मालदीव में विपक्ष ने लगाया मुइज्जू को हटाने की साजिश का आरोप, जोड़ा भारत का नाम
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करीब एक साल पहले भारत के पड़ोसी देश मालदीव में सत्ता परिवर्तन। जिसके बाद मोहम्मद मुइज्जू की सरकार सत्ता में आई। सरकार गठन के बाद ही मुइज्जू के मंत्रियों ने भारत के खिलाफ जहर उगलना भी शुरू कर दिया। हालांकि मुइज्जू को जल्द पता चल गया की भारत से पंगा लेना उनके लिए आसान नहीं है। मुइज्जू की भाषा बदली, जिसको बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आने लगे। इस बीच अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में एक हैरान करने वाला दावा किया है। जिसमें दावा किया गया कि भारत ने मुइज्जू की सरकार को गिराने की साजिश रची
अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव की विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को हटाने की साजिश के लिए भारत से सहायता मांगी। रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एक एजेंट मालदीव के विपक्षी नेताओं के संपर्क में था, ताकि जनवरी में मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्हें सत्ता से हटाया जा सके।
साजिश में भारत की खुफिया एजेंसी की कथित संलिप्तता
डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नामक इस योजना का विवरण देने वाले आंतरिक दस्तावेज में वरिष्ठ सैन्य और पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देने तथा तीन प्रभावशाली आपराधिक गिरोहों से संपर्क करने की योजना का खुलासा है। कथित तौर पर भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुड़े व्यक्तियों के साथ जनवरी 2024 में चर्चा शुरू हुई। हालांकि, महीनों की गुप्त वार्ता के बाद अपर्याप्त समर्थन से महाभियोग की साजिश विफल हो गई।
द वाशिंगटन पोस्ट के दावे के मुताबिक अमेरिका में भारतीय दूतावास में रॉ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी शिरीष थोरेट और पत्रकार-राजनेता सवियो रोड्रिग्स के साथ मिलकर मुइज्जू को हटाने की चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक थोरेट और रोड्रिग्स ने योजना के अस्तित्व की पुष्टि की, लेकिन यह नहीं बताया कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे या नहीं। भारत ने अभी तक इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है।
साजिश के तहत भारत से मांगे गए 6 मिलियन डॉलर
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि मालदीव में विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर महाभियोग चलाने की साजिश रची थी। इस साजिश में सांसदों को रिश्वत देना और आपराधिक गिरोहों की भर्ती करना शामिल था। रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि इस साजिश के लिए भारत से 6 मिलियन डॉलर (करीब 50.40 करोड़ रुपये) की मांग की गई थी। हालांकि, साजिश सफल नहीं हुई।
पूर्व राष्ट्रपति ने किया भारत का समर्थन
अब इस मामले में विपक्षी नेता मोहम्मद नशीद का बयान सामने आया है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अब इस रिपोर्ट को कोरी बकवास करार दिया है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भारत कभी इस तरह से सत्ता परिवर्तन में सहायता करने के लिए तैयार होगा। मेरे साथ कभी भी ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई। वाशिंगटन पोस्ट ने डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव नाम के एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि मालदीव के विपक्ष ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के लिए 40 सांसदों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें मुइज़ू की अपनी पार्टी के सांसद भी शामिल हैं।





चीनी हैकर्स के अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट को हैक करने का मामला सामने आया है। अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट पर हाल ही में चीनी स्टेट-स्पॉन्सर्ड हैकर्स की ओर से किए गए साइबर हमले का खुलासा हुआ है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, चीन के स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट के थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर के सिस्टम में सेंध मारकर कई इम्पलॉयी वर्कस्टेशन और कुछ अनक्लासीफाइड डॉक्यूमेंट हासिल किए हैं। यह सेंधमारी दिसंबर की शुरुआत में हुई थी। यह साइबर हमला 8 दिसंबर को हुआ था। इस दौरान एक थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर बियॉन्ड ट्रस्ट ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट को सूचना दी कि हैकर्स ने उनकी सिक्योरिटी को बायपास करके कई वर्कस्टेशन का रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया है। इस दौरान हैकर्स ने सर्विस की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली चाबियों में से एक को चुरा लिया था डिपार्टमेंट ने सांसदों को एक लेटर लिखकर इसके बारे में बताया है। डिपार्टमेंट ने इस सेंधमारी को ‘बड़ी घटना’ बताते हुए जानकारी दी है कि एफबीआई और बाकी एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं कि इसका क्या नतीजा हो सकता है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने अभी तक यह जानकारी नहीं दी है कि कितने वर्कस्टेशन प्रभावित हुए हैं। किस प्रकार के दस्तावेज़ या डेटा को एक्सेस किया गया है। हालांकि, डिपार्टमेंट ने बताया है कि अब तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि हैकर्स के पास ट्रेजरी की जानकारी का निरंतर एक्सेस है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने इस सर्विस को ऑफलाइन कर दिया है। उनका दावा है कि हैकर्स के पास अब डिपार्टमेंट की किसी भी जानकारी का नियंत्रण नहीं है। ट्रेजरी डिपार्टमेंट के एक स्पोक्सपर्सन ने अलग बयान में कहा कि ट्रेजरी अपने सिस्टम्स के खिलाफ सभी खतरों को बहुत गंभीरता से लेती है। पिछले चार साल में ट्रेजरी ने अपना साइबर डिफेंस को बेहतर बनाया है। हम अपने फाइनेंशियल सिस्टम को ऐसे हैक से बचाने के लिए प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर के पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेंगे। इस घटना ने अमेरिका और चीन के बीच साइबर हमलों से संबंधित विवादों को और गहरा दिया है। हाल ही में सॉल्ट टाइफून नाम के साइबर हमले में चीनी जासूसों ने कई अमेरिकी टेलिकम्युनिकेशन कंपनियों के नेटवर्क को हैक किया। इन हमलों के तहत लोगों के कॉल रिकॉर्ड और निजी संवाद को चीन सरकार के अधिकारियों तक पहुंचाया गया। शुक्रवार को व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने खुलासा किया कि इस साइबर जासूसी से प्रभावित कंपनियों की संख्या 9 तक पहुंच गई है।
* केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में वहां के एक नागरिक के कत्ल के जुर्म में मौत की सुनाई गई है। वहां के राष्ट्रपति राशिद अल-अलीमी ने भी उनकी अपील ठुकराते हुए सजा पर मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति के आदेश के बाद 2017 से जेल में बंद निमिषा को अगले कुछ महीने में कभी भी फांसी की सजा दी जा सकती है।निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी देने की कोशिश हुई और राष्ट्रपति से भी माफी मांगी गई लेकिन ना तो ब्लड मनी पर बात बन सकी और ना ही राष्ट्रपति से माफी मिल पाई। यमनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अगले एक महीने निमिषा को फांसी दी जा सकती है। निमिषा साल 2017 से यमन की जेल में बंद है। यमन के राष्ट्रपति का फैसला प्रिया के परिवार के लिए बड़ा झटका है। परिवार लंबे समय से अपनी 36 साल की बेटी को मौत की सजा से बचाने की कोशिश में लगा था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद नर्स निमिषा प्रिया को हरसंभव मदद दे रही है। *भारत हर संभव मदद कर कहा* इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों को तलाशने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमें यमन में सुश्री निमिशा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है।’ जायसवाल ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, सरकार इस मामले में हरसंभव मदद मुहैया करा रही है। *क्यों मिली निमिषा को मौत की सजा* केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा अपने पति और बेटी के साथ 2012 में यमन गई थीं और वहां बतौर नर्स काम कर रही थीं। साल 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। इसके बाद 2016 में यमन में गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई, ऐसे में वह वापस यमन नहीं जा सके। दूसरी ओर निमिषा ने कई अस्पतालों में काम करने के बाद यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। इसमें प्रिया को कथित तौर यमन के नागरिक तलाल महदी से मदद मिली थी। निमिषा पर आरोप लगा कि जब तलाल ने क्लीनिक से कमाई करने लगीं तो तलाल ने अपना हिस्सा मांगा। इस पर दोनों के बीच तल्खी बढ़ी और बात मारपीट तक पहुंच गई। 2016 में निमिषा ने तलाल पर टॉर्चर करने की शिकायत पुलिस में दी थी और इसमें उसकी गिरफ्तारी भी हुई। जेल से बाहर आने पर तलाल ने निमिषा को फिर परेशान किया और उसका पासपोर्ट अपने पास रख लिया। आरोप है कि 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन की ओवरडोज से ही तलाल की मौत हो गई। *बॉडी के किए टुकड़े-टुकड़े* मुकदमे की सुनवाई में बताया गया कि तलाल की मौत होने के बाद निमिषा ने दोस्त अब्दुल हनान की मदद से उसकी बॉडी के टुकड़े कर दिए और पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए अगस्त, 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने आरोपों को ठीक पाते हुए निमिषा को फांसी और अब्दुल हनान की उम्रकैद की सजा सुनाई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर विवाद बेहद गंभार स्थिति में पहुंच गया है। दोनों देश डूरंड लाइन को पार कर एक-दूसरे के इलाके में लगातार हमले कर रहे हैं।पाकिस्तान द्वारा दो दिन पूर्व अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करने के बाद अफगानिस्तान ने जवाब दिया है। अफगान तालिबान बल ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर गोलीबारी की। गोलीबारी में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल के एक सैनिक की मौत हो गई। जबकि 11 अन्य सैनिक घायल हो गए। यह गोलीबारी पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद की गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव में रूस की भी एंट्री हो गई है। अफगान मीडिया के मुताबिक रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मॉस्को ‘पाकिस्तान-अफगान सीमा’ पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है। ज़खारोवा ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने और रचनात्मक वार्ता करने की अपील करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है।” इससे पहले शनिवार को सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में शनिवार को 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई। अमू टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि तालिबान ने सीमा के पास उसकी चौकियों पर ‘बिना उकसावे के भारी हथियारों से गोलीबारी’ की है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसके बलों ने पिछले हफ्ते देश पर हुए घातक हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के अंदर कई स्थानों पर हमला किया। पाकिस्तान ने गत मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पाक्तिका प्रांत में एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट करने और विद्रोहियों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। पाकिस्तान के हवाई हमलों में कई लोग मारे गए जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट की गई टिप्पणियों में कहा गया कि उसकी सेनाओं ने पाकिस्तान के उन स्थानों को निशाना बनाया, जिन्हें अफगानिस्तान पर हमलों की योजना और समन्वय से जुड़े तत्वों एवं उनके समर्थकों के लिए ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारजामी ने हमलों के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। यह भी नहीं बताया गया कि हमलों को कैसे अंजाम दिया गया। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि दोनों तरफ से कोई हताहत हुआ है या नहीं।
Jan 01 2025, 10:54
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