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संविधान पर चर्चा में पीएम मोदी ने तीन महापुरुषों के कोट का उल्लेख कर सदन को समझाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को लोकसभा में पहुंचकर संविधान पर चर्चा से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए आए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की 75 सालों की महान यात्रा है. इसके साथ ही सदन में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता नहीं मानते थें कि भारत का जन्म 1947 में हुआ था. वो भारत के गौरवशाली इतिहास को मानते थे. इसीलिए भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता था.

पीएम ने आगे कहा कि भारत का गणतांत्रिक अतीत बहुत समृद्धि रहा है. लोकतंत्र विश्व के लिए प्रेरक रहा है, हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र ही नहीं बल्कि लोकतंत्र की जननी हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात को और बारीकीं से समझाने के लिए कहा, ‘इसको सदन में समझाने के लिए मैं तीन महापुरुषों के कोट से समझाना चाहता हूं.

पहला कोट…

इस दौरान उन्होंने सबसे पहले पुरुषोत्तम दास टंडन का कोट पढ़ते हुए कहा कहा कि सदियों के बाद हमारे देश में एक बार फिर ऐसी बैठक बुलाई गई है. ये हमारे मन में अपने गौरवशाली अतीत की याद दिलाती है. जब हम स्वतंत्र हुआ करते थे. जब सभाएं आयोजित की जाती थी. जिसमें विद्वान लोग देश के महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा के लिए मिला करते थें.

कौन थें राजार्षि पुरुषोत्तम दास टंडन?

पुरुषोत्तम दास टंडन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और समाज सुधारक थे. महात्मा गांधी से प्रेरित होकर उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और असहयोग आंदोलन व नमक सत्याग्रह जैसे अभियानों में सक्रिय रहे. वे संविधान सभा के सदस्य भी थे और हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. ये भारतीय संस्कृति और हिंदी भाषा के प्रबल समर्थक थे. सामाजिक योगदान के लिए उन्हें 1961 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

दूसरा कोट…

पुरुषोत्तम दास टंडन के कोट के बाद उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कोट को सदन में कहा कि इस महान राष्ट्र के लिए गणतांत्रिक व्यवस्था नई नहीं है. हमारे यहां ये इतिहास के शुरुआत से ही है.

भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे राधाकृष्णन

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक, शिक्षाविद और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे. उन्होंने 1947-49 तक संविधान सभा के सदस्य के रूप में काम किया और भारतीय राजनीति में अहम भूमिका निभाई. राधाकृष्णन की वक्तृत्व कला को ध्यान में रखते हुए जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों में संबोधन करने के लिए चुना. 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. वे शिक्षा और दर्शन में अपनी अद्वितीय योगदान के लिए हमेशा याद किए जाते हैं.

तीसरा कोट…

पुरुषोत्तम दास टंडन और सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद उन्होंने भीमराव अंबेडकर के कोट को भी सदन में कहा कि ऐसा नहीं है कि भारत को पता नहीं था कि लोकतंत्र क्या होता है? एक समय था जब भारत में कई गणतंत्र हुआ तंत्र हुआ करते थे.

संविधान में भीमराव अंबेडकर की भूमिका

भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे. उन्होंने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दलितों, पिछड़ों और अन्य समाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान सुझाए. अंबेडकर को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया था, और वे भारतीय न्यायपालिका, समानता और सामाजिक न्याय के पक्षधर थे. उनका योगदान विशेष रूप से समानता के अधिकार, आरक्षण प्रणाली और धर्म की स्वतंत्रता के मुद्दों पर महत्वपूर्ण था.

आपातकाल और संविधान संशोधन पर प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- कांग्रेस ने संविधान की अवमानना की है और इसकी आत्मा को लहूलुहान किया है

संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को पूर्व की कांग्रेसी सरकारों पर भी खूब बरसे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल और आपातकाल का जिक्र करते हुए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सीट के लिए देश में आपातकाल लागू किया, इसे देश कभी भूल नहीं सकता. आपातकाल कांग्रेस के माथे पर पाप का ऐसा कलंक है जो कभी धुल नहीं सकता

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की है. संविधान के महत्व को कम किया है. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. 75 साल की इस यात्रा में 55 साल एक ही परिवार ने राज किया. इस दौरान देश में क्या-क्या हुआ है, जनता को ये जानने का अधिकार है.

इंदिरा शासन काल में संविधान की हत्या

आपातकाल को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तब कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौर में अदालत के पंख भी काट दिए गए थे. देशवासियों को जानने की जरूरत है कि यह किसी और ने नहीं बल्कि इंदिरा गांधी की सरकार ने ही किया था. उनको कोई रोकने वाला भी नहीं था. जब इंदिरा गांधी चुनाव को कोर्ट ने रद्द कर दिया और पद छोड़ने की नौबत आ गई तो उन्होंने संविधान को ताक पर रखकर आपातकाल लगा दिया.

कांग्रेस ने कई बार संविधान संशोधन किए

पीएम मोदी ने कहा कि तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने तभी पं. नेहरू को संविधान संशोधन को लेकर सचेत किया था लेकिन उन्होंने नहीं माना. पीएम ने कहा कि आगे भी कांग्रेस सरकार को संविधान संशोधन करने की आदत सी बन गई. कांग्रेस ने समय-समय पर संविधान का ही शिकार किया. संविधान की आत्मा का लहूलुहान किया. एक बार नहीं कई बार संविधान बदले गए.

शर्मनाक:हिंगोली अस्पताल में सर्जरी के बाद 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया

महाराष्ट्र के हिंगोली में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदइंतजामी एक बार फिर सामने आई है. कड़ाके की ठंड में सर्जरी के बाद 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया. 13 दिसंबर को कुटुंब कल्याण योजना शिविर में महिलाओं को ठंड के मौसम में फर्श पर सोना पड़ा. महिलाओं को ठंडे फर्श पर सुलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सर्जरी के बाद सोने के लिए अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण महिलाओं को फर्श पर सोना पड़ा. ये मामला कलमनुरी तालुक के बालापुर ग्रामीण अस्पताल का है. वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया.

महाराष्ट्र के हिंगोली के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की परिवार नियोजन सर्जरी की गई. लेकिन बिस्तर नहीं होने के कारण इनमें से 43 महिलाओं को फर्श पर सुलाया गया. कड़ाके की ठंड में महिलाओं को फर्श पर सोना पड़ा. स्वास्थ्य व्यवस्था का कुप्रबंधन उजागर हो गया. इन सभी घटनाओं के बाद नागरिकों ने स्वास्थ्य विभाग पर अपना गुस्सा जाहिर किया. सर्जरी के बाद साफ-सफाई का ध्यान न रखने से नाराजगी बढ़ गई लेकिन सिस्टम काम नहीं आया. वहीं लापरवाही को लेकर अस्पताल और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.

अस्पताल में 43 महिलाओं को फर्श पर लिटाया

कलमनुरी तालुक के अखाड़ा बालापुर ग्रामीण अस्पताल में सर्जरी के बाद कम से कम 43 महिलाओं को फर्श पर लिटाया गया. वहीं अस्पताल में भर्ती महिला को अब छुट्टी दे दी गई है. महिलाओं के परिजन अपने आंसू नहीं छिपा पा रहे थे लेकिन शुरुआत में अस्पताल की तरफ से कोई मदद नहीं की गई. वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन जागा.

बालापुर की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली. जिला सर्जन नितिन तडस ने जानकारी दी है कि बालापुर ग्रामीण अस्पताल में हुई घटना के बाद जिला सर्जन के साथ जिला टीम 20 बिस्तर और जोड़ेगी.

विधायक संतोष बांगड़ का गजब बयान

अखाड़ा बालापुर में जो हुआ वह चौंकाने वाला नहीं है. विधायक संतोष बांगड़ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने इसमें कोई कोताही नहीं बरती है. हमने कई बार यहां के स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल का दौरा किया. उन्होंने यह रुख अपनाया कि फर्श पर गद्दे लगाने से महिलाओं को सुविधा होती थी क्योंकि महिलाओं की संख्या अधिक थी और समय कम था.

बिहार विधानसभा चुनाव: तेजस्वी यादव ने किया बड़ा वादा, महिलाओं को हर महीने देंगे 2500 रुपये

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में राजनीतिक पार्टियां जुट गई हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को वादा किया कि बिहार में आरजेडी सरकार बनी तो वह माई-बहिन मान योजना लागू करेंगे और महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए देंगे. उन्होंने कहा कि 2500 सीधे उनके खाते में जाएगा. सरकार बनते ही 1 महीने बाद इस योजना की शुरूआत कर देंगे.

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोग लगातार यात्रा पर निकले हैं. पार्टी समर्थकों से फीडबैक मिल रहा है. पंचायत, ब्लॉक और जिला के पार्टी समर्थकों से जानकारी मिल रही है. लोग गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से परेशान हैं. पूरे यात्रा में घूमे तो सरकार की कमियों को उजागर करने का काम किया.

उन्होंने कहा कि जमीन सर्वे से लेकर अपराध का मामला हो या भ्रष्टाचार का मामला हो. लोग उठाते रहे हैं. बेरोजगारी को हटाने के लिए हमने मुहिम शुरू की थी. सरकार में आने में आने के बाद पांच लाख युवकों को सरकारी नौकरी दी गई.

सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय करेंगे

तेजस्वी यादव ने कहा किजब हम सरकार में आए तो लोगों को नौकरी दी. इस बात को हर लोग मानते हैं. हमारे चाचा कहते थे असंभव है, लेकिन तेजस्वी ने एक लकीर खींची और उसी लकीर पर लोगों को चर्चा करना पड़ रहा है. हमने पहले भी कहा कि हमारी सरकार सामाजिक न्याय के साथ साथ आर्थिक न्याय भी करेंगे

उन्होंने कहा कि करोड़ों माताओं के आर्शीवाद से हमने ये निर्णय लिया कि हमारी सरकार बनेगी तो हम लोग ‘माई बहन मान योजना’ शुरू करेंगे. 2500 सीधे उनके खाते में जाएगा. सरकार बनते ही 1 महीने बाद इस योजना की शुरूआत कर देंगे. उन्होंने कहा कि आर्थिक तौर पर कमजोर महिलाओं के लिए यह योजना शुरू करेंगे.

महिलाओं का करेंगे सशक्तिकरण

तेजस्वी यादव ने कहा कि सीएम से कहेंगे कि सामने आइए बताइए कैसे हमने नौकरियां बाटीं, लेकिन वो तो चुप्पी साधे हैं. सीएम कहां गायब हैं, पता नहीं. अपनी यात्राओं पर इतना खर्च कर चुके हैं, किसी भी सीएम ने इतना नहीं किया है ये दावे के साथ कह सकता हूं.

उन्होंने कहा कि जब तक महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करेंगे और महिला साथ नहीं हो तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती है. सबसे ज्यादा फीडबैक मिला है. महंगाई सबसे बड़ी समस्या है. इससे महिलाएं पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय करेंगे.

पहाड़ों पर बर्फबारी, दिल्ली में और गिरेगा पारा… MP-पंजाब में भी शीतलहर

देश में मध्य प्रदेश और पंजाब समेत कई राज्यों में शीतलहर जारी है. पहाड़ों में बर्फबारी और सर्द हवाओं के चलते मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. आईएमडी वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेन रॉय ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं. जिससे तापमान गिरने से गलन बढ़ी है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर भारत में दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलेगी. दिल्ली में तापमान में 1-2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है.

आईएमडी वैज्ञानिक ने कहा कि पंजाब और मध्य प्रदेश में भीषण शीतलहर जारी है. उत्तर और मध्य भारत में एक से दो दिन तक शीतलहर चलेगी. 16-17 दिसंबर तक तापमान में बढ़ोतरी की संभावना है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के पालम इलाके में 8 डिग्री के आसपाम तापमान है तो आने वाले 5-6 दिनों में 2-3 डिग्री तापमान में गिरावट आने की संभावना है. यानी 5-6 डिग्री तापमान रहने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि मौजूद समय अगर पूरे देश की बात करें तो सबसे ज्यादा शीतलहर का असर पंजाब और मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहा है. मध्य प्रदेश में कोल्ड डे भी रिकॉर्ड किया गया है. उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का असर देखा जा रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि एक दो दिन में पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का असर कम होगा. इस दौरान एक से 2 डिग्री तापमान बढ़ सकता है जिससे पूरे देश में शीतलहर का असर धीरे-धीरे कम होता दिखाई देगा.

आईएमडी का अलर्ट

आईएमडी वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेन रॉय ने कहा कि उत्तर-पश्चिमी में शीतलहर का असर आने वाले दिनों में कम होगा. उन्होंने कहा कि हालांकि शीतलहर का असर कम होने के बाद उत्तर पूर्व भारत में कोहरा छाने की संभावना बढ़ जाएगी. इसकी वजह धीमी गति से हवाओं का चलना है. उत्तर पूर्व में 4-5 से दिन तक घना कोहरा छाया रहेगा.

उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व के असम, मेघालय, नागालैंड, और त्रिपुरा राज्य में कोहरे की स्थिति बनी हुई है. इन राज्यों में अगले दो से तीन दिन तक कोहरा का असर बना रहेगा. वहीं उन्होंने कि दक्षिण में लो प्रेशर सिस्टम बना हुआ था जो धीरे-धीरे पश्चिम की तरफ मूव करके केरल तट के पास पहुंच चुका है. दक्षिण केरल और दक्षिण तमिलनाडु में भारी बारिश की संभावना है और यहां रविवार से मौसम सुहावना हो जाएगा.

केरल- आंध्र प्रदेश में भारी बारिश की संभावना

उन्होंने कहा कि लो प्रेशर से पहले अंडमान निकोबार में रविवार और सोमवार को भारी बारिश होने की संभावना है. 17 और 18 दिसंबर को तमिलनाडु में भारी और उसके बाद भारी से भारी बारिश की संभावना है. जैसे-जैसे सिस्टम पश्चिम की तरफ मूव करेगा, केरल, आंध्र प्रदेश के तट और कर्नाटक में भी बारिश होने की संभावना है.

बिहार में बीपीएससी की परीक्षा के दौरान हंगामा, डीएम ने छात्र को मारा थप्पड़,DM के खिलाफ NHRC में शिकायत

पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह द्वारा शुक्रवार को बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के दौरान एक छात्र को थप्पड़ मारने की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है. हालांकि इस मामले पर डीएम ने अपना बयान भी दे दिया है लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया है. बीपीएससी की इस परीक्षा के आयोजन से पहले ही बवाल हो चुका था. राजधानी में बडी संख्या में अभ्यर्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया था. जिसे लेकर पुलिस प्रशासन की तरफ से लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद बीपीएससी ने नियत वक्त पर परीक्षा के आयोजन की सूचना दी थी.

राजधानी के बापू टावर स्थित परीक्षा केंद्र पर पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह का एक वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वह एक छात्र को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो के वायरल होते ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया. हालांकि इस संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से पूरी जानकारी भी दी गई. जानकारी के अनुसार बापू परीक्षा परिसर, कुम्हरार में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के दौरान कुछ परीक्षार्थियों द्वारा अनियमितता का आरोप लगाते हुए बहिष्कार किया गया और परीक्षा कक्ष से बाहर परिसर में आकर हल्ला हंगामा किया गया.

तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए हल्का बल प्रयोग

जिला प्रशासन ने कहा कि सूचना मिलते ही जिलाधिकारी पटना और वरीय पुलिस अधीक्षक पटना भी केंद्र पर पहुंचे. केंद्र के बाहर कुछ लोगों द्वारा ट्रॉली लगाकर सड़क जाम कर दिया गया था जिसके कारण भारी अव्यवस्था हो गई थी. एक अतिरिक्त केंद्राधीक्षक राम इकबाल सिंह को हार्ट अटैक हो गया था, जिन्हें अविलंब अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था. अस्पताल पहुंचने पर उनकी मौत हो गई. एक महिला परीक्षार्थी भी बेहोश हो गई थी. जिसे एम्बुलेंस से अस्पताल भेजने का प्रयास किया जा रहा था, अस्पताल पहुंचने पर उसकी स्थिति में सुधार हुआ.

तनावपूर्ण परिस्थिति में हल्का बल प्रयोग कर जाम हटाया गया और लोगों को सड़क से किनारे कर यातायात बहाल किया गया. किसी परीक्षार्थी को थप्पड़ मारकर आहत करने की मंशा नहीं थी. जिला प्रशासन परीक्षार्थियों की सुविधा एवं हित के लिए सदैव तत्पर है. परंतु सुनियोजित ढंग से अफवाह फैलाकर पूरी व्यवस्था को भंग करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सेंटर हेड की मौत

दरअसल बीपीएससी की इस 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन पटना समेत राज्य के 912 सेंटर पर किया गया था. 911 सेंटर पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही लेकिन राजधानी के बापू परीक्षा केंद्र पर बवाल हो गया. यहां करीब 12,000 परीक्षार्थी परीक्षा देने आए थे. एक ब्लॉक के तीन परीक्षा हॉल में छात्रों ने हंगामा किया. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कई आरोप भी लगाए. इसी हंगामे के बीच सेंटर अधीक्षक राम इकबाल सिंह को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई.

तेजस्वी ने भी साधा निशाना

बीपीएससी की परीक्षा में हुए हंगामे को लेकर के राजनीतिक दलों ने भी बखूबी निशाना साधा. इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे अपने निशाने पर सरकार को लिया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पेपर लीक नहीं बल्कि सरकार ही लिक हो गई है. सरकार में बैठे हुए माफिया पेपर लीक करवा रहे हैं. सरकार बिना पेपर लीक कराए परीक्षा नहीं करा पा रही है.

तेजस्वी यादव ने तो यहां तक का दिया कि मुख्यमंत्री करोडों रुपए खर्च करके यात्रा पर निकल रहे हैं जबकि छात्र लाठी, डंडे और डीएम से थप्पड़ खा रहे हैं. उनका यह भी कहना था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो बीपीएससी की परीक्षा में छात्रों को रहने और आने जाने का खर्च सरकार देगी. परीक्षा पूरी तरीके से गड़बड़ी मुक्त रहेगी.

एनएचआरसी तक पहुंचा मामला

डीएम के द्वारा छात्र को थप्पड़ मारने का मामला कुछ इस कदर तूल पकडा, कि अब यह नेशनल ह्यूमन राइट कमीशन (NHRC) के दरवाजे तक पहुंच गया. पटना डीएम पर NHRC में शिकायत दर्ज कराई गई है. बिहार के ही रहने वाले ब्रजेश सिंह नाम के व्यक्ति ने NHRC में शिकायत दर्ज कराई है. ब्रजेश सिंह पेशे से वकील हैं और नई दिल्ली में रहते हैं.

बीपीएससी की परीक्षा में जुडती चली गई कहानी

दरअसल बीपीएससी की इस परीक्षा में शुरू में ही कहानी और विवाद का जो दौर शुरू हुआ, वह इसके खत्म होने तक जारी रहा. हालांकि बीपीएससी के अध्यक्ष ने सारे पहलुओं को सुनने के बाद शुक्रवार की शाम हो ही पूर्ण विराम भी लगा दिया था.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संस्थागत चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया, कहा- सार्थक संवाद और प्रामाणिक अभिव्यक्ति के स्तर में गिरावट से बढ़ी चुनौत

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संस्थागत चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि आज के समय में संस्थागत चुनौतियां पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है. उपराष्ट्रपति के मुताबिक सार्थक संवाद और प्रामाणिक अभिव्यक्ति के स्तर में गिरावट की वजह से चुनौतियां बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति और सार्थक संवाद दोनों लोकतंत्र के अनमोल रत्न हैं. दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. इनमें सामंजस्य जरूरी है.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र केवल व्यवस्थाओं पर नहीं, बल्कि मूल्यों के पालन से आगे बढ़ता है. अभिव्यक्ति और संवाद ऐसी ताकतें हैं जो लोकतांत्रिक जीवन शक्ति को आकार देती हैं. भारत की लोकतांत्रिक यात्रा से विविधता और विशाल जनसांख्यिकीय क्षमता राष्ट्रीय प्रगति को बढ़ावा दे सकती है.

मुख्य अतिथि के तौर पर किया संबोधित

नई दिल्ली में आईसीडब्ल्यूए में आईपी एंड टीएएफएस के 50वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे अंदर अहंकार गहरा गया है. हमें अपने अहंकार को नियंत्रित करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी. अहंकार केवल नुकसान देता है.उपराष्ट्रपति ने इस दौरान लेखा परीक्षा, स्व-लेखा परीक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि अगर आप जांच से परे हैं तो आपका पतन निश्चित है. इसलिए स्व-लेखा परीक्षा स्वयं से परे लेखा परीक्षा जरूरी है.

सेवा हमारी आधारशिला – धनखड़

सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेवा हमारी आधारशिला बनी हुई है. प्रशासक, वित्तीय सलाहकार, विनियामक और लेखा परीक्षक के रूप में आपकी भूमिकाएं कल की चुनौतियों का सामना करने के लिए विकसित होनी चाहिए. उन्होंने कहा- हम एक और औद्योगिक क्रांति के मुहाने पर खड़े हैं. डिजिटल तकनीक ने हम पर आक्रमण कर दिया है. उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और इसी तरह की दूसरी तकनीकें चुनौतियां और अवसर दोनों पेश करती हैं.

डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान दें

अब हमें चुनौतियों का सामना करना होगा, चुनौतियों को अवसरों में बदलना होगा. राष्ट्र निर्माण का हमारा विशेषाधिकार अब और अधिक ज़िम्मेदारी वहन करता है क्योंकि हमें 2047 में एक विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए पटकथा और शिल्प भी बनाना है. सिविल सेवकों से धनखड़ ने ये भी कहा कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए डिजिटल डिवाइड को पाटने पर ध्यान केंद्रित करें. भारत में आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है. दुनिया में किसी भी देश के लिए यह ईर्ष्या का विषय है.

इस अवसर पर संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, डिजिटल संचार आयोग के वित्त सदस्य मनीष सिन्हा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.

बिहार में बीजेपी ने तैयार किया चुनावी पिच, नीतीश कुमार के साथ मिलकर जाति जनगणना और महिला मतदाताओं को साधने पर फोकस

हरियाणा और महाराष्ट्र का किला बचाने के बाद अब बीजेपी बिहार की मोर्चेबंदी में जुट गई है. नीतीश कुमार के साथ मिलकर बीजेपी धीरे-धीरे बिहार चुनाव का सियासी पिच तैयार कर रही है. मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने के बाद अब बीजेपी साइलेंट तरीके से बिहार का मुद्दा तय करने में जुट गई है.

यही वजह है कि जाति जनगणना जैसे बड़े मुद्दे पर एनडीए अब फ्रंटफुट पर खेल रही है. शुक्रवार को लोकसभा में पहले राजनाथ सिंह और फिर ललन सिंह ने जातियों की गिनती के मुद्दे पर विपक्ष की घेराबंदी की.

नीतीश होंगे बिहार का चेहरा

जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार ही इस बार भी मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. बिहार पहला राज्य है, जहां मजबूत स्थिति में होने के बावजूद बीजेपी ने अपने सहयोगी पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव से पहले घोषित कर दिया है.

नीतीश के नाम की घोषणा बीजेपी ने अपने उन नेताओं से ही करवाया है, जो सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जाते रहे हैं.

नीतीश कुमार करीब 18 साल से बिहार के मुख्यंमत्री पद पर काबिज हैं. 2020 के चुनाव में उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. इसके बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश कुमार को ही मिली.

अब मुद्दा सेट करने की कोशिश

चेहरा तय करने के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी मुद्दा तय करने में जुट गई. बिहार में जाति की काट के लिए बीजेपी जाति जनगणना की मांग पर ही चोट कर रही है. संसद में संविधान पर बहस के दौरान राजनाथ सिंह ने इस पर कांग्रेस को खाका देने के लिए कहा.

यह पहली बार है, जब जाति जनगणना की मांग पर सरकार की तरफ सकारात्मक रूख दिखाया गया है. राजनाथ सिंह ने बहस के दौरान यहां तक कह दिया कि सरकार इस पर बहस भी करा सकती है.

इतना ही नहीं, जेडीयू की तरफ से सरकार में मंत्री ललन सिंह ने जाति जनगणना की मांग को लेकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर ही निशाना साधा. सिंह का कहना था कि इंडिया गठबंधन में जब जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास करने की बात कही गई, तो दोनों नेता चुप हो गए.

बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने जाति आधारित सर्वे का डेटा जारी किया है. अब बिहार में इन्हीं आंकड़ों के आधार पर आरक्षण और अन्य हिस्सेदारी संबंधित मांगे की जा रही है.

कहा जा रहा है कि बिहार के चुनाव में जाति सर्वे और उसके आंकड़े आधारित मुद्दे हावी रह सकते हैं.

महिलाओं को भी साधने की रणनीति

जाति के साथ-साथ बिहार में एनडीए की कोशिश महिला मतदाताओं को साधने की है. महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में महिलाएं गेमचेंजर बनकर उभरी हैं. महिला मतदाताओं की वजह से कहा जा रहा है कि दोनों ही राज्यों की सरकार रिपीट हो गई.

बिहार में भी इसी वजह से महिलाओं को साधने की कवायद की जा रही है. नीतीश कुमार खुद महिलाओं को साधने के लिए महिला संवाद यात्रा निकाल रहे हैं.

कहा जा रहा है कि महिला संवाद यात्रा से फीडबैक लेने के बाद नीतीश कुमार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. इनमें महिला सम्मान राशि बढ़ाने और स्वयं सेवी महिलाओं का ब्याज माफ करना शामिल हैं.

बिहार में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं, जहां सरकार बचाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है. एनडीए इस बार 5 दलों के साथ मैदान में है. बीजेपी के अलावा जेडीयू, रालोमा, लोजपा (आर) और हम एनडीए गठबंधन में शामिल है.

दूसरी तरफ 6 दलों के साथ इंडिया गठबंधन भी मैदान में उतरेगी. इंडिया में कांग्रेस, आरजेडी, माले, सीपीआई, सीपीएम और वीआईपी पार्टी शामिल हैं.

इसके अलावा प्रशांत किशोर की पार्टी पूरे चुनाव को त्रिकोणीय बनाने में जुटी हुई है. पीके की पार्टी बिहार की सभी 243 सीटों पर अकेले ही मैदान में उतरेगी

संभल में 30 साल बाद खुला हनुमान-शिव मंदिर,गूंजे जय श्री राम-हनुमान के जयकारे

उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन ने 30 सालों से बंद पड़े हनुमान और शिव मंदिर को फिर से खोल दिया है. यह मंदिर दीपा सराय में स्थित है, जहां पर 24 नवंबर को हिंसा हुई थी. यह मंदिर बीते तीन दशक से सांप्रदायिक तनाव के कारण बंद था. मंदिर के दरवाजे खुलते ही परिसर जय श्री राम और जय हनुमान के नारे से गुंजायमान हो गया.

वहीं, संभल के सीओ अनुज कुमार चौधरी का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि इलाके में एक मंदिर पर अतिक्रमण किया जा रहा है. इसके बाद पुलिस की एक टीम पहुंची और मौके का जायजा लिया. यहां एक मंदिर मिला, जिसे पुलिस प्रशासन ने खोला है. मंदिर की साफ-सफाई पुलिस की टीम ने की है.

यहां के स्थानीय निवासी ने बताया कि यह मंदिर बीते 30 साल से बंद था. इसकी वजह था कि यहां कोई आता नहीं था. पुजारी भी मंदिर में नहीं टिक पाता था. एक बुजुर्ग ने बताया कि मंदिर हमारे पूर्वजों का था. लेकिन सालों पहले यहां से हिंदू परिवार पलायन कर गए. इसी वजह से मंदिर में ताला लगाना पड़ा.

राजस्थान के कोटा में पति ने तलवार से काटकर पत्नी की हत्या की, नौकरी करने को लेकर था विवाद

राजस्थान के कोटा में एक पति ने अपनी पत्नी की तलवार से काटकर हत्या कर दी. वारदात के बाद आरोपी पति लाश के पास बैठा रहा. जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. मृतक पत्नी नौकरी करना चाहती थी. लेकिन पति उसके इस फैसले से नाराज था. इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था. पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. आरोपी पति से पूछताछ की जा रही है.

घटना कोटा के कैथून इलाके की है. यहां रहने वाले जमील का अपनी पत्नी अफसीना से विवाद हुआ था. जमील अपनी पत्नी और बच्चों को खर्चा नही देता था, जिससे आए दिन परिवार में कलह होती थी. पत्नी ने जब नौकरी करनी चाही तो जमील नाराज हो गया और झगड़ा करने लगा. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई तलवार को बरामद किया है. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई.

नौकरी करना चाहती थी अफसीना

पड़ोसियों के मुताबिक, जमील की शादी अफसीना से हुई थी. शादी के बाद से दोनों के बीच घर के खर्चे को लेकर विवाद होता रहता था. जमील जो भी कुछ कमाता उसमें से न तो पत्नी और न ही अपने बच्चों को खर्चा देता था. इस बात को लेकर घर में टेंशन होती रहती थी. घर का गुजारा चलाने के लिए अफसीना ने कोटा डोरिया का काम करने की सोची. उसने अपने पति जमील से इसकी इजाजत लेना चाही, लेकिन उसने मना कर दिया. अफसीना यह काम करके घर का खर्चा चलाना चाह रही थी. लेकिन जमील को यह सब मंजूर नहीं था.

झगड़ा हुआ और तलवार से काट डाला

शुक्रवार की दोपहर दोनों पति-पत्नी के बीच इस बात को लेकर झगड़ा हुआ. घर में मां-बाप को लड़ता देख उनके बच्चे पास में रहने वाली अपनी नानी को बुला लाए. उन्होंने घर पर आकर अपनी बेटी और दामाद को समझाया. उसके बाद वह वहां से चली गईं. उनके जाने के बाद दोनों में फिर झगड़ा हुआ. इसी बीच गुस्से में आकर जमील ने तलवार निकाल ली और पत्नी अफसीना पर वारकर उसकी हत्या कर दी. यह नजारा देख वहां मौजूद बच्चों में चीख-पुकार मच गई. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और जमील को गिरफ्तार कर लिया.