मार्क जुकरबर्ग की नेटवर्थ में मौजूदा साल में 6.56 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल नेटवर्थ 214 अरब डॉलर हो चुकी है.

भारत के अरबपतियों का हाल

अगर बात भारत के अरबपतियों की बात करें तो मुकेश अंबानी की कुल दौलत में 685 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल दौलत 93.1 अरब डॉलर देखने को मिली है. जबकि मौजूदा साल में उनकी कुल दौलत 2.47 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. मौजूदा समय में मुकेश अंबानी दुनिया के 17वें सबसे अमीर कारोबारी हैं. वहीं दूसरी ओर गौतम अडानी की दौलत में मामूली गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार उनकी कुल नेटवर्थ में 840 मिलियन डॉलर की गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल दौलत 78 अरब डॉलर रह गइ है. वैसे मौजूदा साल में उनकी कुल दौलत में 678 मिलियन डॉलर की गिरावट देखने को मिल चुकी है. गौतम अडानी दुनिया के 19वें सबसे अमीर कारोबारी हैं.

बिहार की सुमित्रा रानी साहा बनीं पहली महिला, सीएए के तहत मिली भारतीय नागरिकता

सुमित्रा रानी साहा बिहार की ऐसी पहली महिला हो गई है. जिनको भारतीय नागरिकता मिल गई है. सुमित्रा रानी साहा बांग्लादेश से करीब 20 साल की उम्र में 1985 में बिहार आई थी. अब तमाम औपचारिकता और नियम पूरे कर लेने के बाद उनको सीएए के तहत नागरिकता प्रदान कर दी गई है. एक लंबे इंतजार के बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता को हासिल कर लिया है. नागरिकता मिलने के बाद रानी साहा का परिवार बहुत ही खुश नजर आ रहा है.

सुमित्रा रानी (60) साहा अपनी बुआ के साथ पांच या छह साल की उम्र में बांग्लादेश गई थी. उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. जिसके कारण वह बांग्लादेश में ही अपनी पढ़ाई करती रही. करीब 20 साल के बाद वह जनवरी 1985 में बांग्लादेश से अपने पिता के साथ अपने घर बिहार में कटिहार आई. सुमित्रा की शादी 1985 में आरा के रहने वाले परमेश्वर प्रसाद से हुई. शादी के बाद तब से लेकर अब तक सुमित्रा वीजा लेकर भारत में रह रही थी.

CAA के तहत मिली नागरिकता

हर साल उनको अपने वीजा के लिए परेशान होना पड़ता था. पिछले साल उन्होंने वीजा के लिए आवेदन किया, तो उन्हें सीएए के बारे में जानकारी मिली. हालांकि उनको करीब तीन साल तक वीजा का एक्सटेंशन भी मिला. सीएए की जानकारी मिलने के बाद सुमित्रा की बेटी ऐश्वर्या ने नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया और इस काम में लग गई. सुमित्रा की बेटी ऐश्वर्या कहती है कि अब हमें नागरिकता मिल गई है, लेकिन पहले आसपास के लोग हमें कई तरह की बातें कहते थे.

लोगों ने किया मानसिक टॉर्चर’

वह यह कहते थे कि हम लोग बांग्लादेश के रहने वाले हैं. आप लोगों को जेल भेज दिया जाएगा. कई प्रकार का मानसिक टॉर्चर किया गया, लेकिन अब हमें नागरिकता मिल गई है. यह हमारे लिए खुशी का लम्हा है. हमें भारत की नागरिकता जब तक नहीं मिली थी, तब तक किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही थी. गैस कनेक्शन तक नहीं मिला था. लेकिन अब यह सारी सुविधाएं मिलने लगेगी.

ऐश्वर्या का यह भी कहना था कि सीएए हमारे जैसे लोगों के लिए एक जीवनदान जैसा है. अब हमें नागरिकता मिली है. अब हम सारे डॉक्यूमेंट बनवाएंगे और देश की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे. वहीं सेंसस ऑफ़ डायरेक्टर ऑपरेशन के तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार एम. रामचंद्रुडु, निदेशक, जनगणना- सह- नागरिक निबंधन कार्यालय, पटना की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सशक्त समिति ने भोजपुर जिले की सुमित्रा रानी साहा को नागरिकता प्रदान करने का निर्णय लिया.

40 साल पहले भारत आई थी सुमित्रा

60 वर्षीय सुमित्रा रानी साहा करीब 40 साल पहले बांग्लादेश से भारत आईं थी. उन्हें शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार सीसीए पोर्टल पर सुमित्रा रानी साहा जिला- भोजपुर (बिहार) ने आवेदन किया था. आवेदन नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 (सीसीए) के आधार संख्या IIIA अनुभाग के अंतर्गत 5(1)(सी) के तहत प्राप्त हुआ था.

बैठक में जारी किया नागरिकता प्रमाण पत्र

इसके बाद जिला स्तरीय समिति ने मूल्य निर्धारण के साथ अग्रसारित की गई थी. आवेदन के साथ उपलब्ध लाइसेंस प्राप्त पुरातत्वविदों की समिति ने एप्लीकेंट को प्रमाणपत्र प्रदान करने का निर्णय लिया. सीएए पोर्टल पर साइटिक्स शास्त्र जनरेट करने के बाद एप्लीकेंट को पोर्टल के माध्यम से ईमेल और एसएमएस से सूचना भेज दी जाती है. निदेशक जनगणना, सह- नागरिक निबंधन रामचन्द्रडु ने राजधानी के सचिवालय में शुक्रवार को निदेशक, नागरिक निबंधन के कार्यालय में बैठक हुई और नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया गया. बैठक में राज्य के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहें.

लखनऊ नगर निगम: सस्ते में फ्लैट खरीदने का मौका, केवल 208 बचे, कैसे करें अप्लाई

लखनऊ नगर निगम की ओर से बनाए गए आहना ग्रीन्स में फ्लैट खरीदने वालों की तादाद अचानक बढ़ गई है. अगर आप भी यहां पर फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो आपके पास बेहतरीन मौका है, क्योंकि 648 फ्लैट में से 468 फ्लैट बिक चुके हैं और बाकी बचे 208 फ्लैट का रजिस्ट्रेशन चालू है. आवेदन के लिए आप नगर निगम की साइट पर विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा नगर निगम के लालबाग और जोनल ऑफिस से आवेदन फॉर्म ले सकते हैं.

दरअसल, नगर निगम ने शहीद पथ के पास औरंगाबाद खालास में 18 लाख से लेकर 71 लाख रुपये की कीमत के 648 फ्लैट बनाए थे. इस सोसाइटी का नाम रखा गया आहना एनक्लेव. यहां फ्लैटों की बिक्री 2021 से शुरू की गई थी, लेकिन शुरुआती दौर में सिर्फ 216 फ्लैट ही बिके थे. इसके बाद नगर निगम ने कई कोशिश की, बावजूद इसके फ्लैट बिक नहीं रहे थे. 2024 में नगर निगम ने सोसाइटी का नाम बदलकर आहना ग्रीन्स कर दिया.

अब तक 260 फ्लैट बिक चुके हैं

सोसाइटी का नाम आहना ग्रीन्स होने के बाद ही यहां पर फ्लैट खरीददारों के आवेदन अचानक से बढ़ गए. नाम बदलने के बाद अब तक 260 फ्लैट बिक चुके हैं. अभी यहां पर एमआईजी-2 जी+6 के 45 फ्लैट (कीमत 31.50 लाख), एमआईजी-1 जी+6 के 4 फ्लैट (कीमत 39 लाख), एचआईजी जी+8 के 55 फ्लैट (कीमत 71 लाख) और एचआईजी, जी+3 के 4 फ्लैट (कीमत 71 लाख) बचे हुए हैं, जिनके आवेदन खोले गए हैं.

नाम बदलने के बाद फ्लैट की बिक्री में आई बढ़ोतरी से नगर निगम खुश है और उसे 160 करोड़ रुपये की आय हो चुकी है. अब नगर निगम की ओर से कोशिश है कि सभी फ्लैट को जल्दी से जल्दी बेचकर नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाए. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह का कहना है कि बचे हुए फ्लैट को बेचने के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई गई है… फ्लैट की बिक्री के बाद हम 2025 में नए आवासीय योजना को लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.

अहाना ग्रीन्स में क्या सुविधाएं हैं?

नगर निगम का यह प्रोजेक्ट शहीद पथ के पास है. यहां से पीजीआई, एयरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन ज्यादा दूर नहीं है. यहां पर 800 गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा है. इसके अलावा नगर निगम ने एसटीपी, कम्युनिटी सेंटर और बच्चों के लिए चिल्ड्रेन पार्क का भी निर्माण कराया है. मौजूदा समय में यहां पर 200 से अधिक परिवार रह रहा है और आसपास कई व्यवासियक प्रतिष्ठान है.

प्रशांत किशोर की होगी गिरफ्तारी! अनशन पर बैठे पीके के खिलाफ एक्शन को लेकर क्या बोले DM?

बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर के खिलाफ सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. पटना पुलिस का कहना है पीके गैर-कानूनी तरीके से अनशन पर बैठे हैं. उन पर जल्द एक्शन लिया जाएगा. कहा जा रहा है कि पीके को पटना पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर के मुताबिक पीके पर लोगों को उकसाने और गैर-कानूनी तरीके से धरना-प्रदर्शन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज है. इस एफआईआर के संबंध में अब उन पर कार्रवाई की तैयारी है. यह कार्रवाई शनिवार शाम तक हो सकती है.

चंद्रशेखर के मुताबिक बीपीएससी ने जिन केंद्रों पर परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया था, वहां पर आज एग्जाम लिया जा रहा है. परीक्षा समाप्ति के बाद पीके पर कानूनी तरीके से हम लोग एक्शन लेंगे

3 दिन से अनशन पर बैठे हैं पीके

बीपीएससी परीक्षा रद्द करने और बेरोजगारी भत्ते समेत 5 मांगों को लेकर 2 जनवरी को प्रशांत किशोर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए थे. पीके का कहना है कि जब तक सरकार इसको लेकर फैसला नहीं लेती है, तब तक अनशन पर से नहीं उठेंगे.

शुक्रवार को पीके से मिलने बिहार पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन पीके ने अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया था. पीके का कहना था कि आप गिरफ्तार करोगे, तब भी यहां आएंगे.

पीके ने बिहार पुलिस पर भी कानूनी तरीके से एक्शन लेने की बात कही थी. उनका कहना था कि बिहार पुलिस गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को पीट रही है. इसके लिए पुलिस के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

पीके का आरोप- सीटें बेच दी गई है

वहीं री-एग्जाम की मांग कर रहे प्रशांत किशोर का कहना है कि परीक्षा 15 हजार बच्चों की है जो बच्चे आंदोलित हैं वे 3.5 लाख से ज्यादा हैं. लोग जानते और समझते हैं कि आधे से ज्यादा सीटों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं. सीटें बीक गई हैं जिसने पढ़ाई की है उसे सीट नहीं मिलेगी. हर जिले और गांव-गांव में खबर फैली है कि एक-एक नौकरी के 30 लाख से 1.5 करोड़ तक लिए जा रहे हैं. सरकार को इस पर बोलना चाहिए.

गंगा एक्सप्रेसवे: प्रयागराज से मेरठ के बीच सफर का समय होगा कम, जानें किन जिलों से होकर गुजरेगा यह मार्ग

यह साल प्रयागराज के लिए बहुत ही खास होने वाला है. एक तरफ प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होने वाली है. वहीं, दूसरी गंगा एक्सप्रेसवे का काम भी साल के आखिरी तक पूरा होने की संभावना है. 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद प्रदेश के पूर्वी भाग से दिल्ली दूर नहीं रह जाएगी. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने से लोगों का पैसा और समय दोनों की ही बचत होगी.

गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में रखी थी. यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मेरठ को कनेक्ट करेगा. जिसकी दूरी 594 किलोमीटर की होगी. अनुमान जताया जा रहा है कि इसका निर्माण इस साल के आखिर तक हो जाएगा. एक्सप्रेसवे के निर्माण से दिल्ली और प्रयागराज के बीच सफर का समय कम हो जाएगा. इससे रोजाना लाखों लोगों का फायदा पहुंचेगा.

कहां-कहां से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे?

आईये जानते है गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के किन जिलों से होकर गुजरेगा. प्रयागराज से शुरू होने वाला गंगा एक्सप्रेसवे प्रतापगढ़, रायबरेली, उन्नाव, हरदोई, शाहजहांपुर, बदायूं, संभल, अमरोहा, बुलंदशहर, हापुड़ से होते हुए मेरठ पहुंचेगा. इस हाईवे के निर्माण में 36,404 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. वहीं, इस पर गाड़ियों की अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होने वाली है.

प्रयागराज से मेरठ का सफर 6 घंटों में होगा पूरा

प्रयागराज से मेरठ पहुंचने में जहां अभी करीब 8 से 9 घंटो का समय लगता है. वहीं, एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने के बाद से करीब 3 घंटे की बचत होगी. गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण हो जाने के बाद प्रयागराज से मेरठ का सफर दूरी केवल 6 घंटे में ही पूरी हो जाएगी. दिल्ली से प्रयागराज का सफर करने वाले लोगों को भी इससे काफी फायदा मिलेगा. प्रयागराज से दिल्ली का सफर महज 7 घंटे में पूरा हो जाएगा, जो पहले करीब 9 घंटे में पूरा होता था. गंगा एक्सप्रेसवे शुरू में 6 लेन का होगा, लेकिन बाद में इसे 8 लेन तक विस्तारित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.

फडणवीस की तारीफ कर क्या बीजेपी के करीब आ रही उद्धव की पार्टी? संजय राउत ने दिया ये जवाब

सामना में देवेंद्र फडणवीस की तारीफ करने के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम की तारीफ का मतलब ये नहीं कि हमारी बीजेपी के प्रति कोई गर्मजोशी है. एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा मुख्यमंत्री की तारीफ को हमारी रणनीति में किसी बदलाव या बीजेपी के करीब आने की कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.

राउत ने कहा कि ऐसी अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है. यूबीटी हमेशा से ही बड़े दिल वाली पार्टी रही है. हमने हमेशा सच कहा है. साथ ही हमने अपने प्रतिद्वंद्वियों के अच्छे कामों की सराहना भी की है. राउत ने कहा कि हमने शिंदे और उनकी पार्टी की आलोचना भी की है. उन्होंने अपने ढाई साल के कार्यकाल में कुछ नहीं किया. अगर उन्होंने महाराष्ट्र के लिए कुछ भी अच्छा किया होता तो हम उनकी प्रशंसा करते.

नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली को स्टील सिटी बनाने का इरादा

संजय राउत ने कहा कि अगर फडणवीस विकास परियोजनाओं को लागू करके गढ़चिरौली जैसे नक्सल प्रभावित जिले को ‘स्टील सिटी’ बनाने का इरादा रखते हैं और माओवादियों को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं तो शिवसेना इसका तहे दिल से स्वागत करेगी. हमने देवेंद्र फडणवीस की प्रशंसा की है क्योंकि सरकार ने अच्छा काम किया है.

राउत ने कहा कि अगर कोई सरकार आपकी विचारधारा से संबंधित नहीं है, लेकिन उसने कुछ अच्छे कदम उठाए हैं तो वह प्रशंसा के हकदार हैं. महाराष्ट्र हमारा राज्य है और गढ़चिरौली जैसी जगह जो नक्सलवाद से प्रभावित है. वहां देवेंद्र फडणवीस स्टील सिटी बनाना चाहते हैं, जिससे महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. लोगों को रोजगार मिलेगा तो इसका स्वागत तो करना चाहिए.

11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री के सामने किया आत्मसमर्पण

दरअसल, बुधवार को 11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इसके बाद सामना अखबार में फडणवीस की जमकर तारीफ की गई. सामना में न केवल फडणवीस की मेहनत और जमीनी काम को सराहा गया बल्कि उन्हें ‘गढ़चिरौली का मसीहा’ तक बता दिया गया. साथ ही पूर्व सीएम और मौजूदा डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की खिंचाई भी गई.

WhatsApp से भी हो जाएगी Uber कैब बुक, ये है आसान तरीका

फोन में स्टोरेज या किसी और वजह से ज्यादा ऐप्स रखना मुश्किल होता है. ऐसे में जब कैब बुक करनी पड़ती है तो हर बार ऐप डाउनलोड करने का झंझट रहता है. लेकिन हम आपको एक ऐसी ट्रिक बताएंगे जिससे आपको फोन में कैब सर्विस के लिए ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप वॉट्सऐप कर जरिए कैब बुक कर पाएंगे. इसके लिए बस आपको वॉट्सऐप से इस नंबर पर एक मैसेज भेजना होगा. वॉट्सऐप से कैब बुक करने के लिए ये प्रोसेस फॉलो करें.

वॉट्सऐप से ऐसे बुक होगी Uber कैब

वॉट्सऐप के जरिए आप कहीं भी जानें के लिए कैब बुक कर सकते हैं. इसके लिए बस आपको अपने फोन में 7292000002 नंबर सेव करना होगा.

नंबर सेव करने के बाद अपने फोन में वॉट्सऐप ओपन करें और रिफ्रेश करें. आपको यहां पर नया सेव किया नंबर शो हो जाएगा. इसके बाद चैट सेक्शन ओपन करें और चैट में Hi का मैसेज लिखकर सेंड कर दें.

अब आपको लैंग्वेज सलेक्ट करने के लिए कहा जाएगा. अपनी लैंग्वेज हिंदी या इंग्लिश कोई भी लैंग्वेज सलेक्ट कर सकते हैं. इसके बाद अपनी लोकेशन डालें. पिकअप लोकेशन सलेक्ट करें. बस इसके बाद आपकी कैब बुक हो जाएगी.

आपके वॉट्सऐप पर ड्राइवर की डिटेल्स आजाएंगी. इसमें शेयर पिन और कॉन्टैक्ट नंबर जैसी डिटेल्स शामिल हैं. पिन ड्राइवर को बताकर आप अपनी राइड शुरू कर सकते हैं.

ये तरीका भी आएगा काम

अगर आपके Hi का मैसेज सेंड होने के बाद आपको कोई रिप्लाई नहीं आता है तो टेंशन ना लें. दरअसल अलग-अलग डिवाइस में ये सर्विस-अलग तरीके से काम कर सकती है. आपके पास लॉगिन का ऑप्शन आएगा. आप लॉगिन पर क्लिक करें और मांगी गई सभी डिटेल्स डालें. आपके रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी आ जाएगा. ओटीपी डालें और पासवर्ड डालें. इसके बाद आप अपनी कैब नए सिरे से बुक कर सकेंगे.

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: BJP अध्यक्ष सतपाल शर्मा का सरकारी बंगला सील!

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख सतपाल शर्मा का बंगला सील कर दिया गया, जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं.पिछले साल 12 नवंबर और 7 दिसंबर को जारी आदेशों में, उच्च न्यायालय ने घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी.

पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों से सरकारी बंगले खाली करवाने में अत्यधिक देरी को लेकर उच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद, संपदा विभाग ने उच्च न्यायालय को बताया कि गुप्ता और शर्मा ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं. यह बयान उच्च न्यायालय द्वारा 12 दिसंबर के आदेश के अनुपालन रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत किया गया था.

रिपोर्ट में बताया गया है कि सतपाल शर्मा को पिछले साल 21 नवंबर को बेदखली का आदेश जारी किया गया था और उन्हें 30 दिसंबर, 2024 तक 73,470 रुपए का दंडात्मक किराया जमा करने का नोटिस जारी किया गया था.

सतपाल शर्मा का सरकारी बंगला हुआ सील

रिपोर्ट में कहा गया है कि सतपाल शर्मा के कब्जे वाले परिसर को 30 दिसंबर, 2024 को सील कर दिया गया था. पिछले साल 12 नवंबर और 7 दिसंबर को जारी आदेशों में, उच्च न्यायालय ने घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. उच्च न्यायालय ने संपदा विभाग के आयुक्त सचिव को कविंदर गुप्ता, सतपाल शर्मा और पूर्व विधायकों सुरिंदर अंबरदार और जफर इकबाल मन्हास पर एक अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

खंडपीठ ने निर्देश दिया था कि यदि दी गई तारीख पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल नहीं की जाती है तो संपदा विभाग के आयुक्त सचिव उपस्थित रहेंगे. उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी छूट या बहाने पर विचार नहीं किया जाएगा. अनुपालन रिपोर्ट में, यह खुलासा किया गया था कि पूर्व पार्षदों जफर इकबाल मन्हास और सुरिंदर अंबरदार के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1988 के तहत बेदखली की प्रक्रिया शुरू की गई है और पिछले साल 28 दिसंबर को नोटिस जारी किए गए थे.

हाईकोर्ट ने दिया था यह आदेश

इसमें यह भी कहा गया है कि पूर्व विधायक मोहम्मद अब्बास वानी ने आवास खाली कर दिया है और उन्हें 12 दिसंबर, 2024 को 19,586 रुपए के दंडात्मक किराए का नोटिस जारी किया गया था.

स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर ने सरकारी आवास खाली कर दिया है और उन्हें 20 दिसंबर, 2024 तक 28,211 रुपए के दंडात्मक किराए का नोटिस जारी किया गया था.

पूर्व भाजपा एमएलसी विबोध गुप्ता ने आवास खाली कर दिया है और उन्हें 20 दिसंबर, 2024 तक 13,993 रुपये का दंडात्मक किराया देने का नोटिस जारी किया गया है. हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री को जनहित याचिका को 19 फरवरी के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से शेख शकील अहमद, राहुल रैना, सुप्रिया चौहान और एम जुल्करनैन चौधरी वकील थे. संपदा विभाग की ओर से वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता एसएस नंदा पेश हुए.