दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश , चार आरोपी गिरफ्तार।
दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह नकली वीजा स्टिकर और अस्थायी निवास कार्ड बनाने का काम करता था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर, 5 अस्थायी निवास कार्ड, 14 रबर स्टैंप, 4 मोबाइल फोन और 2 पेन ड्राइव बरामद की है. साथ ही नकली दस्तावेज बनाने वाले उपकरण जैसे यूवी लाइट मशीन, खाली स्टिकर पेपर, रबर स्टैंप और सील भी जब्त की गई है.
पुलिस के मुताबिक 16 दिसंबर को लखवीर सिंह नाम के शख्स ने चाणक्यपुरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने कहा था कि उसने और उनके चार दोस्त अर्शदीप, गगनदीप, राजदीप और छिंदा सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए रणवीर नामक व्यक्ति से संपर्क किया था. जर्मनी का वीजा दिलाने के लिए 8 लाख रुपए प्रति व्यक्ति की मांग की थी. रणवीर ने उन्हें परमीजत सिंह नामक व्यक्ति से संपर्क कराया, जिसने अगस्त 2024 में उनसे पासपोर्ट और 20,000 रुपए टोकन मनी के लिए थे. इसके बाद 1 लाख रुपए प्रति व्यक्ति से और भी वसूले थे.
1 दिसंबर को परमीजत सिंह ने राजदीप सिंह का वीजा भेजने का दावा किया, लेकिन जांच करने पर वो वीजा नकली निकला. 16 दिसंबर को परमीजत सिंह ने सभी से वीजा देने और बाकी पैसे लेने के लिए मिलने को कहा. उसी दिन लखवीर सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस ने बरामद किए कई दस्तावेज
पुलिस ने परमीजत सिंह को चाणक्यपुरी में कुवैत एंबेसी के पास से गिरफ्तार किया. उसके पास से पांच नकली वीजा स्टिकर, पांच अस्थायी निवास कार्ड, पांच पासपोर्ट और जर्मन एंबेसी की एक नकली मुहर बरामद की गई. इसके बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई. जांच में पता चला कि परमीजत सिंह पहले भी इसी तरह के मामलों में शामिल रहा है. उसने पुलिस को बताया कि उसे नकली वीजा गुरुद्वारा बंगला साहिब के पास अनजान टीएसआर ड्राइवरों से मिलते थे. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और टीएसआर ड्राइवर से पूछताछ की. उसने बताया कि उसे महिंदर पार्क चौक, रानी बाग में दो अज्ञात लोगों से यह सामान मिलता था.
जांच के दौरान पुलिस ने रानी बाग के सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी से एक स्कूटी की पहचान की, जिसे तजिंदर सिंह चला रहा था. 21 दिसंबर को पुलिस ने तजिंदर सिंह को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने गिरोह के अन्य सदस्यों और उनकी भूमिकाओं का खुलासा किया.
पुलिस ने 4 लोगों को किया अरेस्ट
तजिंदर की जानकारी पर पुलिस ने उसी दिन सुनील कुमार सूद को गिरफ्तार किया. उसने बताया कि नकली वीजा बनाने का काम उदय पाल सिंह करता था. पुलिस ने उदय पाल सिंह को तिलक नगर से गिरफ्तार किया, जब वह नकली वीजा डिलीवर कर रहा था. उदय पाल सिंह के चंदर विहार स्थित घर पर छापेमारी के दौरान पुलिस को 25 पासपोर्ट, 50 नकली वीजा स्टिकर, 14 रबर स्टैंप, एक लैपटॉप, प्रिंटर, यूवी लाइट मशीन और नकली दस्तावेज बनाने के अन्य उपकरण मिले. लैपटॉप और पेन ड्राइव से 8.5 जीबी डेटा मिला, जिसमें कई नकली वीजा स्टिकर की जानकारी थी.










Dec 24 2024, 19:30
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