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बीजेपी को बड़ा झटका: बीजेपी पार्षद कुसुम लता ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा, अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां दिल्ली के चुनाव नजदीक है, वहीं बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी पार्षद कुसुम लता ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. कुसुम लता अपने पति रमेश पहलवान के साथ पार्टी में शामिल हुईं.

कुसुम लता ने पार्टी में शामिल होने पर कहा, मेरा सौभाग्य है कि मैं आम आदमी पार्टी से जुड़ रही हूं. नरेश पहलवान ने कहा, मैं दोबारा से घर वापसी कर रहा हूं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के आने के बाद दिल्ली में बहुत सुधार हुआ है, चाहे स्वास्थ, शिक्षा की बात हो. मैं इस पार्टी में दोबारा से आया हूं.

केजरीवाल ने पार्टी में किया स्वागत

अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा, मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि नरेश पहलवान और कुसुमलता आप ज्वाइन कर रहे हैं. साल 2012 में हमारी पार्टी बनी थी और इन्होंने हमारी पार्टी 2013 में ज्वाइन करी थी और यह 2017 तक पार्टी में रहे और फिर किसी वजह से ये चले गए थे, लेकिन अब फिर से इनकी घर वापसी हो रही है. रेसलिंग में और खेल के क्षेत्र में इन्होंने काफी काम किया है. कुसुमलता जी 2 बार पार्षद रही हैं. केजरीवाल ने आगे कहा, दिल्ली के सारे अच्छे-अच्छे लोग AAP ज्वाइन कर रहे हैं.

अमित शाह के बयान पर किया पलटवार

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी, चिट्ठी को लेकर पूछे गए सवाल पर केजरीवाल ने कहा, मैंने कल चिट्ठी लिखी थी अमित शाह जी को और दिल्ली के अंदर कानून व्यवस्था बहुत खराब होती जा रही है. दिल्ली में औसतन रोजाना 17 बच्चे गायब हो रहे हैं, नशे का कारोबार हो रहा है, ऐसे में उनसे मिलकर इस पर चर्चा करना चाहता था लेकिन अभी तक कोई मुझे समय नहीं मिला है.

रोहिंग्या-बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर पूछे सवाल

अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर केजरीवाल ने कहा, अमित शाह का बयान मैंने सुना नहीं है पर मैं उम्मीद करूंगा कि कोई भी जिम्मेदार होम मिनिस्टर ये जवाब नहीं देगा. इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर 4 हजार किलोमीटर है और उस 4 हजार किलोमीटर में से मुझे बताया गया कि 3 हजार किलोमीटर पर फेंसिंग है और 1 हजार किलोमीटर पर फेंसिंग नहीं है, लेकिन जो रोहिंग्या और बांग्लादेशियों का भारत के अंदर घुसना हो रहा है वो हर तरफ से हो रहा है.

अरविंद केजरीवाल ने भारत में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर सवाल पूछते हुए कहा, भारत सरकार कर क्या रही है, क्या भारत सरकार खुलेआम यह मान रही है कि वो देश की सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम है. पहली चीज तो यह है कि वो सीमा क्रॉस कैसे कर रहे हैं और दूसरी चीज है कि वो असम से बंगाल से दिल्ली कैसे पहुंच रहे हैं.

अतुल सुभाष की मौत के मामले में बड़ा अपडेट: पत्नी निकिता सिंघानिया को हो सकती है 10 साल तक की जेल , जानें क्या कहता है कानून

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साले अनुराग को अरेस्ट कर लिया गया है. इन पर अतुल को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. मामले में चौथा आरोपी यानि निकिता का चाचा फरार है. उसकी तलाश जारी है. चारों आरोपियों के खिलाफ अतुल ने धारा 108 के तहत मामला दर्ज करवाया है. भारतीय कानून के मुताबिक, इस लिहाज से चारों को 10 साल जेल की सजा हो सकती है.

भारतीय कानून के मुताबिक, धारा 108 भारतीय न्याय संहिता से जुड़ी एक धारा है. यह धारा आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है. इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और बाद में पता चलता है कि किसी और ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया था तो उस व्यक्ति को दस साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.

इस अपराध में, दोस्त, रिश्तेदार या कोई भी अन्य व्यक्ति शामिल हो सकता है. अब निकिता, उसकी मां निशा और भाई अनुराग को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. जल्द ही उन्हें सुनवाई के लिए कोर्ट में दोबारा से पेश किया जाएगा. अब देखना ये होगा कि कोर्ट उन्हें इस मामले में कितनी सजा सुनाता है.

9 दिसंबर को आत्महत्या से पहले अतुल ने निकिता और उसके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. उन्होंने सुसाइड नोट और वीडियो में अपने आरोपों का ब्यौरा दिया था.

क्या बोले डीसीपी शिवकुमार?

डीसीपी व्हाइट फील्ड डिवीजन, बेंगलुरु (कर्नाटक) शिवकुमार ने बताया- आरोपी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम (हरियाणा) से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मामले में आगामी जांच जारी है.

आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज

अतुल सुभाष के भाई विकास ने भाभी निकिता और उसके परिवार के सदस्यों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में इन सभी को आरोपी के तौर पर दिखाया गया है. निकिता के परिवार ने चल रही जांच के बीच अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए अग्रिम जमानत मांगी थी. इस पर सोमवार को सुनवाई होनी है.

मानसिक तनाव में था अतुल

अतुल के परिवार की प्रतिक्रिया मामले के बाद सामने आई. पिता पवन मोदी ने भी बताया कि उनका बेटा मानसिक तनाव में था, लेकिन उसने कभी अपने परिवार को इस संबंध में नहीं बताया. अब अतुल के पिता पवन मोदी पोते व्योम की कस्टडी की मांग कर रहे हैं. अतुल के माता-पिता ने कहा- व्योम हमारे बेटे की आखिरी निशानी है. कोर्ट को उसे हमें सौंप देना चाहिए. हम उसका अच्छे से देखभाल करेंगे. हम चाहते हैं कि अपना आखिरी समय पोते के साथ ही गुजारें. अतुल तो नहीं रहा, लेकिन पोता हमारे साथ रहेगा तो शायद हमारे दिल पर लगे कुछ घाव कम हो जाएं.

महाकुंभ 2025: प्रयागराज में 8000 नागा साधुओं का भव्य प्रवेश, तन पर भस्म और हाथों में अस्त्र-शस्त्र के साथ झूमते हुए नागा साधुओं ने मचाया धूम

महाकुंभ का सबसे बड़ा जन आकर्षण अगर सनातन धर्म के 13 अखाड़े हैं, तो इन अखाड़ों का श्रृंगार हैं इनके नागा संन्यासी. सामान्य दिनों में इंसानी बस्तियों से दूर गुफाओं और कंदराओं में वास करने वाले इन नागा संन्यासियों की महाकुंभ में बाकायदा टाऊन शिप बन जाती है. जिसकी बुनियाद जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में पड़ गई है. इस बार के महाकुंभ में करीब 40 करोड़ से ज्यादा भक्तों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है.

प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण 13 अखाड़ों का महाकुंभ नगर में प्रवेश का सिलसिला शुरू हो गया है. नागा संन्यासियों की सबसे अधिक संख्या वाले श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने पूरी भव्यता और राजसी अंदाज के साथ महाकुंभ नगर में अपना नगर प्रवेश किया. जिसकी अगुवाई नागा संन्यासियों ने की है. तन में भस्म की भभूत और हाथों में अस्त्र लिए अपनी ही मस्ती में डूबे इन नागा संन्यासियों को न दुनिया की चमक धमक से लेना देना है और न धर्माचार्यों के वैभव की जिंदगी से कुछ लेना-देना है. अपनी ही धुन में डूबे इन नागा संन्यासियों के भी अपने कई वर्ग है.

नागाओं की भी हैं जातियां

बिना वस्त्रों के अपने ही धुन में रहने वाले नागा संन्यासियों की कई उप जातियां हैं. इसमें दिगंबर, श्रीदिगंबर, खूनी नागा, बर्फानी नागा, खिचड़िया नागा, और महिला नागा प्रमुख हैं. इसमें जो एक लंगोटी पहनता है, उसे दिगंबर कहते है जबकि और श्रीदिगंबर एक भी लंगोटी नहीं पहनता. सबसे खतरनाक होते हैं खूनी नागा, जो पूरी तरह जूना अखाड़ा की आर्मी ब्रिगेड है. ये सैनिक की तरह होते हैं और धर्म की रक्षा के लिए खून भी बहा सकते हैं.

8 हजार से अधिक साधु संत हुए शामिल

हरिद्वार में दीक्षा लेने वाले नागा साधुओं को बर्फानी नागा कहा जाता है. नासिक में दीक्षा लेने वाले नागा साधुओं को खिचड़िया नागा कहा जाता है. महिलाएं भी जब संन्यास में दीक्षा लेती हैं, तो उन्हें भी नागा बनाया जाता है. वे सभी वस्त्रधारी होती हैं. जूना अखाड़े की महिला साधुओं को ‘नागिन’ भी कहा जाता है. प्रयागराज में छावनी प्रवेश की इस यात्रा में आठ हजार से अधिक साधु संत समेत नागा साधु नगर ने प्रमुख मार्गों से होते हुए छावनी क्षेत्र पहुंचे.

250 किलो के भाले

इसमें एक हजार से अधिक नागा संन्यासी थे. अपने स्थानीय अखाड़ा कार्यालय मौज गिरी आश्रम से छावनी यात्रा शुरू होते ही ये नागा संन्यासी अपना युद्ध कौशल दिखाने लगे. किसी के हाथ में तकवती, किसी के हाथ त्रिशूल तो किसी के हाथ भाला था. हर नागा योद्धा का रूप बहुती ही निराला था. कोई घोड़े पर सवार दुंदुभी बजा रहा था, तो कोई अपनी अनसुलझी जटाओं को सुलझा रहा था. इन नागा संन्यासियों में भी सबसे शक्तिशाली नागा वो होते हैं, जो इस अखाड़े के पूजे जाने वाले दो भाला देवताओं को अपनी पीठ में रखकर चलते हैं. जिनका वजन करीब 250 किलो होता है. इन्हें अखाड़े में विशिष्ट सम्मान हासिल है.

ओडिशा के बालेश्वर जिले में हैरान करने वाली घटना: किसान को सांप ने डसा, मरने से पहले डॉक्टर को थमा गया सांप का 'सबूत'

ओडिशा के बालेश्वर जिले से हैरान करने वाली घटना सामने आई है. एक किसान खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान उसको एक जहरीले सांप ने डस लिया. किसान सांप को एक झोले में लेकर अस्पताल में लेकर पहुंचा, लेकिन उसकी मौत हो गई. पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया है. घटना के बाद से ही किसान के गांव में शौक की लहर है. वहीं, पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

पूरी घटना बालेश्वर जिले के सोरो ब्लॉक के सान बिरिपड़ा गांव की है. यहां एक 45 साल के किसान भरत बेहरा को एक सांप ने डस लिया, जिससे उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई. भरत हर दिन की तरह खेत में धान की कटाई करने के लिए गए हुए थे. इसी दौरान एक सांप ने अचानक से उनके पैर में डस लिया. सांप के डसने की आहट होते ही भरत ने आसपास के खेत में काम करने वाले किसानों को इस बात की जानकारी दी.

झोले में डालकर सांप ले गया किसान

मदद के लिए पहुंचे किसानों ने तुरंत सांप को पकड़ लिया. किसानों ने सांप को इसलिए पकड़ा था क्योंकि डॉक्टरों को सांप दिखाकर भरत का बेहतर इलाज हो सकता था. भरत सांप के एक झोले में डालकर परिजनों और गांव के लोगों के साथ नजदीकी उप-स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. यहां पहुंचकर डॉक्टर ने तुरंत भरत को प्राथमिक उपचार दिया और बाद में उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए बालेश्वर जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

परिवार में पसरा मातम

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम होने के बाद परिवार को सौंप दिया है. सभी लोग पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर भरत की मौत कौन से सांप के डसने से हुई है. घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार के घर में मातम पसरा हुआ है. वहीं, इस घटना के बाद से ही किसान खेत में जाने से डर रहे हैं.

दिल्ली-UP समेत इन 11 राज्यों में कड़ाके की ठंड,शीतलहर और कोहरे का अलर्ट


देश के कई राज्यों में शीतलहर का प्रकोप जारी है, जिससे लोग कड़ाके की ठंड का सामना कर रहे हैं. पहाड़ों पर बर्फबारी होने से उत्तर पूर्वी राज्यों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके एनसीआर इलाकों में भी ठंड का असर बढ़ा हुआ है. सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना नहीं है और उसके बाद के 3 दिनों में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की क्रमिक वृद्धि होगी.

देश के 11 राज्यों में शीतलहर चल रही है. दिल्ली और उत्तर प्रदेश भी इसमें शामिल है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में गंभीर शीत लहर की स्थिति रहने की संभावना है. इसके अलावा पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा में शीतलहर चलेगी.15 और 16 दिसंबर के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों और 17 से 20 दिसंबर के दौरान पश्चिम राजस्थान में शीत लहर की स्थिति रहने की संभावना है. वहीं, 15 दिसंबर को मध्य प्रदेश में अलग-अलग इलाकों में शीत दिवस की स्थिति बहुत संभावित है.

कोहरे को लेकर अलर्ट

शीतलहर के अलावा मौसम विभाग ने घने कोहरे को लेकर भी अलर्ट जारी किया है. आईएमडी बुलेटिन के मुताबिक,16 से 18 दिसंबर के दौरान हरियाणा-चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में देर रात और सुबह के समय घने कोहरे की स्थिति बनी रहने की संभावना है. 17 दिसंबर की सुबह तक असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी कोहरा छाया रहेगा. दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में भी रात और सुबह में कोहरा छाए रहने की संभावना है.

दिल्ली में मिलेगी शीतलहर से राहत

दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. शीतलहर चलने से लोग ठिठुर रहे हैं. मौसम विभाग ने जल्द इसमें राहत मिलने की संभावना जताई है. मौसम विभाग का कहना है कि इस वीकेंड दिल्ली के तापमान में बढ़ोत्तरी हो सकती है. रविवार को लेकर मौसम विभाग ने बताया कि आसमान साफ रहेगा और सुबह के समय सतह पर हवा की गति 6 किमी प्रति घंटे से कम रहने की संभावना है. सुबह, शाम और रात के समय धुंध छाए रहने की संभावना है. इसके बाद हवा की गति उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा से बढ़कर दोपहर के समय 8 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी.

पहाड़ों पर बना है मौसम शुष्क

उधर, पहाड़ों पर मौसैम शुष्क बना हुआ है. दिन में चटक धूप निकल रही है, वहीं शाम होत ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम विभाग ने रविवार को उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है. यह सिलसिला 18 दिसंबर तक रहेगा. राज्य की राजधानी देहरादून में शनिवार को तापमान तापमान सामान्य से तीन डिग्री बढ़कर 24.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि रात का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 4.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया.

जियो का न्यू ईयर 2025 प्लान: अनलिमिटेड 5G डेटा और कॉलिंग के साथ कई डिस्काउंट ऑफर्स, जानें कैसे होगा आपका फायदा

भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने ग्राहकों को नए साल का गिफ्ट दिया है. जियो का 2,025 रुपये वाला न्यू ईयर वेलकम प्लान आपको अनलिमिटेड 5G डेटा और कॉलिंग का बेनिफिट देगा. जियो प्रीपेड यूजर्स इस प्लान का फायदा उठा सकते हैं. यह प्लान आपको न केवल कनेक्टिविटी बल्कि कई डिस्काउंट ऑफर्स का फायदा भी देता है. अगर नए साल पर रिचार्ज कराना है, तो इस प्लान पर गौर किया जा सकता है.

2025 रुपये के रिचार्ज पर आपको शॉपिंग वेबसाइट, फूड डिलीवरी ऐप और फ्लाइट बुकिंग आदि पर 2,150 रुपये की छूट मिल सकती है. इस प्लान से कुछ यूजर्स को सालाना 400 रुपये से ज्यादा की बचत हो सकती है. अगर आप इस रिचार्ज प्लान का फायदा उठाना चाहते हैं तो 11 जनवरी 2025 तक यह रिचार्ज करा सकते हैं.

Jio New Year Plan: अनलिमिटेड 5G डेटा

भारत में जियो के न्यू ईयर वेलकम प्लान की कीमत 2,025 रुपये है. जिस दिन आप यह प्लान खरीदेंगे तब से 200 दिनों तक यह प्लान वैलिड रहेगा. जियो के प्रीपेड यूजर्स 11 जनवरी 2025 तक इस प्लान को खरीद सकते हैं. इसमें अनलिमिटेड 5G डेटा का भी फायदा मिल रहा है, जो हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए बढ़िया ऑप्शन है.

Jio New Year Plan: फ्री सब्सक्रिप्शन

रिलायंस जियो के न्यू ईयर वेलकम प्लान 2025 में 500GB 4G डेटा या 2.5GB 4G डेटा डेली मिल रहा है. इसके अलावा कस्टमर्स को अनलिमिटेड वॉयस कॉल और एसएमएस का भी फायदा मिलेगा. इस रिचार्ज को कराने पर JioTV, JioCinema और JioCloud का सब्सक्रिप्शन भी मिलेगा.

Jio New Year Plan: डिस्काउंट ऑफर्स

न्यू ईयर प्लान के साथ कस्टमर्स 2,150 रुपये के एलिजिबल ब्रांड के कूपन का फायदा उठा सकते हैं. इसमें 500 रुपये का एजियो कूपन शामिल है, जिसे ई-कॉमर्स साइट पर कम से कम 2,500 रुपये की खरीदारी पर भुनाया जा सकता है.

रिलायंस जियो न्यू ईयर वेलकम प्लान के साथ अन्य पार्टनर बेनिफिट्स में 499 रुपये की कम से कम खरीदारी पर स्विगी पर 150 रुपये की छूट मिलेगी. इसके अलावा ईजमाईट्रिप डॉट कॉम मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर फ्लाइट बुकिंग पर 1,500 रुपये की छूट भी शामिल है.

कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स का सीबीआई की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन, मृत लेडी डॉक्टर के माता-पिता भी उतरे सड़क पर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी को जमानत मिलने और सीबीआई की विफलता के खिलाफ शनिवार को जूनियर डॉक्टर्स सहित विभिन्न संगठनों ने कोलकाता में जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया. दूसरी ओर, सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट और मेडिकल सर्विस सेंटर, सर्विस डॉक्टर्स फोरम, नर्सेज यूनिटी और अन्य नागरिकों के प्रतिनिधियों ने सीबीआई के जांच अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की.

जूनियर डॉक्टर और नर्स करुणामयी से सीजीओ कॉम्प्लेक्स तक मार्च निकाला, तो रानी रासमणि एवेन्यू पर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया. मृत लेडी डॉक्टर के माता-पिता भी विरोध में सड़क पर उतर आये. फिर इसी दिन आठ जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि सीजीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे.

जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर ने कहा, ”मैं कल की घटना के जवाब में सीजीओ कॉम्प्लेक्स जा रहा हूं. यह दिखाने जा रहे हैं कि आम लोग सड़कों पर हैं. इस तरह न्याय व्यवस्था को तमाशा नहीं बनाया जा सकता. वह संदेश देने जा रहा हूं. उधर, मृत लेडी डॉक्टर के पिता ने कहा, ‘और क्या! ऐसे में न्याय के लिए आंदोलन को मजबूत करना होगा. सड़क पर उतरना होगा.

कोलकाता में सड़क पर उतरे जूनियर डॉक्टर्स

उधर, रानी रासमणि एवेन्यू में चल रहे जुलूस में पुतला फूंके जाने से हड़कंप मच गया. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस उनके मार्च को रोक रही है. जब आंदोलनकारी पुतला जलाने गए तो कुछ लोगों ने पानी डालकर उन्हें रोक दिया. दमकलकर्मी पानी देने आये. फिर बहस हुई. विरोध कर रहे एक डॉक्टर ने कहा, ”पीले कपड़ों में एक व्यक्ति आया और ड्रम से पहले पानी डाला. फिर पीटने लगे, ऐसे कैसे मिलेगा न्याय?

मेडिकल सर्विस सेंटर के राज्य सचिव डॉ विप्लव चंद्रा ने कहा कि सीबीआई अधिकारी से बात करने के बाद हम निराश हैं. इससे पहले जब हम सीबीआई अधिकारियों से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि अभी 90 दिन बाकी हैं. हां, हम आरोप पत्र देंगे. लेकिन हम यह देखकर हैरान थे कि 90 के बाद दिन, अब सीबीआई अधिकारी कहते हैं कि आरोप पत्र देने के लिए 90 दिन पर्याप्त नहीं हैं, क्या आप पर कोई प्रभाव पड़ता है, जो दाखिल करने में इतना समय लगता है?

सीबीआई से उठ गया है भरोसा: डॉ विप्लव चंद्रा

उन्होंने कहा कि लोगों का आप पर से भरोसा उठ गया है, अगर आपने तुरंत संदीप घोष और अभिजीत मंडल के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया तो लोगों का आप पर से भरोसा उठ जायेगा. उन्होंने कहा कि हम जनता से कहना चाहते हैं कि राज्य प्रशासन और सीबीआई के बीच मिलीभगत को रोकने और अभया की हत्या के लिए न्याय पाने का एकमात्र तरीका आंदोलन है. हमारे पास आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं है.

संविधान पर चर्चा में पीएम मोदी ने तीन महापुरुषों के कोट का उल्लेख कर सदन को समझाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकसभा में पहुंचकर संविधान पर चर्चा से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए आए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की 75 सालों की महान यात्रा है. इसके साथ ही सदन में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता नहीं मानते थें कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था. वो भारत के गौरवशाली इतिहास को मानते थे. इसीलिए भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता था.

पीएम ने आगे कहा कि भारत का गणतांत्रिक अतीत बहुत समृद्धि रहा है. लोकतंत्र विश्व के लिए प्रेरक रहा है, हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र ही नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात को और बारीकीं से समझाने के लिए कहा, ‘इसको सदन में समझाने के लिए मैं तीन महापुरुषों के कोट से समझाना चाहता हूं.

पहला कोट…

इस दौरान उन्होंने सबसे पहले पुरुषोत्तम दास टंडन का कोट पढ़ते हुए कहा कहा कि सदियों के बाद हमारे देश में एक बार फिर ऐसी बैठक बुलाई गई है. ये हमारे मन में अपने गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है. जब हम स्वतंत्र हुआ करते थे. जब सभाएं आयोजित की जाती थी. जिसमें विद्वान लोग देश के महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा के लिए मिला करते थें.

कौन थें राजार्षि पुरुषोत्तम दास टंडन?

पुरुषोत्तम दास टंडन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और समाज सुधारक थे. महात्मा गांधी से प्रेरित होकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और असहयोग आंदोलन व नमक सत्याग्रह जैसे अभियानों में सक्रिय रहे. वे संविधान सभा के सदस्य भी थे और हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. ये भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा के प्रबल समर्थक थे. सामाजिक योगदान के लिए उन्हें 1961 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

दूसरा कोट…

पुरुषोत्तम दास टंडन के कोट के बाद उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कोट को सदन में कहा कि इस महान राष्ट्र के लिए गणतांत्रिक व्यवस्था नई नहीं है. हमारे यहां ये इतिहास के शुरुआत से ही है.

भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे. उन्होंने 1947-49 तक संविधान सभा के सदस्य के रूप में काम किया और भारतीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई. राधाकृष्णन की वक्तृत्व कला को ध्यान में रखते हुए जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों में संबोधन करने के लिए चुना. 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वे शिक्षा और दर्शन में अपनी अद्वितीय योगदान के लिए हमेशा याद किए जाते हैं.

तीसरा कोट…

पुरुषोत्तम दास टंडन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद उन्होंने भीमराव अंबेडकर के कोट को भी सदन में कहा कि ऐसा नहीं है कि भारत को पता नहीं था कि लोकतंत्र क्या होता है? एक समय था जब भारत में कई गणतंत्र हुआ तंत्र हुआ करते थे.

संविधान में भीमराव अंबेडकर की भूमिका

भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे. उन्होंने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दलितों, पिछड़ों और अन्य समाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान सुझाए. अंबेडकर को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था, और वे भारतीय न्यायपालिका, समानता और सामाजिक न्याय के पक्षधर थे. उनका योगदान विशेष रूप से समानता के अधिकार, आरक्षण प्रणाली और धर्म की स्वतंत्रता के मुद्दों पर महत्वपूर्ण था.

आपातकाल और संविधान संशोधन पर प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- कांग्रेस ने संविधान की अवमानना की है और इसकी आत्मा को लहूलुहान किया है

संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को पूर्व की कांग्रेसी सरकारों पर भी खूब बरसे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल और आपातकाल का जिक्र करते हुए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सीट के लिए देश में आपातकाल लागू किया, इसे देश कभी भूल नहीं सकता. आपातकाल कांग्रेस के माथे पर पाप का ऐसा कलंक है जो कभी धुल नहीं सकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की है. संविधान के महत्व को कम किया है. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. 75 साल की इस यात्रा में 55 साल एक ही परिवार ने राज किया. इस दौरान देश में क्या-क्या हुआ है, जनता को ये जानने का अधिकार है.

इंदिरा शासन काल में संविधान की हत्या

आपातकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौर में अदालत के पंख भी काट दिए गए थे. देशवासियों को जानने की जरूरत है कि यह किसी और ने नहीं बल्कि इंदिरा गांधी की सरकार ने ही किया था. उनको कोई रोकने वाला भी नहीं था. जब इंदिरा गांधी चुनाव को कोर्ट ने रद्द कर दिया और पद छोड़ने की नौबत आ गई तो उन्होंने संविधान को ताक पर रखकर आपातकाल लगा दिया.

कांग्रेस ने कई बार संविधान संशोधन किए

पीएम मोदी ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने तभी पं. नेहरू को संविधान संशोधन को लेकर सचेत किया था लेकिन उन्होंने नहीं माना. पीएम ने कहा कि आगे भी कांग्रेस सरकार को संविधान संशोधन करने की आदत सी बन गई. कांग्रेस ने समय-समय पर संविधान का ही शिकार किया. संविधान की आत्मा का लहूलुहान किया. एक बार नहीं कई बार संविधान बदले गए.

शर्मनाक:हिंगोली अस्पताल में सर्जरी के बाद 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया

महाराष्ट्र के हिंगोली में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदइंतजामी एक बार फिर सामने आई है. कड़ाके की ठंड में सर्जरी के बाद 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया. 13 दिसंबर को कुटुंब कल्याण योजना शिविर में महिलाओं को ठंड के मौसम में फर्श पर सोना पड़ा. महिलाओं को ठंडे फर्श पर सुलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सर्जरी के बाद सोने के लिए अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण महिलाओं को फर्श पर सोना पड़ा. ये मामला कलमनुरी तालुक के बालापुर ग्रामीण अस्पताल का है. वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.

महाराष्ट्र के हिंगोली के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की परिवार नियोजन सर्जरी की गई. लेकिन बिस्तर नहीं होने के कारण इनमें से 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया. कड़ाके की ठंड में महिलाओं को फर्श पर सोना पड़ा. स्वास्थ्य व्यवस्था का कुप्रबंधन उजागर हो गया. इन सभी घटनाओं के बाद नागरिकों ने स्वास्थ्य विभाग पर अपना गुस्सा जाहिर किया. सर्जरी के बाद साफ-सफाई का ध्यान न रखने से नाराजगी बढ़ गई लेकिन सिस्टम काम नहीं आया. वहीं लापरवाही को लेकर अस्पताल और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.

अस्पताल में 43 महिलाओं को फर्श पर लिटाया

कलमनुरी तालुक के अखाड़ा बालापुर ग्रामीण अस्पताल में सर्जरी के बाद कम से कम 43 महिलाओं को फर्श पर लिटाया गया. वहीं अस्पताल में भर्ती महिला को अब छुट्टी दे दी गई है. महिलाओं के परिजन अपने आंसू नहीं छिपा पा रहे थे लेकिन शुरुआत में अस्पताल की तरफ से कोई मदद नहीं की गई. वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन जागा.

बालापुर की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. जिला सर्जन नितिन तडस ने जानकारी दी है कि बालापुर ग्रामीण अस्पताल में हुई घटना के बाद जिला सर्जन के साथ जिला टीम 20 बिस्तर और जोड़ेगी.

विधायक संतोष बांगड़ का गजब बयान

अखाड़ा बालापुर में जो हुआ वह चौंकाने वाला नहीं है. विधायक संतोष बांगड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इसमें कोई कोताही नहीं बरती है. हमने कई बार यहां के स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने यह रुख अपनाया कि फर्श पर गद्दे लगाने से महिलाओं को सुविधा होती थी क्योंकि महिलाओं की संख्या अधिक थी और समय कम था.