दिल्ली से लेकर तक अवैध बांग्लादेशियों पर कसा शिकंजा, गिरफ्तार कर भेजा जा रहा वापस
#illegal_bangladeshi_immigrants_deportation
अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। दिल्ली के बाद महाराष्ट्र में कई परिवारों से पूछताछ की गई है और कई लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही साथ उनको बांग्लादेश वापस भेजने की भी कार्रवाई की गई है। इधर देश की राजधानी दिल्ली में भी पुलिस अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। दिल्ली की साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने 7 बांग्लादेशियों को पकड़कर डिपोर्ट कर दिया है। पकड़े गए बांग्लादेशियों में 5 महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा साउथ वेस्ट जिला पुलिस ने भी 8 बांग्लादेश निवासियों को डिपोर्ट किया है। साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने झुग्गी झोपड़ी और संदिग्ध इलाकों में सर्च आपरेशन चलाया था।
महाराष्ट्र एटीएस ने सूबे के कई जिलों में रेड की और अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है। महाराष्ट्र एटीएस ने 9 अवैध बंग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके ऊपर 5 एफआईआर दर्ज की गई है। दिसंबर महीने में ही एटीएस ने कुल 19 एफआईआर अवैध बंगलादेशियों के खिलाफ दर्ज की हैं और 43 लोगों को गिरफ्तार किया है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर बिना आधिकारिक पहचान पत्र के रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ स्पेशल ड्राइव में 9 बांग्लादेशी पकड़े गए हैं।
दरसअल, एटीएस ने मुंबई के पूर्वी उपनगर विक्रोली सहित महाराष्ट्र के नाशिक,अकोला, नांदेड़ औरंगाबाद में चार दिन से सर्च ऑपरेशन चला रही थी, जिसमें उसे सफलता मिली है। गरिफ्तार आरोपियों पर अवैध रूप से भारत में दाखिल होने सहित फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप हैं। इनके पास पुलिस को फर्जी आधार कार्ड से लेकर मतदान पत्र तक मिले हैं।
वहीं, दिल्ली पुलिस राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। इसी ऑपरेशन के तहत सभी थाना इलाकों में घर-घर जाकर पुलिस वेरिफिकेशन कर रही है। वेरिफिकेशन कैंपेन में हर घर में जाकर पुलिस पड़ताल करती है। लोगों को वेरीफिकेशन फॉर्म, जिसे दिल्ली पुलिस की भाषा में पर्चा 12 कहा जाता है, दिया जाता है। यह उन लोगों को दिया जाता है जो पश्चिम बंगाल या दूसरे राज्यों से आकर यहां बसने की बात बताते हैं। पुलिस उनके पश्चिम बंगाल के एड्रेस को वेरीफाई करवा रही है ताकि अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाया जा सके।
दरअसल पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि अवैध बांग्लादेशी पहले पश्चिम बंगाल में दाखिल होते हैं और फिर वहां के फर्जी कागजात बनाकर दिल्ली आ जाते हैं। पुलिस जब पूछताछ करती है तब यह अवैध बांग्लादेशी अपने आप को पश्चिम बंगाल का रहने वाला बताते हैं। इसके चलते इन पर कार्रवाई करना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता है। इस वेरिफिकेशन के जरिए कई अवैध बांग्लादेशियों को पुलिस ने गिरफ्तार करके वापस बांग्लादेश भेजा है।
बता दें कि हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो इन अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के फर्जी कागजातों की मदद से आधार कार्ड बनवा रहे थे। दिल्ली पुलिस को आशंका है कि एजेंटों की मदद से हजारों बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान भारतीय नागरिक बनकर दिल्ली में रह रहे हैं।







चीनी हैकर्स के अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट को हैक करने का मामला सामने आया है। अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट पर हाल ही में चीनी स्टेट-स्पॉन्सर्ड हैकर्स की ओर से किए गए साइबर हमले का खुलासा हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, चीन के स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट के थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के सिस्टम में सेंध मारकर कई इम्पलॉयी वर्कस्टेशन और कुछ अनक्लासीफाइड डॉक्यूमेंट हासिल किए हैं। यह सेंधमारी दिसंबर की शुरुआत में हुई थी। यह साइबर हमला 8 दिसंबर को हुआ था। इस दौरान एक थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर बियॉन्ड ट्रस्ट ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट को सूचना दी कि हैकर्स ने उनकी सिक्योरिटी को बायपास करके कई वर्कस्टेशन का रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया है। इस दौरान हैकर्स ने सर्विस की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली चाबियों में से एक को चुरा लिया था डिपार्टमेंट ने सांसदों को एक लेटर लिखकर इसके बारे में बताया है। डिपार्टमेंट ने इस सेंधमारी को ‘बड़ी घटना’ बताते हुए जानकारी दी है कि एफबीआई और बाकी एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं कि इसका क्या नतीजा हो सकता है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि कितने वर्कस्टेशन प्रभावित हुए हैं। किस प्रकार के दस्तावेज़ या डेटा को एक्सेस किया गया है। हालांकि, डिपार्टमेंट ने बताया है कि अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि हैकर्स के पास ट्रेजरी की जानकारी का निरंतर एक्सेस है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने इस सर्विस को ऑफलाइन कर दिया है। उनका दावा है कि हैकर्स के पास अब डिपार्टमेंट की किसी भी जानकारी का नियंत्रण नहीं है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट के एक स्पोक्सपर्सन ने अलग बयान में कहा कि ट्रेजरी अपने सिस्टम्स के खिलाफ सभी खतरों को बहुत गंभीरता से लेती है। पिछले चार साल में ट्रेजरी ने अपना साइबर डिफेंस को बेहतर बनाया है। हम अपने फाइनेंशियल सिस्टम को ऐसे हैक से बचाने के लिए प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर के पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेंगे। इस घटना ने अमेरिका और चीन के बीच साइबर हमलों से संबंधित विवादों को और गहरा दिया है। हाल ही में सॉल्ट टाइफून नाम के साइबर हमले में चीनी जासूसों ने कई अमेरिकी टेलिकम्युनिकेशन कंपनियों के नेटवर्क को हैक किया। इन हमलों के तहत लोगों के कॉल रिकॉर्ड और निजी संवाद को चीन सरकार के अधिकारियों तक पहुंचाया गया। शुक्रवार को व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने खुलासा किया कि इस साइबर जासूसी से प्रभावित कंपनियों की संख्या 9 तक पहुंच गई है।
Jan 01 2025, 15:52
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
3.9k