नए साल के जश्न की तैयारी: दिल्ली पुलिस तैनात करेगी 20 हजार कर्मी
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दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में व्यापक यातायात व्यवस्था और प्रतिबंध लागू किए हैं, जिसमें कॉनॉट प्लेस पर विशेष ध्यान दिया गया है। नए साल की पूर्व संध्या पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 20,000 पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। ग्लूकोमीटर से लैस करीब 50 टीमें प्रमुख स्थानों पर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर नजर रखेंगी। अतिरिक्त पिकेट स्टाफ के पास आगे की जांच के लिए एल्कोमीटर भी होंगे।
कॉनॉट प्लेस, हौज खास और इंडिया गेट जैसे लोकप्रिय जश्न स्थलों पर बड़ी संख्या में ट्रैफिक कर्मी तैनात रहेंगे। रात 8 बजे के बाद कॉनॉट प्लेस के पास यातायात प्रतिबंध लगाए जाएंगे। पुलिस ने रात 8 बजे के बाद कॉनॉट प्लेस में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए स्टिकर वितरित किए हैं। अधिकारी ने कहा कि कॉनॉट प्लेस में दस स्थानों की पहचान की गई है, जहां लोग अपने वाहनों के साथ नहीं जा सकते। इंडिया गेट के आसपास 14 स्थानों पर कर्मचारी तैनात रहेंगे, जहां भीड़भाड़ को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं।
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) देवेश कुमार महला ने कहा, "हमने आगामी नए साल की पूर्व संध्या पर सभी निवासियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक व्यवस्था तैयार की है।" डीसीपी ने कहा कि क्लब, होटल, रेस्तरां, पब, मॉल, पार्क और अन्य स्थानों पर बड़ी भीड़ होने की उम्मीद है। विशेष व्यवस्था कॉनॉट प्लेस, खान मार्केट, द ललित, इंपीरियल, पार्क, रॉयल प्लाजा, शांगरी-ला, ली मेरिडियन, ताज महल, ताज विवांता, मेट्रोपॉलिटन, क्लेरिज, अशोका, सम्राट, आईटीसी मौर्य और ताज पैलेस जैसे पांच सितारा होटलों के साथ-साथ इंडिया गेट, 'सी' हेक्सागन, कर्तव्य पथ, मंदिरों और गुरुद्वारों पर केंद्रित होगी।
*मुंबई:* कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नए साल की पूर्व संध्या पर मुंबई में 14,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, गिरगांव चौपाटी, बांद्रा बैंडस्टैंड और जुहू तथा वर्सोवा बीच सहित प्रमुख स्थानों पर भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। होटल, रेस्तरां और मॉल में जश्न बुधवार की सुबह तक चलने की उम्मीद है। सुरक्षा बल में 12,000 कांस्टेबल, 2,184 अधिकारी, 53 सहायक आयुक्त, 29 डिप्टी कमिश्नर और आठ अतिरिक्त आयुक्त शामिल हैं, जो कड़ी निगरानी रखेंगे और अप्रिय घटनाओं को रोकेंगे।
*बेंगलुरू:* बेंगलुरू में 7,500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई गई है। विशेष चौकियों की व्यवस्था की गई है और पुलिस नए साल और क्रिसमस के जश्न की तैयारी में सक्रिय रूप से नशा विरोधी अभियान चला रही है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने आश्वासन दिया कि सुरक्षित और घटना-मुक्त नए साल का जश्न सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं।





* केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में वहां के एक नागरिक के कत्ल के जुर्म में मौत की सुनाई गई है। वहां के राष्ट्रपति राशिद अल-अलीमी ने भी उनकी अपील ठुकराते हुए सजा पर मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति के आदेश के बाद 2017 से जेल में बंद निमिषा को अगले कुछ महीने में कभी भी फांसी की सजा दी जा सकती है।निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी देने की कोशिश हुई और राष्ट्रपति से भी माफी मांगी गई लेकिन ना तो ब्लड मनी पर बात बन सकी और ना ही राष्ट्रपति से माफी मिल पाई। यमनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अगले एक महीने निमिषा को फांसी दी जा सकती है। निमिषा साल 2017 से यमन की जेल में बंद है। यमन के राष्ट्रपति का फैसला प्रिया के परिवार के लिए बड़ा झटका है। परिवार लंबे समय से अपनी 36 साल की बेटी को मौत की सजा से बचाने की कोशिश में लगा था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद नर्स निमिषा प्रिया को हरसंभव मदद दे रही है। *भारत हर संभव मदद कर कहा* इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों को तलाशने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमें यमन में सुश्री निमिशा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है।’ जायसवाल ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, सरकार इस मामले में हरसंभव मदद मुहैया करा रही है। *क्यों मिली निमिषा को मौत की सजा* केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा अपने पति और बेटी के साथ 2012 में यमन गई थीं और वहां बतौर नर्स काम कर रही थीं। साल 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। इसके बाद 2016 में यमन में गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई, ऐसे में वह वापस यमन नहीं जा सके। दूसरी ओर निमिषा ने कई अस्पतालों में काम करने के बाद यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। इसमें प्रिया को कथित तौर यमन के नागरिक तलाल महदी से मदद मिली थी। निमिषा पर आरोप लगा कि जब तलाल ने क्लीनिक से कमाई करने लगीं तो तलाल ने अपना हिस्सा मांगा। इस पर दोनों के बीच तल्खी बढ़ी और बात मारपीट तक पहुंच गई। 2016 में निमिषा ने तलाल पर टॉर्चर करने की शिकायत पुलिस में दी थी और इसमें उसकी गिरफ्तारी भी हुई। जेल से बाहर आने पर तलाल ने निमिषा को फिर परेशान किया और उसका पासपोर्ट अपने पास रख लिया। आरोप है कि 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन की ओवरडोज से ही तलाल की मौत हो गई। *बॉडी के किए टुकड़े-टुकड़े* मुकदमे की सुनवाई में बताया गया कि तलाल की मौत होने के बाद निमिषा ने दोस्त अब्दुल हनान की मदद से उसकी बॉडी के टुकड़े कर दिए और पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए अगस्त, 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने आरोपों को ठीक पाते हुए निमिषा को फांसी और अब्दुल हनान की उम्रकैद की सजा सुनाई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर विवाद बेहद गंभार स्थिति में पहुंच गया है। दोनों देश डूरंड लाइन को पार कर एक-दूसरे के इलाके में लगातार हमले कर रहे हैं।पाकिस्तान द्वारा दो दिन पूर्व अफगानिस्तान में घुसकर टीटीपी के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले करने के बाद अफगानिस्तान ने जवाब दिया है। अफगान तालिबान बल ने पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर गोलीबारी की। गोलीबारी में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल के एक सैनिक की मौत हो गई। जबकि 11 अन्य सैनिक घायल हो गए। यह गोलीबारी पाकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकियों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद की गई। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव में रूस की भी एंट्री हो गई है। अफगान मीडिया के मुताबिक रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मॉस्को ‘पाकिस्तान-अफगान सीमा’ पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है। ज़खारोवा ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने और रचनात्मक वार्ता करने की अपील करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है।” इससे पहले शनिवार को सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में शनिवार को 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई। अमू टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि तालिबान ने सीमा के पास उसकी चौकियों पर ‘बिना उकसावे के भारी हथियारों से गोलीबारी’ की है। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसके बलों ने पिछले हफ्ते देश पर हुए घातक हवाई हमलों के जवाब में पाकिस्तान के अंदर कई स्थानों पर हमला किया। पाकिस्तान ने गत मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पाक्तिका प्रांत में एक प्रशिक्षण केंद्र को नष्ट करने और विद्रोहियों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। पाकिस्तान के हवाई हमलों में कई लोग मारे गए जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। तालिबान के रक्षा मंत्रालय की ओर से शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट की गई टिप्पणियों में कहा गया कि उसकी सेनाओं ने पाकिस्तान के उन स्थानों को निशाना बनाया, जिन्हें अफगानिस्तान पर हमलों की योजना और समन्वय से जुड़े तत्वों एवं उनके समर्थकों के लिए ठिकाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्ला ख्वारजामी ने हमलों के बारे में और कोई जानकारी नहीं दी। यह भी नहीं बताया गया कि हमलों को कैसे अंजाम दिया गया। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि दोनों तरफ से कोई हताहत हुआ है या नहीं।

Dec 31 2024, 16:50
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