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गृह विभाग में 305 पदों पर होगी बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : नौकरी की तलाश में जुटे युवक-युवतियों के लिए बड़ी खबर है। उन्हें गृह विभाग में नौकरी का मौका मिल सकताहै।गृह विभाग (आरक्षी शाखा) में सहायक अवर निरीक्षक (स्टेनो) के 305 पदों पर प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर सीधी नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगा गया है। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के माध्यम से आवेदन पत्र ऑनलाइन आमंत्रित किया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 17 जनवरी 2025 निर्धारित की गयी है।

आयोग से मिली जानकारी के अनुसार पे लेवल -5 (29,000 से 92,300) के इन पदों पर सहायक अवर निरीक्षक (आशु) के 305 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन भरने की प्रक्रिया 17 दिसंबर 2024 से शुरू होगी। एक अभ्यर्थी की ओर से मात्र एक ही ऑनलाइन आवेदन पत्र भरा जा सकता है।

आवेदन के लिए पात्रता

इस पद के लिए भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। पुरुष एवं महिला दोनों आवेदन कर सकते हैं। 1 अगस्त 2024 तक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट (10 प्लस टू) परीक्षा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अभ्यर्थी को एक अगस्त 2024 तक कंप्यूटर संचालन में सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से डिप्लोमा प्रमाणपत्र धारक होना अनिवार्य होगा।

लिखित परीक्षा होगी

इस पद पर नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इसमें सफल अभ्यर्थियों के लिए श्रुतिलेखन, हिंदी और अंग्रेजी के टंकण की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद मेधा सूची के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया की जाएगी।

बिजली का बैलेंस जीरो होने पर भी नहीं कटेगी बिजली, बस कीजिए यह काम

डेस्क : स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं को बैलेंस जीरो होने पर बिजली कट की परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन उन्हें इससे छुटकारा मिल सकता है। बिजली का आपका बैलेंस कितना भी माइनस में क्यों न चला जाए घर की बिजली नहीं कटेगी। इसके लिए बस इतना करना है कि स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ता प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से जुड़ जाए।

गौरतलब है कि पटना अंचल के ग्रामीण इलाके में 100 लोग सौर ऊर्जा योजना का लाभ ले रहे हैं। इनका बैलेंस शून्य होने पर भी बिजली नहीं कट रही है।

दरअसल सौर ऊर्जा लगाने पर स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ता पोस्टपेड उपभोक्ता बन जाएंगे। इसमें ऐसी तकनीक लगाई गई है कि सौर ऊर्जा से कितनी यूनिट बिजली मिली, कितनी खपत की और कितनी यूनिट बिजली बच गई। अधिक बिजली बचने पर बिजली कंपनी को बिजली चली जाती है। उस एवज में बिजली कंपनी जरूरत पर उन उपभोक्ताओं को ली हुई बिजली लौटा देती है। बिजली उपभोक्ताओं को इसलिए पोस्टपेड वाली सुविधा दी जाती है। इसमें एक और सुविधा यह भी है कि आपका एक महीने में 300 यूनिट बिजली उत्पादित हुआ। आप किसी कार्यवश बाहर चले गए। वह बिजली आप आने पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

मौसम का मिजाज : आज रविवार से प्रदेश में तापमान में वृद्धि के आसार, ठंड से मिलेगी राहत

डेस्क : बीते कुछ दिनों से पछुआ हवा ने बिहार में ठंड को बढ़ा रखा है। लेकिन अब हवा का रुख बदलने के कारण आज रविवार से तापमान में वृद्धि के आसार हैं। इससे अगले तीन दिनों तक ठंड से हल्की राहत मिलेगी। अगले तीन दिनों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी।

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिमी हवा की जगह पुरवा हवा चलेगी। इससे हवा के ठंडक से लोगों को राहत मिलने वाली है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट से ठंड में लगातार वृद्धि हो रही है। शनिवार को भी प्रदेश के ज्यादातर शहरों के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट आई।

शनिवार को 25 शहरों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया। इससे रात में लोगों को अधिक ठंड का अहसास हो रहा है। वहीं, 25 शहरों के अधिकतम तापमान में वृद्धि भी हुई है। पटना के अधिकतम तापमान में 0.2 और न्यूनतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट आई। राजधानी का अधिकतम तापमान 22.8 और न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

इस सीजन में पहली बार प्रदेश का न्यूनतम पारा 4.5 डिग्री सेल्सियस रोहतास के डेहरी में दर्ज किया गया। प्रदेश का सबसे गर्म शहर 25.6 डिग्री सेल्सियस के साथ फारबिसगंज और खगड़िया रहा।

सीएम नीतीश कुमार की ‘बिहार यात्रा’ से पहले पीके का तीखा वार, कहा - मैने मुख्यमंत्री को दे रखी है यह खुली चुनौती

डेस्क : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर पिछले दो वर्षों से बिहार के गांव-गांव में पदयात्रा कर रहे हैं और जनता को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। वहीं, आगामी 15 दिसंबर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की जा रही 'बिहार यात्रा' को लेकर प्रशांत किशोर ने तीखा हमला बोला है।

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को खुली चुनौती देते हुए कहा, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं न। उनको मैंने खुली चुनौती दे रखी है कि आप एक पंचायत में बिना सुरक्षा के पैदल चलकर दिखा दें। उन्होंने आगे कहा, हम गांव में बिना किसी सुरक्षा के रहते हैं, वहीं सोते हैं, और हर जाति, हर वर्ग, हर समाज के लोगों से मिलते हैं। सभी ने हमारे प्रयास की सराहना की है। यह अलग बात है कि वे हमें वोट दें या न दें, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि हमारा प्रयास गलत है।

प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनकी पदयात्रा सच्चे अर्थों में जनता से जुड़ने का प्रयास है। उन्होंने कहा, हमने अपने घर-परिवार को छोड़कर यह पदयात्रा शुरू की है। इस यात्रा में कोई सुरक्षा, सिपाही या हवलदार नहीं है। गांव-गांव पैदल जाते हैं। मुझसे लोग मिल सकते हैं, बात कर सकते हैं, गाली दे सकते हैं या आशीर्वाद दे सकते हैं। यही असली फर्क है। उन्होंने नीतीश कुमार को फिर चुनौती देते हुए कहा, मैंने पहले भी कहा था और आज भी कहता हूं कि नीतीश कुमार अपने सुरक्षा घेरों को हटाकर किसी एक पंचायत में पैदल चलकर दिखाएं। उनका इतना साहस नहीं है कि वे बिना सुरक्षा और दल-बल के एक पंचायत में भी चल सकें।

धीरेन्द्र की रिपोर्ट

प्रशांत किशोर ने वन नेशन-वन इलेक्शन का किया समर्थन, कहें यह बात

डेस्क : केन्द्रीय कैबिनेट ने बीते गुरुवार को वन नेशन-वन इलेक्शन से जुड़े विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी। विधेयक के प्रारूप को मंजूरी मिलने के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर भी तेज हो गया है। एक ओर जहां एनडीए गठबंधन में शामिल दलों ने इसका समर्थन किया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने इसे फेडरल स्ट्रक्चर पर हमला बताया है। वहीं इस मुद्दे पर चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने भी अपना पक्ष रखा है।

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने वन नेशन वन इलेक्शन को समर्थन दिया है। प्रशांत किशोर ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' को देश के लिए फायदेमंद बताया है। उन्होंने कहा है कि मेरा मानना है अगर इसे सही नीयत से लागू किया जाए तो देश के लिए काफी फायदेमंद होगा। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि हर साल देश की करीब एक चौथाई जनता मतदान करती है। इस वजह से सरकार चलाने वाले लोग ज्यादातर समय चुनाव के चक्र में फंसे रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू करने के लिए चार-पांच साल का वक्त दिया जाना चाहिए।

पीके ने आगे कहा कि पिछले 50 सालों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया को 1 दिन में नहीं बदला जा सकता। सरकार को सभी पार्टियों को विश्वास में लेके इसे अगले चार से पांच सालों में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करना होगा। देश की जनता भी धीरे-धीरे इस प्रक्रिया को स्वीकार कर लेगी। इतने बड़े बदलाव को 1 दिन में जमीन पर नहीं उतरा जा सकता।

BPSC पीटी परीक्षा का प्रश्नपत्र लिक होने से आयोग ने किया इनकार, पटना डीएम ने अभ्यर्थियों के हंगामे का बताया वजह

डेस्क : आज 13 दिसंबर को बिहार के 912 परीक्षा केंद्रों पर दिन के 12 बजे से 2 बजे तक बीपीएससी पीटी की परीक्षा हुई। इस दौरान पटना के कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा सभागार में अभ्यर्थियों ने पेपर लीक की बात कह हंगामा मचाया। प्रश्नपत्र वायरल होने की बात कह परीक्षा को रद्द करने की मांग की गयी। जिसके बाद अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय के समक्ष भी हंगामा मचाया और प्रदर्शन किया। पुलिस के पदाधिकारियों ने काफी मशक्कत के बाद अभ्यर्थियों को शांत कराया। जिसके बाद शाम 5 बजे बिहार लोक सेवा आयोग के चेयरमैन परमार रवि मनु भाई और जॉइंट सेक्रेटरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पेपर लिक की बात को साफ तौर से इनकार किया।

बीपीएससी के ज्वाइंट सेक्रेटरी कुंदन कुमार ने मीडिया को बताया कि बिहार के 36 जिले में आज बीपीएसपी की 70वीं पीटी परीक्षा आयोजित की गयी थी। 912 में से 911 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण संपन्न हुई। प्रश्न पत्र को उपद्रवी तत्वों ने वायरल किया। आयोग पूरे मामले की जांच करेगा। जांच के बाद आयोग कोई फैसला लेगा।

वहीं पटना जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर ने बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक का खंडन करते हुए कहा कि शुक्रवार को पटना के बापू परीक्षा परिसर में 12 हजार अभ्यर्थियों का सेंटर था। यहां प्रत्येक क्लास में 273 बच्चों के सिटिंग प्लान था। इसको लेकर एक कक्ष के लिए एक बॉक्स में 288 प्रश्न पत्र आने चाहिए थे। हालाँकि एक बॉक्स में बॉक्स में सिर्फ 192 प्रश्न पत्र आए। इसके कारण ही पूरा विवाद हो गया। उन्होंने कहा कि जिस बॉक्स में सिर्फ 192 प्रश्न पत्र था उस कक्ष के लिए शेष प्रश्न पत्र दूसरे हॉल से लिया गया।

प्रश्न पत्र के बंडल खुले बॉक्स के साथ दूसरे कक्ष में ले जाए गये। इसपर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताई। छात्रों का कहना था कि प्रश्नपत्र के बॉक्स क्यों खुले हैं। उनको कुछ समझाया जाता इससे पहले ही छात्र परीक्षा छोड़कर बाहर निकल गए। डीएम ने स्वीकारा की बॉक्स में कम प्रश्न पत्र रहने पर दूसरे हॉल से प्रश्न पत्र लाने में 10 से 15 मिनट की देरी भी हुई। उन्होंने कहा कि छात्रों का कहा गया कि आपको अतिरिक्त समय मिलेगा। लेकिन इसके बाद भी करीब 100 से 150 छात्रों ने प्रश्न पत्र का बंडल खुला रहने का आरोप लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया।

पटना में शंकर नेत्रालय बनने का रास्त हुआ साफ, सीएम नीतीश की मौजूदगी में एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

डेस्क : शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया आंख के इलाज के लिये एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अस्पताल है। अब इस अस्पताल का शाखा पटना में भी होगा। शंकरा नेत्रालय खुलने को लेकर शुक्रवार को एक बड़ा कदम बढाया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष शुक्रवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' में स्वास्थ्य विभाग और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयम्बटूर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ। पटना में अतिविशिष्ट नेत्र अस्पताल के निर्माण एवं संचालन के संबंध में यह समझौता ज्ञापन हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह और शंकरा आई फाउंडेशन इंडिया, कोयम्बटूर के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डॉ० आर०बी० रमणी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर एक दूसरे को प्रति सौंपी। अब पटना के कंकड़बाग क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय नेत्र अस्पताल के रुप में शंकरा नेत्रालय बनने का रास्ता साफ हो गया।

बिहार कैबिनेट ने इसी महीने 3 दिसम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नेत्र अस्पताल के निर्माण पर फैसला लिया था। कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया इस अस्पताल का निर्माण करेगी। अस्पताल के निर्माण के लिए कोयंबटूर स्थित शंकर आई फाउंडेशन इंडिया को 99 साल के पट्टे पर 1.6 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने के लिए राज्य आवास बोर्ड को भुगतान के वास्ते 48 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। अस्पताल 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगा.

शंकरा आई फाउण्डेशन इंडिया आंख के इलाज के लिये एक अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अस्पताल है जो अपने खर्च पर इस भूमि पर अस्पताल का निर्माण एवं संचालन करेगा। इसमें आंख के सामान्य इलाज के साथ-साथ कॉर्नियोप्लास्टी, रेटिना डिटैचमेंट एवं आंख के कैंसर जैसी जटिल बीमारियों का भी इलाज हो सकेगा। इस संबंध में 75 प्रतिशत मरीजों का इलाज मुफ्त तथा 25 प्रतिशत का सशुल्क होगा। ढाई लाख रूपये प्रति वर्ष से कम आयवाले परिवार निःशुल्क चिकित्सा पा सकेंगे।

देर से कार्यालय आने वाले सरकारी कर्मचारी हो जाए सावधान, सीएस ने जारी किया यह सख्त निर्देश

डेस्क : बिहार में सचिवालय के सभी विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में राज्यकर्मी समय पर नहीं आ रहे हैं। बायोमेट्रिक हाजिरी में भी लापरवाही हो रही है। इस मामले में अब सरकार सख्त हो गई है। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस लापरवाही और गैर जिम्मेदार रवैये को गंभीरता से लेते हुए ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।

मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की लापरवाही की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार को सभी विभागों के विभाध्यक्षों के साथ ही पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा है। जिसमें 2007 से बहाल पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला देकर कहा गया है कि पूर्व से यह व्यवस्था बनाई गई है कि कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस व्यवस्था से एक-एक कर्मचारी अवगत भी हैं। बावजूद इस कार्य में लापरवाही की जानकारी मिल रही है।

पत्र में कहा है कि कर्मचारियों के लिए कार्यालय के लिए निर्धारित समय पर आने और आधार लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति की व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने निर्देश दिया कि समय-समय पर विभाग के पदाधिकारी कार्यालयों में निरीक्षण करें कि कर्मचारी समय पर आ रहे हैं या नहीं। बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं या नहीं। जो कर्मचारी विलंब से आते हैं उन्हें हिदायत दी जाये, यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता है तो उसके अवकाश से कटौती की जाय। विशेष परिस्थिति में आवश्यक छूट विभागाध्यक्ष दे सकते हैं। इसी प्रकार जो कर्मचारी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं या किसी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है तो पूर्व में किए गए प्रावधान के तहत उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की जाये।

पांच दिनों का कार्य सप्ताह निर्धारित करने का मकसद यही था कि कर्मचारी समय पर आएं, इसलिए इस नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाय।

प्रशांत किशोर का बड़ा बयान : केन्द्र और बिहार में किसी की रही सरकार, नहीं बदले प्रदेश के हालात

डेस्क : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्र और बिहार में किसी भी दल की सरकार रही हो, लेकिन बिहार की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

बीते गुरुवार को बयान जारी कर पीके ने कहा कि जब कांग्रेस की यूपीए सरकार दिल्ली में थी, तब भी बिहार में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की स्थिति जस की तस थी। आज दिल्ली में मोदी सरकार है, फिर भी बिहार में गरीबी, भ्रष्टाचार और पलायन कायम है।

पिछले 15 वर्षों तक जब लालू प्रसाद का शासन था, तब भी बिहार की स्थिति यही थी। अब 17-18 वर्षों से नीतीश कुमार का शासन है, लेकिन स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। थोड़े-बहुत सुधार हो सकते हैं, लेकिन मूलरूप से स्थिति वैसी ही है, जैसी पहले थी।

पीके ने कहा कि राजनीति में केवल चुनाव जीतने और हारने से समाज में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। चुनाव चाहे कोई भी जीते या हारे, जब तक समाज के स्तर पर बदलाव नहीं होगा, तब तक दलों की जीत-हार से आमूलचूल परिवर्तन की अपेक्षा करना व्यर्थ है।

बढ़ते ठंड के प्रकोप को देखते हुए पटना जिला प्रशासन सतर्क, जिलाधिकारी ने दिया यह निर्देश*

डेस्क : बिहार में ठंड ने अपना प्रकोप दिखाना शुरु कर दिया है। प्रदेश में उत्तर-पश्चिमी हवा का लगातार प्रवेश हो रहा है। जिसके कारण न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। इधर बढ़ते ठंड के प्रकोप को देखते हुए पटना जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने गुरुवार को सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जैसे ही शीतलहर प्रारंभ हो अपने विवेक से गरीब एवं निसहाय व्यक्तियों के लिए पर्याप्त मात्रा में अलाव की व्यवस्था करें। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यालय स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक सभी शहरी एवं अर्द्धशहरी स्थानों में अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें। अलाव ऐसे स्थानों पर जलाया जाय जहां अधिक से अधिक निर्धन एवं असहाय लोग रहते हैं या एकत्र होते हैं। उन्होंने धर्मशाला, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों के पास अलाव की व्यवस्था करने को कहा गया। डीएम ने अनुमंडल स्तर पर सभी भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता को अलाव की व्यवस्था के लिए नियंत्रण एवं निगरानी के लिए प्रभारी पदाधिकारी नामित किया है। वर्तमान में पटना नगर निगम द्वारा आश्रय विहीनों के लिए तीन प्रकार के कुल 29 रैन बसेरा तैयार है। 6 स्थायी एवं 11 अस्थायी आश्रय स्थलों के साथ 12 जर्मन हैंगर का निर्माण किया गया है।