हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों को मिल रही कितनी पेंशन? सुप्रीम कोर्ट ने बताया बेहद दयनीय
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सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिलने वाली पेंशन को लेकर निराशा जाहिर की है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के कुछ रिटायर्ड जजों को 10,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच पेंशन दिए जा रहे हैं। यह दयनीय है।न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि हर मामले में कानूनी दृष्टिकोण अपनाना ठीक नहीं है। कुछ मामलों में मानवीय दृष्टिकोण भी अपनाया जाए।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की पेंशन से जुड़े मुद्दे वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने पीठ से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई जनवरी में की जाए। सरकार इस मुद़्दे को सुलझाने का प्रयास करेगी।
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह अच्छा होगा कि आप उन्हें पूरी स्थिति के बारे में समझाएं कि हमारे हस्तक्षेप से भी बचा जाना चाहिए।पीठ ने कहा कि इस मामले पर कोई भी निर्णय अलग-अलग मामलों के आधार पर नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो भी निर्णय लिया जाएगा। यह निर्णय सभी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर समान रूप से लागू होगा। पीठ ने कहा कि अब इस मामले की 8 जनवरी को सुनवाई होगी।
उच्च न्यायालय के एक रिटायर्ड जज ने पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी. पीठ उस पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें केवल 15,000 रुपये की ही पेंशन मिल रही है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 13 साल तक न्यायिक अधिकारी के रूप में सेवा दी थी। उसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गये थे।
यह मामला पहली बार नहीं है जब न्यायालय ने इस तरह की समस्या पर चिंता जताई है। मार्च में, शीर्ष अदालत ने कहा था कि पेंशन लाभ की गणना में यह भेदभाव नहीं किया जा सकता कि न्यायाधीश बार से आए हैं या जिला न्यायपालिका से पदोन्नत हुए हैं. अदालत ने यह भी कहा कि पेंशन का निर्धारण अंतिम वेतन के आधार पर होना चाहिए। अदालत ने पूर्व में यह भी बताया कि कुछ न्यायाधीशों को केवल 6,000 रुपये तक की पेंशन दी जा रही थी, जो कि उनके पद और सेवा के मानदंडों के खिलाफ है।
Dec 19 2024, 10:05